Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/1562

U P P C L - Complainant(s)

Versus

Baldau Mishra - Opp.Party(s)

D Mehrotra

05 Jun 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/1562
( Date of Filing : 16 Jul 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. U P P C L
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Baldau Mishra
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 05 Jun 2024
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील सं0 :-1562/2012

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, हमीरपुर द्वारा परिवाद सं0-92/2003 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 11/06/2012 के विरूद्ध)

  1. Managing Director UP Power Corporation Ltd. Shakti Bhawan, Lucknow.
  2. Executive Engineer Vidyut vitran Khand, U.P. Power Corporation Ltd. Hamirpur
  3.                                                                           Appellants  

Vs

Sri Baldau Mishra Son of Sri Narayan Das Mishra resident of KasbaRath Muhal Farsauliyana, Tehsil Rath district hamirpur.

                                                                ………… Respondent

     समक्ष

  1. मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य
  2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

उपस्थिति:

  अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-श्री दीपक मेहरोत्रा

  प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-श्री विष्‍णु कुमार मिश्रा

  दिनांक:-05.06.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.                    जिला उपभोक्‍ता आयोग, हमीरपुर द्वारा परिवाद सं0-92/2003 बल्‍दाऊ मिश्र बनाम प्रबंध निदेशक व अन्‍य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 11/06/2012 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है।
  2.           जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवादी की दुकान में हाई वोल्‍टेज विद्युत आपूर्ति के कारण जो हानि कारित हुई है, उसकी पूर्ति के लिए अंकन 1,00,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है।
  3.           परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी जीविकोपार्जन के लिए मिश्रा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स के नाम से दुकान करता है। इस दुकान में विद्युत कनेक्‍शन है। दिनांक 04.05.2003 को प्रात: 5-6 बजे हाई वोल्‍टेज के कारण दुकान में आग लग गयी। दुकान में रखा सामान जलकर नष्‍ट हो गया।
  4.           विद्युत विभाग को सूचना दी गयी, परंतु उनके द्वारा किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति अदा नहीं की गयी।
  5.           विद्युत विभाग द्वारा हाई वोल्‍टेज के कारण किसी प्रकार की क्षति कारित होने के तथ्‍य से इंकार किया, परंतु जिला उपभोक्‍ता उपभोक्‍ता  आयोग द्वारा साक्ष्‍य की व्‍याख्‍या करने के पश्‍चात यह निष्‍कर्ष दिया है कि हाई वोल्‍टेज के कारण परिवादी की दुकान में रखे इलेक्‍ट्रानिक सामान की क्षति कारित हुई है।
  6.                  इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गयी है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय साक्ष्‍य पर आधारित नहीं है। हाई वोल्‍टेज के कारण केवल परिवादी के घर में विद्युत उपकरण के तथ्‍य की कोई सबूत मौजूद नहीं है। इलेक्ट्रिक इन्‍स्‍पेक्‍टर द्वारा या परिवादी द्वारा विपक्षी को आग लगने की कोई सूचना नहीं दी गयी। इलेक्ट्रिक इन्‍स्‍पेक्‍टर द्वारा विपक्षी को सूचना दिये बिना निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण अत्‍यधिक देरी से दिनांक 17.03.2001 को किया गया है। दुर्घटना के 2 दिन पहले हाई वोल्‍टेज का प्रभाव बताया गया है। क्षतिपूर्ति के संबंध में भी कोई सबूत प्रस्‍तुत नहीं किया गया कि कितने रूपये की हानि हुई है।
  7.         दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍ता को सुना। निर्णय/आदेश का अवलोकन किया।
  8.         परिवादी के मकान में विद्युत संयोजन होने के तथ्‍य को अपीलार्थी द्वारा इंकार नहीं किया गया। यह दुकान इलेक्ट्रिक सामान की दुकान है। परिवादी द्वारा जीविकोपार्जन के लिए दुकान खोली गयी है। अत: इन सभी बिन्‍दुओं पर विस्‍तृत विवेचना की आवश्‍यकता नहीं है। प्रस्‍तुत अपील के विनि‍श्‍यच के लिए एकमात्र विनिश्‍चायक बिन्‍दु  यह उत्‍पन्‍न होता है कि क्‍या हाई वोल्‍टेज के कारण आग लगने की घटना घटित होने का तथ्‍य स्‍थापित है तथा क्‍या हानि का आंकलन विधिसम्‍मत रूप से किया गया है।
  9.      जिला उपभोक्‍ता आयोग ने निदेशक विद्युत सुरक्षा उत्‍तर प्रदेश की जांच रिपोर्ट पर विचार किया है, जिसमें स्‍वीकार किया गया है कि हाई वोल्‍टेज की स्थिति उत्‍पन्‍न हुई थी, जिसके कारण दुकान में आग लगी थी तथा दुकान में रखा हुआ सामान जलकर स्‍थापित हुआ था। इस रिपोर्ट पर दिये गये निष्‍कर्ष के विपरीत अन्‍य कोई निष्‍कर्ष देने का विधिसम्‍मत आधार नहीं है। अब इस बिन्‍दु पर विचार किया जाता है कि क्षति का आंकलन किस आधार पर किया गया है। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने अनुमान के आधार पर अंकन 1,00,000/-रू0 की क्षति का आंकलन किया है क्‍योंकि किसी भी प्रकार के अन्‍य कोई साक्ष्‍य क्षति के संबंध में मौजूद नहीं थी, यद्यपि परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में 2,62,500/-रू0 की क्षति का उल्‍लेख किया है तथा परिवाद पत्र में जिन उपकरणों में क्षति कारित हुई है, उसका विवरण प्रस्‍तुत किया है। शपथ पत्र द्वारा साबित किया गया है, इसलिए क्षति का आंकलन उच्‍च दर से नहीं किया गया है। अत: क्षति के आंकलन पर दिये गये निष्‍कर्ष में कोई हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

आदेश

             अपील खारिज की जाती है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।  

             उभय पक्ष अपीलीय वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

         प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

             आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

(सुशील कुमार)(राजेन्‍द्र सिंह)

  •  

 

निर्णय/आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उदघोषित किया।

 

         (सुशील कुमार)                      (राजेन्‍द्र सिंह)                                            सदस्‍य                             सदस्‍य

 

             05.06.2024

        संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2  

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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