Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/80/2012

Shri Zahid Hussain - Complainant(s)

Versus

Bajaj Allianz General Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

09 Jul 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/80/2012
 
1. Shri Zahid Hussain
Village Mansurpur Mafi Post Shahwazpur kala Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Bajaj Allianz General Insurance Company Ltd.
Parsavnath Palaza Delhi Road Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने अनुरोध किया है कि विपक्षीगण से उसे मोटर साईकिल क्‍लेम का रूपया मुवलिंग 7,408/- (सात हजार चार सौ आठ रूपया) ब्‍याज सहित दिलया जाये। कारोबारी नुकसान की मद में 20,000/- (बीस हजार रूपया) तथा अधिवक्‍ता शुल्‍क की मद में 5,000/- (पाँच हजार रूपया) परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन  इस प्रकार है कि उसकी मोटर साईकिल सं0-यू0पी021 ए0बी0-9801 दिनांक 22/07/2011 को दुर्घटनाग्रस्‍त हो गयी थी, घटना के समय उसकी मोटर साईकिल विपक्षीगण से बीमित थी। परिवादी ने विपक्षीगण से क्‍लेम के लिए आवेदन किया। दुर्घटनाग्रस्‍त मोटर साईकिल का सर्वे करने के लिए श्री सौरभ मिश्रा सर्वेयर आये जिन्‍होंने परिवादी से अवैध धन की मांग की, परिवादी ने उसे स्‍वीकार नहीं किया। परिवादी के अनुसार मोटर साईकिल ठीक कराने में उसका 7,408/- (सात हजार चार सौ रूपया) खर्चा हुआ, किन्‍तु विपक्षीगण ने क्‍लेम मात्र 244/- (दो सौ चौबालिस रूपये) का दिया जो बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन है। परिवादी के अनुसार उसने विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भी दिया, किन्‍तु उन्‍होंने नोटिस का कोई जबाब नहीं दिया। परिवादी के अनुसार मजबूर होकर उसे यह परिवाद योजित करना पड़ा।
  3.   विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/3 दाखिल हुआ जिसमें अभिकथित दुर्घटना के समय परिवादी की मोटर साईकिल विपक्षीगण से बीमित होना तथा दिनांक 22/07/2011 को होनी बतायी गयी अभिकथित दुर्घटना का बीमा दावा विपक्षीगण के समक्ष प्रस्‍तुत किया जाना तो स्‍वीकार किया गया किन्‍तु शेष कथनों से विपक्षीगण ने इ्रन्‍कार किया। विपक्षीगण ने अग्रेत्‍तर कथन  किया कि परिवाद में लगाऐ गऐ आरोप मिथ्‍या हैं। नियमानुसार बीमा कम्‍पनी ने बीमा दावे के रूप में 245/- (दो सौ पैतालिस रूपये) का चैक फुल एण्‍ड फाइनल सेटिलमेंट में परिवादी को दिया था जिसे फुल एण्‍ड फाइनल सेटिस्‍फेक्‍शन के रूप में परिवादी ने प्राप्‍त कर लिया है। कानूनन वह परिवाद में अनुरोधित अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। विपक्षीगण ने परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  4.   परिवाद के साथ परिवादी ने विपक्षीगण की ओर से 244/- रूपया का बीमा दावा स्‍वीकृत करके उसका चैक भेजे जाने के पत्र दिनांकित 13/09/2011, स्‍कूटर की मरम्‍मत में हुऐ खर्च की कैश मीमो, बीमा कवरनोट, मोटर साईकिल की आर0सी0 तथा परिवादी द्वारा विपक्षी को भेजे गऐ गये नोटिस की फोटो प्रतियों को दाखिल किया है। परिवादी ने विपक्षीगण को भेजे गऐ एक अन्‍य कानूनी नोटिस दिनांकित 24/09/2011 की कापी और उसे भेजे जाने की डाकखाने की असल रसीद को भी दाखिल किया, यह प्रपत्र कागज सं0- 3/5 लगायत 3/13 हैं।
  5.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-3/1 लगायत 3/3 दाखिल किया। विपक्षीगण की ओर से बीमा कम्‍पनी के एग्‍जीक्‍यूटिव-लीगल श्री अं’शुल अग्रवाल का शपथ पत्र कागज सं0-11 दाखिल हुआ। इसके अतिरिक्‍त विपक्षीगण की ओर से सूची कागज सं0- 14/2 के माध्‍यम से परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत बीमा दावे के आवेदन तथा क्‍लेम प्राप्ति की असल रसीद को भी दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र कागज सं0-14/3 व 14/4 हैं।
  6.   हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
  7.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि मोटर साईकिल रिपेयर में यधपि उसके 7,408/- रूपया खर्च हुऐ थे, किन्‍तु जानबूझकर विपक्षीगण ने मात्र 244/- रूपया का उसे भुगतान किया और ऐसा करके विपक्षीगण ने सेवा में कमी की है। प्रत्‍युत्‍तर में विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने हमारा ध्‍यान परिवादी  द्वारा हस्‍ताक्षरित डिसचार्ज बाउचर कागज  सं0- 14/4 की ओर आकर्षित किया और कहा कि परिवादी ने बीमा दावे के रूप में 245/- रूपये की धनराशि फुल एण्‍ड फाइनल सेटिलमेन्‍ट के रूप में प्राप्‍त की थी, अत: परिवादी अब  बीमा दावे के रूप  में अब किसी धनराशि की मांग नहीं कर सकता। हम विपक्षीगण के विद्वान अधिवकता के तर्कों से सहमत हैं।
  8.   2013(2) सी0पी0आर0 पृष्‍ठ-235, मैसर्स श्री बालाजी वूलन मिल्‍स बनाम ओरियन्‍टल इश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड के मामले में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा यह व्‍यवस्‍था दी गयी है कि यदि बीमित ने बीमा दावे के रूप में फुल एण्‍ड फाइनल सेटिलमेन्‍ट में बीमा कम्‍पनी से धनराशि स्‍वेच्‍छा से स्‍वीकार कर ली है और प्राप्ति स्‍वीकृति के रूप में डिसचार्ज बाउचर पर स्‍वेच्‍छा से हस्‍ताक्षर कर दिये हैं तब बीमित व्‍यक्ति बीमा दावा को रिऐजीटेट नहीं कर सकता।
  9.   डिसचार्ज बाउचर पर परिवादी से हस्‍ताक्षर दबाव अथवा धोखे में कराया जाना प्रकट नहीं है। परिवादी का इस तरह का कोई आरोप भी नहीं है। चॅूंकि 245/- रूपये स्‍वीकार कर परिवादी ने डिसचार्ज बाउचर पर फुल एण्‍ड फाइनल सेटिलमेन्‍ट में स्‍वेच्‍छा से हस्‍ताक्षर किये हैं अत: मैसर्स  बालाजी वूलन  मिल्‍स की उपरोक्‍त विधि के दृष्टिगत परिवादी बीमा दावे को रिऐजीटेट करने से बिबन्धित है।
  10.   हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि परिवाद खारिज होने योग्‍य है जिसे तदानुसार खारिज किया जाता है।

 

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

  (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)     (पवन कुमार जैन)

        सदस्‍य                 सदस्‍य             अध्‍यक्ष

   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद।  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     09.07.2015           09/07/2015        09.07.2015

 

  1.  

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 09.07.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

(श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)     (पवन कुमार जैन)

      सदस्‍य               सदस्‍य               अध्‍यक्ष

  • 0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद।  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

  09.07.2015          09/07/2015           09.07.2015

 

 

 

 

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