जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
डा. हेमेन्द्र भगतानी पुत्र श्री के.पी. भगतानी, आयु- 53 वर्ष, निवासी- 303/2, लोहाखान पुलिस लाईन, अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. बजाज एलायंज लाईफ इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए ष्षाखा प्रबन्धक, षाखा कार्यालय, प्रथम मंजिल, इण्डिया हाईट्स, इण्डिया मोटर सर्किल,कचहरी रोड़, अजमेर (राजस्थान) 305001
2. बजाज एलायंज लाईफ इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, द्वितीय मंजिल, बजाज फिनसर्व बिल्डिंग, सर्वे नं. 208/ बी-1, वेकफिल्ड आईटी पार्क के पीछे आॅफ नगर रोड़, वीमन नगर, पूणे-411014
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 261/2013
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी एवं श्री अमित गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री मुकेष तिवाड़ी एवं गोपाल षर्मा, अधिवक्तागण
अप्रार्थी बीमा कम्पनी
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 10.11.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसके द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी से प्राप्त की गई बीमा पाॅलिसी संख्या 0140225438 तदादी राषि रू. 2,50,000/- अवधि दिनंाक 23.11.2009 से 23.11.2012 तक को अप्रार्थी के नोटिस की पालना में निर्धारित प्रीमियम राषि रू. 22,633/- अदा कर दिनांक 23.11.2012 से 23.11.2015 तक नवनीकृत करवाया । तत्पष्चात् उसने दिनंाक 15.3.2013 को मित्तल अस्पताल, अजमेर में कराए गए हरनिया के आॅपरेषन का बीमा क्लेम रू. 32,632/- का समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए पेष किया जिसे अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनांक
15.3.2013 के द्वारा इस आधार पर खारिज कर दिया कि बीमा पाॅलिसी की षर्त संख्या व नियम 7-सी(पपं) व 6-इ के तहत राईट इग्यूलन हरनिया की बीमारी के इलाज में खर्च की राषि क्लेम बीमा पाॅलिसी के प्रथम दो वर्ष तक देय नहीं है जबकि उसकी उक्त बीमा पाॅलिसी 3 वर्ष चल चुकी थी इस प्रकार अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने क्लेम खारिज कर सेवा में कमी की है । प्रार्थी ने परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत कर प्रार्थी द्वारा प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी लिए जाने और उसे नवीनीकृत कराए जाने व बीमा क्लेम पेष किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि बीमा पाॅलिसी की षर्त संख्या व नियम 7-सी(पपं) व 6-इ के अनुसार क्लेम देय नही ंहोने के कारण सही आधारों पर खारिज कर उनके स्तर पर कोई सेवा में कोई कमी नहीं की गई । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है । जवाब के समर्थन में श्री हरदीप, रीजनल मैनेजर का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
3. उभय पक्षकारान के अपने परिवाद व जवाब में अंकित तथ्यों को ही अभिवचनों के रूप में प्रस्तुत किया है । प्रार्थी पक्ष का प्रमुख रूप से यही तर्क रहा है कि उसके द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ली गई प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी जो 23.11.2012 को समाप्त हो रही को, नवीनीकरण कराए जाने के बीमा कम्पनी द्वारा दिए गए नोटिस के अनुसरण में बीमा प्रीमियम की राषि रू. 22,633/- जमा कराते हुए 23.1.1.23012 से 23.1.1.2015 तक नवीनीकृत करवाया और बीमित अवधि के दौरान इलाज में खर्च हुई राषि का क्लेम इलाजकर्ता मित्तल अस्पताल के माध्यम से अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष पेष किया । किन्तु अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने बीमा पाॅलिसी की ष्षर्त संख्या व नियम 7-सी(पपं) व 6-इ के अनुसार क्लेम देय नही ंहोने बताते हुए क्लेम अवैध रूप से खारिज कर सेवादोष किया है। परिवाद स्वीकार कर वांछित अनुतोष दिलाया जाना चाहिए । अपने तर्को के समर्थन में प्रार्थी ने विनिष्चय प्;2016द्धब्च्श्र 18 ;छब्द्ध ।ण्ळण्छमवबीमउ;च्द्ध स्जक टे छमू प्दकपं ।ेेनतंदबम ब्व स्जक पर अवलम्ब लिया है ।
4. खण्डन में अप्रार्थी बीमा कम्पनी का यह तर्क रहा है कि जिस बीमारी हरनिया के इलाज बाबत् प्रार्थी ने जो बीमा क्लेम पेष किया है वह बीमा पाॅलिसी षर्त संख्या व नियम 7-सी(पपं) व 6-इ के अनुसार देय नहीं होने से सहीं आधारों पर क्लेम खारिज किया गया है । परिवाद अस्वीकार कर खारिज होने योग्य है ।
5. हमने परस्पर तर्क सुन लिए है एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
6. प्रकरण में मात्र विवाद का विषय यह है कि क्या बीमा पालिसी की षर्त संख्या व नियम 7-सी(पपं) व 6-इ के अनुसार बीमित को पालिसी लिए जाने के 2 वर्ष के भीतर उक्त हुई तथाकथित बीमारी का क्लेम देय है ?
7. पत्रावली में उपलब्ध अभिलेख के अनुसार बीमित द्वारा दिनंाक
23.1.1.2009 से 23.11.2012 तक 3 साल के लिए पाॅलिसी प्राप्त की गई थी । इसके बाद दिनंाक 23.11.2012 को उक्त पाॅलिसी की एक्सपाईरी डेट के बाद प्रार्थी द्वारा दिनांक 13.12.2012 को अप्रार्थी बीमा कम्पनी को राषि रू. 22633/- का चैक जमा कराते हुए उक्त बीमा पाॅलिसी को दिनंाक 23.11.2012 से 23.11.2015 तक की अवधि के लिए नवीनीकृत करवा लिया गया है । मुख्य मुद्दा मात्र पाॅलिसी के प्रभावषील रहने तथा इसके नवनीकरण के संबंध में है । पूर्व पाॅलिसी दिनंाक 23.11.2009 से 23.11.2012 तक की थी । इसके बाद दिनांक 23.11.2012 से 23.11.2015 तक नवीनीकृत हुई है लेकिन इस नवीनीकृत पाॅलिसी की रिस्क कवर की तिथि दिनंाक 23.11.2012 से प्रभावषील मानी जाएगी । जैसा कि जो पूर्व में दिनांक 23.11.2009 से 23.11.2012 तक ली गई पाॅलिसी में रिस्क कवर की उक्त अवधि के ष्षुरू होने की तिथि यथा 23.11.2009 अंकित की गई है । प्रार्थी ने बीमित का दिनंाक 15.3.2013 को मित्तल अस्पताल में भर्ती होना बताया है । इस प्रकार वह उक्त पाॅलिसी के लिए जाने के लगभग 4 माह बाद इलाज के लिए भर्ती हुआ है व क्लेम मांगा है । इस प्रकार वह उक्त पाॅलिसी के लिए जाने के 2 वर्षो के अन्दर अन्दर इलाज में हुए खर्चे का क्लेम प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है । उसका यह तर्क कि वह पूर्व पाॅलिसी की निरन्तरता में बीमित रहा है, स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है । जो विनिष्चय उसकी ओर से प्रस्तुत हुए है वे तथ्यों की भिन्नता के कारण उनकी कोई सहायता नहीं करते है । मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद निरस्त होन योग्य है एवं आदेष है कि
-ःः आदेष:ः-
प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार किया जाकर खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें
आदेष दिनांक 10.11.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
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