Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/214/2015

RAMESH KUMAR MISHRA - Complainant(s)

Versus

BAJAJ ALLIANZ - Opp.Party(s)

PARAS NATH TIWARI

15 Mar 2022

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 214 सन् 2015

प्रस्तुति दिनांक 15.12.2015

                                                                                                निर्णय दिनांक 15.03.2022

रमेश कुमार मिश्र S/o श्री लक्ष्मण मिश्र, ग्राम- भीखमपुर, पोस्ट- भँवरनाथ, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़ (उoप्रo)

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

बजाज एलियान्ज लाइफ इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड द्वारा शाखा प्रबन्धक शाखा कार्यालय बजाज एलियान्ज लाइफ इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड आजमगढ़ हाल मुकाम 328 द्वितीय तल मार्बल पैलेस सिविल लाइन्स आजमगढ़ (उoप्रo) 276001 वर्तमान पता- फागू चौहान बिल्डिंग सिविल लाइन आजमगढ़ (उoप्रo)    

  1. विपक्षी।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि परिवादी ने विपक्षी के यहाँ से पॉलिसी संख्या 0023262586 नाम यूनिट लिंक्ड दिनांक 05 जुलाई, 2006 को क्वॉर्टरली बीमाधन 1,00,000/- रुपए के लिए लिया। पॉलिसी में अदत्त तिथि 05 अप्रैल, 2009 तक 12 तिमाही किश्तें रुपया 2,500/- प्रति तिमाही की दर से जमा करने के बाद पॉलिसी पूर्णता अवधि 05.07.2031 तक रुपया एक लाख का रिस्क कवर करेगी तथा पूर्णता अवधि पर रुपया 1,00,000/- उचित बोनस के साथ देने हेतु आश्वासन दिया गया था तथा जमा धन तीन साल बाद आवश्यकता पड़ने पर निकाली जा सकती थी। परिवादी द्वारा जुलाई 2006 से फरवरी 2009 के मध्य विपक्षी के यहाँ कुल 30,000/- रुपया जमा किया गया, जो कि तीन साल का कुल प्रीमियम की रकम के बराबर थी। विपक्षी द्वारा दिनांक 04 अप्रैल, 2014 की रिवाइवल अवधि हेतु (प्रेषित करने की तिथि अंकित नहीं किए बिना) एक पत्र परिवादी को प्रेषित किया गया जिसे प्राप्त होने पर परिवादी द्वारा विपक्षी से सम्पर्क कर उसे तीन साल तक का प्रीमियम जमा करने के बारे में बताया गया तो उसके द्वारा उपलब्ध कराए गए एकाउन्ट स्टेटमेन्ट में रुपया 27,500/- जमा होना दर्शाया गया है, जिसके कारण पॉलिसी लैप्स होना बताया गया। विपक्षी को जमा रसीदें दिखाए जाने के बावजूद उसके द्वारा जमा धन के बारे में स्पष्टीकरण नहीं देने के कारण दिनांक 24.08.2015 को पत्र लिखा गया तथा उसकी प्रतिलिपि हेड ऑफिस बजाज एलियान्ज लाइफ इन्श्योरेन्स कम्पनी लिo जी.ई.प्लाजा एयरपोर्ट रोड अरवदा पुणे महाराष्ट्र को भी प्रेषित की गयी थी। जिसके सन्दर्भ में जमा धन के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। रुपया 30,000/- की जमा रसीदें विपक्षी के यहाँ से जारी होने के बावजूद रसीद संख्या 4406088 द्वारा जमा रकम की गणना नहीं करते हुए पॉलिसी को लैप्स मानते हुए रकम की वापसी नहीं करने के कारण यह वाद कारण उत्पन्न हुआ। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह पॉलिसी संख्या 0023262586 के निमित्त जमा प्रीमियम की कुल रकम रुपया 30,000/- परिवादी को उचित ब्याज के साथ अदा करे तथा मानसिक कष्ट, आर्थिक हानि व वाद खर्च हेतु क्षतिपूर्ति के रूप में मुo 50,000/- रुपया भी अदा करे।                                                 

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/1 व 6/2 मुo ढाई-ढाई हजार रुपए जमा करने के रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 6/3,6/4व6/5 मुo पांच-पांच हजार रुपए जमा करने के रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 6/6,6/7,6/8व6/9 मुo ढाई-ढाई हजार रुपए जमा करने के रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 6/10 स्टेटमेन्ट ऑफ अकाउन्ट, कागज संख्या 6/12 शाखा प्रनब्धक को लिखे गए पत्र की छायाप्रति तथा कागज संख्या 6/13 अंतिम रिवाइवल सूचना पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।   

कागज संख्या 13क² विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के पैरा 01 से 09 तक के कथनों से इन्कार किया है। आगे उसने यह कहा है कि परिवाद परिसीमा मे बाहर है। दिनांक 16.10.2006 की रसीद जो परिवादी ने प्रस्तुत किया है वह कम्पनी द्वारा जारी नहीं किया गया है। विपक्षी द्वारा यह कहा है कि परिवादी ने दिनांक 16.10.2006 को प्रीमियम जमा करने के बाद तुरन्त 01.11.2006 को कैसे प्रीमियम जमा कर सकता है इससे प्रतीत होता है कि परिवादी ने धोखा-धड़ी किया है। बीमा पॉलिसी की संविदा होने के पश्चात् उसके बाहर कहीं नहीं जा सकता है। इसके अतिरिक्त बीमापॉलिसी का टर्म एण्ड कण्डीशन आई.आर.डी.ए. द्वारा अप्रूव किया जाता है और उसके पश्चात् ही पॉलिसी बाजार में लान्च की जाती है। परिवादी ने दिनांक 30.06.2006 को प्रपोजल फॉर्म प्रस्तुत किया और उसकी रसीद उसे जारी की गयी। पॉलिसी के नियमों के अनुसार परिवादी को मुo 2,500/- रुपए का कुल 12 किश्तें जमा करनी थी, लेकिन परिवादी ने किश्तें क्वॉर्टरली इन्स्टालमेन्ट नियत समय में जमा नहीं किया। परिवादी ने दिनांक 30.06.2006 को 2,500/- रुपया, दूसरी बार दिनांक 01.11.2006 को 2,500/- रुपया, दिनांक 08.02.2007 को मुo 2,500/- रुपया, दिनांक 13.07.2007 को मुo 5,000/- रुपया, दिनांक 15.01.2008 को मुo 5,000/- रुपया, दिनांक 12.06.2008 को मुo 2,500/- रुपया, 12.09.2008 को मुo 2,500/- रुपया तथा 14.02.2009 को मुo 5,000/- रुपया इस प्रकार कुल मुo 27,500/- रुपया जमा किया गया। दिनांक 05.04.2009 को जो इन्स्टालमेन्ट जमा करना था उसे परिवादी ने जमा नहीं किया। उसे रिन्युवल के लिए कहा गया, लेकिन उसने रिन्युवल नहीं कराया। दिनांक 04.04.2014 को परिवादी को रिन्युवल कराने के लिए सूचित किया गया था, लेकिन वह सूचना प्राप्त करने के पश्चात् भी अन्तिम भुगतान नहीं कर पाया। कम्पनी ने कोई भी गलती नहीं किया है। दिनांक 16.10.2006 का रसीद फर्जी है। परिवाद गलत आधार पर प्रस्तुत किया गया है। अतः खारिज किया जाए।    

विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षी द्वारा कागज संख्या 19/1ता19/9 रसीद, कागज संख्या 19/10 स्टेटमेन्ट ऑफ अकाउन्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 19/11 कम्पनी को लिखे गए पत्र की प्रति प्रस्तुत किया गया है।

बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए तथा उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं ने अपना-अपना बहस सुनाया। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा बिना बीमा को लैप्स किए परिवादी से धनराशि प्राप्त करता रहा। जिस रसीद को उसने फर्जी होना कहा है उसके सन्दर्भ में उसने न तो कोई साक्ष्य न ही उसके समर्थन में कोई शपथ पत्र ही प्रस्तुत किया है। रसीदों द्वारा जमा धनराशि को जोड़ने से कुल 30,000/- रुपया आ रहा है। चूंकि बीमा कम्पनी ने याची के बीमा को लैप्स नहीं किया है। अतः वह परिवादी द्वारा जमा धनराशि वापस करने के लिए उत्तरदायी है। इस प्रकार हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है। 

आदेश

    परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह पॉलिसी संख्या 0023262586 में कुल जमा धनराशि मुo 30,000/- रुपए (रु.तीस हजार मात्र) अन्दर 30 दिन परिवाद दाखिला की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक 09% वार्षिक ब्याज की दर से परिवादी को अदा करे।

 

 

 

 

                                                                         गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह 

                                                      (सदस्य)                              (अध्यक्ष)

 

     दिनांक 15.03.2022

                                            यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                               गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                                 (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

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