Uttar Pradesh

StateCommission

A/458/2022

Ashok Kumar Agarwal - Complainant(s)

Versus

Bank Of Baroda - Opp.Party(s)

Self (By Post)

18 Dec 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/458/2022
( Date of Filing : 31 May 2022 )
(Arisen out of Order Dated 15/03/2022 in Case No. Complaint Case No. C/2014/75 of District Azamgarh)
 
1. Ashok Kumar Agarwal
Azamgarh
...........Appellant(s)
Versus
1. Bank Of Baroda
Azamgarh
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Dec 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-458/2022

अशोक कुमार अग्रवाल पुत्र स्‍व0 माधो प्रसाद जी

बनाम

शाखा प्रबंधक बैंक आफ बड़ौदा व अन्‍य

समक्ष:-                                                             

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: अमूल सिंघल (अपीलार्थी के पुत्र)

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।

दिनांक :18.12.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.           परिवाद सं0-75/2014, अशोक कुमार अग्रवाल बनाम शाखा प्रबंधक बैंक आफ बड़ौदा में विद्धान जिला आयोग, आजमगढ़ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15.03.2022 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है।  
  2.          परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी ने विपक्षी सं0 1 के बैंक में दिनांक 22.03.2007 को 5 वर्ष के लिए आवर्ती खाता खोला था, जिसकी मासिक किश्‍त 3,000/-रू0 थी। परिवादी कुछ मासिक किश्‍तों को समय से जमा नहीं कर पाया, पंरतु देरी के साथ समस्‍त किश्‍तों का भुगतान कर दिया गया। इसके पश्‍चात दिनांक 24.03.2012 को परिपक्‍वता राशि प्राप्‍त करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। बैंक द्वारा दिनांक 26.03.2012 को 1,86,253/-रू0 हस्‍तांति‍रत किये गये। परिवादी को दिनांक 27.03.2012 को ज्ञात हुआ कि उसके खाते में कम धनराशि जमा की गयी है, जो बैंक के नियमों के अनुसार नहीं है। शिकायत पर बैंक द्वारा सूचित किया गया कि आवर्ती किश्‍त देरी से जमा करने के कारण पेनाल्‍टी शुल्‍क एवं सेवा शुल्‍क लगाया गया है, जबकि सेवा शुल्‍क एवं पेनाल्‍टी शुल्‍क लेना विधि विरूद्ध है।
  3.           बैंक का कथन है कि दिनांक 14.01.2011 तक विलम्बित राशि पर 1.50 प्रतिशत प्रतिमाह का दण्‍ड ब्‍याज लिया जाता है, परंतु बाद में 2 प्रतिशत प्रतिमाह हो गया। अत: यह विलम्‍ब शुल्‍क परिवादी से वसूला गया है। अवशेष राशि परिवादी को उपलब्‍ध करा दी गयी है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया कि जिला उपभोक्‍ता  मंच द्वारा सर्वप्रथम दिनांक 29.08.2017 को निर्णय पारित किया गया, जिसके विरूद्ध अपील सं0 1892/2017 प्रस्‍तुत की गयी। इस अपील में इस आयोग द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया कि जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा इस बिन्‍दु पर निष्‍कर्ष नहीं दिया गया है कि क्‍या  आवर्ती किश्‍तों पर विलम्‍ब शुल्‍क नियमों के विपरीत वसूला गया है और परिपक्‍वता धनराशि में से अवैध रूप से कटौती की गयी है। इस बिन्‍दु पर निष्‍कर्ष देने के लिए प्रकरण जिला उपभोक्‍ता आयोग को प्रतिप्रेषित किया गया।
  4.      जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पुन: दिनांक 15.03.2022 को अपना निर्णय पारित किया गया और यह निष्‍कर्ष दिया गया कि बैंक द्वारा नियमों के अनुसार भुगतान किया गया है।
  5.       परिवाद पत्र में स्‍वयं परिवादी ने स्‍वीकार किया है कि आवर्ती खाते में प्रत्‍येक माह नियमित रूप से धनराशि जमा नहीं की गयी है, इसलिए जो राशि जमा नहीं की गयी, उस राशि पर 1.50 रू0 की दर से ब्‍याज लगाये जाने की शर्त बैंक द्वारा अधिरोपित की गयी, जिसे पूर्ण करने का उत्‍तरदायित्‍व परिवादी पर है यहां यह उल्‍लेख भी समीचीन होगा कि एक दिन की देरी पर भी सम्‍पूर्ण ब्‍याज देय होता है।
  6.        जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा फाइनेंसियल सर्विसेस की रिपोर्ट को अपने विचार में लिया है, जिसके अनुसार 10 प्रतिशत सेवा कर, 2 प्रतिशत एजुकेशन सेस तथा 01 प्रतिशत उच्‍च शिक्षा सेस लिया जाना विधि के अंतर्गत अनुज्ञेय है, इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच का यह निष्‍कर्ष विधिसम्‍मत है कि बैंक के नियमों के अनुसार परिवादी को धनराशि का भुगतान किया गया है। विशेषत: उस स्थिति में जब परिवादी ने स्‍वयं परिवाद पत्र के पैरा सं0 2 में यह उल्‍लेख किया हो कि परिवादी कुछ मासिक किश्‍तों का समय से भुगतान नहीं कर पाया। परिवाद पत्र में परिवादी ने कुछ मासिक किश्‍तों का स्‍पष्‍ट  विवरण नहीं दिया, जिसका भुगतान समय से नहीं हो पाया। भुगतान करने की तिथि का भी कोई उल्‍लेख नहीं किया गया। अत: स्‍वयं अपीलार्थी/परिवादी देरी से भुगतान करने के तथ्‍यों को स्‍पष्‍ट करने में विफल रहा और एक भ्रामक परिवाद प्रस्‍तुत कर दिया, जिसमें उल्‍लेख कर दिया कि कुछ किश्‍तें देरी से जमा की गयी है। अत: कुछ किश्‍तें  देरी से जमा करने का उद्घोषित तथ्‍य स्‍वयं अपीलार्थी/परिवादी के खिलाफ जाता है। अत: जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

           अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।

                उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज स‍हित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

          

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)(सुशील कुमार)

अध्‍यक्ष सदस्‍य

 

 

  

    संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 1

 

 

 

 

 

          

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.