Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/136/2014

Shri Sachin Rastogi - Complainant(s)

Versus

Bajaj Allianz General Insurance Company - Opp.Party(s)

18 May 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/136/2014
 
1. Shri Sachin Rastogi
R/o Moh. Cocha Fareshaan Lohaghar, Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Bajaj Allianz General Insurance Company
Branch 173 B First Floor Spring Field School, Delhi Road, Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Azra Khan MEMBER
 HON'BLE MRS. Manju Srivastava MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

एकपक्षीय निर्णय

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण को  आदेशित किया जाऐ कि वे परिवादी को उसके द्वारा खरीदी गई बीमा पालिसी की धनराशि 50000/- रूपया एवं उस पर 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज अदा करें। परिवाद व्‍यय परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगा है।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षीगण से  एक बीमा पालिसी दिनांक 11/6/2009 को खरीदी थी जिसका प्रीमियम 50000/- रूपया अदा किया गया। पालिसी की संख्‍या-0129868453 थी और इसे परिवादी ने विपक्षी सं0-1 के एजेन्‍ट से लिया था। परिवादी अगले वर्षों का प्रीमियम अदा नहीं कर पाया। पालिसी के फोर क्‍लोज होने के कारण दिनांक  01/8/2014  को  परिवादी  ने अदा किऐ गऐ प्रीमियम की वापिसी हेतु विपक्षी सं0-1 को आवेदन किया। विपक्षीगण की अपेक्षानुसार परिवादी ने अपनी वोटर आई0डी0, पैन कार्ड, बैंक खाते का कैंसिल चैक इत्‍यादि विपक्षीगण को उपलब्‍ध करा दिऐ उन्‍होंने एक सप्‍ताह में भुगतान का वायदा किया किन्‍तु परिवादी को रिफण्‍ड  नहीं मिला। पूछताछ करने पर विपक्षी सं0-2 के कार्यालय लिपिक ने  परिवादी को बताया कि उसका चैक भेजा जा चुका है जो शीघ्र ही उसे  मिल जाऐगा। परिवादी ने प्रतीक्षा की किन्‍तु न तो उसे चैक मिला और न ही उसके खाते में रूपया ट्रांसफर किया गया। परिवादी ने विपक्षीगण को  कानूनी नोटिस भी भिजवाऐ किन्‍तु परिवादी को पैसा नहीं मिल पाया। परिवादी ने यह कहते हुऐ कि विपक्षीगण के कृत्‍य सेवा में कमी हैं, परिवाद  में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/5 दाखिल किया जिसके साथ बतौर संलग्‍नक  उसने पालिसी डाकुमेंट, पालिसी शिडयूल, प्रथम किश्‍त के भुगतान की रसीद, प्रीमियम रेगूलर जमा  करने सम्‍बन्‍धी इन्‍स्‍ट्रक्‍संन्‍स, पालिसी की शर्तों, पालिसी हेतु परिवादी द्वारा किऐ गऐ आवेदन, पालिसी को फोर क्‍लोज किऐ जाने सम्‍ब्‍न्‍धी विपक्षीगण  की ओर से परिवादी को भेजे गऐ पत्र, विपक्षीगण को भेजे गऐ कानूनी नोटिस तथा नोटिस भेजे जाने की डाकखाने की रसीदों की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह संलग्‍नक पत्रावली के कागज सं0-3/7 लगायत 3/27 हैं।
  4.   विपक्षीगण पर नोटिस तामील हुऐ किन्‍तु बावजूद तामीला न तो वे  फोरम के समक्ष उपस्थित हुऐ और न उन्‍होंने प्रतिवाद पत्र दाखिल किया अत: फोरम के आदेश  दिनांक 29/6/2015 द्वारा परिवाद की सुनवाई उनके विरूद्ध एकपक्षीय की गई।
  5.   एकपक्षीय साक्ष्‍य में परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/4 दाखिल किया। परिवादी ने संलग्‍नकों सहित अपना अतिरक्‍त साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/5 भी दाखिल किया।
  6.   परिवादी की ओर से लिखित बहस दाखिल हुई।
  7.   विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
  8.   हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना और  पत्रावली  का अवलोकन किया। विपक्षीगण की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं  हुऐ।
  9.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवादी के साक्ष्‍य शपथ पत्र  और अतिरिक्‍त साक्ष्‍य शपथ पत्र में उल्लिखित कथनों  की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित किया और तर्क दिया कि परिवादी की ओर  से जो साक्ष्‍य प्रस्‍तुत किया गया है उससे उसके परिवाद कथन एकपक्षीय सिद्ध हुऐ हैं। उनका यह भी कथन है कि पालिसी के फोर क्‍लोज हो जाने और परिवादी के बार-बार अनुरोध के बावजूद विपक्षीगण ने उसे पालिसी की फोर क्‍लोज रकम अदा नहीं की है। 
  10.    परिवादी द्वारा दाखिल अतिरिक्‍त साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/2 के साथ दाखिल पत्र कागज सं0-12/4 के अवलोकन से स्‍पष्‍ट है कि परिवादी की पालिसी की फोर किलोज्‍ड धनराशि अंकन 59804/- रूपया का चैक विपक्षी ने परिवादी के नाम के किसी अन्‍य व्‍यक्ति  को भेज दिया था। विपक्षीगण के इस पत्र दिनांक 04/3/2016 में यह भी  उल्‍लेख है कि 59804/- रूपये की यह धनराशि परिवादी को नहीं मिली है। विपक्षीगण ने जिस व्‍यक्ति को गलती से चैक भेज दिया था  उससे धनराशि की वसूली करने अथवा न करने का विषय विपक्षीगण और उस व्‍यक्ति के बीच का विषय है किन्‍तु उक्‍त कारण से परिवादी को देय धनराशि के भुगतान में विपक्षीगण के स्‍तर से विलम्‍ब किया जाना उचित नहीं कहा जा सकता। हमारे मत में 59804/- रूपये की धनराशि परिवादी को  विपक्षीगण से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित दिलाई जानी चाहिऐ। ब्‍याज  की धनराशि की गणना गलती से भेजे गऐ चैक की तिथि अर्थात् 15/7/2014 से होगी। परिवादी को विपक्षीगण से परिवाद व्‍यय की मद में 2500/- रूपया अतिरिक्‍त दिलाया जाना भी हम न्‍यायोचित समझते हैं। तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                          दिनांक 15/7/2014 से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज सहित 59804/- (उनसठ हजार आठ सौ चार रूपया) की धनराशि की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में और विपक्षीगण के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षीगण से 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) वाद व्‍यय अतिरिक्‍त पाने का  अधिकारी होगा। समस्‍त धनराशि की अदायगी इस आदेश की तिथि से  एक माह के भीतर की जायँ।

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)  (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य          सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     18.05.2016        18.05.2016        18.05.2016

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 18.05.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)  (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य          सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

       18.05.2016       18.05.2016        18.05.2016

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Azra Khan]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Manju Srivastava]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.