Rajasthan

Ajmer

cc/56/2014

ASHISH KUMAR JAIN - Complainant(s)

Versus

BAJAJ ALLIANZ LIFE INS - Opp.Party(s)

ADV MANISH KUMAR KHANDELWAL

19 May 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. cc/56/2014
 
1. ASHISH KUMAR JAIN
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. BAJAJ ALLIANZ LIFE INS
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

आषीष कुमार जैन  पुत्र श्री सुषील  कुमार जैन, निवासी-ाी-162, जी ब्लाॅक माकड़वाली रोड़, वैषाली नगर, अजमेर । 
                                                -         प्रार्थी


                            बनाम

प्रबन्धक, बजाज एलियान्ज लाईफ इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, इण्डिया हाअटस, इण्डिया मोटर सर्किल, कचहरी रोड, अजमेर । 
                                                -       अप्रार्थी 
                 परिवाद संख्या 56/2014  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री मनीष कुमार खण्डेलवाल, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री मुकेष तिवारी,  अधिवक्ता अप्रार्थी  बीमा कम्पनी 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- .05.2016
 
1.          प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि  उसने अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमा पाॅलिसी संख्या 0049979565 प्राप्त की । दिनंाक 14.5.2013 को उसने अप्रार्थी बीमा कम्पनी से उक्त पाॅलिसी की वर्तमान मूल्य की जानकारी चाहने पर उसे रू. 38446.29 पै.  बताई और पाॅलिसी समर्पित किए जाने पर  निरस्तीकरण चार्ज  राषि रू. 5038.55 पै. काटते हुए रू. 33407.74 पै. का भुगतान किया जाना बताया ।  तत्पष्चात् उसने उक्त बीमा पाॅलिसी दिनंाक 14.5.2013 को  समर्पित करते हुए सर्मपण राषि उसके बैंक खाते में जमा करने को कहा ।  किन्तु अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने  बताई गई समर्पित राषि के स्थान पर अतिरिक्त राषि रू. 4708.74 पै. काटते हुए उसके खाते में राषि रू. 28699/- जमा कराई । इस संबंध में उसने दिनंाक 17.5.2013 व 28.5.2013 को अप्रार्थी बीमा कम्पनी  से कम राषि दिए जाने का कारण जानना चाहा।  किन्तु उसे  नहीं बताया गया । उसने अप्रार्थी बीमा कम्पनी को ई-मेल भी किए इसके बावजूद भी उसे अतिरिक्त राषि जो काटी गई थी अदा नहीं की । अप्रार्थी बीमा कम्पनी के उक्त कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । 
 2.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत कर  कानूनी आपत्ति में दर्षाया है कि  अप्रार्थी बीमा कम्पनी व प्रार्थी एक दूसरे के सम्पर्क में आकर संविदा करते है, इसके बाद ही बीमा पाॅलिसी जारी की जाती है ।   प्रार्थी द्वारा बीमा पाॅलिसी सरेण्डर किए जाने पर आईआरडीए के नियमों के अनुसार कटौती कर   सरेण्डर वैल्यू  का भुगतान किया गया है ।  इस प्रकार उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है । 
3.    प्रार्थी का तर्क है कि दिनंाक 14.5.2013 को उसके द्वारा अपनी बीमा पाॅलिसी की वर्तमान मूल्य की जानकारी प्राप्त करने के बाद अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा  इसका मूल्य रू. 38,446.29 पैं.  बताए जाने पर उसके द्वारा उक्त बीमा पाॅलिसी  समर्पित किए जाने की सूचना देने के बावजूद  रू. 4708.74 पै.  अतिरिक्त  राषि काट कर रू. 28699/-  की राषि  अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा उसके बैंक खाते में जमा करवाई गई  है। अप्रार्थी का उक्त कृत्य सेवा में कमी तथा अनुचित व्यापार व्यवहार  को दर्षाता है । परिवाद स्वीकार किया जाकर वांछित अनुतोष दिलाया जाना चाहिए । 
4.    खण्डन में कानूनी आपत्ति का आधार लिया गया है, जिसके अनुसार  उभय पक्षकार एक दूसरे के सम्पर्क में आकर संविदा करते है एवं उक्त संविदा से  पाबन्द होने के बाद अप्रार्थी बीमा कम्पनी को किसी प्रकार के सेवा दोष अथवा अनुचित व्यपार व्यवहार  के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है ।  प्रार्थी ने अप्रार्थी बीमा कम्पनी के कार्यालय में उपस्थित होकर बीमा पाॅलिसी की फण्ड वेल्यू तथा सरेण्डर  के बाद प्राप्त होने वाली राषि की जानकारी प्राप्त कर पाॅलिसी को सरेण्डर करवाया था । उसने फार्म भर कर हस्ताक्षर करते हुए बीमा कम्पनी कार्यालय में बीमा करवाया था  व बीमा कम्पनी द्वारा बीमा नियमों के अन्तर्गत कटौती कर देय राषि को प्रार्थी के बैंक खाते में जमा कराया था। जिसकी प्राप्ति को स्वयं प्रार्थी स्वीकार करता है । प्रार्थी द्वारा भेजे गए ई-मेल का अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा समय समय पर उत्तर दिया गया था । यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि कम्प्यूटर में सोफ्टवेयर की त्रुटिवष देय राषि की सरेण्डर वेल्यू की गणना अधिक हो जोन के कारण प्रार्थी को गणना सीट जारी की गई थी जो प्रभावी तारीख  तक ही देय होती है । प्रतिदिन  सिस्टम  केलकुलेषन के अनुसार सरेण्डर वेल्यू घटतमी-बढती रहती हैं ।  परिवाद खारिज होने योग्य बतलाया ।
 5.    हमने परस्पर तर्क सुने हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी अवलोकन कर लिया हैं । 
6.     स्वीकृत रूप से अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रार्थी को उसके द्वारा चाही गई जानकारी के अनुसार ली गई पाॅलिसी की सरेण्डर वेल्यू  रू. 33,407/7 बताते हुए दिनांक 14.5.2013 को लिखित में सूचित किया गया है।  इसका अर्थ यह है कि  प्रार्थी ने ली गई बीमा पाॅलिसी को सरेण्डर करने से पूर्व अप्रार्थी बीमा कम्पनी से सरेण्डर वेल्यू बाबत् जानकारी चाही गई थी व ्उसे उपरोक्त अनुसार  सरेण्डर वेल्यू की जानकारी दी गई ।  अप्रार्थी बीमा कम्पनी के दिनंाक 17.5.2013 के लिखित दस्तावेज के अनुसार भी प्रार्थी को इस बाबत् वही पुनः जानकारी दी गई  है । यह जानकारी दिनंाक 14.5.23013 को चाही गई जानकारी जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां  रजिस्टर  की गई है, के अनुसार भी सरेण्डर वेल्यू रू. 33,407.74 पै.  ही दषाई गई है । प्रार्थी के पत्र दिनंाक 17..5.2013 जो उसके द्वारा अप्रार्थी को लिखा गया है,  की फोटोप्रति के अनुसार उसने अप्रार्थी के समक्ष उपरोक्त अनुसार  जानकारी देेते हुए पाॅलिसी की फेस वेल्यू रू. 33407.74 पै के स्थान पर रू. 28699/- की राषि उसके खाते में जमा होने के कारण अन्तर की राषि बाबत् अप्रार्थी बीमा कम्पनी को  पुनः विचार करने हेतु लिखा है । इसके बाद विभिन्न ई-मेल  को देखने से यह प्रकट होता है कि प्रार्थी ने  अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष बार बार सम्पर्क किया । यदि गणना में किसी प्रकार की कोई त्रुटि थी तो दिनंाक 14.5.2013 के पष्चात्  17.5.2013 को प्रार्थी के वर्तमान निवेदन के संदर्भ में फेस वेल्यू की राषि एक समान नहीं दर्षाई गई होती । गणना की त्रुटि के लिए इन हालात में प्रार्थी को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता  । यदि गणना में किसी प्रकार की कोई  त्रुटि थी, तो यह त्रुटि दिनंाक 17.5.2013 को प्रार्थी को सूचित किए जाने के समय भी ठीक कर ली गई होती  तो  भी ण्प्रार्थी को आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ता । चूंकि ऐसा नहीं किया जाकर प्रार्थी के बैंक खाते में बताई गई सूचना के अनुसार राषि जमा नहीं करवाई जाकर कम राषि जमा करवाई गई है ।  अतः इसके लिए सीधे तौर पर अप्रार्थी बीमा कम्पनी जिम्मेदार है व सेवा में कमी  तथा त्रुटिपूर्ण कृत्य के लिए  उत्तरदायी है । 
7.    सार यह है कि प्रार्थी का परिवाद स्वीकार किए जाने येाग्य है एवं आदेष है कि 
                         :ः- आदेष:ः-
8.    (1)    प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से अतिरिक्त काटी गई  राषि 4709/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा  । 
            (2)       प्रार्थी अप्रार्थी  बीमा कम्पनी से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू. 2500/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 2500/- भी प्राप्त करने का  भी अधिकारी होगा । 
            (3)    क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 19.05.2016  को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
           
 
 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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