राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या-471 /1999 मौखिक
(जिला उपभोक्ता फोरम, उन्नाव द्वारा परिवाद सं0 567/1994 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 16-04-1998 के विरूद्ध)
सुपर कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 डी0 9, साइट 2 औद्योगिक क्षेत्र, उन्नाव, जिला उन्नाव .अपीलार्थी/ विपक्षी
बनाम
बांकेलाल पुत्र गिरधारी, निवासी- ग्राम भदेमू परगना झलोतर अजगैन तहसील हसनगंज, जनपद- उन्नाव। ...प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1- माननीय श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2- माननीय श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य,
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:16-04-2015
माननीय श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्य, द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी द्वारा यह अपील जिला उपभोक्ता फोरम उन्नाव द्वारा परिवाद सं0 567/1994 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 16-04-1998 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई है, जिसके द्वारा यह आदेश पारित किया गया है कि परिवादी बांकेलाल का परिवाद एक पक्षीय रूप से इस आशय का स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी 30 दिन के अन्दर परिवादी को 40 बोरे आलू का मूल्य 12,800-00 रूपये का भुगतान करें।
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार से हैं कि परिवादी ने विपक्षी की शीतग्रह में 50 बोरा आलू अप्रैल 1994 में रखा। दस बोरा आलू सितम्बर 1994 में निकाल लिया। बाकी 40 बोरा आलू सढ़ गया। विपक्षी की लापरवाही से परिवादी को नुकसान हुआ है, जिसके फलस्वरूप परिवाद प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी ने अपना उत्तर पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें यह कथन किया है कि परिवादी भण्डारण विवरण प्रस्तुत नहीं किया है। रसीद की छाया प्रति नहीं दिया है। विपक्षी को शीतग्रह का लाइसेंस प्राप्त है। उ0प्र0 रेगुलेशन आफ
(2)
कोल्ड स्टोरेज एक्ट 1976 की धारा-24 के अर्न्तगत प्रतिकार का प्राविधान है। धारा-25 (1) के अर्न्तगत लाइसेंस निर्गत करने वाले अधिकारी को मुआवजा प्राप्त करने का अधिकार दिये गये है। दिनांक 21-09-1994 को किसानों के प्रतिनिधि और विपक्षी के मध्य लिखित समझौता भी हुआ है। इस समझौते के सम्बन्ध में मुख्य विकास अधिकारी उन्नाव ने सूचित किया है कि जिन किसानों का आलू नष्ट हुआ है, उन्हें 156-00 रूपये प्रति कुन्तल की दर से मुआवजा दिया जा सकता है। परिवाद की सुनवाई फोरम में नहीं की जा सकती है। परिवादी का परिवाद निरस्त होने योग्य है।
इस सम्बन्ध में जिला उपभोक्ता फोरम के निर्णय/आदेश दिनांकित-16-04-1998 का अवलोकन किया गया। अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
केस के तथ्यों परिस्थितियों में एवं जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 16-04-1998 का अवलोकन करने के उपरान्त हम यह पाते है कि जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा जो निर्णय/आदेश पारित किया गया है, वह विधि सम्मत् है, उसमें हस्तक्षेप किये जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। अत: अपीलकर्ता की अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील खारिज की जाती है तथा जिला उपभोक्ता फोरम उन्नाव द्वारा परिवाद सं0 567/1994 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 16-04-1998 की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(आर0सी0 चौधरी) ( राज कमल गुप्ता )
पीठासीन सदस्य सदस्य
आर.सी.वर्मा, आशु. ग्रेड-2
कोर्ट नं0-5