जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री वेदप्रकाष जोषी पुत्र श्री ओम दत्त जोषी, निवासी- 131,आदर्षनगर, अजमेर
- प्रार्थी
बनाम
1. बजाज एलियांज लाईफ इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए प्रबन्ध निर्देषक/हेड/अण्डरराईटिंग, बजाज एलियाज लाईफ इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, प्लाट नं. 271, इण्डस्ट्रीयल एरिया, नेस-2, पंचकुला, हरियाणा
2. षाखा प्रबन्धक, बजाज एलियांज लाईफ इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, षाखा वैषालीनगर, अजमेर ।
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 252/2013
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री प्रवीण सिंह राजावत, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री मुकेष तिवारी, अधिवक्ता अप्रार्थीगण
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः-28.09.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसके द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी से प्राप्त पाॅलिसी संख्या 0269839235 को उसने फ्री लुक पीरियड में बन्द करवाने हेतु उसके द्वारा जमा कराई गई राषि रू. 1,04,718/- का भुगतान प्राप्त करने हेतु दिनांक 27.8.2012 को मूल पाॅलिसी भिजवाई । किन्तु अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने बावजूद नोटिस दिनंाक 14.2.2012 के भी उसे राषि अदा नहीं कर सेवा में कमी कारित की है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत करते हुए उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए कथन किया है कि प्रार्थी द्वारा प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी को चलाए रखने में असमर्थ होने के आधार पर बीमा पाॅलिसी निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है जबकि प्रार्थी व्दबम ं ब्वदजतंबज ंसूंले ं बवदजतंबज सिद्वान्त से विबन्धित होने के कारण उक्त बीमा पाॅलिसी को 15 वर्षो के लिए चलाने के लिए पाबन्द है । और यदि प्रार्थी प्रीमियम की राषि प्रतिवर्ष जमा नहीं कराता है तो उत्तरदाता को नियमानुसार पाॅलिसी लैप्स किए जाने का पूर्ण कानूनी अधिकार है । इसलिए परिवाद प्री मैच्योर होने के कारण निरस्त होने येाग्य है ।
3. प्रार्थी का तर्क है कि उसके द्वारा प्रष्नगत पाॅलिसी लिए जाने व प्राप्त होने के बाद पढ़ने पर जानकारी होते ही अप्रार्थी द्वारा दिए गए फ्री लुक पीरियड में उक्त पाॅलिसी को निरस्त करने बाबत् पत्र लिख दिया गया था । अप्रार्थी को यह पत्र प्राप्त भी हो गया था । किन्तु इसके बावजूद अप्रार्थीगण ने उक्त पाॅलिसी जारी करने पेटे प्राप्त की गई राषि का भुगतान नहीं किया । इससे पूर्व उनका यह भी तर्क रहा है कि उक्त पाॅलिसी कम्पनी के कार्यालय में ब्रांच हैड में कार्यरत कर्मी से सम्पर्क किए जाने के बाद प्राप्त की गई थी । जिसके अनुसार उसे बताया गया था कि वह यह बहुत अच्छी पाॅलिसी है । जिसमें मात्र 1,04,718/- एक बार देने पर बीमा कम्पनी रू. 12 लाख का बीमा करेगी व 15 वर्ष बाद लगभग रू0 10,00,000/- प्रार्थी को अदा किए जाएगें । पाॅलिसी प्राप्त होने पर यह स्थिति उल्लेखित नहीं थी । अतः उसके द्वारा फ्री लुक पीरियड में उक्त पाॅलिसी को निरस्त कर भुगतान हेतु निवेदन किया गया ।
4.अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से मौखिक एवं लिखित बहस में इन तथ्यों का खण्डन करते हुए प्रमुख रूप से तर्क प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी द्वारा पाॅलिसी सोच समझ कर सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर प्रपोजल फार्म पर हस्ताक्षर कर प्राप्त की गई थी । बीमित व्यक्ति स्वयं अध्यापक होकर षिक्षित है व बहकावे में आकर न तो वह कोई पाॅलिसी प्राप्त कर सकता है और ना ही दी जा सकती है । बीमा कम्पनी द्वारा पाॅलिसी के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाती हे । आईआरडीए द्वारा प्रदत्त नियमों में भी इस प्रकार का उल्लेख है । प्रीमियम अदायगी में असक्षम होने की स्थिति में राषि लौटाए जाने का कोई आधार नही ंहै । बीमा पूर्णतया संविदा का विषय है । पक्षकार करार की षर्तो से विबन्धित होने के कारण पूर्ण रूप से पाबन्द है । परिवाद खारिज होने योग्य बताया ।
5. हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
6. प्रार्थी को प्रष्गनत पाॅलिसी दिनंाक 14.8.2012 को जारी हुई और यह पाॅलिसी उसे दिनंाक 24.8.2012 को प्राप्त हुई तथा इस पाॅलिसी के अन्तर्गत फ्री लुक पीरियड के क्लाॅज के अनुसार बीमा कम्पनी द्वारा बीमिति को 15 दिनों की फ्री लुक अवधि बतौर अधिकार प्राप्त है , जैसा कि पाॅलिसी में उल्लेखित है । बीमित द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी को दिनंाक 27.8.2012 को पत्र लिखा गया है जो उन्हें दिनांक 29.8.2012 को प्राप्त हुआ है । जैसा कि इस पत्र के अन्दर बीमा कम्पनी की प्राप्ति सील से स्पष्ट एवं सिद्व है । अतः कहा जा सकता है कि बीमित द्वारा उक्त पाॅलिसी के अन्तर्गत फ्री लुक अवधि में 15 दिन के अन्दर अन्दर बीमा कम्पनी को सूचित करते हुए उक्त बीमा पाॅलिसी की राषि का भुगतान किए जाने हेतु निवेदन किया गया ।
7. अप्रार्थी बीमा कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि पाॅलिसी की टम्र्स एण्ड कण्डीषन से संन्तुष्ट नहीं होने पर ही उक्त फ्री लुक अवधि का फायदा बीमित उठा सकता था । किन्तु उसने इस फ्री लुक पीरियड में जो कारण आगे की प्रीमियम का भुगतान नही ंकर सकना बताया है , वह उचित नहीं है एवं तदनुसार ही उसे पत्र दिनांक 22.09.2012 के सूचित किया गया था । ।
8. विवाद का बिन्दु यह है कि क्या फ्री लुक पीरियड के अन्तर्गत मात्र पाॅलिसी की टम्र्स एण्ड कण्डीषन से असन्तुष्ट होना ही उचित कारण माना जाएगा ?
9. आईआरडीए के नोटिफिकेषन के अन्तर्गत अनुच्छेेद 6(2) में प्रावधान बताया गया है । इसके अनुसार -
’’ ॅीपसम ंबजपदह नदकमत तमहनसंजपवद 6;1द्ध पद वितूंतकपदह जीम व?चवसपबल जव जीम पदेनतमकए जीम पदेनतमत ेींसस पदवितउ इल जीम समजजमत वितूंतकपदह जीम चवसपबल जींज जीम ींे ं चमतपवक व ि15 कंले तिवउ जीम कंजम व ितमबमपचज व िजीम चवसपबल कवबनउमदज जव तमअपमू जीम जमतउे ंदक बवदकपजपवदे व िजीम चवसपबल ंदक ूीमतम जीम पदेनतमक कपेंहतममे जव ंदल व िजीवेम जमतउे वत बवदकपजपवदेए ीम ींे जीम वचजपवद जव तमजनतद जीम चवसपबल ेजंजपदह जीम तमंेवदे वित ीपे वइरमबजपवदए ूीमद ीम ेींसस इम मदजपजसमक जच ं तमनिदक व िजीम चतमउपनउ ए ेनइरमबज वदसल जव ं कमकनबजपवद व िं चतवचवतजपवदंजम तपेा चतमउपनउ वित जीम चमतपवक वत बवअमत ंदक जीम मगचमदेमे पदबनततमक इल जीम पदेनतमत वद उमकपबंस मगंउपदंजपवद व िजीम चतवचवेमत ंदक ेजंउच कनजल बींतहमेण् ’’
10. हालांकि बीमित द्वारा ली गई पाॅलिसी की टम्र्स एण्ड कण्डीषन से असहमत होने का उल्लेख है , किन्तु हमें इस फ्री लुक पीरियड के उपबन्ध का व्यापक दृष्टिकोण देखना होगा । मंच की राय में फ्री लुक पीरियड के आषय में बीमित को यह असीमित अधिकार दिए हैं कि वह चाहे तो इस फ्री लुक पीरियड की 15दिन की अवधि में उक्त पाॅलिसी की षर्तो से असहमत होते हुए बीमा कम्पनी को पाॅलिसी पेटे जमा कराई गई प्राप्त कर सकता है और बीमा कम्पनी प्रीमियम राषि अदा करने हेतु बाध्य नहीं कर सकती । मचं की राय में यदि फ्री लुक पीरियड में बीमित ने किसी भी वजह से अपने स्वविवेक का प्रयोग करते हुए बीमा कम्पनी को प्रीमियम राषि प्राप्त करने का निवेदन कर दिया है तो बीमा कम्पनी से यह अपेक्षा है कि वह तदनुसार उक्त भुगतान पर विचार करते हुए जमा की गई प्रीमियम राषि लौटा देवे । चूंकि बीमा कम्पनी ने ऐसा नहीं किया है । अतः जहां केवल उनके द्वारा उक्त फ्री लुक पीरियड को अपने हित में परिभाषित करते हुए बीमित के हित पर कुठाराघात किया गया है, उनका यह कृत्य सेवा में कमी का परिचायक है । मंच की राय में परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
11. (1) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमा पाॅलिसी संख्या 0269839235 पेटे जमा कराई गई राषि रू. 1,04,718/- बीमा पाॅलिसी प्राप्त होने के बाद फ्री लुक पीरियड की अवधि के बाद से तदायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 28.9.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष