राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-१४९३/२०१३
(जिला मंच, उन्नाव द्वारा परिवाद सं0-१६७/२०१२ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक ०५-०६-२०१३ के विरूद्ध)
श्रवण कुमार शुक्ला पुत्र श्री जगदीश प्रसाद शुक्ला निवासी जगदी खेड़ा, शुक्लागंज, पोस्ट-गंगा घाट, जिला-उन्नाव।
..................... अपीलार्थी/परिवादी।
बनाम्
१. भारती एक्सा लाइफ इन्श्योरेंस कं0लि0 यूनिट ६०१ व ६०२, छठा तल, रहेजा टाइटेनियम, आफ वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे, गोरेगॉंव (पूर्व) मुम्बई-४०० ०६३, जरिये प्रबन्ध निदेशक/प्रबन्धक।
२. शिन्दर सिंह बजाज, एम्प्लाई/ब्रोकर कोड-२६५४०९०४९२५६७२ कार्यालय का पता - भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस कं0लि0, एल0आई0सी0 बिल्डिंग के सामने, माल रोड, कानपुर।
३. शिवानी भाटिया पुत्री एम्प्लाई/ब्रोकर कोड-२६५३३६०३०८८१४९ कार्यालय का पता- भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस कं0लि0, एल0आई0सी0 बिल्डिंग के सामने, माल रोड, कानपुर।
४. शफात अली, एम्प्लाई/ब्रोकर कोड-२६५३३८०३०९०७३३ कार्यालय का पता- भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस कं0लि0, एल0आई0सी0 बिल्डिंग के सामने, माल रोड, कानपुर।
.................... प्रत्यर्थीगण/विपक्षीण।
समक्ष:-
१- मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
२- मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री राम गोपाल विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक : १८-०७-२०१६.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
आज यह पत्रावली प्रस्तुत हुई। अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री राम गोपाल उपस्थित हैं। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अधिवक्ता अपीलार्थी को इस अपील के अंगीकरण के बिन्दु पर सुना गया। अभिलेखों का अवलोकन किया गया।
-२-
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, उन्नाव द्वारा परिवाद सं0-१६७/२०१२ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक ०५-०६-२०१३ के विरूद्ध योजित की गयी है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रश्नगत प्रकरण में प्रत्यर्थी के अभिकर्ता द्वारा प्रश्नगत पालिसी संख्या-५००-८०००३५८३ एवं ५००-८२१०७२५ के सन्दर्भ में जो शर्त व लाभ बताये गये थे वह पालिसी बाण्ड में उल्लिखित तथ्यों से भिन्न थे। इस प्रकार अपीलार्थी को धोखे में लंकर प्रश्नगत पालिसी जारी की गयीं।
उल्लेखनीय है कि प्रश्नगत निर्णय में विद्वान जिला मंच ने मामले को उपभोक्ता मंच में पोषणीय न मानते हुए अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद निरस्त किया है। प्रश्नगत निर्णय में जिला मंच द्वारा यह मत व्यक्त किया गया है कि निर्विवाद रूप से अपीलार्थी/परिवादी के पक्ष में प्रत्यर्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रश्नगत पालिसी जारी की गयी हैं। इन पालिसियों में उल्लिखित शर्तों के अनुपालन में कोई कमी परिवादी/अपीलार्थी द्वारा नहीं बतायी गयी है, बल्कि अपीलार्थी का यह कथन है कि प्रत्यर्थी के अभिकर्त्ताओं ने पालिसी में उल्लिखित शर्तों से भिन्न लाभ उसे बताये थे। जिला मंच के अनुसार परिवाद के अभिकथनों के अनुसार जारी की गयी पालिसी को निरस्त करने का अधिकार उपभोक्ता मंच का नहीं होगा, बल्कि दीवानी न्यायालय का होगा। विद्वान जिला मंच के इस निष्कर्ष में प्रत्यक्षत: कोई त्रुटि विदित नहीं हो रही है।
यह भी उल्लेखनीय है कि अपील के मेमो के साथ अपीलार्थी ने प्रत्यर्थी द्वारा प्रेषित पत्र दिनांकित ३०-०४-२०१२ की फोटोप्रति दाखिल की है, जिसमें यह तथ्य उल्लिखित है कि आई0आर0डी0ए0 के रेगूलेशन के अनुसार पालिसी बॉण्ड प्राप्त करने के १५ दिन के अन्दर पालिसीधारक पालिसी को निरस्त करने हेतु आवेदन कर सकता है। प्रश्नगत प्रकरण में अपीलार्थी को पालिसी दिनांक ३१-१०-२०११ एवं ११-०१-२०१२ को प्राप्त करा दी गयी, किन्तु इस सम्बन्ध में शिकायत अपीलार्थी/परिवादी ने उपरोक्त निर्धारित अवधि समाप्त होने के उपरान्त दिनांक १७-०४-२०१२ द्वारा प्रेषित की। इस प्रकार पालिसी के निरस्त करने की प्रार्थना फ्री लुक अवधि के बाद प्रेषित किए जाने के
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कारण यह स्वीकार नहीं की गयी।
उपरोक्त तथ्यों के आलोक में हमारे विचार से प्रश्नगत निर्णय में कोई तथ्यात्मक एवं विधिक त्रुटि विदित नहीं हो रही है। अपील अंगीकृत किए जाने योग्य नहीं है। तद्नुसार अपील अंगीकरण के स्तर पर ही निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है। जिला मंच, उन्नाव द्वारा परिवाद सं0-१६७/२०१२ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक ०५-०६-२०१३ की पुष्टि की जाती है।
अपीलीय व्यय के सम्बन्ध में कोई आदेश पारित नहीं किया जा रहा है।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(संजय कुमार)
सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-३.