Final Order / Judgement | दायरे का दिनांक: 02.02.2011 दर्ज किये जाने का दिनांक: 07.02.2011 निर्णय का दिनांक: 17.05.2017 न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-।।, मुरादाबाद। उपस्थित:- - श्री पवन कुमार जैन .............. अध्यक्ष।
- श्रीमती मंजू श्रीवास्तव ...... सामान्य सदस्य।
परिवाद संख्या- 13/2011 श्रीमती पम्मी देवी पत्नी स्व0 श्री देवेन्द्र कुमार निवासनी ग्राम तुड़माफी पोस्ट कोठी खिदमतपुर तहसील अमरोहा व जिला जे0पी0 नगर। .......परिवादिनी। बनाम - बजाज एलायंज जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 द्वारा अपने शाखा प्रबनधक महोदय शाखा कार्यालय ए-17 गांधीनगर लवीना रेस्टोरेन्ट के सामने रामपुर, मुरादाबाद।
- बजाज एलायंज जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 द्वारा अपने प्रबन्धक महोदय कार्यालय 28 डाक्टर गोपालदास भवन 12 वीं मन्जिल बारहखम्भा रोड कनाट पैलेस नई दिल्ली-110001
- सहकारी गन्ना विकास समिति लि0 कांठ मुरादाबाद द्वारा सचिव प्रभारी महोदय। .......विपक्षीगण।
निर्णय द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादिनी ने यह उपशम मांगा है कि उसे अपने पति की मृत्यु के फलस्वरूप किसान आपदा निवारण बीमा योजना के अन्तर्गत विपक्षी सं0-1 व 2 से बीमा राशि दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 40,000/- रूपया परिवादिनी ने अतिरिक्त मांगे है।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी के पति स्व0 देवेन्द्र सिंह सहकारी गन्ना विकास समिति लिमिटेड कांठ जिला मुरादाबाद के विधिवत् सदस्य थे। किसान आपदा निवारण बीमा योजना के अन्तर्गत परिवादिनी के पति विपक्षी सं0-3 के माध्यम से क्रय किऐ गऐ यूरिया के कट्टों पर विपक्षी सं0-1 व 2 से बीमित थे उन्होने परिवादिनी को नामिनी नामित कर रखा था। परिवादिनी के पति ने दिनांक 1/6/2009 को यूरिया के 22 कटटे सहकारी गन्ना विकास समिति कांठ से रसीद सं0-343/50 द्वारा खरीदे थे। दिनांक 21/1/2010 को परिवादिनी के पति की ट्रैक्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई। परिवादिनी ने सारे दस्तावेज इकठठा करके विपक्षी सं0-3 के माध्यम से बीमा दावा विपक्षी सं0-1 व 2 के समक्ष प्रस्तुत किया जिसका भुगतान बार-बार अनुरोध के बावजूद विपक्षीगण ने नहीं किया। क्लेम राशि के भुगतान हेतु विपक्षी सं0-3 ने दिनांक 9/2/2010 एवं 15/4/2010 को स्मरण पत्र भी विपक्षी सं0-1 व 2 के कार्यालय में प्रेषित किऐ। भुगतान न होने पर परिवादिनी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से विपक्षी सं0-1 व 2 को कानूनी नोटिस भी दिनांक 18/11/2010 को दिलवाया इसके बावजूद विपक्षी सं0-1 व 2 ने क्लेम राशि का भुगतान नहीं किया। परिवादिनी के अनुसार विपक्षीगण के यह कृत्य गैर जिम्मेदाराना और अवैधानिक है। परिवादिनी ने उक्त कथनों के आधार पर परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादिनी द्वारा अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/6 दाखिल किया। परिवादिनी की ओर से अभिकथित रूप से विपक्षी सं0-2 को क्लेम प्रपत्र भेजे जाने विषयक विपक्षी सं0-3 के पत्र दिनांक 9/2/2010, क्लेम फार्म, दावे के भुगतान हेतु विपक्षी सं0-2 को प्रेषित पत्र दिनांकित 15/4/2010, ट्रैक्टर दुर्घटना में परिवादिनी के पति की मृत्यु हो जाने सम्बन्धी थानाध्यक्ष छजलैट को दी गई तहरीर, लाश के पंचनामें, जिलाधिकारी, अमरोहा के कार्यालय से जारी परिवार सत्यापन प्रमाण पत्र, पति के डेथ सर्टिफिकेट, उसके पोस्ट मार्टम, परिवार रजिस्टर की नकल, विपक्षी सं0-3 के कार्यालय में अनुरक्षित खाद विक्रय रजिस्टर तथा विपक्षी सं0-1 व 2 को भिजवाऐ गऐ कानूनी नोटिस की नकलों तथा नोटिस को भेजने की असल रसीदों को दाखिल किया गयाा। यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/7 लगायत 3/24 हैं।
- विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/3 दाखिल हुआ जिसमें परिवाद कथनों से इन्कार करते हुऐ विशेष कथनों में कहा गया कि परिवादिनी की ओर से उत्तरदाता बीमा कम्पनी को न तो क्लेम प्रपत्र प्राप्त हुऐ और न ही परिवाद में उल्लिखित कथित ट्रैक्टर दुर्घटना में परिवादिनी के पति की मृत्यु होने सम्बन्धी कोई सूचना ही प्राप्त हुई। परिवादिनी ने बीमा प्रपोजल फार्म तथा बीमा पालिसी आदि दाखिल नहीं किऐ, उसने यह भी नहीं बताया कि कथित बीमा पालिसी का नम्बर क्या है और पालिसी की अवधि क्या है। मृतक की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट की नकल भी उत्तरदातागण को उपलब्ध नहीं कराई। परिवादिनी के स्तर से बीमा पालिसी की शर्त सं0-6.5 का उल्लंघन हुआ है। उत्तरदाता विपक्षीगण ने अग्रेत्तर यह भी कथन किया कि परिवादिनी के पति सहकारी गन्ना विकास समिति लिमिटेड कांठ के सदस्य होना और किसान आपदा निवारण बीमा योजना के अन्तर्गत उसका बीमा होना उन्हें स्वीकार नहीं है। अग्रेत्तर यह कहते हुऐ कि परिवाद कालबाधित है, उत्तरदाता विपक्षीगण ने परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी सं0-3 की ओर से समिति के सचिव ने प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7 दाखिल किया जिसमें परिवादिनी के पति द्वारा दिनांक 1/6/2009 को यूरिया के 22 कटटे रसीद सं0-343/50 के माध्यम से खरीदा जाना और उसे संकट हरण योजना से आच्छादित होना तो स्वीकार किया गया है, किन्तु उक्त बीमा विपक्षी सं0-3 के माध्यम से होना स्वीकार नहीं किया गया है। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्तर कथन किया गया कि उत्तरदाता विपक्षी ने परिवादिनी का क्लेम अग्रसारित किया था। परिवादिनी द्वारा मांगे गऐ अनुतोषों के सम्बन्ध में उत्तरदाता ने कहा कि अनुतोष उत्तरदाता से सम्बन्धित नहीं है अत: इस पर पुन: कोई टिप्पणीं नहीं करना।
- परिवादिनी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-13/1 लगायत 13/4 दाखिल किया। परिवादिनी के समर्थन में चन्द्रभान सिंह पुत्र रामकिशोर ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र प्रस्तुत किया।
- विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से बीमा कम्पनी के डिप्टी मैनेजर –लीगल कौमुदी मिश्रा ने साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/3 दाखिल किया जिसके साथ बीमा पालिसी की शर्तों को उन्होंने बतौर संलग्नक प्रस्तुत किया, यह शर्तें पत्रावली के कागज सं0-14/4 लगायत 14/8 पर दृष्टव्य है। विपक्षी सं0-3 की ओर से साक्ष्य शपथ पत्र दाखिल नहीं हुआ। परिवादिनी ने 4 प्रपत्र कमश: कागज सं0-21/2 लगायत 21/5 दाखिल किऐ गऐ।
- दिनांक 9/9/2015 के आदेश द्वारा फोरम ने परिवादिनी को आदेशित किया था कि वह प्रश्नगत बीमा पालिसी की नकल और पत्रावली में अवस्थित प्रपत्र कागज सं0-3/7, 3/8 एवं 3/9 को विपक्षी सं0-1 व 2 को प्रेषित किऐ जाने का प्रमाण दाखिल करे। फोरम के इस आदेश के अनुपालन में विपक्षी सं0-3 के पैरोकार, द्वारा प्रार्थना पत्र कागज सं0-19/1 के माध्यम से 2 प्रपत्र क्रमश: कागज सं0-19/2 व 19/3 दाखिल किऐ। प्रार्थना पत्र कागज सं0-19/1 के अनुसार प्रपत्र कागज सं0-19/2 डिस्पेच रजिस्टर के उस पृष्ठ की फोटो प्रति है जिसके माध्यम से परिवादिनी ने बीमा दावा डिस्पेच किया था और प्रपत्र कागज सं0-19/3 वह पत्र है जो बीमा दावे के साथ विपक्षी सं0-3 के कार्यालय से विपक्षी सं0-1 एवं विपक्षी सं0-2 को भेजा गया था।
- परिवादिनी तथा विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से लिखित बहस दाखिल हुई। विपक्षी सं0-3 ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
- हमने परिवादिनी तथा विपक्षी सं0-1 व 2 के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी सं0-3 की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
- परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता ने पत्रावली में दाखिल साक्ष्य सामग्री एवं परिवाद कथनों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया और तर्क दिया कि बार-बार अनुरोध के बावजूद विपक्षी सं0-1 व 2 ने बीमा दावे का भुगतान न कर सेवा में कमी की है। परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी सं0-1 व 2 के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क दिया कि विपक्षी सं0-1 व 2 को परिवादिनी की ओर से कोई बीमा प्रपत्र प्राप्त नहीं हुऐ, अभिकथित रूप से दुर्घटना में परिवादिनी के पति की मृत्यु हुई इस तथ्य की उन्हें कोई जानकारी नहीं हुई। परिवादिनी अथवा विपक्षी सं0-3 की ओर से कोई बीमा पालिसी दाखिल नहीं की गई, यहां तक कि किसी पालिसी का पालिसी नम्बर तथा पालिसी की अवधि भी नहीं बताई गई। यह भी कहा गया कि वर्तमान मामले में बीमा पालिसी की शर्त सं0-6.5 का उल्लंघन हुआ है।
- परिवाद के कालबाधित होने का भी कथन उन्होंने किया। विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
- यह सही है कि पत्रावली पर कोई बीमा पालिसी अथवा पालिसी का नम्बर दाखिल नहीं किया गया है यहां तक कि परिवादिनी अथवा विपक्षी सं0-3 की ओर से यह भी नहीं बताया गया है कि जिस पालिसी के अधीन परिवादिनी बीमा दावे के भुगतान का आग्रह कर रही है उक्त पालिसी किस अवधि हेतु ली गई थी। परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता ने पत्रावली पर उपलब्ध ‘’ किसान आपदा निवारण बीमा योजना की संक्षिप्त जानकारी ‘’ की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया और कथन किया कि इस write-up के अवलोकन से स्पष्ट है कि परिवादिनी के पति बीमा पालिसी से आच्छादित थे और उनकी मृत्यु की तिथि अर्थात् 21/1/2010 को यह पालिसी उनके मामले में लागू थी, किन्तु हम परिवादिनी की ओर से दिऐ गऐ उक्त कथन से सहमत नहीं हैं। यह write-up पत्रावली का कागज सं0-21/3 लगायत 21/4 है। write-up के बिन्दु सं0-3 और 4 में यधपि यह उल्लेख है कि बीमा पालिसी खाद के बोरों की खरीदने की तारीख से 12 माह तक वै| होगी और खाद की रसीद ही बीमा प्रपत्र का कार्य करेगा, किन्तु विपक्षी सं0-3 एवं विपक्षी सं0-1 व 2 के मध्य बीमा के सन्दर्भ में अभिकथित रूप से हुऐ किसी अनुबन्ध पत्र के अभाव में यह write-up परिवादिनी के लिए सहायक नहीं हो सकता। जब तक कि परिवादिनी की ओर से स्पष्ट न कर दिया जाऐ कि विपक्षी सं0-3 एवं विपक्षी सं0-1 व 2 के मध्य ऐसा कोई बीमा अस्तित्व में था एवं तत्सम्बन्धी कोई एग्रीमेंट पक्षकारों के मध्य हुआ था तब तक यह नहीं माना जा सकता कि परिवादिनी के पति इस write-up में इंगित किसी पालिसी से आच्छादित थे। यहां इस बात का उल्लेख करना भी समीचीन होगा कि विपक्षी सं0-3 ने यधपि अपने प्रतिवाद पत्र में यह कहा है कि परिवादिनी के पति संकट हरण बीमा योजना से कवर्ड थे, किन्तु विपक्षी सं0-3 ऐसा कोई डाकुमेंट पत्रावली पर दाखिल नहीं कर पाऐ जिससे यह प्रमाणित हो कि ऐसी कोई योजना विपक्षी सं0-3 एवं विपक्षी सं0-1 व 2 के मध्य अस्तित्व में आई थी जिससे परिवादिनी के पति कवर्ड थे। विपक्षी सं0-3 तथा विपक्षी सं0-1 व 2 के मध्य बीमा हेतु हुऐ किसी एग्रीमेंट के अभाव में परिवादिनी का यह कथन स्वीकार किऐ जाने योग्य नहीं है कि उसे उसके पति की मृत्यु के फलस्वरूप विपक्षी संव-1 व 2 से बीमा राशि दिलाई जाऐ।
- परिवादिनी ने अपने साक्ष्य शपथ पत्र के पैरा सं0-8 (पत्रावली का पृष्ठ सं0-13/3) में उल्लेख किया है कि बीमा दावे के भुगतान हेतु विपक्षी सं0-3 ने दिनांक 9/2/2010 एवं 25/4/2010 को स्मरण पत्र विपक्षी सं0-1 एवं विपक्षी सं0-2 को भिजवाऐ थे, किन्तु परिवादिनी उक्त तथ्यों को प्रमाणित करने में असफल रही है। फोरम के आदेश दिनांकित 9/4/2015 के अनुपालन में विपक्षी सं0-3 के पैरोकार द्वारा एक प्रार्थना पत्र कागज सं0-19/1 के माध्यम से दिनांक 9/2/2010 के उक्त पत्र जिसे बीमा दावे के भुगतान हेतु विपक्षी सं0-3 द्वारा विपक्षी सं0-1 व 2 को पंजीकृत डाक से भेजा जाना बताया गया है, की नकल और उस पत्र को डिसपेच किऐ जाने सम्बन्धी डिसपेच रजिस्टर और डाकखाने की रसीदों की नकल पत्रावली में दाखिल की गई, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-19/2 एवं 19/3 हैं। पत्र कागज सं0-19/3 इफको टोकियो जनरल इंश्यारेंस कम्पनी लिमिटेड गुडगांव को भेजा जाना प्रदर्शित है। डिसपेच रजिस्टर की नकल कागज सं0-19/2 के अनुसार परिवादिनी के पति का क्लेम फार्म, पत्र कागज सं0-19/3 में उल्लिखित पते पर दिनांक 9/2/2010 को डिसपेच किया गया था। उल्लेखनीय है कि परिवादिनी क्लेम का भुगतान बजाज एलायंज जनरल इंश्योरेंस कम्पनी से मांग रही है जबकि पत्र कागज सं0-19/3 के माध्यम से अभिकथित रूप से उसका क्लेम फार्म इफको टोकियों जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड को भेजा जाना प्रदर्शित है। अभिलेखों से परिवादिनी की ओर से क्लेम प्रपत्र विपक्षी सं0-1 व 2 को भेजा जाना प्रमाणित नहीं है ऐसी दशा में विपक्षी सं0-1 एवं विपक्षी सं0-2 के यह कथन स्वीकार किऐ जाने योग्य है कि उन्हें प्रश्नगत मामले में कोई क्लेम प्रपत्र कभी प्राप्त ही नहीं हुऐ।
- विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से दाखिल बीमा पालिसी की शर्तें पत्रावली के कागज सं0-14/4 लगायत 14/8 पर दृष्टव्य हैं। पालिसी की शर्त सं0-6.5 (पत्रावली के कागज सं0-14/7 पर दृष्टव्य) के अनुसार मृत्यु की दशा में 14 दिन के भीतर घटना की लिखित सूचना बीमा कम्पनी को प्रेषित की जानी चाहिए। पत्रावली पर ऐसा कोई प्रपत्र दाखिल नहीं किया गया है जिससे प्रकट हो कि परिवादिनी के स्तर से अथवा परिवादिनी की ओर से पालिसी की इस शर्त की पूर्ति की गई थी। परिवादिनी के अनुसार उसके पति की मृत्यु दिनांक 21/1/2010 को हुई थी। दिनांक 9/2/2010 का पत्र कागज सं0-17/3 विपक्षी सं0-1 व 2 को सम्बोधित न होकर गुडगांव स्थित किसी इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी को भेजा जाना प्रदर्शित है। अत: किसी भी दृष्टि से पालिसी की शर्त सं0-6.5 का अनुपालन होना प्रकट नहीं है।
- जहॉं तक परिवाद के कालबाधित होने विपषयक विपक्षी सं0-1 व 2 की आपत्ति का प्रश्न है उक्त आपत्ति निरर्थक और आधारहीन दिखाई देती है क्योंकि परिवादिनी के पति की मृत्यु दिनांक 21/1/2010 को होना बताई गई है और परिवाद इस दुर्घटना के 2 वर्ष के भीतर योजित कर दिया गया है ऐसी दशा में परिवाद कालबाधित नहीं कहा जा सकता।
- उपरोक्त सम्पूर्ण विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि परिवादिनी विपक्षीगण से कोई अनुतोष पाने की अधिकारिणीं नहीं है। परिवाद खारिज होने योग्य है।
आदेश परिवाद खारिज किया जाता है। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
17.05.2017 17.05.2017 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 17.05.2017 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
17.05.2017 17.05.2017 निर्णय पारित किया गया। आदेश हुआ कि ‘’ परिवाद खारिज किया जाता है। ‘’ (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
17.05.2017 17.05.2017 | |