Uttar Pradesh

Barabanki

CC/81/2018

Shatrohan - Complainant(s)

Versus

Bank of India - Opp.Party(s)

Pawan Kumar

20 May 2023

ORDER

Before, The District Consumer Disputes Redressal Commission
Collectorate Compound
Barabanki
Uttar Pradesh
 
Complaint Case No. CC/81/2018
( Date of Filing : 28 Jun 2018 )
 
1. Shatrohan
Village-Vidyanagar, Post-Hasaur, Thana-Tikaitnagar, Tehsil-Sirauli Gauspur, Barabanki
Barabanki
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. Bank of India
B/O Tikaitnagar, Barabanki
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Sanjai Khare PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Meena Singh MEMBER
 HON'BLE MR. Dr. Shiv Kumar Tripathi MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 20 May 2023
Final Order / Judgement

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बाराबंकी।

परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि       28.06.2018

अंतिम सुनवाई की तिथि            12.05.2023

निर्णय उद्घोषित किये जाने के तिथि  20.05.2023

परिवाद संख्याः 81/2018

शत्रोहन आयु लगभग 60 वर्ष पुत्र ननकऊ निवासी ग्राम विधानगर पोस्ट-हसौर, थाना-टिकैतनगर, तहसील-सिरौलीगौसपुर जिला-बाराबंकी। मृतक।

1/1. श्रीमती अंजनी देवी विधवा शत्रोहन

1/2. अशोक बालिग पुत्र शत्रोहन

1/3 सुभाष बालिग पुत्र शत्रोहन निवासीगण विधानगर पोस्ट-हसौर थाना टिकैतनगर तहसील-सिरौलीगौसपुर जिला-बाराबंकी।

द्वारा-श्री पवन कुमार, अधिवक्ता

 

बनाम

शाखा प्रबन्धक द्वारा बैंक आफ इंडिया शाखा टिकैतनगर, बाराबंकी जिला-बाराबंकी।

...............विपक्षी,

समक्षः-

माननीय श्री संजय खरे, अध्यक्ष

माननीय श्रीमती मीना सिंह, सदस्य

माननीय श्री एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य

उपस्थितः परिवादी की ओर से -कोई नहीं

             विपक्षी की ओर से-कोई नहीं

द्वारा-श्रीमती मीना सिंह, सदस्य

निर्णय

            परिवादी ने यह परिवाद, विपक्षी के विरूद्व अंतगर्त धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 प्रस्तुत कर विपक्षी से उ0 प्र0 फसल ऋण मोचन योजना का प्रमाण पत्र, प्रमाण पत्र पर अंकित धनराशि रू0 804/-खाता सं0-750432110000099 विधि विरूद्व तरीके से जारी किया गया है उसके जगह पर के. सी. सी. की सही धनराशि रू0 26,435/-अंकित कर उ0 प्र0 फसल ऋण मोचन योजना का दूसरा प्रमाण पत्र मय ब्याज सहित माफ कर जारी करने, आर्थिक, सामाजिक व मानसिक क्षतिपूर्ति रू0 50,000/-, वाद व्यय तथा अधिवक्ता शुल्क रू0 10,000/- दिलाये जाने का अनुतोष चाहा है।

            परिवादी ने परिवाद में यह अभिकथन किया है कि मूल परिवादी ने विपक्षी के यहाँ से कृषि हेतु एक किसान क्रेडिट कार्ड खाता सं0-750432110000099 दिनांक 01.08.2011 को ऋण स्वीकृत सीमा मु0 27,000/-स्वीकृत की गई तथा रू0 26,435/-मूल परिवादी के खातें में प्राप्त हुई। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा माननीय प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा सन् 2016-17 में फसल ऋण मोचन योजना के तहत मूल परिवादी का नाम विपक्षी के यहाँ ऋण माफी योजना की लिस्ट में आ गया था जिससे मूल परिवादी की पूरी के.सी.सी. धनराशि रू0 26,435/-माफ हो गई थी क्योंकि मूल परिवादी की के. सी. सी. की धनराशि रू0 1,00,000/-से कम थी। विपक्षी द्वारा जानबूझकर मूल परिवादी की के. सी. सी. की धनराशि मु0 26,435/-न माफ करके मूल परिवादी के के.सी.सी. में केवल के.सी.सी. की धनराशि मु0 804/-माफ करते हुये प्रमाण पत्र अगस्त 2017 में निर्गत किया गया। मूल परिवादी ने दिनांक 23.08.2017 को बैंक जाकर रू0 804/-माफी के संबंध में पूछा तो बताया गया कि गलती से यह धनराशि लिख गई है हम दूसरा प्रमाण पत्र पूर्ण धनराशि का बनाकर दो माह में प्राप्त करा देगें। मूल परिवादी विपक्षी की बातों का विश्वास करके अपने घर पहुँच गया। दिनांक 15.11.2017 को परिवादी पुनः विपक्षी के यहाँ गया तो बताया गया कि बजट नहीं आया है। तत्पश्चात् मूल परिवादी ने एक प्रार्थना पत्र मा0 मुख्यमंत्री उ0 प्र0 शासन को आन लाइन आवेदन पत्र सं0-40017617012659 प्रेषित किया उसके बाद भी विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई जिसके कारण परिवादी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अतः मूल परिवादी ने उक्त अनुतोष हेतु प्रस्तुत परिवाद योजित किया है। परिवाद के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया गया है।

            परिवादी ने सूची से ऋण खाता पासबुक तथा प्रमाण पत्र की छाया प्रति दाखिल किया है।

            विपक्षी पर तामीला पर्याप्त होने के बावजूद कोई उपस्थित नहीं हुआ। अतः दिनांक 26.04.2019 को विपक्षी के विरूद्व परिवाद एकपक्षीय रूप से अग्रसर हुआ।

            पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन किया गया। परिवादी को विपक्षी बैंक ने किसान क्रेडिट कार्ड (के.सी.सी.) योजना के अंतर्गत स्वीकृत सीमा रू0 27,000/-का ऋण स्वीकृत किया था जिसका ऋण खाता संख्या-750432110000099 है। परिवादी का कथन है कि के. सी. सी. योजना के अंतर्गत बैंक ने उसे दिनांक 01.08.2011 को रू0 26,435/-की धनराशि उपलब्ध कराई किन्तु परिवादी की के. सी. सी. की धनराशि रू0 26,435/-माफ न करके परिवादी के के. सी. सी. खातें में केवल रू0 804/-माफ किया गया और परिवादी को विपक्षी द्वारा उत्तर प्रदेश फसल ऋण मोचन योजना का प्रमाण पत्र भी जारी किया गया।

            परिवादी द्वारा दाखिल प्रति ऋण खाता पासबुक संख्या-750432110000099 ऋण/कार्ड सीमा रू0 27,000/-व जमा रू0 26,435/-;त्मउंपदपदह सवंदद्ध दर्शाया गया है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत उ0 प्र0 फसल  ऋण  मोचन  योजना  प्रमाण पत्र   (आई.डी.-2369965) जो विपक्षी बैंक द्वारा जारी किया गया है, में प्रमाणित किया गया है कि ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लघु एवं सीमान्त किसानों के फसली ऋणमोचन के संबंध में लिये गये निर्णय के क्रम में यह प्रमाणित किया जाता है कि फसली ऋणमोचन/अधित्यजन योजना के अन्तर्गत रू0 804/-की धनराशि आपके के. सी. सी. खाता संख्या-750432110000099 में क्रेडिट कर दी गई है।‘‘

             उपरोक्त प्रमाण पत्र के अवलोकन से के. सी. सी. ऋण रू0 26,435/-के विरूद्व रू0 804/-क्रेडिट किये जाने का कारण व आधार स्पष्ट नहीं है। परिवादी की पूर्ण ऋण माफी की पात्रता या अपात्रताके संबंध में बैंक के उपरोक्त प्रमाण पत्र में कोई भी आधार या विवरण अंकित नहीं है।

              वर्ष-2017 में उ0 प्र0 सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत किसानों के रू0 1,00,000/-सीमा तक, एन.पी.ए. ऋण को छोड़कर, फसली ऋण जो दिनांक 31.03.2016 तक के लिये थे, माफ किये जाने की योजना लागू की गई थी तथा एन.पी.ए. ऋणों को एक मुश्त समाधान (OTS) के अंतर्गत अलग से राईट आफ करने के लिये नोटिस जारी किये गये थे।

            उपरोक्त विवेचन एवं उत्तर प्रदेश फसल ऋण मोचन योजना प्रमाण पत्र (आई.डी.-2369965) के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि परिवादी को स्वीकृत के.सी.सी. ऋण रू0 26,435/-के विरूद्व रू0 804/-का लाभ प्राप्त हुआ है जिससे यह प्रमाणित होता है कि परिवादी लघु एवं सीमान्त किसान की श्रेणी में आता है एवं के.सी.सी. ऋण रू0 1,00,000/-सीमा के अंतर्गत है तथा के.सी.सी. ऋण दिनांक 31.03.2016 के पूर्व स्वीकृत किया गया है। परिवादी का कथन है कि फसली ऋण मोचन/अधित्यजन योजना की पात्रता की शर्तो को वह पूर्ण करता है तथा उपरोक्त योजना का लाभ पाने का अधिकारी है। परिवादी के के.सी.सी. ऋण खाता संख्या-750432110000099 का खाता विवरण या पूर्ण गणना चार्ट साक्ष्य में दाखिल नहीं है।

             विपक्षी बैंक द्वारा जारी बैंक के प्रमाण पत्र से यह स्पष्ट नहीं है कि परिवादी को कितना ऋण स्वीकृत हुआ, कितना परिवादी ने अदा किया, कितना ऋण माफ हुआ और उसके बाद कितनी अदायगी शेष है। बैंक के प्रमाण पत्र से यह भी स्पष्ट नहीं है कि परिवादी का पूरा ऋण क्यों नहीं माफ हुआ। विपक्षी बैंक को उपरोक्त समस्त आधार /उचित कारण प्रमाण पत्र में अंकित करने चहिए थे जिससे परिवादी को ऋण के सम्बन्ध में अपनी ऋण देयता या अदेयता की स्थिति स्पष्ट हो जाती। उपरोक्त से स्पष्ट है कि उपभोक्ता परिवादी को विपक्षी बैंक (सेवा प्रदाता) ने त्रुटिपूर्ण सेवा प्रदान की है।

              विपक्षी बैंक को उ0प्र0 सरकार फसली ऋण योजना/अधित्यजन योजना के अंतर्गत स्वीकृत के.सी.सी. ऋण माफ करने या न करने के संबंध में स्पष्ट गणना  हेतु आधार स्पष्ट करते हुये परिवादी को प्रमाण पत्र जारी करने हेतु निर्देशित  किया जाना उचित होगा।

              परिवाद तदनुसार अंशतः स्वीकार किये जाने योग्य है।

आदेश

            परिवाद संख्या-81/2018 अंशतः स्वीकार किया जाता है। विपक्षी बैंक को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी के के. सी. सी. ऋण के संबंध में परिवादी द्वारा ऋण अदायगी हेतु खाते में जमा की गई धनराशि, ऋण माफी के तत्सम्बन्धित शासनादेश के अनुसार परिवादी के ऋण से माफ की गई धनराशि दर्शित करते हुये युक्ति युक्त आधार सहित गणना कर परिवादी पर बकाया ऋण, यदि कोई देय है, स्पष्ट रूप से अंकित करते हुये प्रमाण पत्र पैंतालिस दिन में परिवादी को जारी करें।

(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी)       (मीना सिंह)         (संजय खरे)

      सदस्य                          सदस्य                  अध्यक्ष

यह निर्णय आज दिनांक को  आयोग  के  अध्यक्ष  एंव  सदस्यो द्वारा  खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।

(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी)       (मीना सिंह)         (संजय खरे)

      सदस्य                          सदस्य                  अध्यक्ष

दिनांक 20.05.2023

 

 
 
[HON'BLE MR. Sanjai Khare]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. Meena Singh]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Dr. Shiv Kumar Tripathi]
MEMBER
 

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