समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-41/2015 उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य,
रामसेवक सक्सेना पुत्र श्री भगवानदास सक्सेना निवासी-मुहाल-भटीपुरा (पठा रोड) महोबा जिला महोबा ...परिवादी
बनाम
1.बेसिक शिक्षा अधिकारी,महोबा तहसील व जिला-महोबा ।
2.वित्त एवं लेखाधिकारी,बेसिक शिक्षा,महोबा तहसील व जिला-महोबा ।
3.वित्त एवं लेखाधिकारी,बेसिक शिक्षा,हमीरपुर तहसील व जिला-हमीरपुर ।
4.वित्त नियंत्रक,बेसिक शिक्षा परिषद,उ0प्र0 इलाहाबाद .....विपक्षीगण
निर्णय
श्रीमती नीला मिश्रा ,सदस्या,द्वारा उदधोषित
परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति दि011.01.1971 को प्राइमरी पाठशाला, सिजहरी में हुई थी और दि030.06;2012 को प्रधानाध्यापक के पद से पूर्व माध्यमिक विधालय, सिजहरी क्षेत्र कबरई से सेवानिवृत्त हुआ । विपक्षी सं04 के स्पष्ट निर्देश थे कि सेवानिवृत्त शिक्षकों के समस्त देयकों का भुगतान उनकी सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद कर दिया जाये । विपक्षीगण 1 लगायत 3 द्वारा बिना जी0पी0एफ0 लेजर देखे परिवादी को 6,86,872/-रू0 की चेक प्रदान कर दी गई जबकि परिवादी को जी0पी0एफ0 लेजर के अनुसार 8,27,656/-रू0 मिलनी थी । परिवादी द्वारा इसके संबंध में विपक्षी सं03 के यहां आवेदन किया,जिस पर विपक्षी सं02 व 3 द्वारा लेजर का अवलोकन किया गया एवं इनके द्वारा पुन: संशोधित बिल बनाया गया और बिल पास करने हेतु विपक्षी सं01 के पास भेजा गया । परिवादी को आज तक देय अवशेष धनराशि 1,40,784/-रू0 का भुगतान नहीं किया गया । विपक्षीगण सं01 लगायत 3 उसे लगातार टाल रहे हैं,जिससे परिवादी को आर्थिक व मानसिक क्षति हो रही है । परिवादी ने इसे विपक्षीगण की सेवा त्रुटि व व्यापारिक कदाचरण बताया गया और प्रार्थना की गर्इ्र कि विपक्षीगण से उसे उसके अवशेष देय जी0पी0एफ0 की धनराशि 1,40,784/-रू0 दि030.06.2012 से भुगतान की तिथि तक 12 प्रतिशत सालाना ब्याज की दर से ब्याज सहित दिलाई जाये तथा मानसिक व आर्थिक क्षति के रूप में 50,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में 15,000/-रू0 दिलाये जाये ।
विपक्षी सं01,3 व 4 को जरिये रजिस्टर्ड नोटिस सूचना भेजी गई,जो उनको तामीला हुई। विपक्षी सं01 एक बार उपस्थित हुये और उनके द्वारा प्रतिवाद पत्र दाखिल करने हेतु समय की मांग की गई । परन्तु उसके बाद उनकी ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही कोई जबाबदावा या साक्ष्य प्रेषित किया गया । साथ ही विपक्षी सं03 व 4 की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न जबाबदावा या साक्ष्य उनके द्वारा प्रस्तुत की गई । इस प्रकार दि013.07.2015 को विपक्षी सं01,3 व 4 पर तामीला पर्याप्त मानते हुये उनके विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय चलने का आदेश पारित किया गया ।
विपक्षी सं02 की ओर से अपना जबाबदावा प्रस्तुत किया गया,जिसमें उनके द्वारा मुख्यत: परिवादी के कथनों का समर्थन किया गया । मात्र परिवादी द्वारा मांगी गई जी0पी0एफ0 धनराशि के भुगतान हेतु विपक्षी सं03 की जबाबदेही बताई गई और विपक्षी सं0 3 को जिम्मेदार बताया और कथन किया गया कि परिवादी के संबंध में विपक्षी सं03 द्वारा जनपद हमीरपुर के उपरांत जनपद महोबा बनने पर परिवादी के जी0पी0एफ0 लेखे में वर्ष 1996 में जमा ध्नराशि 56231/-रू0 की सूचना भेजी गई,जिसके आधार पर 686872/-रू0 का भुगतान किया गया उसके बाद विपक्षी सं03 द्वारा बताया गया कि परिवादी का वर्ष 1996 में 86056/-रू0 अवशेष है इसके आधार पर उसके द्वारा उक्त अवशेष धनराशि की मांग की जा रही है। इस संबंध में उनके द्वारा अवशेष धनराशि दि030.06.2012 तक ब्याज सहित हस्तांरित किये जाने की प्रार्थना की गई है परन्तु उनके द्वारा धनराशि हस्तांरित नहीं की गई । इस प्रकार इसके लिये विपक्षी सं03 उत्तरदाई है । विपक्षी सं02 के विरूद्ध परिवाद को निरस्त किये जाने की प्रार्थना की । परन्तु परिवाद की आगे की कार्यवाही में उनके द्वारा भी प्रतिभाग नहीं किया गया । इस पर दि009.03.2016 को उनके विरूद्ध भी परिवाद की एकपक्षीय कार्यवाही चलने का आदेश पारित किया गया ।
परिवादी की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त परिवाद पत्र के साथ परिवादी रामसेवक सक्सेना का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं02 की ओर से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त देवी प्रसाद कुटार वित्त एवं लेखाधिकारी,बेसिक शिक्षा,महोबा का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व परिवादी के अधिवक्ता के एकपक्षीय तर्क सुने गये।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत शपथ पत्र एवं अभिलेखीय साक्ष्य तथा विपक्षी सं02 की और से प्रस्तुत जबाबदावा एवं उनकी ओर से प्रस्तुत शपथ पत्र से यह स्पष्ट है कि परिवादी को विपक्षीगण से उसके जी0पी0एफ0 धनराशि की अवशेष धनराशि 1,40,784/-रू0 प्राप्त होनी है क्योंकि इसका सत्यापन विपक्षीगण सं02 द्वारा जारी ब्राडशीट कागज सं08ग व 9ग से तथा विपक्षी सं02 के जबाबदावा व शपथ पत्र में दिये गये स्पष्टीकरण से होता है । विपक्षी सं0 1 व 3 एवं 4 द्वारा परिवाद की कार्यवाही में भाग न लेना तथा परिवादी को उसकी अवशेष जी0पी0एफ0 की धनराशि को प्रदान करने में सहयोग न करना विपक्षीगण 1,3 व 4 की सेवा में त्रुटि व व्यापारिक कदाचरण है ।
इन परिसिथतियों में यह फोरम यह पाता है कि परिवादी का परिवाद इस प्रकार स्वीकार किये जाने योग्य है कि परिवादी विपक्षीगण से अपनी जी0पी0एफ0 की अवशेष धनराशि मु0 1,40,784/-रू0 प्राप्त करने का अधिकारी है एवं मानसिक व आर्थिक क्षति के लिये 5,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 प्राप्त करने का अधिकारी है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद खिलाफ विपक्षीगण एकपक्षीय रूप से इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि विपक्षीगण परिवादी को आज इस निर्णय की दिनांक से एक माह के अंदर उसके जी0पी0एफ0 की अवशेष धनराशि 1,40,784/-रू0 प्रदान करें तथा विपक्षी सं01,3 व 4 परिवादी को मानसिक व आर्थिक क्षति के रूप में 5,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 प्रदान करे । अन्यथा परिवादी विपक्षीगण से 9 प्रतिशत वार्षिक दर ब्याज भी उक्त धनराशि पर प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्या, सदस्य,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
13.04.2016 13.04.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्य, सदस्या,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
13.04.2016 13.04.2016