राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या- 619/2017
(जिला उपभोक्ता फोरम, सीतापुर द्वारा परिवाद संख्या- 23/2017 में पारित निर्णय और आदेश दिनांक 15-02-2017 के विरूद्ध)
आशुतोष कुमार शुक्ला, पुत्र श्री ओम प्रकाश शुक्ला, निवासी ग्राम रन्नूपुर, पोस्ट फुलरवा जिला सीतापुर।
अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1. बजाज आटो लि0, सेकेण्ड फ्लोर शालीमार लिजिक्स, 4 राणा प्रताप मार्ग, लखनऊ जिला लखनउ।
2. जे0पी0 एण्ड बजाज, जे0पी0 एजेन्सीज, स्टेशन रोड सीतापुर।
प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
माननीय श्री महेश चन्द, सदस्य
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता, श्री रवि द्धिवेदी
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई उपस्थित नहीं।
दिनांक – 23.04.2018
मा0 श्री न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या 23/2017 आशुतोष कुमार शुक्ला बनाम बजाज आटो लि0 व एक अन्य में जिला फोरम सीतापुर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 15-02-2017 के विरूद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम के अन्तर्गत आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद, परिवादी को धारा 2(1) डी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता न मानते हुए निरस्त कर दिया है जिससे क्षुब्ध होकर परिवाद के परिवादी श्री आशुतोष कुमार शुक्ला ने यह अपील प्रस्तुत की है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी/परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री रवि द्धिवेदी उपस्थित आए। प्रत्यर्थीगण को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस प्रेषित की गयी
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है जो अदम तामील वापस नहीं आयी है। अत: 30 दिन का समय पूरा होने पर आदेश दिनांक 30-11-2017 के द्वारा उन पर नोटिस का तामीला पर्याप्त माना गया है फिर भी प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है। अत: अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुनकर और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन कर अपील का निरस्तारण किया जा रहा है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष विपक्षी बजाज आटो लि0 और जे0पी0 एण्ड बजाज जे0पी0 एजेन्सीज के विरूद्ध इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि उसने एक मोटर साइकिल प्लैटिना दिनांक 29-03-2014 को विपक्षी संख्या 2 जे0पी0 एण्ड बजाज एजेन्सीज से खरीदा था जिसके लिए उसने विपक्षी संख्या 1 से 32,000/- रू० का ऋण लिया था।
परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि उपरोक्त ऋण की अदायगी 2045/- रू० मासिक किश्त की दर से 18 किश्तों में अदा होनी थी जिसमें ऋण लेते समय तीन किश्तें एडवांस विपक्षी संख्या 2 ने अपीलार्थी/परिवादी से जमा करायी थी। अत: 15 किश्तों का भुगतान होना था।
परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि उसने सम्पूर्ण धनराशि 24-06-2015 तक विपक्षी संख्या 1 को अदा कर दी है परन्तु विपक्षी संख्या 2 ने उसे अदेयता प्रमाण पत्र नहीं दिया है। अत: विवश होकर अपीलार्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया है।
जिला फोरम ने आक्षेपित आदेश में उल्लेख किया है कि परिवाद पत्र में किये गये अभिकथन से स्पष्ट है कि पक्षकारों के मध्य विवाद ऋण की अदायगी से संबंधित है। अत: अपीलार्थी/परिवादी धारा 2(1) (डी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता की श्रणी में नहीं आता है। मात्र इसी आधार पर जिला फोरम ने परिवाद निरस्त कर दिया है।
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परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी ने मोटर साइकिल क्रय करने हेतु ऋण विपक्षी संख्या 1 से प्राप्त किया है और अपीलार्थी/परिवादी के अनुसार सम्पूर्ण ऋण की धनराशि का भुगतान करने के बाद भी विपक्षी संख्या 2 ने उसे नो ड्यूज प्रमाणपत्र जारी नहीं किया है। अत: उपभोक्ता संरक्षण अधनियम 1986 की धारा 2 (1)(डी) व धारा 2(1) (ओ) को दृष्टिगत रखते हुए परिवाद पत्र में कथित विवाद उपभोक्ता संरक्षण
अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता विवाद है और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2(1) (डी) को दृष्टिगत रखते हुए अपीलार्थी/परिवादी उपभोक्ता है। अत: जिला फोरम ने अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद निरस्त करने का जो आधार उल्लिखित किया है वह उचित और विधि सम्मत नहीं है। अत: अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आदेश अपास्त करते हुए पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि विपक्षीगण को नोटिस जारी कर विधि के अनुसार उन्हें लिखित कथन प्रस्तुत करने का अवसर देकर उभय पक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर प्रदान करें तथा गुण-दोष के आधार पर विधि के अनुसार पुन: निर्णय पारित करें।
अपीलार्थी जिला फोरम के समक्ष दिनांक 30-05-2018 को उपस्थित हों।
अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (महेश चन्द)
अध्यक्ष सदस्य
कृष्णा, आशु0
कोर्ट नं01