Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/67/13

DEEPENDRA KUMAR - Complainant(s)

Versus

BAZAZ FINANCE - Opp.Party(s)

12 Aug 2014

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Execution Application No. CC/67/13
In
CC/66/10
 
1. DEEPENDRA KUMAR
SAKH REJ KNP NAGAR
...........Appellant(s)
Versus
1. BAZAZ FINANCE
FAJALGANJ KNP
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Sudha Yadav MEMBER
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 12 Aug 2014
Final Order / Judgement


जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
    पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या    
                
    

उपभोक्ता वाद संख्या-67/2013
मेसर्स विकास उद्योग, 24/ए, घनष्याम बाग ओमपुरवा, कानपुर द्वारा अधिकृत व्यक्ति श्री विजय जैन।
                                  ................परिवादी
बनाम
दि न्यू इण्डिया इंष्योरेन्स कंपनी लि0 द्वारा प्रभारी अधिकारी, क्लेम हब, रीजनल आफिस 15/60, ग्रीन हाउस सिविल लाइन्स, कानपुर नगर।
                           ...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 11.02.2013
निर्णय की तिथिः 03.03.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी से क्लेम के मद में सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार हुई क्षति के मद में रू0 56,174.89 मय 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दिनांक 23.11.11 से क्लेम अदायगी की तिथि तक, सर्वेयर की फीस के रूप में रू0 5315.00, नोटिस खर्चा रू0 2500.00, मानसिक प्रताड़ना हेतु रू0 2500.00 तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय दिलाया जाये। 
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि विपक्षी एक इंष्योरेन्स कंपनी है, जो अपनी षर्तों पर परिवहन द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुरक्षित माल पहुचाने एवं डिलीवर करने के सम्बन्ध में प्रीमियम लेकर तयषुदा षर्तों के अनुसार उपभोक्ता के पक्ष में मेराइन लॉस पॉलिसी जारी करने व बीमा सम्बन्धी अन्य कार्य करती है। विपक्षी ने परिवादी के हक में मेराइन लॉस पॉलिसी सं0-42020221110200 000016 वैधता दिनांक 03.07.11 से 02.07.12 तक प्रीमियम रू0 8825.00 लेकर इस षर्त के साथ जारी की थी कि परिवादी द्वारा अपना        माल परिवहन कंपनी के द्वारा परिवादी का माल गन्तव्य स्थान पर पहुचाकर 
............2
...2...

डिलीवर नहीं किया जाता है या परिवादी को माल के सम्बन्ध में कोई हानि होती है, तो उक्त हानि की संपूर्ण पूर्ति का उत्तरदायित्व विपक्षी का होगा। उपरोक्त पॉलिसी के अंतर्गत परिवादी ने 300 कट्टी मसूर छाटी, प्रत्येक कट्टी 50 किलो, कुल वजनी 150 कुन्तल, कीमत रू0 5,44,506.00 कानपुर से गुलाबबाग बिहार बाम्बे आसाम फ्रेट कैरियर प्लाट नं0-50 बाईपास रोड गोपाल नगर कानपुर के बिल्टी नं0-ए17676 के द्वारा उनके ट्रक सं0-एच.आर.-38एफ-5055 के द्वारा मेसर्स विकास स्टोर्स गुलाबबाग भेजा था। साथ में घोशणापत्र सं0-420220267935 दिनांकित 24.09.11 भेजा था। परिवादी द्वारा रास्ते में माल के भीग जाने की सूचना व क्षतिपूर्ति किये जाने की सूचना विपक्षी कंपनी को फोन द्वारा अविलम्ब दे दी गयी थी और उपरोक्त सूचना पर विपक्षी की कंपनी षाखा पूर्णिया बिहार से अधिकृत सर्वेयर श्री राजकुमार मौके पर आये व माल का सर्वे किया और अपनी सर्वे रिपोर्ट विपक्षी पूर्णिया षाखा को भेज दिया और उसकी एक प्रति परिवादी को भी भेज दी। विपक्षी की सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार परिवादी का माल भीग जाने के कारण परिवादी को रू0      56,174.89 की हानि हुई थी। सर्वेयर द्वारा अपनी फीस परिवादी से रू0 5315.00 ली गयी थी। इस प्रकार विपक्षी, परिवादी को रू0 56174.89$ 5315=रू0 61,489.00 की क्षतिपूर्ति देने का उत्तरदायी है। परिवादी द्वारा रू0 61,489.00 का क्लेम फार्म विपक्षी को भेजा गया। किन्तु विपक्षी की पूर्णिया षाखा से क्षतिग्रस्त माल के निरीक्षण के लिए नियुक्त सर्वेयर राजकुमार अग्रवाल की सर्वे रिपोर्ट की पुश्टि कराये बिना परिवादी का क्लेम अपने आदेष दिनांक 09.06.12 के द्वारा निरस्त कर दिया गया और परिवादी को यह सूचित किया गया कि एक अन्य सर्वेयर एस.के. वर्मा जो कि विपक्षीगण की ओर से नियुक्त किया गया था की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि परिवादी क्लेम लेना नहीं चाहता है-परिवादी का क्लेम खारिज किया गया। इसके उपरान्त विधिक नोटिस भेजे जाने के उपरान्त विपक्षीगण द्वारा परिवादी का क्लेम नहीं दिया गया। फलस्वरूप परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद योजित किया गया।
........3
...3...

3.    विपक्षी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि बीमित माल की सुरक्षा करना ट्रांसपोर्ट कंपनी की जिम्मेदारी है, क्योंकि बीमा पॉलिसी की षर्तों के अनुसार बीमित माल की सुरक्षा व समुचित सुरक्षा की व्यवस्था करना माल के मालिक व ट्रांसपोर्टर की है। यहां पर माल की सुरक्षा समुचित रूप से नहीं की, जिससे क्लेम देय नहीं है। परिवादी द्वारा माल भीगने की कोई सूचना विपक्षीगण को नहीं दी गयी और न ही तो विपक्षीगण के द्वारा किसी राजकुमार अग्रवाल को नियुक्त किया गया। वादी ने स्वयं ही राजकुमार अग्रवाल को सर्वेयर नियुक्त कर अपने हित में रिपोर्ट बनवा ली है। किसी भी क्षति के आकलन हेतु बीमा कंपनी सर्वेयर नियुक्त करती है और उसकी फीस का भुगतान भी स्वयं करती है। बीमित व्यक्ति को सर्वेयर नियुक्त करने का अधिकार नहीं है। परिवादी ने स्वयं सर्वेयर श्री राजकुमार अग्रवाल को नियुक्त किया और उनसे सांठगांठ करके माल का सर्वे करवाया। परिवादी द्वारा, माल भीगने के बावत जब सूचना मिली तो विपक्षी ने श्री एस0के0 वर्मा को सर्वेयर नियुक्त किया गया। एस0के0 वर्मा माल प्राप्तकर्ता के पास गये और सर्वे कराने हेतु कहा, लेकिन परिवादी ने माल दिखाने व सर्वे कराने से मना कर दिया और उन्होंने कहा कि उनका कोई इरादा क्लेम पाने का नहीं है। अतः सर्वेयर द्वारा दी गयी रिपोर्ट के आधार पर परिवादी का क्लेम खारिज किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 08.02.13 एवं 26.02.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगायत् 1/21 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में के0के0 अग्रवाल मण्डलीय प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 19.07.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप 
........4
...4...

में सूची के साथ संलग्न कागज सं0-2/1 लगायत् 2/6 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
6.    फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं उभयपक्षों द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में प्रमुख विचारणीय विशय यह है किः-
1.    क्या परिवादी द्वारा माल भीगने से क्षतिपूर्ति होने की सूचना विपक्षी बीमा कंपनी को नहीं दी गयी?
2.    क्या बीमित माल की सुरक्षा करना ट्रांसपोर्ट कंपनी की जिम्मेदारी है, यदि हां, तो प्रभाव?
3.    क्या परिवादी द्वारा सर्वेयर राजकुमार अग्रवाल की नियुक्ति स्वयं की गयी है और उनके साथ साजिष करके रिपोर्ट अपने हक में बनवाई गयी है यदि हां तो प्रभाव?
7. विचारणीय बिन्दु संख्या-01
    उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी को माल के क्षतिग्रस्त की सूचना जैसे ही प्राप्त हुई, परिवादी द्वारा अविलम्ब फोन द्वारा विपक्षी को सूचित किया गया। विपक्षी की ओर से यह कथन किया गया है कि माल भीगने व घटना की सूचना विपक्षी को नहीं दी गयी।
    उपरोक्तानुसार उपरोक्त बिन्दु पर उपभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि यद्यपि परिवादी द्वारा, विपक्षी बीमा कंपनी को टेलीफोन के माध्यम से सूचना देने से सम्बन्धित कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है, किन्तु चूॅकि स्वयं विपक्षी द्वारा अपने जवाब  दावा के प्रस्तर-14 में यह स्वीकार  किया गया है कि
............5
...5...

परिवादी द्वारा माल भीगने के बावत सूचना जब मिली तो विपक्षी ने एस0के0 वर्मा को सर्वेयर नियुक्त किया। विपक्षी के उपरोक्त कथन से यह सिद्ध होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षी को सूचना दी गयी है। विपक्षी द्वारा इस सम्बन्ध में वास्तविकता को छिपाकर सूचना प्राप्त होने से इंकार करने का कथन किया गया है। अतः उपरोक्त कारणों से प्रस्तुत विचारणीय बिन्दु परिवादी के पक्ष में तथा विपक्षी के विरूद्ध निर्णीत किया जाता है।
विचारणीय बिन्दु संख्या-02
    उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से यह कथन किया गया है कि बीमित माल की सुरक्षा करना ट्रांसपोर्ट कंपनी की जिम्मेदारी है। क्योंकि बीमा पॉलिसी की षर्तों के अनुसार बीमित माल की सुरक्षा न करना माल के मालिक व ट्रांसपोर्टर की है। यहां पर माल की सुरक्षा समुचित रूप से नहीं की गयी, जिससे क्लेम देय नहीं है। इस सम्बन्ध में परिवादी की ओर से यह कथन किया गया है कि भेजे गये माल की बीमा पॉलिसी इसलिए करायी गयी थी कि माल किसी कारण से क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो उसकी क्षतिपूर्ति बीमा कंपनी द्वारा देय होगी।
    उपरोक्त विचारणीय बिन्दु पर उभयपक्षों को सुनन तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि विपक्षी द्वारा यह तो कहा गया है कि माल की सुरक्षा समुचित रूप से नहीं की गयी है। किन्तु विपक्षी द्वारा यह स्पश्ट नहीं किया गया है कि माल की सुरक्षा किस तरह से करनी चाहिए थी तथा अभिकथित परिस्थितियों में बीमा की किस षर्त के प्राविधान के अनुसार क्लेम देय नहीं है। इसके अतिरिक्त यह भी उल्लेखनीय है कि विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा परिवादी का क्लेम उपरोक्त आधार पर खारिज नहीं किया गया है, बल्कि परिवादी का क्लेम खारिज करने के लिए विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा यह आधार लिया गया है कि परिवादी स्वयं क्लेम नहीं चाहता है। जबकि विपक्षी बीमा कंपनी के अभिकथित सर्वेयर एस0के0 वर्मा की रिपोर्ट के अनुसार माल प्राप्तकर्ता के द्वारा क्लेम लेने से मना करना बताया गया है। 
............6
...6...

    अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में फोरम इस मत का है कि प्रस्तुत विचारणीय बिन्दु परिवादी के पक्ष में तथा विपक्षी बीमा कंपनी के विरूद्ध निर्णीत किये जाने योग्य है। तद्नुसार प्रस्तुत विचारणीय बिन्दु परिवादी के पक्ष में निर्णीत किया जाता है।
विचारणीय बिन्दु संख्या-03
    उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में ही स्पश्ट रूप से यह कहा गया है कि विपक्षी बीमा कंपनी को जब अभिकथित माल के भीगने की सूचना दी गयी, तब विपक्षी बीमा कंपनी की स्थानीय पूर्णिया षाखा से सर्वेयर राजकुमार अग्रवाल को भेजा गया। अपने कथन के समर्थन में परिवादी द्वारा षपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। इसके अतिरिक्त लिखित बहस में भी परिवादी द्वारा उक्त कथन का उल्लेख किया गया है। यद्यपि विपक्षी द्वारा अपनी लिखित बहस में यह कहा गया है कि राजकुमार अग्रवाल की नियुक्ति स्वयं परिवादी द्वारा साजिषी क्लेम बनाने की मंषा से किया गया है। किन्तु इस सम्बन्ध में विपक्षी द्वारा सम्यक साक्ष्य अपने कथन के समर्थन में प्रस्तुत नहीं किया गया है। विपक्षी बीमा कंपनी इस सम्बन्ध में पूर्णिया स्थित अपनी षाखा से रिपोर्ट लेकर प्रस्तुत किया जा सकता था।
8.    उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में तथा उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में दिये गये निश्कर्श के आधार पर यह स्पश्ट होता है कि परिवादी का अभिकथित माल रास्ते में भीग जाने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया, जिसकी क्षति का आकलन विपक्षी कंपनी के स्थानीय षाखा पूर्णिया के द्वारा नियुक्त किये गये सर्वेयर राजकुमार अग्रवाल के द्वारा किया गया। परिवादी द्वारा सर्वेयर राजकुमार के साथ कोई साजिष की गयी, यह विपक्षी बीमा कंपनी साबित नहीं कर सकी। 
    अतः फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से परिवादी को सर्वेयर राजकुमार के द्वारा आंकलित क्षतिपूर्ति के लिए व परिवादी द्वारा सर्वेयर को दी गयी फीस के लिए  तथा परिवाद 
...........7
...7...

व्यय दिलाये जाने हेतु स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःआदेषःःः
9.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी को, रू0 56,174.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करें व परिवादी द्वारा सर्वेयर को अदा की गयी फीस रू0 5315.00 अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।

  (पुरूशोत्तम सिंह)       ( सुधा यादव )         (डा0 आर0एन0 सिंह)
     वरि0सदस्य           सदस्या                   अध्यक्ष
 जिला उपभोक्ता विवाद    जिला उपभोक्ता विवाद        जिला उपभोक्ता विवाद       
     प्रतितोश फोरम          प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम
     कानपुर नगर।           कानपुर नगर                 कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


  (पुरूशोत्तम सिंह)       ( सुधा यादव )         (डा0 आर0एन0 सिंह)
     वरि0सदस्य           सदस्या                   अध्यक्ष
 जिला उपभोक्ता विवाद    जिला उपभोक्ता विवाद        जिला उपभोक्ता विवाद       
     प्रतितोश फोरम          प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम
     कानपुर नगर।           कानपुर नगर                 कानपुर नगर।

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Sudha Yadav]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.