जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, कोरबा (छ0ग0)
प्रकरण क्रमांक:- CC/14/69
प्रस्तुति दिनांक:- 30/09/2014
समक्ष:- छबिलाल पटेल, अध्यक्ष,
श्रीमती अंजू गबेल, सदस्य,
श्री राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, सदस्य
के. के. वर्मा, उम्र- 57 वर्ष,
आत्मज स्व. मंगल प्रसाद वर्मा,
निवासी मकान नंबर 406, वार्ड क्रमांक19,
मुडापार, कोरबा तह. व जिला-कोरबा (छ.ग.)............................................आवेदक/परिवादी
विरूद्ध
बलवंत थवाईत, आ. नामालूम,
प्रो. ज्योति विडियो एवं फोटोग्राफी भदरापारा बालको,
थाना- बालको, तह. व जिला-कोरबा (छ.ग.)..................................अनावेदक/विरोधीपक्षकार
आवेदक द्वारा श्री ए.एन. मैठाणी अधिवक्ता।
अनावेदक द्वारा श्री नफीस खान अधिवक्ता।
आदेश
(आज दिनांक 16/03/2015 को पारित)
01. परिवादी/आवेदक के.के. वर्मा ने अनावेदक को विडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी कर एलबम तथा सीडी तैयार कर देने हेतु कार्य सौपा था उसके संबंध में अनावेदक के द्वारा कार्य पूरा नहीं कर सेवा में कमी किये जाने के आधार उसके द्वारा अनावेदक को भुगतान की गयी 17,000/- तथा मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 1,00,000/– रू. की राशि तथा वाद व्यय एवं ब्याज की राशि दिलाये जाने हेतु, यह परिवाद-पत्र धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत प्रस्तुत किया है।
02. परिवादी/आवेदक का परिवाद-पत्र संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक के पुत्र दीपक कुमार वर्मा की शादी के उपलक्ष्य में दिनांक 16/02/2014 से दिनांक 24/02/2014 तक विभिन्न कार्यक्रम के विडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी करवाने के लिए अनावेदक ज्योति विडियों एवं फोटो्ग्राफी संस्थान से बलवंत थवाईत को कार्य सौपा था। अनावेदक के द्वारा उपरोक्त कार्य हेतु 21,000/- रू0 की मांग की गयी जिसमें दो एलबंम प्रत्येक में 25शीट फोटोग्राफस तथा डीव्हीडी दिया जाना था। आवेदक के द्वारा दिनांक 21/01/2014 को 1,000/-रू0 अग्रिम राशि अनावेदक के पास जमा किया गया। आवेदक ने 21,000/- को अधिक होना बताते हुए अनावेदक के कार्य हेतु 15,000/- रू0 देने की बात कही जिससे अनावेदक सहमत हुआ था। अनावेदक के द्वारा बाद में 15,000/-रू0 में सभी कार्य किया जाना संभव नहीं होना बताया गया, तब दोनो पक्षों की बीच सभी कार्य के लिए 17,000/-रू0 की राशि तय की गयी। अनावेदक के द्वारा उसके बाद मौखिक अनुबंध के आधार पर विडियोंग्राफी एवं फोटोग्राफी का कार्य किया गया। अनावेदक के द्वारा दिनांक 30/04/2014 को सुबह 7,000/- रू0 की राशि आवेदक से प्राप्त की गयी, उसी दिन शाम को बकाया 10,000/-रू0 की मांग की गयी, जिससे एलबम एवं डीव्हीडी तैयार किया जा सके, इस प्रकार कुल 17,000/- रू0 दिनांक 30/04/2014 को आवेदक ने अनावेदक को भुगतान कर दिया। आवेदक को उसके बाद अनावेदक के द्वारा एलबम एवं डीव्हीडी नहीं दी गयी। अनावेदक के द्वारा उपरोक्त डीव्हीडी एवं एलबम क्यों नहीं दिया जा रहा है, इसका विवरण नहीं दिया गया, तब उसके पास अधिवक्ता के माध्यम से विधिक सूचना दिनांक 01/07/2014 को प्रेषित किया गया, उसके बाद भी अनावेदक के द्वारा उक्त विधिक सूचना का कोई जवाब नहीं दिया गया। इस प्रकार आवेदक से संपूर्ण राशि प्राप्त लेने के बाद भी अनावेदक के द्वारा सेवा में कमी की गयी जिसके कारण आवेदक को आर्थिक एवं मानसिक क्षति हुई । अत: आवेदक के द्वारा भुगतान की गयी 17,000/-रू0 मानसिक वेदना के लिए 1,00,000/- एवं 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वाद व्यय भी दिलायी जाये।
03. अनावेदक के द्वारा प्रस्तुत जवाबदावा संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक के द्वारा अपने पुत्र के वैवाहिक कार्यक्रम के विडियोग्राफी एवं फोटो्ग्राफी के कार्यक्रम के लिए 21,000/-रू0 दिया जाना तैय किया गया था, जिसके संबंध में बयाना के बतौर अग्रिम राशि दी गयी थी। जिसके संबंध में अनावेदक ने एक रसीद आवेदक को दिया था। अनावेदक के द्वारा आवेदक के निर्देशानुसार कार्यक्रमों की फोटोग्राफी एवं विडियोग्राफी की गयी। उपरोक्त कार्य के लिए रिंकू तथा शिव को अनावेदक के द्वारा डयूटी लगाया गया था। आवेदक को दिये जाने के लिए विडियो कैसेट को मिक्सिंग के लिए तथा फोटोग्राफ के एलबम तैयार करने के लिए लैब में भेजा जाना था। इसलिए रूपये की आवश्यकता होने पर आवेदक के घर जाने पर अनावेदक को पता चला कि आवेदक बिहार चला गया है। आवेदक के बिहरी से वापस लौटने पर अनावेदक ने कहा था कि आपने मात्र 1,000/- रू0 का भुगतान किया है, शेष रकम का भुगतान नहीं करने से विडियो कैसेट एवं एलबम तैयार नहीं हो सका है, तब आवेदक ने अनावेदक को 6,000/-रू. लाकर दिया था। अनावेदक के द्वारा उसके बाद कार्य संपन्न करने के लिए लैब में भेज दिया था, उसके बाद अनावेदक के मॉ की तबीयत खराब होने पर वह इलाज कराने के लिए बिलासपुर चला गया, उस दौरान आवेदक का फोन आने पर उसे अनावेदक ने सूचित किया कि उसके पुत्र के विवाह का विडियों कैसेट एवं एलबम बनकर तैयार हो गया है, इसलिए अनावेदक के कर्मचारी शिव एवं रिंकू को शेष रकम देकर सामान प्राप्त कर लें। उसके बाद आवेदक के द्वारा अनावेदक के कर्मचारी को 10,000/- दिया गया तब उसके द्वारा विडियो कैसेट, विडियो एलबम आवेदक को सौप दिया गया। अनावेदक के द्वारा किसी प्रकार की सेवा में कमी नहीं की गयी है, व्यवसायिक कदाचरण भी नही किया गया है, आवेदक के द्वारा अभी तक 4,000/- अनावेदक को भुगतान नहीं किया गया है। आवेदक के द्वारा अनावेदक को परेशान करने के लिए यह झूठा शिकायत पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसे सव्यय निरस्त किया जावे।
04. परिवादी/आवेदक की ओर से अपने परिवाद-पत्र के समर्थन में सूची अनुसार दस्तावेज तथा स्वयं का शपथ-पत्र दिनांक 30/09/2014 का पेश किया गया है। अनावेदक के द्वारा जवाबदावा के समर्थन में बलवंत थवाईत प्रो. ज्योति विडियो एवं फोटोग्राफी भदरापारा बालको, कोरबा का शपथ-पत्र दिनांक 06/12/2014 का पेश किया गया है। उभय पक्षों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।
05. मुख्य विचारणीय प्रश्न है कि:-
क्या परिवादी / आवेदक द्वारा प्रस्तुत परिवाद-पत्र स्वीकार किये जाने योग्य हैॽ
06. आवेदक के द्वारा अपने पक्ष के समर्थन में दस्तावेज क्रमांक ए-1 का प्रस्तुत किया है जो दिनांक 11/01/2014 को आवेदक के द्वारा 1000/- अग्रिम राशि अनावेदक को अपने पुत्र के विवाह के कार्यक्रमो की फोटोग्राफी एवं विडियोग्राफी के कार्य हेतु दिया गया था। उक्त दस्तावेज के अनुसार 21,000/- में उपरोक्त कार्य किया जाना तय हुआ था, जिसके संबंध में उक्त राशि आवेदक के द्वारा दी गयी थी। आवेदक ने दस्तावेज क्रमांक ए-1 के नीचे भाग पर 15,000/-रू0 में 1,000/-रू0 कम कर 14,000/-रू0 दर्शाया है, उसे अनावेदक के द्वारा इंकार किया गया है। आवेदक के ही दस्तोवज क्रमांक ए-2 में 7,000/-रू0 भुगतान किया गया और उसी दिनांक 30/04/2014 को शाम के समय 10,000/-रू0 भी भुगतान किया जाना आवेदक की ओर से दर्शाया गया है।
07. आवेदक ने कुल 17,000/-रू0 अनावेदक को भुगतान किये है, इतनी राशि को प्राप्त किया जाना अनावेदक के द्वारा अपने जवाबदावा में स्वीकार किया गया है। आवेदक तथा अनावेदक के बीच आवेदक के कार्यक्रमों के संबंध में 15,000/-रू0 में कार्य किया जाना अनावेदक ने तय किया हो अथवा 17,000/-रू0 में उक्त कार्य को संपन्न करना स्वीकार किया गया हो, ऐसा कोई लिखित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है, ऐसी स्थिति में 21,000/-रू0 में कार्य करने हेतु जो अनुबंध दस्तावेज क्रमांक ए-1 का अनावेदक के द्वारा आवेदक के पक्ष में दिया गया था, उसे अमान्य करने का कोई कारण दिखाई नहीं देता है। इस प्रकार आवेदक के द्वारा अनावेदक को 4,000/-रू0 बकाया राशि का भुगतान अभी तक नहीं किये जाने का निष्कर्ष निकाला जा सकता है।
08. अनावेदक ने आवेदक को फोटोग्राफी एवं विडियोग्राफी के आधार पर दो एलबम जिसमें प्रत्येक में 25 शीट होना है तथा डीव्हीडी प्रदान कर दिया हो ऐसा कोई दस्तावेज इस मामले में प्रस्तुत नहीं किया गया है। आवेदक ने अनावेदक के द्वारा उपरोक्त डीव्हीडी एवं एलबम नहीं दिये जाने का स्पष्टरूप से कथन किया है। आवेदक के द्वारा अनावेदक के पास दस्तावेज क्रमांक ए-4 का विधिक सूचना पत्र दिनांक 01/07/2014 को प्रेषित किया जाना बताया गया है। जिसके संबंध में डाक रसीद की फोटोप्रति दस्तावेज क्रमांक ए-3 है। उपरोक्त नोटिस अनावेदक को प्राप्त होने की कोई पावती आवेदक के द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है।
09. अनावेदक ने आवेदक को एलबम एवं डीव्हीडी की प्रति प्रदान की थी तो उसके संबंध में पावती आवेदक से लिया जाना था, लेकिन ऐसा कोई दस्तावेज अनावेदक की ओर से साक्ष्य स्वरूप प्रस्तुत नहीं किया गया है। अनावेदक ने जवाबदावा में डीव्हीडी तथा एलबम अपने कर्मचारी के माध्यम से आवेदक को लैब में दिये जाने का कथन किया है। अनावेदक ने जवाबदावा के कंडिका-4 में उस कर्मचारी का नाम नहीं दर्शाया है जिसने आवेदक से 10,000/- रू0 का भुगतान प्राप्त किया, और आवेदक को डीव्हीडी तथा दोनो एलबम सुपुर्द किया था। अनावेदक के द्वारा उक्त कर्मचारी का शपथ-पत्र साक्ष्य रूवरूप प्रस्तुत नहीं किया गया है। उक्त कर्मचारी उपलब्ध नहीं है ऐसा कोई साक्ष्य भी अनावेदक की ओर से प्रस्तुत नहीं है। इस प्रकार यह प्रमाणित नहीं होता है कि अनावेदक के द्वारा आवेदक से 17,000/-रू0 की राशि प्राप्त कर लेने के बाद विडियों तथा फोटो एलबम आवेदक को सौंप दिया गया था।
10. इस प्रकार उभय पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर यह स्पष्ट हो जाता है कि आवेदक के द्वारा 4,000/- की राशि अनावेदक को भुगतान किया जाना है और अनावेदक के द्वारा दो एलबम तथा डीव्हीडी प्रदान किया जाना है।
11. अत: मुख्य विचारणीय प्रश्न का निष्कर्ष ‘हॉ’ में दिया जाता है।
12. तद्नुसार परिवादी/आवेदक की ओर से प्रस्तुत इस परिवाद-पत्र को धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम1986 के तहत अंशत: स्वीकार करते हुए उनके पक्ष में एवं अनावेदक के विरूद्ध निम्नानुसार अनुतोष प्रदान किया जाता है और आदेश दिया जाता है कि:-
- आवेदक के द्वारा अनावेदक को 4,000/-रू0 भुगतान किये जाने पर अनावेदक विवादित दोनो एलबम एवं डीव्हीडी आज से 02 माह के अंदर आवेदक को प्रदान करें।
- उपरोक्त आदेश के अनुसार दोनो एलबम एवं डीव्हीडी आवेदक को प्रदान नहीं किये जाने की स्थिति में अनावेदक 17,000/-रू0 आवेदक को भुगतान करेगा, तथा उक्त राशि के संबंध में दिनांक 30/04/2014 से 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी प्रदान करेगा।
- आवेदक को मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 4,000/-रू. (चार हजार रूपये) अनावेदक प्रदान करें।
- आवेदक को वाद व्यय के रूप में 2,000/- रू. (दो हजार रूपये) अनावेदक प्रदान करें।
(छबिलाल पटेल) (श्रीमती अंजू गबेल) (राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य