lalta prasad filed a consumer case on 29 Aug 2017 against bank of india in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/624/2016 and the judgment uploaded on 28 Sep 2018.
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-624/2016
लालता प्रसाद गुप्ता, पुत्र बाबू लाल गुप्ता, निवासी-मकान नं0-4/239 एंव 5/13 पुराना कानपुर नवाबगंज, थाना नवाबगंज, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
षाखा प्रबंधक, स्टेट बैंक आफ इण्डिया स्थित-षाखा 3/108 विश्णुपुरी,
कानपुर नगर।
.......विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 18.10.2016
निर्णय तिथिः 18.09.2018
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःः निर्णयःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी बैंक से परिवादी के बचत खाता सं0-30932102364 स्टेट बैंक आफ इण्डिया स्थित षाखा विश्णुपुरी कानपुर में रू0 70,000/- का भुगतान मय 08 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से तायूम वसूली जमा कराया जावे, षारीरिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के लिये रू0 25000/-तथा रू0 20,000/-परिवाद व्यय के रूप में दिलाया जावे।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि दिंनाक 24.02.2016 को परिवादी के बचत खाता सं0-30932102364 षाखा स्टेट बैंक आफ इण्डिया विश्णुपुरी कानपुर नगर से 11.30 बजे लगभग परिवादी के मोबाइल पर, रू0 70,000/-निकलने का मैसेज प्राप्त हुआ। परिवादी द्वारा उक्त सूचना दिंनाक 25.02.2016 को विपक्षी बैंक को दी गई। परिवादी द्वारा दिंनाक 25.02.2016 को विपक्षी बैंक को एक पत्र इस आषय का दिया गया कि परिवादी की बिना जानकारी के, उसके बचत खाता से रू0 20,000/- $ 20,000/-रू0 दो बार में तथा रू0 15000/- $ रू0 15000/-दो बार में कुल रू0 70,000/-उसके खाते से निकाले गये हैं। विपक्षी बैंक उक्त घटना को पूर्ण रूप से जानते हुये चुपचाप रहा। परिवादी द्वारा आपत्ति जताने पर बैंक द्वारा यह आष्वासन दिया गया कि उपरोक्त धनराषि ब्याज सहित परिवादी के खाते में जमा कर दी जायेगी। परिवादी के उपरोक्त खाते से किसी अन्य के द्वारा गलत तरीके से उक्त धनराषि आहरित की गई है। इसकी षिकायत करने पर भी विपक्षी के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजा गया, परन्तु विपक्षी बैंक की ओर से पर्याप्त सूचना के बाद भी कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो उसके द्वारा परिवाद पत्र के खण्डन में जवाबदावा अथवा साक्ष्य/षपथपत्र दाखिल किया। अतः फोरम के आदेष दिंनाकित 22.05.2017 के द्वारा विपक्षीगण के जवाबदावा का अवसर समाप्त करते हुये, विपक्षी के विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही प्रारम्भ की गई।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 18.10.2016 कागज सं0-3 दाखिल किया है। परिवादी ने अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची से कागज सं0-4/1 लगायत 4/9 क्रमषः बचत खाता सं0-30932102364 स्टेट बैंक आफ इण्डिया षाखा विश्णुपुरी की छायाप्रति, बचत खाता पासबुक से दिंनाक 25.02.2016 को किये गये ट्रॉजेक्षन विवरण की छायाप्रति, विपक्षी बैंक को प्रेशित पत्र दिंनाकित 25.02.2016, विपक्षी को प्रेशित नोटिस दिंनाकित 24.09.2016, रजिस्ट्री रसीद आदि प्रपत्रों की छायाप्रतियॉ दाखिल की हैं। परिवादी ने साक्ष्य षपथपत्र स्वॅय का दिंनाकित 06.12.2017 दाखिल किया है तथा पूर्व में सूची के साथ दाखिल किये गये प्रपत्र पुनः साक्ष्य षपथपत्र के साथ सत्यापित करके दाखिल किये हैं।
निष्कर्श
5.परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से यह स्पश्ट होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में क्रमषः बचत खाता सं0-30932102364 के बैंक स्टेटमेण्ट, बचत खाता पासबुक से दिंनाक 25.02.2016 को किये गये ट्रॉजेक्षन विवरण तथा विपक्षी बैंक को प्रेशित पत्र दिंनाकित 25.02.2016, की छायाप्रतियॉ षपथपत्र से सत्यापित करके प्रस्तुत की गई हैं और एकपक्षीय साक्ष्य के रूप में षपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है। विपक्षी के द्वारा बावजूद तामीला फोरम के समक्ष उपस्थित आकर परिवादी के कथन व परिवादी के साक्ष्यों का खण्डन नहीं किया गया। अतः प्रथम द्रश्टया परिवादी का कथन सिद्व होना प्रतीत होता है।
6. उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों व उपरोक्तानुसार परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्य व एकपक्षीय रूप से विष्लेशणोपरान्त फोरम इस मत का है कि परिवादी का परिवाद ऑषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि विपक्षी, परिवादी को उसके बचत खाता सं0-30932102364 से निकाली गई धनराषि रू0 70,000/-मय 08 प्रतिषत वार्शिक ब्याज दौरान मुकदमा तायूम वसूली अदा करें तथा रू0 3000/- परिवाद व्यय के रूप में अदा करे। - जहॉ तक अन्य याचित उपषम का प्रष्न है, के सम्बन्ध में, परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न करने के कारण - स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
:ःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद, उपरोक्त कारणों से, एकपक्षीय रूप से, इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी को उसके बचत खाता सं0- 30932102364 से निकाली गई धनराषि रू0 70,000/-मय 08 प्रतिषत वार्शिक ब्याज दौरान मुकदमा तायूम वसूली अदा करें तथा रू0 3000/-परिवाद व्यय के रूप में अदा करे।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
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