Uttar Pradesh

StateCommission

A/2005/1266

Electricity Distribution Division - Complainant(s)

Versus

Basant Lal - Opp.Party(s)

D Mehrotra

23 Mar 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2005/1266
( Date of Filing : 01 Aug 2005 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Electricity Distribution Division
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Basant Lal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Vikas Saxena PRESIDING MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Mar 2023
Final Order / Judgement

 

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या :1266/2005

(जिला उपभोक्‍ता आयोग गोण्‍डा द्वारा परिवाद संख्‍या-13/1993 में     पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 05-02-2004 के विरूद्ध)

  1. Electricity Distribution division (EDD), Gonda, through Executive Engineer.
  2. Superintending Engineer, Electricity Distribution, Gonda.
  3. Appellants  

Versus

  1. Bansant Lal Khetan son of late Sri Sitaram Khetan, resident of Bahraich Road, Pergana and tehsil and district Gonda.

 

Respondent /Complainant

 

  1. U.P. State Government through the District Magistrate, Gonda
  2. The Tehsildar Gonda
  3.                                       Respondent    

समक्ष  :-

  1. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य  
  2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य 

     उपस्थिति :

     अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित-श्री दीपक मेहरोत्रा के सहयोगी

                                 अधिवक्‍ता श्री मनोज कुमार

                         

     प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित- कोई नहीं।

     दिनांक : 23-03-2023

मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.            अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्‍ता को सुना गया। दौरान बहस अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्‍ता श्री दीपक मेहरोत्रा के सहयोगी अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि विद्धान जिला आयोग गोण्‍डा द्वारा परिवाद संख्‍या-13/1993 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक          05-02-2004 के द्वारा अपीलार्थी के विरूद्ध जो हर्जाना 3,000/- रू0 लगाया है उसे समाप्‍त किये जाने की याचना अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्‍ता द्वारा की गयी।
  2.        प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अपील पर अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्‍ता को सुना।
  3.        अपीलार्थीगण की ओर से निर्णय के विरूद्ध जो तथ्‍य प्रस्‍तुत किये गये हैं, उनमें बल प्रतीत नहीं होता है। पीठ इस मत की है कि निर्णय उचित प्रकार से एवं समस्‍त तथ्‍यों को विश्‍लेषित करते हुए दिया गया है, जिसमें हस्‍तक्षेप करने का कोई उचित आधार नहीं है। अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्‍ता को सुनने के उपरान्‍त तथा सभी तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए तथा यह कि प्रस्‍तुत अपील जो इस न्‍यायालय के सम्‍मुख विगत लगभग 18 वर्षों से लम्बित है, को अंतिम रूप से इस आदेश के साथ निस्‍तारित किया जाता है और जिला फोरम गोण्‍डा द्वारा परिवाद संख्‍या-13/1993 में पारित निर्णय दिनांक 05-02-2004 को संशोधित करते हुए अपीलार्थीगण पर जो हर्जाना 3,000/- रू0 निर्धारित किया गया है, उसे समाप्‍त किया जाता है। जिला आयोग के निर्णय का शेष भाग/आदेश यथावत रहेगा। अपीलार्थीगण को आदेशित किया जाता है कि वह उपरोक्‍त आदेश का अनुपालन 30 दिन की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है।

     अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

(सुधा उपाध्‍याय)(विकास सक्‍सेना)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

संदीप आशु0 कोर्ट 3

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
PRESIDING MEMBER
 

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