Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/2453

Gopal Chandra Agarwal - Complainant(s)

Versus

Bharat Electronic Works - Opp.Party(s)

R K Mishra

04 Aug 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/2453
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Gopal Chandra Agarwal
B-322 Sector B Mahanagar Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Bharat Electronic Works
Shop No 3 New Market Nishatganj Mahanagar Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 04 Aug 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-2453/2012

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, द्वितीय लखनऊ द्वारा परिवाद संख्‍या-308/2012 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 04.10.2012 के विरूद्ध)

 

 

गोपाल चन्‍द्र अग्रवाल पुत्र स्‍व0 मुकुट लाल अग्रवाल, निवासी बी-322, सेक्‍टर-बी, महानगर, लखनऊ।

                            अपीलार्थी/परिवादी

बनाम्     

1. भारत इलेक्ट्रिक वर्क्‍स, शाप नम्‍बर-3, न्‍यू मार्केट, निशातगंज, महानगर, लखनऊ।

2. अब्‍दुल कय्यूम पुत्र स्‍व0 नादिर अली, भारत इलेक्ट्रिक वर्क्‍स, शाप नम्‍बर-3, न्‍यू मार्केट, निशातगंज, महानगर, लखनऊ।

3. मो0 अय्यूब पुत्र स्‍व0 नादि अली, भारत इलेक्ट्रिक वर्क्‍स, शाप नम्‍बर-3, न्‍यू मार्केट, निशातगंज, महानगर, लखनऊ।

प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-

1. माननीय श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य।

2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : श्री0 आर0के0 मिश्र, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक 09.09.2016

मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

यह अपील, परिवाद सं0-308/2012, गोपाल चन्‍द्र अग्रवाल बनाम         भारत इलेक्ट्रिक वर्क्‍स व अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, द्वितीय लखनऊ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 04.10.2012 से क्षुब्‍ध होकर परिवादी/अपीलार्थी की ओर से योजित की गयी है, जिसके अन्‍तर्गत जिला फोरम द्वारा निम्‍नवत् आदेश पारित किया गया है :-

‘’ परिवादी का परिवाद विपक्षी सं0-1 व 2 के विरूद्ध एकल व संयुक्‍त रूप से निर्णीत किया जाता है और आदेश दिया जाता है कि विपक्षी सं0-1 व 2 परिवादी को निर्णय से दो माह के भीतर 5,00,000/- रू0 दिनांक 15.02.2012 से रकम अदा होने की तिथि तक मय नौ प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज के हिसाब से अदा करेंगे। इसके अतिरिक्‍त विपक्षी सं0-1 व 2 परिवादी को 25,000/- मानसिक कष्‍ट व 5,000/- रू0 वाद व्‍यय भी अदा करेंगे। ‘’

उपरोक्‍त वर्णित निर्णय/आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवादी/अपीलार्थी द्वारा वर्तमान अपील के द्वारा यह अनुतोष मांगा गया है कि विपक्षी सं0-3/प्रत्‍यर्थी सं0-3 के विरूद्ध भी आदेश पारित किया जाये तथा विपक्षीगण से 10 प्रतिशत मासिक हर्जाना भी दिलाया जाये तथा क्षतिपूर्ति के रूप में रू0 25,000/- के स्‍थान पर रूपये 4/- लाख की धनराशि दिलायी जाये।

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री आर0के0 मिश्र उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। यह अपील, वर्ष 2012 से निस्‍तारण हेतु विचाराधीन है, अत: पीठ द्वारा यह समीचीन पाया गया कि इस अपील का निस्‍तारण गुणदोष के आधार पर कर दिया जाये। तदनुसार हमने विद्वान अधिवक्‍ता अपीलार्थी को विस्‍तार से सुना एवं प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश तथा उपलब्‍ध अभिलेखों का परिशीलन किया।

परिवाद पत्र का कथन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी/अपीलार्थी ने विपक्षीगण से अपने मकान स्थित बी-322, सेक्‍टर-बी, महानगर लखनऊ में लगभग 2000 स्‍क्‍वायर फीट एरिया में ए0सी0 स्पिलिट प्‍लान्‍ट लगाने हेतु सम्‍पर्क किया, जिनके द्वारा यह आश्‍वासन दिया गया कि वह स्‍वंय अपने धन से सामान खरीदकर उक्‍त मकान में कार्य प्रारम्‍भ करा देंगे तथा कुल भुगतान में 20 प्रतिशत की छुट भी प्रदान करेंगे। अत: इस आश्‍वासन पर परिवादी ने दिनांक 15.02.2012 को रू0 5,00,000/- बैंक आफ इण्डिया, शाखा महानगर, लखनऊ का चेक नं0-024667 दिनांकित 15.02.2012 अब्‍दुल कय्यूम, विपक्षी सं0-2 को बतौर एडवांस दिया, परन्‍तु एडवांस राशि लेने के बाद भी विपक्षीगण ने परिवादी के मकान में न तो कोई स्पिलिट ए0सी0 प्‍लान्‍ट लगाने हेतु सामान ही भेजा और न ही कोई कार्य प्रारम्‍भ कराया, जिसकी शिकायत करने पर उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी और न ही कोई मुलाकात की गयी। परिवादी के बहुत कहने पर विपक्षीगण ने रू0 10,000/- का चेक परिवादी को दिया, लेकिन वह भी अनादरित हो गया, जिससे क्षुब्‍ध होकर प्रश्‍नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया।

जिला फोरम के समक्ष विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही कोई प्रतिवाद पत्र ही प्रस्‍तुत किया गया। अत: जिला फोरम ने परिवादी के अभिवचनों एवं उपलब्‍ध अभिलेखों पर विचार करते हुए उपरोक्‍त निर्णय/आदेश पारित किया है।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने तर्क प्रस्‍तुत किया कि विपक्षी सं0-2 द्वारा डाक से भेजे गये पत्र की छायाप्रति व दिनांक 05.04.2012 की छायाप्रति व डाक लिफाफा दिनांक 05.04.2012 की छायाप्रति दाखिल पत्रावली है तथा विपक्षीगण द्वारा प्रेषित जवाबी पत्र/प्रपत्र दिनांक 21.08.2012, जिसे स्‍पीड पोस्‍ट डाक लिफाफे में रखकर विपक्षी सं0-2 व 3 द्वारा अपने हस्‍ताक्षर सहित जारी करके परिवादी को भेजा गया है, जिसकी प्रति संलग्‍न पत्रावली है, जिसका संज्ञान जिला फोरम ने नहीं लिया और विपक्षी सं0-3 के विरूद्ध कोई आदेश पारित नहीं किया है, जो सही व उचित नहीं है।

आधार अपील एवं सम्‍पूर्ण पत्रावली का परिशीलन किया गया, जिससे विदित होता है कि परिवादी/अपीलार्थी अपने मकान में स्पिलिट ए0सी0 प्‍लांट लगाने हेतु इकरारनामा किया था। उक्‍त इकरार नामे के आधार पर विपक्षीगण को रू0 5,00,000/- का चेक दिया गया, परन्‍तु विपक्षीगण ने ए0सी0 प्‍लांट नहीं लगाया और न ही कोई कार्य प्रारम्‍भ करवाया, जिससे क्षुब्‍ध होकर प्रश्‍नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया, जिला फोरम के समक्ष विपक्षीगण नोटिस के बावजूद  भी उपस्थित नहीं हुए, परन्‍तु जवाबदावा स्‍पीड पोस्‍ट के माध्‍यम से जिला फोरम भेज दिया गया, जिस पर जिला फोरम ने बिना विचार किये एकपक्षीय निर्णय/आदेश पारित किया, जो सही व उचित नही है। तदनुसार प्रश्‍नगत प्रकरण जिला फोरम को पुन: निस्‍तारण हेतु प्रतिप्रेषित किये जाने एवं अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला फोरम, द्वितीय लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-308/2012, गोपाल चन्‍द्र अग्रवाल बनाम भारत इलेक्ट्रिक वर्क्‍स व अन्‍य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 04.10.2012 अपास्‍त किया जाता है।

जिला फोरम को प्रस्‍तुत प्रकरण इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वह उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए मामलें का निस्‍तारण गुणदोष के आधार पर करना सुनिचित करें। उभय पक्ष को यह भी निर्देशित किया जाता है कि वह जिला फोरम के समक्ष दिनांक 13.10.2016 को  उपस्थित होना सुनिश्चित करें।

 

 

 

                     

(जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा)                      (संजय कुमार)

          पीठासीन सदस्‍य                              सदस्‍य

लक्ष्‍मन, आशु0

   कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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