जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-334/2015
डा0 निखिल अग्निहोत्री पुत्र स्व0 आर0पी0 अग्निहोत्री निवासी मकान नं0-115/3ए, बम्बा रोड, कल्यानपुर खुर्द जनपद कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
बउवा यादव प्रो0 प्रियम टेलीकाम निवासी आ0 सं0-167 पुराना षिवली रोड, बैंक आॅफ बड़ौदा ए.टी.एम. के पास, कल्यानपुर जनपद कानपुर नगर।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 25.06.15
निर्णय की तिथिः 28.06.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी से, सिम लेने का कुल खर्च रू0 251.00 सिम लेने की तिथि से मय ब्याज व आर्थिक, मानसिक व षारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए रू0 25000.00 तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी अपने मित्र षिवम गंगवार निवासी विनायकपुर के साथ विपक्षी की दुकान से दिनांक 13.03.15 को वोडाफोन कंपनी का मोबाइल सिम नं0- 8052583937 मूल्य रू0 15.00, कटवाई रू0 40.00 व सिम रिचार्ज हेतु रू0 196.00 कुल रू0 251.00 एकमुष्त जमा कर एक्टिवेट करवाने तथा सिम रिचार्ज करवाने हेतु आग्रह किया। परिवादी ने सिम एक्टीवेट करने के लिए आई.डी. प्रूफ के लिए आधार कार्ड की प्रति व दो फोटो विपक्षी को दिया तथा विपक्षी ने आष्वासन दिया कि 24 घंटे के अंदर सिम एक्टीवेट हो जायेगा। 24 घंटे व्यतीत होने के उपरान्त जब परिवादी का सिम विपक्षी ने एक्टीवेट नहीं किया तो परिवादी ने पुनः विपक्षी की दुकान पर अपने मित्र के साथ जाकर सपंर्क किया और सिम एक्टीवेट करने हेतु पुनः आग्रह
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किया। परिवादी लगातार अपना सिम एक्टीवेट कराने हेतु विपक्षी से कई बार संपर्क किया, किन्तु विपक्षी बार-बार आज, कल आजकल कहकर टालता रहा, परन्तु सिम एक्टीवेट नहीं किया। परिवादी को झांसे में रखकर वोडाफोन कंपनी के सिम के बदले में प्री एक्टिवेटेड सिम दिये जाने का प्रस्ताव दिनांक 28.03.15 को रखा था, जो कि ट्राई के नियमानुसार अपराधिक कृत्य है। विपक्षी द्वारा परिवादी से प्राप्त किये गये धन के विरूद्ध सेवायें प्रदान करने में कमी की है और परिवादी को गुमराह करने का प्रयास किया गया है। परिवादी से विपक्षी द्वारा प्राप्त की गयी आई.डी. तथा दो फोटो का दुरूपयोग किये जाने की प्रबल संभावनायें हैं। विपक्षी के त्रुटिपूर्ण एवं उपेक्षापूर्ण कार्यों से त्रस्त होकर परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनंाक 13.05.16 को एक विधिक नोटिस प्रेशित किया, लेकिन विपक्षी द्वारा संतोशजनक उत्तर नहीं दिया गया। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित किया गया है।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 14.12.15 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 23.06.15 व 21.06.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में विधिक नोटिस की प्रति दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि विपक्षी द्वारा अभिकथित सिम की धनराषि रू0 15.00, सिम कटवाई हेतु रू0 40.00 व
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सिम रिचार्ज हेतु रू0 196.00 कुल रू0 251.00 परिवादी से लिया गया है। परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र प्रस्तुत किया गया है तथा बहस के दौरान मौखिक रूप से यह तर्क किये गये हैं कि विपक्षी द्वारा कोई रसीद नहीं दी गयी है। परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। विपक्षी बावजूद तामीला उपस्थित नहीं आया। ऐसी परिस्थितियों में परिवादी की ओर से किये गये कथन तथा किये गये कथन के समर्थन में प्रस्तुत षपथपत्र पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आधार पर परिवादी का प्रस्तुत परिवाद एकपक्षीय व आंषिक रूप से, रू0 251.00 तथा परिवाद व्यय हेतु रू0 5000.00 के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी रू0 251.00 तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।