Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/1088

Arvind Kumar - Complainant(s)

Versus

Bank Of India - Opp.Party(s)

Suryabir Vikram Bahadur Singh Chauhan

09 Aug 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/1088
( Date of Filing : 24 Jun 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Arvind Kumar
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Bank Of India
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 09 Aug 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

संख्‍या-1088/2010

Arvind Kumar aged about 36 years son of Sri Mangal Prasad

Versus  

District Consumer Disputes Redressal Forum-I & others

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं  

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं

दिनांक :09.08.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.            परिवाद संख्‍या-238/2009, अरविन्‍द कुमार बनाम शाखा प्रबंधक, बैंक आफ इंडिया व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, (प्रथम) लखनऊ द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 15.04.2010 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर बल देने के लिए कोई उपस्थित नहीं है। अत: स्‍वयं पीठ द्वारा निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।  
  2.       आर्थिक क्षेत्राधिकार के आधार पर यह परिवाद खारिज किया गया है। परिवाद पत्र के अवलोकन से जाहिर होता है कि अंकन 63,47,600/-रू0 30 प्रतिशत का लाभ प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से यह परिवाद जिला उपभोक्‍ता  आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया, जिसे क्षेत्राधिकार से बाहर होने के कारण खारिज कर दिया गया। परिवाद पत्र में जो अनुतोष मांगा गया, उसके अवलोकन से जाहिर होता है कि 3,17,380/-रू0 की निकासी न होने के कारण उद्योग से जो हानि हुई है, जिसमें 05 प्रतिशत तथा भविष्‍य में 30 प्रतिशत लाभ की संभावना थी। इस हानि को दिलाया जाए, इसलिए इस अनुतोष के अनुसार यह परिवाद आर्थिक क्षेत्राधिकार से बाहर नहीं था। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने सरसरी तौर पर यह आदेश अंकित किया है कि उपभोक्‍ता परिवाद आर्थिक क्षेत्राधिकार से बाहर है। अत: यह परिवाद आर्थिक क्षेत्राधिकार के अंदर मानते हुए गुणदोष पर निस्‍तारित करने का आदेश पारित करना उचित है।  

आदेश

        प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद सं0-238/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15.04.2010 अपास्‍त जाता है तथा प्रकरण सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता               आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग उपरोक्‍त परिवाद सं0-238/2009 को अपने पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित कर परिवाद को आर्थिक क्षेत्राधिकार के अंदर मानते हुए उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्‍तारण करना सुनिश्चित करें। 

           पक्षकार दिनांक 15.10.2024 को जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष उपस्थित हों।         

         उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

    आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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