जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
श्री प्रवीण अजमेरा पुत्र श्री विमल चन्द अजमेरा, राज निकेतन, आदिनाथ काॅलोनी, जयपुर रोड,मदनगंज-किषनगढ, जिला-अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
मैसर्स बडमाता साडीज,बरडिया सदन के पास, सब्जी मण्डी, मदनगंज-
किषनगढ, जिला-अजमेर ।
अप्रार्थी
परिवाद संख्या 07/2014
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
पक्षकारान की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 07.07.2015
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस तरह से है कि प्रार्थी ने दिनांक 19.4.2013 को अप्रार्थी फर्म से 6 साडियां जरिए बिल संख्या 12 के राषि रू. 27,630/- में क्रय की । उनमें से एक साडी गोटा पत्ती की कीमत राषि रू. 5895/- की थी । उक्त साडी 20 दिन तैयार की जाने लगी तो उसमें बारीक बारीक एवं असंख्य छेद पाए गए तथा जहां हेवी वर्क डिजाईन का काम किया हुआ था वहां सैकेडो पिन होल व सूक्ष्म सूराख पाए गए । प्रार्थी उक्त साडी को लेकर अप्रार्थी फर्म पर गया तो प्रार्थी को कहा गया कि इस साडी में बनावटी संबंधी दोष है कम्पनी का मैेनेजर आएगा तब ठीक करवा देगें । आप साडी दुकान पर ही छोड जावों, साडी को ठीक करवा देगें इस पर उसने साडी दुकान पर छोड दी । प्रार्थी एक माह बाद साडी लेने गया तो उसे कहा गया कि कम्पनी का मैनेजर आया था लेकिन साडी बदलवाना भूल गए । एक-डेढ माह बाद प्रार्थी पुनः वहां पर गया तो साडी बदलवाने की बात को लेकर बहस हो गई व प्रार्थी को कहा कि साडी की रिपेयर करवा देगें जबकि साडी नई थी तथा रिपेयार का प्रष्न ही नहीं था । बाद में भी कई बार प्रार्थी ने अप्रार्थी से सम्पर्क किया लेकिन प्रार्थी को उक्त दोषपूर्ण साडी बदल कर नहीं दी और ना ही साडी की राषि दी । अतः यह परिवाद पेष किया है ।
2. अप्रार्थी की ओर से जवाब पेष हुआ जिसमें अप्रार्थी ने दर्षाया है कि साडी अप्रार्थी से खरीदी गई थी एवं साडी में कई छेद थ,े की उत्तरदाता की जानकारी में नहीं है । जवाब के पैरा संख्या 2 में यह भी दर्षाया है कि विक्रेता माल के बिल में स्पष्ट रूप से यह अंकन किया गया है कि बेचा हुआ माल न तो वापस होगा और ना ही बदला जाएगा । जवाब के पैरा संख्या 3 में वर्णन किया है कि दिपावली के अवसर पर प्रार्थी नई साडिया क्रय करने हेतु आया व पुनः 10 प्रतिषत छूट की मांग की किन्तु अप्रार्थी ने छूट देने से इन्कार कर दिया जिससे नाराज होकर प्रार्थी चला गया । सम्भवतः उसी बात से नाराज होकर प्रार्थी ने यह परिवाद पेष किया है ।
3. अप्रार्थी के इस जवाब का प्रार्थी की ओर से जवाबुलजवाब पेष हुआ है ।
4. प्रार्थी ने अपने परिवाद के समर्थन में ष्षपथपत्र पेष किया एवं अप्रार्थी ने अपना ष्षपथपत्र साक्ष्य के प्रक्रम पर पेष किया । पक्षकारान की ओर से कोई उपस्थित नहीं । पत्रावली का अवलोकन किया ।
5. प्रकरण में साडी में दोष होने के संबंध में दोनों पक्षो के परस्पर विरोधी अभिवचन है । बहस के प्रक्रम पर एवं उससे पहले ही करीब दो तारीख पेषियों पर प्रार्थी की ओर से न तो कोई आया है और ना ही अप्रार्थी की ओर से उपस्थित हुआ है । चूंकि प्रकरण बहस अंतिम में आ गया था तथा पक्षकारान की ओर से अभिवचन व साक्ष्य प्रस्तुत हो चुके थे अतः दोनों पक्षो के अनुपस्थित रहने के उपरान्त भी प्रकरण का गुणावगुण पर निस्तारण करना उचित समझा गया है।
6. प्रार्थी ने बिल संख्या 12 दिनांक 19.4.2013 से इस बिल में वर्णित साडिया कीमत रू. 27630/- की क्रय की । इस तथ्य का खण्डन अप्रार्थी द्वारा नहीं किया गया है । अप्रार्थी के जवाब अनुसार अप्रार्थी का यह भी कथन है कि विक्रय की गई साडियों में कोई दोष नहीं था एव ंना ही प्रार्थी ने साडी बदलवाने हेतु अप्रार्थी को दी । इसके विपरीत प्रार्थी का कथन है कि बिल में क्रम संख्या 1 में वर्णित साडी जो गोटा पट्टी की होना वर्णित है जिसकी कीमत राषि रू.0 5895/- है, में दोष पाया गया था । प्रार्थी ने इस साडी के अतिरिक्त 4 ओर साडिया खरीदी है वे सभी लगभग इसी कीमत की है, यह बिल को देखने से पाया गया है । यदि प्रार्थी को गलत आधार पर साडी बदवाना होता तो प्रार्थी षेष 4 साडियों के संबंध में भी आक्षेप लगा सकता था किन्तु प्रार्थी ने बिल के क्रम संख्या 1 में वर्णित साडी में दोष होने का ही कथन किया है । अप्रार्थी द्वारा प्रार्थी के विरूद्व झूुठा वाद लाने का आधार यह दर्षाया है कि दिपावली के मौके पर प्रार्थी ओर साडिया खरदने आया तब उसने 10 प्रतिषत छूट की मांग की जो अप्रार्थी ने देने से इन्कार कर दिया । उससे नाराज होकर यह परिवाद प्रार्थी द्वारा पेष किया गया है । हमारे विनम्र मत में अप्रार्थी का यह कथन मानने योग्य नहीं है ।
7. उपरोक्त सारे विवेचन से हमारा निष्कर्ष है कि प्रार्थी ने बिल संख्या 12 से जो साडिया खरीदी उसमें क्रम संख्या 1 में वर्णित साडी जिसका विवरण प्रार्थी ने परिवाद में किया है, दोषपूर्ण थी और इस तथ्य को प्रार्थी ने अप्रार्थी को बतलाया तब अप्रार्थी ने साडी अपने पास रख ली जो आज तक भी बदल कर नहीं दी है और ना ही उसकी कीमत दी है , तथ्य विष्वास किए जाने योग्य है । परिणामस्वरूप प्रार्थी का परिववाद स्वीकार होने योग्य है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
8. (1) प्रार्थी अप्रार्थी संे बिल संख्या 12 दिनांक 19.4.2013 से क्रम संख्या 1 में वर्णित क्रय की गई साडी के बदले इसी कीमत की अन्य दोषरहित दूसरी साडी इसी राषि में प्राप्त करने का अधिकारी होगा । विकल्प में इस साडी की कीमत रू. 5895/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 1500/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्र. संख्या 1 मे वर्णित आदेषानुसार यदि अप्रार्थी प्रार्थी को प्रष्नगत साडी की राषि लौटाना चाहे तो यह राषि आदेष से दो माह में अदा करें साथ ही क्र. सं. 2 में अंकित राषि भी उक्त अवधि में अदा करे अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(4) दो माह में आदेषित राषि का भुगतान नहीं करने पर प्रार्थी अप्रार्थी से उक्त राषियों पर निर्णय की दिनांक से ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा ।
(श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्या अध्यक्ष
9. आदेष दिनांक 07.7.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्या अध्यक्ष