(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष्ा आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-176/2019
(जिला उपभोक्ता आयोग, वाराणसी द्वारा परिवाद संख्या-83/2009 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 25.01.2019 के विरूद्ध)
श्रीमती सुनीता देवी पत्नी श्री ध्रुवजी, निवासिनी मकान नं0-डी-57/37, स्थित मोहल्ला कृष्णा पुरी कालोनी, सिगरा, जिला वाराणसी, प्रोपराइटर।
अपीलार्थी/परिवादिनी
बनाम
बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, रजिस्टर्ड आफिस जीई प्लाजा, ऐयरर्पोट रोड, यर्वदा, पूणे तथा तीन अन्य।
प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री रमेश कुमार राय, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री विवेक कुमार सक्सेना, विद्वान
अधिवक्ता।
दिनांक : 12.09.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता आयोग, वाराणसी द्वारा परिवाद संख्या-83/2009, श्रीमती सुनीता देवी बनाम बजाज एलियांज जनरल इं0कं0लि0 व तीन अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 25.01.2019 के विरूद्ध परिवादिनी/प्रोपराइटर द्वारा योजित की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा परिवाद निरस्त गया है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादिनी सोने चांदी के गहने और अन्य गिफ्ट के सामान बेचती है, उसकी दुकान दिनांक
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06.01.2008 से 05.01.2009 की मध्य रात्रि तक बीमित थी। परिवादिनी द्वारा प्रीमियम के रूप में अंकन 16,742/- रूपये अदा किए गए थे और इंश्योर्ड संपत्ति की धनराशि अंकन 04 लाख रूपये थी तथा मु0 01 लाख रूपये की धनराशि का बीमा जेम्स एण्ड ज्वेलरी से संबंधित था तथा मु0 02 लाख रूपये का बीमा सामानो के लिए था। परिवादिनी की दुकान में दिनांक 1/2.02.2008 की रात में चोरी हो गई और उसने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई तथा बीमा कंपनी को सूचित किया तथा बीमा क्लेम अंकन 08 लाख रूपये के लिए प्रस्तुत किया।
विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी के कथनों से इंकार किया गया। विपक्षीगण द्वारा कथन किया गया कि परिवादिनी का प्रतिष्ठान दिनांक 06.01.2008 से दिनांक 05.01.2009 की अवधि के लिए ज्वेलर्स ब्लाक इंश्योरेंस में वर्णित विभिन्न शर्त एवं अपवर्जन शर्त के साथ निर्गत हुई बीमा पालिसी के अनुसार सेफ के बाहर रह गए सामानों की क्षति देय नहीं है।
हमारे द्वारा उपरोक्त निर्णय एवं आदेश का परिशीलन किया गया।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री रमेश कुमार राय तथा प्रत्यर्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री विवेक कुमार सक्सेना को अंतिम रूप से सुनने के उपरांत यह पाया गया कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, वह उचित नहीं है।
श्री अश्विनी गुप्ता, चार्टर्ड अकाउण्टेंट द्वारा लॉस असेस किया गया है वह निम्नवत है :-
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" Admissible of Claim:
Exlusion 12 of the Policy states that Loss or damage to property whilst in window display at night or whilst kept out of the safes after business hours.
General Condition No. 27 provides that "if the value of property at any place were in excess of Rs. 2 lacs the same should be stored overnight or during non business hours in a Burglar proff safe.
Since the total value of tocks is more than 2 lacs hence the above loss is also not covered under the policy.
This concludes our report which is issued without prejudice and is subject to terms, conditions, exceptions and exclusions contained in the policy under which the claim arose."
हमारे द्वारा समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 25.01.2019 अपास्त करते हुए परिवाद इस सीमा तक स्वीकार किया जाता है कि विपक्षीगण परिवादिनी को अंकन 2,00,000/- रूपये का भुगतान परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से साधारण ब्याज सहित 01 माह की अवधि में अदा करें।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश
को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-1