Uttar Pradesh

StateCommission

RP/9/2016

Ashok Garg - Complainant(s)

Versus

Bhari Airtel Ltd - Opp.Party(s)

Self

23 Feb 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/9/2016
(Arisen out of Order Dated 27/04/2014 in Case No. C/138/2013 of District Ghaziabad)
 
1. Ashok Garg
Noida
...........Appellant(s)
Versus
1. Bhari Airtel Ltd
New DelhiLucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Petitioner:
For the Respondent:
Dated : 23 Feb 2016
Final Order / Judgement

मौखिक

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ

 

रिवीजन संख्‍या  09 सन 2016

अशोक गर्ग पुत्र श्री शिवकुमार गर्ग निवासी सी-22, सेक्‍टर 39, नोयडा 201303

 

............पुनरीक्षणकर्ता

बनाम

       

भारती एयरटेल  लि0                                 . .............प्रत्‍यर्थी

 

समक्ष:-

   मा0   श्री उदय शंकर अवस्‍थी,  पीठासीन  सदस्‍य।

 

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से स्‍वयं        -  श्री आलोक गर्ग ।

प्रत्‍यर्थी  की ओर से                 - कोई नहीं ।

 

दिनांक:       

श्री उदय शंकर अवस्‍थी सदस्‍य (न्‍यायिक) द्वारा उदघोषित ।

निर्णय

      पुनरीक्षणकर्ता की ओर से स्‍वयं श्री आलोक गर्ग उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी  की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

मा0 राष्‍ट्रीय आयोग द्वारा पुनरीक्षण याचिका संख्‍या 1504/2015 में पारित आदेश दिनांक 06.11.2015 द्वारा पक्षकारों को निर्देशित किया गया था कि दिनांक 13.11.2015 को राज्‍य  आयोग के समक्ष उपस्थित हों। प्रत्‍यर्थी की ओर से मा0 राष्‍ट्रीय आयोग के समक्ष उनके अधिवक्‍ता उपस्थित हुए । मा0 राष्‍ट्रीय आयोग द्वारा विशिष्‍ट रूप से निर्देशित किए जाने के बावजूद प्रत्‍यर्थी दिनांक 13.11.2015 को राज्‍य  आयोग में उपस्थित नही हुए । इस आयोग द्वारा भी दिनांक 23.2.2016 की तिथि के विषय में प्रत्‍यर्थी को नोटिस भेजी गयी, किन्‍तु प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नही हुआ । आज भी प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

पुनरीक्षण के संबध में पुनरीक्षणकर्ता को व्‍यक्तिगत रूप से सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया ।

      प्रस्‍तुत पुनरीक्षण जिला फोरम, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्‍या 138/2013 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 27.5.2014 के विरूद्ध योजित किया गया है। प्रश्‍नगत आदेश द्वारा विद्वान जिला फोरम ने प्रत्‍यर्थी/ विपक्षी सं0 4 के विरूद्ध एक पक्षीय सुनवाई की कार्यवाही को निरस्‍त कर दिया तथा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या 4 को प्रतिवादपत्र प्रस्‍तुत करने की अनुमति प्रदान की।

      पुनरीक्षणकर्ता की ओर से यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि इस मामले में विपक्षी संख्‍या-4 दिनांक 17.6.2013 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित हुए थे, किंतु प्रतिवादपत्र प्रस्‍तुत नहीं किया। इसके बाद दिनांक 30.08.2013, 20.09.2013, 24.12.2013, 214.01.2014, तथा 04.04.2014 तिथि नियत की गयी किंतु प्रत्‍यर्थी/ विपक्षी सं0 4 द्वारा कोई प्रतिवादपत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया । दिनांक 04.04.2014 को विपक्षी संख्‍या-4 ने दिनांक 24.01.2014 को उसके विरूद्ध पारित एक पक्षीय सुनवाई आदेश के संदर्भ में पारित आदेश को निरस्‍त करने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत किया।

      पुनरीक्षणकर्ता की ओर से यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा 13(3) में प्रतिवादपत्र प्रस्‍तुत करने की अधिकतम अवधि 45 दिन निर्धारित की गयी है। किंतु इस अवधि के मध्‍य प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या 4 ने कोई प्रतिवादपत्र प्रस्‍तुत नहीं किया। पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह तर्क प्रस्‍तुत किया कि सिविल अपील संख्‍या 10941-10942 सन 2013 न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस बनाम हिली मल्‍टीपरपज कोल्‍ड स्‍टोरेज प्रा0लि0 के मामले में अधिनियम की धारा 13(3) के संदर्भ में यह निर्णीत किया है कि प्रतिवादपत्र प्रस्‍तुत करने हेतु अधिकतम समय 45 दिन का ही दिया जा सकता है, इससे अधिक का नहीं ।

      प्रस्‍तुत प्रकरण में निर्विवाद रूप से प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या 4 ने अधिनियम की धारा 13(3) में निर्धारित अवधि 45 दिन में अपना प्रतिवादपत्र प्रस्‍तुत नहीं किया। इस तथ्‍य की ओर विद्वान जिला मंच द्वारा ध्‍यान न देते हुए प्रश्‍नगत आदेश पारित किया गया है जो विधिक रूप से  त्रुटिपूर्ण है।

      परिणामत:, प्रस्‍तुत पुनरीक्षण स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

 

 

आदेश

 

            प्रस्‍तुत पुनरीक्षण स्‍वीकार करते हुए जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्‍या 138/2013 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 27.5.2014 खण्डित किया जाता है।

उभय पक्ष इस पुनरीक्षण  का अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

      इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार नि:शुल्‍क उपलब्‍ध करा दी जाए।

                                                                

 

(उदय शंकर अवस्‍थी)

पीठासीन  सदस्‍य

कोर्ट-5

 

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.