Uttar Pradesh

StateCommission

R/2004/61

Sripal Gupta - Complainant(s)

Versus

Balaji Cold Storage - Opp.Party(s)

V P Sharma

05 May 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. R/2004/61
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Sripal Gupta
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Balaji Cold Storage
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Vijai Varma PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 05 May 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

पुनरीक्षण संख्‍या-61/2004

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, (द्वितीय) मुरादाबाद द्वारा प्रर्कीणवाद संख्‍या 48/2004 में पारित आदेश दिनांक 09.06.2004 के विरूद्ध)

 

Sripal Gupta S/o Sri Harishankar Gupta, R/o Village- Rudayan, Tehsil- Bilsi, District- Badaun.                                                     

   ................पुनरीक्षणकर्ता।

बनाम

  1. Balaji Cold Storage & Ice Factory, through its partner, Badaun Road, Nagar & Tehsil- Chandausi, District- Moradabad.
  2. Manager, Balaji Cold Storage & Ice Factory, Badaun Road, Nagar & Tehsil- Chandausi, District- Moradabad.                       ...............प्रत्‍यर्थीगण।

समक्ष:-

1. माननीय श्री विजय वर्मा, पीठासीन सदस्‍य

2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित  : श्री सर्वेश कुमार शर्मा विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित       : श्री ए0 के0 मिश्र विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 05.5.2017

माननीय श्री विजय वर्मा, पीठासीन सदस्‍य, द्वारा उदघोषित

निर्णय

 

यह पुनरीक्षण पुनरीक्षणकर्ता श्रीपाल गुप्‍ता द्वारा जिला उपभोक्‍ता फोरम (द्वितीय) मुरादाबाद द्वारा परिवाद सं0 48/2004 में पारित आदेश दिनांक 09.06.2004 से क्षुब्‍ध होकर दायर किया गया है।

पुनरीक्षण से संबंधित तथ्‍य इस प्रकार है कि पुनरीक्षणकर्ता/परिवादी द्वारा अपने आलुओं का भण्‍डारण प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के यहॉं किया गया था, किन्‍तु  विपक्षीगण द्वारा सही प्रकार से आलू का भण्‍डारण न करने से आलू सड़ गये और जब पुनरीक्षणकर्ता/परिवादी द्वारा आलू के बोरियों की मांग की गयी तो उसे वापस करने से उन्‍होंने इनकार कर दिया जिसपर परिवादी द्वारा एक परिवाद 52/03 जिला उपभोक्‍ता फोरम (द्वितीय) मुरादाबाद में दायर किया गया जहॉं पर विद्वान जिला फोरम द्वारा दिनांक 05.05.04 को परिवादी को 971 बोरी आलू की कीमत दिलाने हेतु आदेश पारित किया गया जिससे असंतुष्‍ट होकर के परिवादी द्वारा एक विविधवाद सं0 48/04 जिला फोरम (द्वितीय) मुरादाबाद में इस आशय का दायर किया गया कि विद्वान जिला फोरम अपने आदेश दिनांक 05.05.04  में 1181 बोरी

-2-

आलू की कीमत दिलाने हेतु आदेश पारित न करके 971 बोरी आलू हेतु आदेश पारित किया गया उसे संशोधित करते हुए 971 बोरी आलू के स्‍थान पर 1181 बोरी आलू की कीमत दिलाने हेतु आदेश पारित किया जाए। उक्‍त विविध वाद में जिला फोरम द्वारा दिनांक 03.06.04 को परिवादी द्वारा दिये गये संशोधन प्रार्थना पत्र को विधि विरूद्ध मानते हुए निरस्‍त किया गया। उक्‍त आदेश दिनांक 03.06.04 से असंतुष्‍ट होकर यह पुनरीक्षण दायर किया गया है।

पुनरीक्षण के मुख्‍य आधार यह है कि विद्वान जिला फोरम द्वारा परिवाद सं0 52/03 में जो आदेश दिनांक 05.05.04 को पारित किया गया उसमें 1181 बोरी आलू के स्‍थान पर 971 बोरी आलू की कीमत दिलाने हेतु आदेश पारित किया गया है जबकि वास्‍तविकता 1181 बोरी आलू की कीमत के सम्‍बन्‍ध में आदेश पारित किया जाना चाहिए था अत: आदेश दिनांक 05.05.04 में संशोधन करने हेतु विविधवाद दायर किया गया था जिसे आदेश दिनांक 03.06.04 द्वारा सरसरी तौर पर निरस्‍त किया गया है जो त्रुटिपूर्ण है अत: पुनरीक्षण स्‍वीकार करते हुए जो वास्‍तविक बोरी आलू के हैं उनके सम्‍बन्‍ध में आदेश पारित किया जाए।

 

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री सर्वेश कुमार शर्मा तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री ए0 के0 मिश्र को सुना गया एवं अभिलेखों का अवलोकन किया गया।

इस पुनरीक्षण में पुनरीक्षणकर्ता द्वारा परिवाद सं0 52/03 में दिनांक 05.05.04 में पारित आदेश में संशोधन हेतु प्रार्थना पत्र इस आशय का दिया गया था कि आदेश में 1181 बोरी आलू, 971 बोरी आलू के स्‍थान पर अंकित करते हुए 1181 बोरी आलू की कीमत दिलायी जाने हेतु आदेश पारित करने की कृपा करें। विद्वान जिला फोरम के आदेश दिनांक 03.06.04 द्वारा अपने आदेश में स्‍पष्‍ट रूप से यह अंकित किया है कि जब परिवादी द्वारा 1181 बोरियों की कीमत विपक्षी से क्‍लेम नहीं किया गया ऐसी स्थिति में उसके द्वारा मांगे गये कीमत से अधिक दिया जाना न्‍यायायिक दृष्टि से आपेक्षित नहीं था। इसके अतिरिक्‍त्‍ प्रश्‍नगत आदेश में लिपिकीय एवं गणितीय त्रुटि होना सिद्ध नहीं होता है। इन परिस्थितियों में परिवादी द्वारा आदेश में संशोधन किये जाने हेतु प्रस्‍तुत प्रार्थना पत्र विधि विरूद्ध है और

-3-

पंजीकरण योग्‍य नहीं है तदनुसार उपरोक्‍त आदेश पारित करते हुए प्रार्थना पत्र निरस्‍त किया गया है। प्रश्‍नगत आदेश में किसी भी प्रकार की कोई विधिक या तात्‍विक त्रुटि दृष्टिगत नहीं होती है, क्‍योंकि जो आदेश पारित हो चुका है उसमें केवल लिपिकीय एवं गणितीय त्रुटि होने पर ही उसे संशोधित किया जा सकता है न कि गुण-दोष के आधार पर संशोधन किया जा सके अत: प्रश्‍नगत निर्णय सही प्रकार से पारित किया गया है जिसमें किसी प्रकार के किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है अत: पुनरीक्षण निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

आदेश

पुनरीक्षण निरस्‍त किया जाता है।

उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

 

 

        (विजय वर्मा)                                     (संजय कुमार)       

पीठासीन सदस्‍य                                             सदस्‍य  

 

 

माला श्रीवास्‍तव

कोर्ट नं0-3       

 
 
[HON'BLE MR. Vijai Varma]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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