जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्रीमति कान्ता षर्मा पत्नी श्री गोपाल षर्मा पत्नी श्री गोपाल षर्मा, उम्र-53 वर्ष, निवासी- 23, आर.के.पुरम, टेलीफोन एक्सचेंन्ज के पास, बी.के.कौल नगर, अजमेर ।
- प्रार्थिया
बनाम
मैनेजर, बैण्ड बाॅक्स ड्राईक्लीनर्स, षाॅप नं.4, इन्दिरा गाधी काम्पलेक्स, जवाहर रंगमंच के पास, लोहागल रोड़, अजमेर ।
- अप्रार्थी
परिवाद संख्या 250/2015
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री षिषिर कुमार विजयवर्गीय, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री आर.सी. जैन, अधिवक्ता अप्रार्थी
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 21.10.2016
1. प्रार्थिया द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसके द्वारा अप्रार्थी के यहां दिनांक 8.5.2013 को ड्राईक्लीन के लिए दिए गए कम्बल को नियत समय दिनंाक 11.5.2013 को बार बार चक्कर लगाए जाने के बाद भी नहीं दिए जाने पर उसने दिनांक 13.1.2015 को नोटिस भी दिया ।किन्तु अप्रार्थी ने ड्राईक्लीन कर प्रष्नगत कम्बल नहीं देकर सेवा में कमी की है । प्रार्थिया ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी ने जवाब प्रस्तुत कर प्रार्थिया द्वारा दिनांक 8.5.2013 को कम्बल ड्राईक्लीन हेतु दिए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि प्रार्थिया का प्रष्नगत कम्बल समय पर तैयार हो गया था । किन्तु प्रार्थिया स्वयं उसे लेने नहीं आई । परिवाद में अंकित षेष कथनों को अस्वीकार करते हुए परिवाद खारिज किए जाने की प्रार्थना की है । जवाब के समर्थन में श्री रमेष लालचन्दानी, मालिक का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
3. प्रार्थिया का तर्क रहा है कि उसके द्वारा अप्रार्थी को दिनांक 8.5.2013 को कम्बल ड्रााईक्लीन करवाने हेतु दिया गया था । अप्रार्थी द्वारा इसको दिनंाक 11.5.2013 को दिया जाना बिल में अंकित किया गया था । किन्तु दिनांक 11.5.2013 को उक्त कम्बल लेने हेतु जाने पर इसका तैयार नहीं होना बताया व 2-4दिन बाद आने को कहा गया । पुनः 2-4 दिन बाद व बाद में बार बार जाने पर भी उक्त कम्बल ड्राईक्लीन करके नहीं लौटाया गया । लगभग- 20-25 दिन बाद अप्रार्थी द्वारा सूचित किया गया कि उक्त कम्बल किसी अन्य ग्राहक के साथ चला गया है जिसकी तलाष की जा रही है । मिलने पर दे दिया जाएगा । इसके बाद भी सम्पर्क किए जाने पर उक्त कम्बल न तो ड्राईक्लीन कर लौटाया और ना ही संतोषप्रद जवाब दिया गया । यहां तक कि वकील द्वारा दिए गए नोटिस के बावजूद भी उक्त कम्बल वापस नहीं लौटाया गया है । अप्रार्थी का उक्त कृत्य उपभोक्ता के प्रति सेवा में कमी तथा उसके साथ धोखाधड़ंी करने की श्रेणी में आता है । परिवाद स्वीकार कर वांछित अनुतोष दिलाया जाना चाहिए ।
4. खण्डन में प्रार्थी द्वारा दिनांक 8.5.2013 को उक्त कम्बल ड्राईक्लीन हेतु दिया जाना स्वीकार किया गया । किन्तु कम्बल के समय पर तैयार हो जाने के बावजूद प्रार्थिया स्वयं उसे लेने नहीं आना बताया । अन्य सभी तथ्यों को खण्डन करते हुए परिवाद खारिज होने योय बताया तथा मंच के समक्ष यह भी बताया कि वह प्रार्थिया को उक्त कम्बल आज भी लौटाने को तैयार है ।
5. हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों को भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
6. स्वीकृत रूप से प्रार्थिया द्वारा अप्रार्थी की दुकान में दिनांक 8.5.2013 को एक कम्बल ड्राईक्लीन हेतु दिया गया है । इसके लिए रू. 175/- का बिल देते हुए इसे दिनंाक 11.5.2013 को ष्षाम 6.00 बजे बाद डिलीवरी लेने का उल्लेख किया है । एक ओर जहा प्रार्थिया ने उक्त दिनंाक 11.5.2013 व इसके बाद बार बार अप्रार्थी की दुकान में जाने का तर्क प्रस्तुत किया है वहीं अप्रार्थी की ओर से इन तर्को के खण्डन में प्रार्थिया का कम्बल लेने नहीं आना बताया है । इन तर्को के प्रकाष में यदि हम प्रार्थिया की ओर से प्रस्तुत उसके पत्र दिनंाक 13.1.2015 व 16.4.2015 जो उसकी ओर से अधिवक्ता ने अप्रार्थी को भेजे हंै, का अवलोकन करें तो इसमें प्रार्थिया की ओर से उक्त कम्बल के संबंध में समय समय पर अप्रार्थी की दुकान में जाने का उल्लेख है व प्रार्थिया द्वारा इसे ड्राईक्लीन कर प्रार्थिया को नहीं दिए जाने बाबत् षिकायत का उल्लेख है व अप्रार्थी द्वारा इसे ड्राइक्लाीन कर प्रार्थिया को नहीं दिए जाने बाबत् षिकायत का उल्लेख है । यदि यह तथ्य असत्य था तथा अप्रार्थी के अनुसार कम्बल ड्राईक्लीन के बाद तैयार था एवं प्रार्थिया इसे स्वयं लेने नहीं आई थी तो इन हालात में अप्रार्थी इस आषय का प्रार्थिया को लिखित में सूचित भी कर सकता था । जबकि इसके द्वारा ऐसा नहीं किया गया है अतः मंच की राय में अप्रार्थी का यह कथन असत्य प्रतीत होता है । स्पष्ट है कि प्रार्थिया द्वारा उक्त कम्बल ड्राईक्लीन हेतु दिए जाने के बाद निर्धारित समय पर ड्राईक्लीन नहीं कर प्रार्थिया को बार बार झूठे आष्वासन देकर अप्रार्थी ने प्रार्थिया के प्रति सेवा में कमी का परिचय दिया है । हालांकि अप्रार्थी का यह कथन रहा है कि उक्त कम्बल अभी तक उनकेे पास पडा है तथा वह अब भी इसे देने को तैयार है किन्तु अब इस सव्यवहार में अप्रार्थी द्वारा प्रार्थिया के प्रति किए गए व्यवहर को देखते हुए अप्रार्थी को उक्त कम्बल प्रार्थिया को लौटाए जाने के बजाय प्रार्थिया को इसकी कीमत दिलाया जाना मंच की राय में न्यायोचित है । परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
7. (1) प्रार्थिया अप्रार्थी से कम्बल की कीमत पेटे व क्षतिपूर्ति पैटे एक मुष्त राषि रू. 5000/- प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी ।
(2) प्रार्थिया अप्रार्थी कम्पनी से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी प्रार्थिीया को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
(4) दो माह में आदेषित राषि का भुगतान नहीं करने पर प्रार्थिया अप्रार्थी से उक्त राषियों पर निर्णय की दिनांक से ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगी
आदेष दिनांक 21.10.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष