Final Order / Judgement | दायरे का दिनांक: 05.02.2013 दर्ज किये जाने का दिनांक: 06.02.2013 निर्णय का दिनांक: 05.05.2017 न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-।।, मुरादाबाद। उपस्थित:- - श्री पवन कुमार जैन .............. अध्यक्ष।
- श्रीमती मंजू श्रीवास्तव ...... सामान्य सदस्य।
परिवाद संख्या- 23/2013 श्रीराम निवास पुत्र श्री कल्लू सिंह नि0 ग्राम हफीजपुर प्रा0 लि0 पो0 बछरायॅूं तहसील धनौरा जिला जे0पी0नगर उ0प्र0। .......परिवादी। बनाम - जगदीश (एजेन्ट) बर्धा ज्योति आटो मोबाइल प्रा0 लि0 राधा कृष्णा मन्दिर के सामने दिल्ली रोड, मुरादाबाद।
- भास्कर दत्त शर्मा स्वामी बर्धा ज्योति आटो मोबाईल प्रा0 लि0 राधा कृरष्णा मन्दिर के सामने दिल्ली रोड, मुरादाबाद।
- प्रोपराईटर/स्वामी बर्धा ज्योजित आटो मोबाईल प्रा0 लि0 मधुबन वागपत रोड मेरठ।(उ0प्र0) .......विपक्षीगण।
निर्णय द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण से उसे दिनांक 10/1/2010 को खरीदी गई कार का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिलाया जाऐ। रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट न होने के कारण परिवादी को हुई आर्थिक क्षति की मद में अंकन 6,93,000/-रूपया,मा नसिक क्षतिपूर्ति की में अंकन 1,50,000/- रूपया तथा परिवाद व्यय की मद में 20,000/-रूपया अतिरिक्त दिलाऐ जाने की भी परिवादी ने प्रार्थना की है। उसने यह भी अनुरोध किया है कि दूसरी कार बुक कराने की धनराशि में से की गई कटौती अंकन 1500/- रूपया भी विपक्षीगण से उसे दिलाई जाऐ।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि विपक्षी सं0-1 शेष विपक्षीगण का एजेन्ट है उसने शेवरलेट कार खरीदने पर 2.42 प्रतिशत की छूट का प्रस्ताव परिवादी के समक्ष रखा। परिवादी कार खरीदने के लिए तैयार हो गया। दिनांक 11.12.2009 को विपक्षी सं0-1 परिवादी को बर्धा ज्योति आटो मोबाईल के मुरादाबाद स्थित शोरूम पर लेकर आया जहां परिवादी ने 5000/-रूपया नकद जमा करके कार बुक कराई। पूछने पर विपक्षी सं0-1 ने परिवादी को बताया कि 2.42 प्रतिशत की छूट और कार की बुकिंग हेतु जमा किऐ गऐ 5000/-रूपया को समायोजित करके परिवादी को 3,64,000/- रूपया के लगभग और देने होगें। विपक्षी सं0-1 ने परिवादी को प्रोफोर्मा इनवायस पर पूरी डिटेल लिखकर दी जिसके अनुसार परिवादी द्वारा 3,64,838/-रूपया और देने थे। परिवादी ने 3,64,383/- रूपये का डी0डी0 बनवाकर विपक्षी सं0-1 को दे दिया। विपक्षीगण ने दिनांक 10/1/2010 को कार की डिलिवरी परिवादी को दे दी। कार के कागजात मांगने पर विपक्षीगण ने कहा कि कागजात कल देगें, अगले दिन कार की रसीद परिवादी को विपक्षी सं0-1 ने दे दी। स्थाई पंजीकरण, बीमा आदि के कागज बनवाने में लगभग एक-डेढ़ माह का समय लगने की बात विपक्षी ने परिवादी से कही और कहा कि यह कागज आपको बाद में दे देगें। अनेकों बार परिवादी ने कागजात की मांग विपक्षीगण से की, किन्तु वे और समय लगने की बात करते रहे। इसी मध्य दिनांक 28/3/2010 को परिवादी ने एक और कार विपक्षीगण के शोरूम पर जाकर बुक की। इसके लिए परिवादी ने बुकिंग राशि 67,500/- रूपये जमा की। दिनांक 29/3/2010 को परिवादी ने दिनांक 10/1/2010 को खरीदी गई कार के कागजात देने का विपक्षीगण पर दबाव डाला तो वे नाराज हो गऐ उन्होने यह कहकर कि कारों पर छूट खत्म हो गई है अब न तो वे पहली कार की आर0सी0 और बीमा आदि बनवाकर देगें और न ही दूसरी कार के कागज बनवायेगें। परिवादी ने स्थाई पंजीकरण हेतु विपक्षीगण को दी गई धनराशि जब वापिस मांगी तो उसे देने से विपक्षीगण ने इन्कार कार दिया। परिस्थितिवश मजबूरी में परिवादी ने दूसरी कार की बुकिंग कैन्सिल कराई जिस पर विपक्षीगण ने बुकिंग राशि में से 1500/- रूपया काट लिऐ और शेष रूपया परिवादी को वापिस किया। परिवादी के अनुसार विपक्षीगण द्वारा पहली कार का परमानेन्ट रजिस्ट्रेशन न कराऐ जाने की वजह से उसे 6,93,000/-रूपया का नुकसान हो चुका है। विपक्षीगण पहली कार की न तो आर0सी0 देने को तैयार हैं और न ही परिवादी द्वारा अनुरोधित क्षतिपूर्ति की पूर्ति करने को तैयार हैं। परिवादी ने उक्त कथनों के आधार पर परिवाद में अनुरोधित अनुतोष विपक्षीगण से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/9 लगायत 3/15 दाखिल किया। परिवाद के साथ उसने सूची कागज सं0-3/18 के माध्यम से परिवाद सं0-22/2011 में जिला उपभोक्ता फोरम, जे0पी0 नगर द्वारा पारित निर्णय दिनांकित 03/12/2011, बर्धा ज्योति आटो मोबाईल, मुरादाबाद में दिनांक 6/1/2010 को जमा किऐ गऐ 3,64,383/- रूपया की डी0डी0 की रसीद, दिनांक 16/12/2009 को जमा किऐ गऐ 5000/-रूपये की रसीद की नकलों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/19 लगायत 3/23 हैं।
- विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/14 दाखिल हुआ जिसमें यह तो स्वीकार किया गया कि दिनांक 10/1/2010 को बर्धा ज्योति आटो मोबाईल के मुरादाबाद स्थित शोरूम से परिवादी को एक शेवरलेट कार की डिलिवरी सेल सर्टिफिकेट के आधार पर दी गई थी, किन्तु शेष परिवाद कथनों से उन्होंने इन्कार किया और कहा कि विपक्षी सं0-2 तीन-चार वर्ष पहले बन्द हो चुका है, परिवादी को कार की डिलिवरी गजरौला में नहीं दी गई थी जैसा कि उसने परिवाद में कहा है बल्कि उसे कार की डिलिवरी मुरादाबाद में दी गई थी। परिवादी ने कार की डिलिविरी गजरौला में होना दर्शाते हुऐ प्रश्नगत मामले में जिला उपभोक्ता फोरम जे0पी0नगर के समक्ष एक परिवाद सं0-22/2011 योजित किया था जिसमें दिनांक 03/12/2011 के आदेश से परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जे0पी0नगर स्थित फोरम में न पाते हुऐ परिवाद परिवादी को वापिस किऐ जाने के आदेश हुऐ। परिवादी ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर यह परिवाद इस फोरम के समक्ष योजित किया है जो टाइमवार्ड है। विपक्षीगण की ओर से अग्रेत्तर कथन किया गया कि कार की बुकिंग करते समय परिवादी को ‘’ ग्राहक से निवेदन ’’ फार्म उपलब्ध कराया गया था जो संलग्नक-1 है। इसे पढ़कर और समझकर परिवादी ने इस पर अपने हस्ताक्षर किऐ थे। परिवादी की कोई डीलिंग विपक्षी सं0-1 से नहीं हुई बल्कि कार खरीदने हेतु परिवादी की डीलिंग सेल्स एग्जीक्यूटिव जितेन्द्र राणा से हुई थी। विपक्षीगण द्वारा मुरादाबाद ब्रांच के माध्यम से कार का अस्थायी रजिस्ट्रेशन कराकर कार का विक्रय करना स्वीकार किया गया है। विपक्षीगण का कथन है कि परिवादी उनकी मुरादाबाद ब्रांच पर आया और उसने शेवरलेट कार सी-1 स्पार्क 1.0 एल0एस0 एल0पी0जी0 बुक कराई और 5000/-रूपये एडवांस देकर रसीद प्राप्त की। विपक्षीगण का कथन है कि परिवादी ने मुरादाबाद ब्रांच में 364383/- रूपये का ड्राफ्ट जमा किया और उसे रसीद संख्या- 291 दिनांक 06-1-2010 जारी की गयी। विपक्षीगण का यह भी कथन है कि डिलीवरी देते समय सम्पूर्ण कागज ब्रांच आफिस मुरादाबाद में सौंपे गये। परिवादी ने कार का केवल अस्थयी रजिस्ट्रेशन करने को कहा था और उसी का चार्ज दिया था गजरौला में कोई लेन -देन नहीं हुआ। परिवादी ने स्थाई रजिस्ट्रेशन का खर्च नहीं दिया। अत: वह स्थाई रजिस्ट्रेशन कराने का अधिकारी नहीं है। विपक्षीगण का यह कथन है कि परिवादी उनसे मानसिक तनाव के लिए कोई भी क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी नहीं है। परिवादी आज भी गैर कानूनी तरीके से बिना रजिस्ट्रेशन वाहन चला रहा है। ऐसी स्थिति में परिवादी स्वयं लाभ या हानि का जिम्मेदार है। विपक्षीगण का यह कथन है कि परिवादी द्वारा कुल 436883/- रूपया जमा किया गया जिसमें से कार का मूल्य 357081/- रूपये, इंश्योरेंस 9302/- रूपये व एसेसरीज एम0पी0-3 प्लेयर आदि के 3000/-रूपये एवं अस्थाई रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 15000/- रूपये कुल 370883/- रूपये विपक्षीगण के ब्रांच आफिस में जमा किया गया और 66000/- रूपये चैक संख्या—86926 दिनांक 15-4-2010 आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक के माध्यम से परिवादीगण को प्राप्त करा दिया गया। परिवादी ने उपरोक्त तथ्य जानबूझकर छिपाया है। परिवादी ने स्वयं रजिस्ट्रेशन कराने का आश्वासन देकर 370883/-रूपये अदा किऐ बाद में स्थाई रजिस्ट्रेशन कराने तथा ब्लैकमेल करने के लिए झूठा मुकदमा कर दिया। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्तर कथन किया गया कि परिवादी का यह कथन असत्य है कि उसे कार की कीमत पर 2.42 प्रतिशत की छूट देने का आश्वासन दिया गया था। दूसरी कार की बुकिंग राशि में से 1500/- रूपया विपक्षी सं0-3 ने निमयानुसार काटे थे। विपक्षीगण के अनुसार परिवादी ने जो कार पसन्द की थी इनवायस के माध्यम से उसकी कीमत उसे 383304/-रूपया बताई गई थी और परिवादी को यह भी बता दिया गया था कि कार खरीदते समय डिलिविरी के देन के रेट लागू होगें और इस बात का परिवादी ने स्वीकार कर तत्सम्बन्धी प्रपत्र पर अपने हस्ताक्षर भी किऐ थे। परिवादी ने स्थाई पंजीकरण स्वयं करा लेने की बात कहकर मात्र 370883/-रूपया अदा किऐ। चॅूंकि कार का स्थाई पंजीकरण कराने का विपक्षीगण ने न तो आश्वासन दिया और न ही परिवादी ने उनसे स्थाई पंजीकरण के लिए कहा, ऐसी दशा में परिवादी को कथित रूप से कोई आर्थिक अथवा मानसिक क्षति होने का कोई अवसर नहीं था, उसने असत्य कथनों के आधार पर विपक्षीगण को ब्लैकमेल करने हेतु यह झूठा परिवाद योजित किया है। विपक्षीगण ने परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- प्रतिवाद पत्र के साथ बतौर संलग्नक निवेदन फार्म, कार की डिलिवरी लेने से पूर्व क्रेता द्वारा पूरी की जाने वाली शर्तें, रिटेल इनवायस, दिनांक 10/1/2010 को परिवादी द्वारा कार की डिलिवरी लिऐ जाने की स्वीकारोक्ति, गेट पास, दिनांक 11/12/2009 की तारीख का रिटेल आर्डर फार्म, परिवादी को दिनांक 10/1/2010 को डिलिवर की गई कार की रिटेल इनवास, इस कार का बीमा कवरनोट, टेम्प्रेरी आर0सी0, सेल सिर्टफिकेट, बुकिंग के समय दिनांक 11/12/2009 को परिवादी द्वारा जमा कराऐ गऐ 5000/-रूपये की रसीद, परिवादी द्वारा दिनांक 6/1/2010 को जमा किऐ गऐ 364383/-रूपया के डिमांड ड्राफ्ट की रसीद दिनांक 16/12/2009 की तारीख की प्रोफोर्मा इनवायस, दूसरी कार की बुकिंग कैन्सिल कराने हेतु परिवादी द्वारा दिऐ गऐ पत्र की नकलों को दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-9/15 लगातय 9/29 हैं।
- प्रतिवाद पत्र में उल्लिखित कथनों के समर्थन में विपक्षी सं0-3 के सर्विस प्रबन्धक श्री राकेश सत्संगी का शपथ पत्र कागज सं0-3/30 लगायत 3/43 भी दाखिल हुआ।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/8 दाखिल किया। विपक्षीगण की ओर से विपक्षी सं0-3 के सर्विस प्रबन्धक श्री राकेश सत्संगी का साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/19 प्रस्तुत किया गया।
- किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
- बहस की तिथि पर परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ। हमने विपक्षी सं0-1 लगायत 3 के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- इस मामले में परिवादी की शिकायत यह है कि दिनांक 10/1/2010 को उसने जो कार खरीदी थी उस कार के स्थाई रजिस्ट्रेशन का भी विपक्षीगण ने आश्वासन दिया था और तद्नुरूप परिवादी को प्रोफोर्मा इनवाईस दिनांक 16/12/2009 कागज सं0-3/22 विपक्षीगण ने उपलब्ध कराई थी जिस पर विपक्षीगण के प्रतिनिधि के हसताक्षर हैं। इस प्रोफोर्मा इनवायस में कार के रजिस्ट्रेशन हेतु 20594/-रूपया की धनराशि भी विपक्षीगण ने परिवादी से ली थी, किन्तु इसके बावजूद उन्होंने कार का स्थाई रजिस्ट्रेशन नहीं कराया। परिवादी की एक शिकायत यह भी है कि उसने दिनांक 28/3/2010 को एक और कार विपक्षी सं0-2 के शोरूम पर जाकर बुक कराई थी जिसकी बुकिंग राशि 67500/-रूपया उसने विपक्षी सं0-2 को दी थी, किन्तु मजबूरी में उसे दूसरी कार की बुकिंग कैन्सिल करानी पड़ी। इस दूसरी कार की बुकिंग कैन्सिल करने में विपक्षी सं0-2 ने विधि विरूद्ध तरीके से 1500/-रूपया परिवादी के काट लिऐ जिसे वह नहीं काट सकते थे।
- प्रत्युत्तर में विपक्षीगण का कथन यह है कि परिवादी को यह पहले ही बता दिया गया था कि कार खरीदने की दशा में डिलिवरी के दिन के रेट लागू होगें, परिवादी ने कार की डिलिवरी दिनांक 10/1/2010 को ली थी और शर्तों के अनुरूप उस दिन जो रेट लागू थे उसी के अनुसार परिवादी से रूपया लिया गया। विपक्षी का यह भी कथन है कि कार पर किसी प्रकार की छूट का परिवादी को कोई आश्वासन नहीं दिया गया और न ही ऐसी छूट लागू थी। विपक्षीगण के विद्वान अधिवकता ने 1500/-रूपया की कटौती के सम्बन्ध में हमारा ध्यान कागज सं0-3/18 में उल्लिखित शर्त सं0-16 की ओर आकर्षित किया और कहा कि 1500/- रूपया की धनराशि बुकिंग कैन्सिल करने में नियमानुसार काटी गई थी। विपक्षीगण ने अपने तर्कों के समर्थन में प्रतिवाद पत्र के साथ दाखिल संलग्नक कागज सं0-9/15 लगायत 9/29 की ओर भी आकर्षित किया।
- बुकिंग कैन्सिल कराते समय 1500/- रूपया काट लिऐ जाने विषयक शर्त का उल्लेख जिस प्रपत्र कागज सं0-9/18 पर है उस प्रपत्र पर परिवादी के स्वीकारोक्ति के हस्ताक्षर हैं ऐसी दशा में परिवादी का यह कथन आधार हीन है कि 1500/- रूपया की कटौती विपक्षीगण ने बुकिंग कैन्सिल करते समय मनमाने तरीके से कराई थी अपितु यह कटौती नियमानुसार है।
- पत्रावली में अवस्थित गेट पास कागज सं0-9/20 तथा रिटेल इनवायस की नकल कागज सं0-9/22 के अवलोकन से प्रकट है कि परिवादी ने कार दिनांक 10/1/2010 को खरीदी थी और उसी दिन इसकी डिलिवरी ली थी। परिवादी द्वारा दाखिल प्रोफोर्मा इनवायस दिनांकित 16/12/2009 में कार खरीदने से सम्बन्धित शर्तों का उल्लेख है जिस पर शोरूम के प्रतिनिधि और परिवादी दोनों के हस्ताक्षर हैं। प्रोफोर्मा इनवायस की शर्त सं0-8 के अनुसार कार खरीदने पर डिलिवरी के समय के रेट लागू होगें। स्वीकृत रूप से परिवादी ने कार दिनांक 10/1/2010 को खरीदी। पत्रावली पर ऐसा कोई प्रपत्र परिवादी ने दाखिल नहीं किया जिसके आधार पर यह माना जा सके कि दिनांक 10/1/2010 को कार पर कथित रूप से कार की कम्पनी अथवा विपक्षी शोरूम की ओर से कोई डिस्काउन्ट आफर चल रहा है। ऐसी दशा में यह स्वीकार किऐ जाने योग्य नहीं है कि विपक्षी सं0-2 व 3 द्वारा परिवादी को जैसा कि वह कहता है 2.42 प्रतिशत डिस्काउन्ट दिया जाना चाहिए था।
- विपक्षीगण की ओर से दाखिल प्रपत्रों के अवलोकन से प्रकट है कि परिवादी ने डी0डी0 के माध्यम से 364383/-रूपया दिनांक 6/1/2010 को जमा किऐ थे। दिनांक 11/12/2009 को उसने 5000/- रूपया बुकिंग राशि अदा की। इस प्रकार उसने बर्धा ज्योति आटो मोबाईल्स पर पहली कार खरीदने के सिलसिले में कुल 369383/- रूपया जमा किऐ थे। विपक्षीगण के सर्विस प्रबन्धक श्री राकेश सत्संगी के साक्ष्य शपथ पत्र के पैरा सं0-18 में कार, उसकी एसेसरीज, बीमा इत्यादि का जो विवरण दिया गया है उसके अनुसार स्थिति एकदम स्पष्ट है कि परिवादी ने कार के स्थाई पंजीकरण हेतु विपक्षीगण को कोई धनराशि नहीं दी थी। ऐसी दशा में विपक्षीगण कार का स्थाई रजिस्ट्रेशन कराने के लिए न तो उत्तरदाई थे और न ही उन्हें इस हेतु बाध्य किया जा सकता है। परिवादी ने परि वाद पत्र में विपक्षीगण के विरूद्ध जो आरोप लगाऐ हैं वे प्रमाणित नहीं होते।
- उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि परिवाद खारिज होने योग्य है।
परिवाद खारिज किया जाता है। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव ) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
5.05.2017 5.05.2017 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 5.05.2017 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
5.05.2017 5.05.2017 -
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