Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

cc/919/2007

Prakash Nath Trivedi - Complainant(s)

Versus

BAZAZ ALLIANZ GENERAL INSURANCE - Opp.Party(s)

01 Jun 2015

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. cc/919/2007
 
1. prakash nath
CHAUBEPUR KANPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. BAZAZ ALLIANZ
CIVIL LINES KANPUR NAGAR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 


                                                                           जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
    श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी...................वरि.सदस्या    
    पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    

उपभोक्ता वाद संख्या-919/2007
प्रकाष नाथ त्रिवेदी पुत्र स्व0 बासुदेव त्रिवेदी निवासी ग्राम पनऊपुरवा थाना चैबेपुर कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
दि मैनेजर बजाज एलाइन्ज जनरल इंष्योरेन्स कंपनी लि0 सिविल लाइन्स, एल्गिनमिल के सामने, कानपुर नगर।
                             ...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 19.11.2007
निर्णय की तिथिः 26.10.2015
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी बीमा कंपनी से रू0 1,00,000.00 मय 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज बीमा कंपनी में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत करने की दिनांक से वास्तविक भुगतान की तिथि तक मय हर्जा-खर्चा दिलाया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का संक्षेप में यह कथन है कि उसके पुत्र षैलेन्द्र कुमार त्रिवेदी के नाम एक मोटर साइकिल नं0-यू.पी.-78 ई.सी.-1115 दिनांक 03.03.07 से 02.03.08 तक की अवधि के लिए बीमित थी। दिनांक 11.05.07 को परिवादी के पुत्र की उक्त मोटर साइकिल चलाने के दौरान मृत्यु हो गयी। घटना के दौरान परिवादी के पुत्र के पास वैध एवं प्रभावी ड्राइविंग लाइसेंस था तथा अन्य सभी आवष्यक कागजात भी मौजूद थे। परिवादी द्वारा विपक्षी कंपनी से रू0 1,00,000.00 का क्लेम प्रस्तुत किया गया था। किन्तु विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा दिनांक 25.07.07 को, परिवादी के मृतक पुत्र षैलेन्द्र कुमार के पास ड्राइविंग लाइसेंस न होने का आधार लेते हुए परिवादी का क्लेम निरस्त कर दिया गया। परिवादी ने दिनांक 29.07.07 के द्वारा रजिस्टर्ड ए.डी. द्वारा 
........2
....2....

प्रार्थनापत्र प्रेशित किया तथा विपक्षी को अवगत कराया कि घटना के दौरान उसके मृतक पुत्र के पास प्रभावी ड्राइविंग लाइसेंस था। दिनांक 26.09.07 को पुनः एक प्रार्थनापत्र व्यक्तिगत रूप से विपक्षी के कार्यालय में प्रस्तुत करके अविलम्ब क्लेम भुगतान की प्रार्थना की गयी, किन्तु विपक्षी द्वारा परिवादी को कोई उत्तर नहीं दिया गया। अतः विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.    विपक्षी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी द्वारा दावा प्रस्तुत करने के पष्चात विपक्षी द्वारा अपने अन्वेशक के द्वारा अन्वेशण कराया गया तो विपक्षी को यह ज्ञात हुआ कि परिवादी का पुत्र जब अभिकथित वाहन चला रहा था तब उसके पास उक्त वाहन चलाने का लाइसेंस नहीं था। इसी कारण से परिवादी का क्लेम दिनांक 25.07.07 को मना कर दिया गया है। परिवादी के पुत्र द्वारा मोटर वाहन अधिनियम की धारा-3 तथा बीमा कंपनी की षर्त सं0-3 एवं 8 का उल्लंघन किया गया है। अतः परिवादी का बीमा क्लेम रवनीत सिंह बग्गा बनाम के.एल.एम. राॅयल डच एयर लाइन्स (2001) एस.सी.सी. पेज-66 एवं नेषलन इंष्योरेन्स कंपनी लि0 बनाम श्री निवास काॅटन ट्रेडर्स निर्णीत दिनांकित 25.02.10 में उल्लिखित विधिक सिद्धोंतों के अनुसार सही खारिज किया गया है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 14.11.07 एवं 01.06.12 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति, अनुज्ञा प्रति की प्रति, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट की प्रति, एफ.आई.आर. की प्रति, आर.सी. की प्रति, बीमा की प्रति, सेल लेटर की प्रति, प्रीमियम जमा करने की रसीद की प्रति, नोटिस की प्रति, परिवादी द्वारा विपक्षी को प्रेशित पत्र दिनांकित 29.08.07 की प्रति, विपक्षी द्वारा परिवादी को प्रेशित पत्र दिनांकित 25.07.07 की प्रति दाखिल किया है।
..........3
....3....

विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में अभिशेक कुषवाहा का षपथपत्र दिनांकित 29.10.11 दाखिल किया है।
निष्कर्श
6.     फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के परिषीलन से विदित होता है कि विपक्षी द्वारा परिवादी के पुत्र की मृत्यु होने और मृत्यु से सम्बन्धित पोस्ट मार्टम रिपोर्ट, आर.सी., बीमा आदि प्रपत्रों से इंकार नहीं किया गया है। अतः परिवादी की ओर से प्रस्तुत तत्सम्बन्धी साक्ष्यों का उल्लेख किया जाना समीचीन नहीं है। विपक्षी की ओर से यह कथन किया गया है कि परिवादी के पुत्र के पास घटना के दौरान वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। जबकि परिवादी का यह कथन है कि उसके मृतक पुत्र के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस प्रष्नगत वाहन चलाने का था। इस सम्बन्ध में परिवादी की ओर से सूची के साथ प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यों के अवलोकन से विदित होता है कि परिवादी की ओर से कागज सं0-2 ड्राइविंग लाइसेंस की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है, जो कि दिनांक 31.12.04 से 30.12.2024 तक वैध है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत उपरोक्त साक्ष्य के विपरीत विपक्षी की ओर से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है। समस्त साक्ष्यों से यह स्पश्ट होता है कि घटना के दौरान परिवादी के मृतक पुत्र के पास प्रष्नगत वाहन चलाने के लिए वैध ड्राइविंग लाइसेंस था। इस प्रकार परिवादी के पुत्र के पास घटना के दौरान प्रष्नगत वाहन चलाने का वैध लाइसेंस होने के बावजूद विपक्षी द्वारा परिवादी का क्लेम खारिज करके सेवा में कमी कारित की गयी है। विपक्षी की ओर से अपने जवाब दावा में जिन विधि निर्णयों का उल्लेख किया गया है-उक्त विधि निर्णयों में प्रतिपादित विधिक सिद्धांतों के सम्बन्ध         में मा0 उच्चतम न्यायालय का संपूर्ण सम्मान रखते हुए स्पश्ट  करना है कि 
..........4
....4....

उक्त विधि निर्णयों में प्रतिपादित विधिक सिद्धांत प्रस्तुत मामले में तथ्यों की एकरूपता न होने के कारण लागू नहीं होते हैं। क्योंकि प्रस्तुत मामले में परिवादी द्वारा यह सिद्ध किया जा चुका है कि दुर्घटना के दौरान परिवादी के मृतक पुत्र के पास प्रष्नगत वाहन चलाने का वैध ड्राईविंग लाइसेंस था।
    अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं साक्ष्यों के उपरोक्तानुसार विष्लेशणोपरान्त फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक रूप से तृतीय पक्ष की घटना के लिए बीमित धनराषि रू0 1,00,000.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज, परिवाद दाखिल करने की तिथि से तायूम वसूली की तिथि तक तथा परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है।
ःःःआदेषःःः
7.     उपरोक्त कारणों से परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी बीमा कंपनी प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादी को बीमित धनराषि रू0 1,00,000.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज, परिवाद योजित करने की तिथि से भुगतान की वास्तविक अदायगी की तिथि तक अदा करे तथा विपक्षी, परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में रू0 5000.00 और अदा करे।

(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)    (पुरूशोत्तम सिंह)   (डा0 आर0एन0 सिंह)
       वरि0सदस्या                सदस्य              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद       जिला उपभोक्ता विवाद  जिला उपभोक्ता विवाद
       प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम         प्रतितोश फोरम
       कानपुर नगर।                 कानपुर नगर।         कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


        (श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)    (पुरूशोत्तम सिंह)   (डा0 आर0एन0 सिंह)
       वरि0सदस्या                सदस्य              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद       जिला उपभोक्ता विवाद  जिला उपभोक्ता विवाद
       प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम         प्रतितोश फोरम
       कानपुर नगर।                 कानपुर नगर।         कानपुर नगर।

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI]
MEMBER

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