Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/34

Electricity Distribution Division - Complainant(s)

Versus

Bhanwan Singh - Opp.Party(s)

Isar Husain

16 Apr 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/34
( Date of Filing : 06 Jan 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Electricity Distribution Division
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Bhanwan Singh
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 16 Apr 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-34/2010

Divisional Engineer, Electricity Distribution Division, IInd Saharanpur and others

Versus

Bhanwar Singh Son of Pirathi singh, resident of Village-Mavikala, Tehsil and District Saharanpur

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री इसार हुसैन, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री एस0पी0 पाण्‍डेय, विद्धान अधिवक्‍ता

दिनांक :16.04.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-318/2002, भंवर सिंह बनाम खण्‍डीय अभियन्‍ता व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, सहारनपुर द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 27.11.2009 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी एवं प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.        परिवाद के तथ्‍यो के अनुसार दिनांक 28.05.2002 को प्री‍तम सिंह नामक ग्रामवासी विद्युत लाईन के पास अपने मकान का निर्माण करा रहा था। अचानक एक मजदूर विद्युत तारों पर गिर गया। उसकी मौत हो गयी। भीड़ द्वारा विद्युत लाईन मौके से हटा दी गयी, जिसके कारण आवेदक के ट्यूवबेल पर विद्युत आपूर्ति बन्‍द हो गयी। विद्युत विभाग को शिकायत की गयी, परंतु विद्युत विभाग से कोई भी लाईन चालू करने नहीं आया और कहा कि जिलाधिकारी द्वारा आदेश दिया जायेगा तक कार्यवाही की जायेगी। दिनांक 21.06.2002 को अधीक्षण अभियंता को प्रार्थना पत्र दिया गया। इसके बाद नया इस्‍टीमेट बनवाया गया, परंतु इस्‍टीमेट के बाद लाईन चालू नहीं की गयी। दिनांक 19.07.2002 को अधिशासी अभियंता को एक प्रार्थना पत्र दिया गया, परंतु विद्युत लाईन चालू नहीं की गयी, इसलिए ट्यूबवेल पर विद्युत आपूर्ति नहीं हो सकी। खेतों की सिंचाई नहीं हो सकी। फसल बर्बाद हो गयी। दिनांक 28.05.2002 को ट्यूबवेल पर रखा 100 केवीए का ट्रांसफार्मर भी कुछ लोग जबरदस्‍ती उठाकर ले गये। ट्रांसफार्मर रखे जाने के लिए आवेदन दिया गया किन्‍तु ट्रांसफार्मर नहीं लाया गया, इसलिए क्षतिपूर्ति के लिए वाद प्रस्‍तुत किया गया है।

3.        विद्युत विभाग का कथन है कि वादी उपभोक्‍ता नहीं है। विद्युत विभाग की ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। गांव के पार्टीबाजी के कारण लाईन का विवाद हुआ है। सितम्‍बर 2003 में नयी लाईन चालू हुई थी। इससे पूर्व वादी स्‍थायी रूप से लाईन का प्रयोग का रहा था।

4.        दोनों पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया कि परिवादी के ट्यूवबेल पर विद्युत कनेक्‍शन विद्युत विभाग द्वारा दिया गया है, जिसकी लाईन में एक मजदूर के गिरने पर यह लाईन हटा दी गयी और उसके बाद लाईन नहीं जोड़ी गयी, जिसके कारण परिवादी की फसल को नुकसान हुआ है तदनुसार उपरोक्‍त वर्णित क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया गया है।

5.        इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गयी है कि जिला उपभोक्‍ता मंच ने साक्ष्‍य के विपरीत निर्णय पारित किया है। सितम्‍बर 2003 में विद्युत लाईन चालू करने के बिन्‍दु पर कोई विचार नहीं किया गया। विद्युत विभाग के लिखित कथन पर विचार नहीं किया गया। दिनांक 30.03.2002 के पश्‍चात बिल अदा न करने के बिन्‍दु  पर भी विचार नहीं किया गया, इसलिए जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है।

6.        अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता की बहस सुनने तथा अपील के ज्ञापन एवं लिखित कथन के अवलोकन से जाहिर होता है कि स्‍वयं विद्युत विभाग को यह तथ्‍य स्‍वीकार है कि विद्युत लाईन भंग हुई, जो 2003 में चालू की गयी, यानि परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि तक विद्युत विद्युत लाईन दुरूस्‍त नहीं हो सकी, विद्युत लाईन दुरूस्‍त न करने के कारण परिवादी की फसल बर्बाद हुई, इसलिए क्षतिपूर्ति के संबंध में जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित किया गया निर्णय/आदेश विधिसम्‍मत है।

7.        अपीलार्थी की ओर से स्‍वयं इस पीठ द्वारा दिनांक 03.08.2021 को पारित निर्णय/आदेश की प्रति प्रस्‍तुत की गयी है। इस निर्णय मे यह निष्‍कर्ष दिया गया कि बगैर किसी पर्याप्‍त आधार के कृषि भूमि में नुकसान के आधार पर क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया गया है, जबकि प्रस्‍तुत केस में विद्युत विभाग की लापरवाही स्‍पष्‍ट रूप से दर्शित है। विद्युत लाईन उखड़ने के पश्‍चात समय पर विद्युत लाईन स्‍थापित नहीं की गयी, इसलिए उपरोक्‍त नजीर के तथ्‍य  प्रस्‍तुत केस के तथ्‍य से बिल्‍कुल पूर्णता भिन्‍न है। अत: उपरोक्‍त नजीर में दी गयी व्‍यवस्‍था प्रस्‍तुत केस में लागू नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

           अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश पुष्‍ट किया जाता है।

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

       सदस्‍य सदस्‍य

 

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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