जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-78/2010
सन्तराम पाण्डेय उभ्र लगभग 50 साल पुत्र स्व दुपई पाण्डेय निवासी ग्राम कुढ़ा केषवपुर परगना हवली अवघ तहसील सदर जिला फेैजाबाद । .............परिवादी
बनाम
बजाज एलायन्ज जनरल इन्ष्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, 04 सहनजप रोड, हजरतगंज लखनऊ द्वारा षाखा प्रबन्धक। .......... विपक्षी
निर्णय दिनाॅंक 03.11.2015
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या।
निर्णय
परिवादी के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादी ट्रक नं0 यू पी सी 7231 का पंजीकृत, स्वामी है। परिवादी ने ट्रक का पूर्ण बीमा विपक्षी कम्पनी से कराया था। परिवादी की ट्रक दिनंाक 07.12.2007 को किसी वाहन गलत तरीके से लड़ गया, जिससे परिवादी की ट्रक क्षति ग्रस्त हो गयी, परिवादी के ट्रक क्षतिग्रस्त होने के कारण नुकसान होने पर वाहन को बनवाने अथवा नुकसान का पैसा विपक्षी से मिलना चाहिये। विपक्षी की कम्पनी से परिवादी के वाहन का सर्वे सर्वेयर द्वारा किया जा चुका है। परिवादी द्वारा अपनी गाड़ी बनवाने हेतु अथवा बीमे के लाभ को प्राप्त करने हेतु विपक्षी से कई बार लिखित व मौखिक निवेदन किया, परन्तु विपक्षी अथवा उसकी कम्पनी द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। परिवादी ने स्वयं के पैसे से मरम्मत करायी। वाहन को बनवाने में परिवादी का लगभग रूपये 1,20,000/- खर्च हुआ, वाहन बनवाने की धनराषि की माँग परिवादी ने विपक्षी से बराबर करता रहा, परन्तु विपक्षी द्वारा बार-बार आष्वासन दिया जा रहा था, परन्तु काफी समय बीत जाने पर भी विपक्षी ने वाहन बनवाने की राषि का भुगतान नहीं किया, परिवादी ने दिनंाक 16.03.2010 को विपक्षी को विधिक नोटिस दिया परन्तु विपक्षी ने न तो नोटिस का जवाब दिया, और न ही परिवादी को उसके पैसे का भुगतान ही किया। इसलिये परिवादी ने श्रीमान जी के समक्ष परिवाद दाखिल किया। परिवादी को विपक्षी से रूपये 17,000/-, 12 प्रतिषत वार्शिक ब्याज व खर्चा मुकदमा दिलाया जाय।
विपक्षी ने अपना लिखित कथन दाखिल किया तथा कथित किया है कि परिवादी द्वारा आज तक वाहन के दुर्धटनाग्रस्त होने की कोई जानकारी उत्तरदाता को नहीं दी है। उत्तरदाता के कार्यालय में परिवादी के वाहन के सम्बन्ध में कोई क्लेम आज तक नहीं पंजीकृत हुआ है। परिवादी ने अपने वाहन को दुर्धटनाग्रस्त होना वर्श 2007 में बताया है, जो स्पश्ट करता है कि परिवादी का परिवाद काल बाधित है। परिवाद विपक्षी उत्तरदाता से अनुचित लाभ प्राप्त करने की नियत से किसी षातिर दिमांग की षह पर प्रस्तुत किया गया है। परिवादी उत्तरदाता के कार्यालय में वाहन के दुर्धटनाग्रस्त होने की सूचना देता तो निष्चित रूप से विपक्षी उत्तरदाता के कार्यालय में विधिसम्मत रूप से उसका निस्तारण किया जाता। वर्णित तथ्यों व कारणों के आधार पर प्रस्तुत परिवाद, विपक्षी उत्तरदाता के पक्ष में सव्यय निरस्त करने की कृपा की जावे।
पत्रावली का भली भांति परिषीलन किया। परिवादी एवं विपक्षी द्वारा दाखिल साक्ष्यों व प्रपत्रों का अवलोकन किया। परिवादी ने अपने पक्ष के समर्थन में बीमा पालिसी की छाया प्रति दाखिल की है, किन्तु परिवादी ने अपने पक्ष के समर्थन में विपक्षी बीमा कम्पनी को सूचना दिये जाने का कोई प्रमाण दाखिल नहीं किया है। परिवादी ने विपक्षी को दिये गये विधिक नोटिस दिनांक 12.03.2010 की कार्बन प्रति दाखिल की है जो वाहन की दुर्घटना के दो वर्श बाद की है। परिवादी ने नोटिस के पूर्व विपक्षी को किस माध्यम से सूचना दी इसका कोई प्रमाण दाखिल नहीं किया है। जब कि विपक्षी ने कहा है कि परिवादी ने विपक्षी को वाहन के दुर्घटना की कोई सूचना नहीं दी है और जो नोटिस दिया है वह भी काल बाधित है। परिवादी ने अपने वाहन की मरम्मत का कोई कागज दाखिल नहीं किया है। परिवादी अपना परिवाद प्रमाणित करने में असफल रहा है। विपक्षी बीमा कम्पनी ने अपनी सेवा मंे कोई कमी नहीं की है। परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। इसके अतिरिक्त विपक्षी का कोई कार्यालय फैजाबाद में नहीं है और परिवादी के वाहन की बीमा लखनऊ से कराया गया है, इस आधार पर परिवादी का परिवाद इस फोरम को सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं है। परिवादी का परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 11(2)क से बाधित होने के कारण भी खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 03.11.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष