Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/2602

Raksha Ram Verma - Complainant(s)

Versus

Bank Of Baroda - Opp.Party(s)

R K Mishra

02 Jul 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/2602
( Date of Filing : 27 Dec 2011 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Raksha Ram Verma
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Bank Of Baroda
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 02 Jul 2024
Final Order / Judgement

                                                 (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2602/2011

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, फैजाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-47/2001 में पारित निणय/आदेश दिनांक 15.11.2011 के विरूद्ध)

 

रक्षा राम वर्मा पुत्र श्री राम लोचन वर्मा, निवासी ग्राम मीतनपुर, रामपुर भगन, परगना पश्चिम रथ, तहसील बीकापुर, जिला फैजाबाद।

अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

1. बैंक आफ बड़ौदा, हेड आफिस मांडवी, बड़ोदा, गुजरात, द्वारा चेयरमैन, बैंक आफ बड़ौदा, हेड आफिस मांडवी, बड़ोदा, गुजरात।

2. बैंक आफ बड़ौदा, सर्विस ब्रांच, 4-ए, पार्क रोड, नरही, लखनऊ, द्वारा ब्रांच मैनेजर, बैंक आफ बड़ौदा, सर्विस ब्रांच, 4-ए, पार्क रोड, नरही, लखनऊ।

3. बैंक आफ बड़ौदा, ब्रांच रामपुर भगन, जिला फैजाबाद द्वारा बैंक आफ बड़ौदा, ब्रांच रामपुर भगन, जिला फैजाबाद।

                                     प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-                               

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित             : श्री आर.के. मिश्रा।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित           : कोई नहीं।

दिनांक:   02.07.2024  

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.          परिवाद संख्‍या-47/2001, रक्षा राम वर्मा बनाम बैंक आफ बड़ौदा तथा दो अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, फैजाबाद द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 15.11.2011 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

2.          विद्वान जिला आयोग ने मिथ्‍या आधारों पर परिवाद प्रस्‍तुत करने के कारण परिवाद को खारिज किया है।

3.          परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि दिनांक 26.10.1999 को अंकन 1,39,650/-रू0 का ड्राफ्ट आयशर ट्रैक्‍टर लखनऊ के नाम से बनवाया था। दिनांक 1.11.1999 को बैग चेक करने पर पाया कि ड्राफ्ट बैग में नहीं है। ड्राफ्ट गुम होने की सूचना थाने में दिनांक 2.11.1999 को दर्ज कराई गई और बैंक आफ बड़ौदा को भी लिखित सूचना दी गई। बैंक द्वारा ड्राफ्ट की राशि वापस करने का आश्‍वासन दिया गया, परन्‍तु दिनांक 30.6.2000 को बताया गया कि ड्राफ्ट का भुगतान विपक्षी सं0-2 के द्वारा दिनांक 6.3.2000 को प्राप्‍त कर लिया गया है। इस प्रकार मना करने के बावजूद भुगतान करके विपक्षी सं0-1 द्वारा गलती की गई है। बैंक आफ बड़ौदा ने यह स्‍वीकार किया है कि अंकन 1,40,000/-रू0 का ड्राफ्ट बनवाया गया था। कमीशन काटने के पश्‍चात अंकन 1,39,650/-रू0 का ड्राफ्ट बना था, जो आटो सेल्‍स के पास जमा किया गया था, जो अधिकृत डीलर हैं। परिवादी ने एक ट्रैक्‍टर क्रय किया है। हस्‍ताक्षर दुरूस्‍त करने के पश्‍चात ड्राफ्ट का भुगतान किया गया, इस तथ्‍य को स्‍वीकार किया गया कि परिवादी ने ड्राफ्ट का भुगतान रोकने का अनुरोध किया था और फैक्स भी किया था। इसके बाद दिनांक 26.4.2000 को विपक्षी सं0-3 को एक प्रार्थना पत्र देकर यह कहा था कि 06 माह से अधिक समय ड्राफ्ट बने हुए हो चुके हैं, इसलिए ड्राफ्ट को निरस्‍त कर भुगतान करने की कृपा करें। इस पत्र पर विपक्षी सं0-2 को नो पेमेंट एडवाइस भेजने का अनुरोध किया, जिसके उत्‍तर में सूचना प्राप्‍त हुई कि ड्राफ्ट का भुगतान दिनांक 6.3.2000 को संबंधित पक्ष को किया जा चुका है। विद्वान जिला आयोग द्वारा भी यह निष्‍कर्ष दिया गया है कि परिवादी द्वारा एक ट्रैक्‍टर क्रय किया गया है, इसी ट्रैक्‍टर को क्रय करने के लिए ड्राफ्ट दिया गया है, जिसका भुगतान प्राप्‍त किया जा चुका है, इसलिए परिवाद अनावश्‍यक रूप से प्रस्‍तुत किया गया है।

4.          अपील के ज्ञापन में उल्‍लेख किया गया है कि विद्वान जिला आयोग ने इस बिन्‍दु पर विचार नहीं किया कि जो ड्राफ्ट परिवादी द्वारा बनवाया गया था, वह गुम हो गया है, जिसकी सूचना संबंधित पुलिस थाने में दी गई थी और बैंक को भी सूचित किया गया था, परन्‍तु इस सूचना के बावजूद भुगतान कर दिया गया। परिवादी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के पश्‍चात तथा बैंक को सूचना देने के पश्‍चात भुगतान नहीं किया जाना चाहिए था। अपील के ज्ञापन पर लिखे हुए बिन्‍दुओं पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने बहस की है।

5.          इस अपील के विनिश्‍चय के लिए विनिश्‍चायक बिन्‍दु यह उत्‍पन्‍न होता है कि क्‍या परिवादी द्वारा ट्रैक्‍टर क्रय करने के बदले में ड्राफ्ट जमा किया गया था, जिसका भुगतान हुआ है यदि हॉं तब प्रभाव ?

6.          परिवादी ने परिवाद पत्र में ट्रैक्‍टर क्रय करने के बिन्‍दु पर ड्राफ्ट बनवाने का उल्‍लेख किया है। परिवादी का यह कथन नहीं है कि उसने ट्रैक्‍टर क्रय नहीं किया है, जब परिवादी ट्रैक्‍टर क्रय करने से इंकार नहीं कर रहा है तब ट्रैक्‍टर निर्माता कंपनी के पक्ष में तैयार ड्राफ्ट का भुगतान होने पर परिवादी को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होनी चाहिए। पत्रावली के अवलोकन से ऐसा जाहिर होता है कि ड्राफ्ट गुम होने की फर्जी कहानी परिवादी द्वारा तैयार की गई है, क्‍योंकि पुलिस रिपोर्ट के निष्‍कर्ष को परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत नहीं किया गया है, जिसके आधार पर यह निष्‍कर्ष निकलता है कि ड्राफ्ट गुम होने की कहानी को सत्‍य नहीं पाया। यही कारण है कि पुलिस जांच रिपोर्ट परिवादी द्वारा विद्वान जिला आयोग के समक्ष या इस पीठ के समक्ष प्रस्‍तुत नहीं की गई है, इसलिए ड्राफ्ट का भुगतान होने पर बैंक के स्‍तर से किसी प्रकार की सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। तदनुसार यह अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

7.          प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

            प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

            आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

निर्णय/आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

दिनांक  02.07.2024

  लक्ष्‍मन, आशु0,

      कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.