Uttar Pradesh

StateCommission

A/1931/2018

Rakesh Kumar Tyagi - Complainant(s)

Versus

Bajaj Allianz General Insurance Co.Ltd - Opp.Party(s)

Sushil Kumar Mishra

17 Jan 2020

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2642/2016
( Date of Filing : 24 Oct 2016 )
(Arisen out of Order Dated 23/07/2016 in Case No. C/358/2013 of District Gautam Buddha Nagar)
 
1. Bajaj Allianz General Insurance Co.
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Rakesh Kumar Tyagi
Gautam Buddha Nagar
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/1931/2018
( Date of Filing : 02 Nov 2018 )
(Arisen out of Order Dated 23/07/2016 in Case No. C/358/2013 of District Gautam Buddha Nagar)
 
1. Rakesh Kumar Tyagi
S/O Late Mangu Singh Tyagi R/O B-25 Kalyan Kunj Baraula Sector 49 Noida Distt. Gautam Buddha Nagar
...........Appellant(s)
Versus
1. Bajaj Allianz General Insurance Co.Ltd
1-DLF Industrial Plot Second Floor Moti Nagar New Delhi Through its Branch Manager
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 17 Jan 2020
Final Order / Judgement

                                                                                                                       (सुरक्षि‍त)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

 

                                                                                        अपील संख्‍या-2642/2016

 

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्‍या-358/2013 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23-07-2016 के विरूद्ध)

 

Bajaj Allianz General Insurance Company Ltd.,11/09, Silver Line Building, Civil Line, Opp. Elgin Retail Shop, Kanpur, Through Branch Office Bajaj Allianz General Insurance Company Ltd., 4th Floor Halwasia Commerce House, Habibullah Estate-11,M.G. Marg, Hazratganj Lucknow (U.P) through its Officer In-Charge.

                                                                                                         अपीलार्थी/विपक्षी

                              बनाम 

Rakesh Kumar Tyagi S/o Late Manju Singh Tyagi, Resident at B-25, Kalyal Kunj Baraoli, Sector-49, NOIDA, Distt-Gautambudh Nagar, Proprietor M/s Durga Tiles and Prefabs, Situated at B-2/21, Site-B, Surajpur, Industrial Area, Surajpur, Greator NOIDA, Distt. Gautambudh Nagar.

                                                                                                      प्रत्‍यर्थी/परिवादी

मक्ष:-

 माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :   विद्वान अधिवक्‍ता श्री दिनेश कुमार।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित :     विद्धान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार मिश्रा।

 

                                                                      अपील संख्‍या-1931/2018

 

Rakesh Kumar Tyagi S/o Late Manju Singh Tyagi, Resident at B-25, Kalyal Kunj Baraoli, Sector-49, NOIDA, Distt-Gautambudh Nagar, Proprietor M/s Durga Tiles and Prefabs, Situated at B-2/21, Site-B, Surajpur, Industrial Area, Surajpur, Greator NOIDA, Distt. Gautambudh Nagar.

 

                                                                                                          अपीलार्थी/परिवादी

                             

-2-

बनाम

                                        

Bajaj Allianz General Insurance Company Ltd.,11/09, Silver Line Building, Civil Line, Opp. Elgin Retail Shop, Kanpur, Through Branch Office Bajaj Allianz General Insurance Company Ltd., 4th Floor Halwasia Commerce House, Habibullah Estate-11,M.G. Marg, Hazratganj Lucknow (U.P) through its Officer In-Charge.

 

                                                                                                            प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

मक्ष:-

 माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :   विद्वान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार मिश्रा

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित :     विद्धान अधिवक्‍ता श्री दिनेश कुमार ।

 

 दिनांक- 27-02-2020

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

                                                                                                    निर्णय

 

परिवाद संख्‍या–358 सन् 2013 राकेश कुमार त्‍यागी बनाम          बजाज एलायंज जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, गौतमबुद्ध नगर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक-   23-07-2016 के विरूद्ध उपरोक्‍त अपील संख्‍या-2642/2016 बजाज एलांयज जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 बनाम राकेश कुमार त्‍यागी परिवाद के विपक्षी की ओर से और उपरोक्‍त अपील संख्‍या-1931/2018 राकेश कुमार त्‍यागी बनाम बजाज एलायंज जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 परिवाद के परिवादी की ओर से धारा- 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

 

 

-3-

 

दोनों अपीलें जिला फोरम के एक ही निर्णय के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी हैं। अत: दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक साथ संयुक्‍त निर्णय के द्वारा किया जा रहा है।

आक्षे‍पि‍त निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है :-

‘’ परिवादी का परिवाद, विपक्षी के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है, तथा विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वह आज से 30 दिन के अंदर परिवादी को 4,59,000/-रू0 भुगतान करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा परिवादी उक्‍त धनराशि पर परिवाद योजित किये जाने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 07 प्रतिशत की दर से साधारण वार्षिक ब्‍याज भी प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा। इसके अलावा परिवादी मानसिक संताप के मद में रू0 10,000/- तथा वाद व्‍यय के रूप में रू0 5,000/- प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा। निर्णय की प्रति उभयपक्ष को नियमानुसार निर्गत की जाये।"

 जिला फोरम के निर्णय व आदेश से उभय-पक्ष सन्‍तुष्‍ट नहीं हैं। अत: परिवाद के विपक्षी, बजाज एलायंज जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 ने उपरोक्‍त अपील संख्‍या-2642/2016 प्रस्‍तुत कर जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश को अपास्‍त करने का निवेदन किया है ज‍बकि परिवाद के परिवादी ने उपरोक्‍त अपील संख्‍या-1931/2018 राकेश कुमार त्‍यागी बनाम बजाज एलायंज जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 प्रस्‍तुत कर जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश को संशोधित कर मा‍नसिक कष्‍ट हेतु क्षतिपूर्ति 5,00,000/-रू० 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज एवं वाद व्‍यय के साथ दिलाए जाने का निवेदन किया है।

4

अपील की सुनवाई के समय दोनों अपीलों में परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार मिश्रा और विपक्षी बीमा कम्‍पनी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री दिनेश कुमार उपस्थित आए हैं।

मैंने दोनों अपीलों में उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

मैंने बीमा कम्‍पनी की ओर से प्रस्‍तुत लिखित तर्क का भी अवलोकन किया है।

     अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष विपक्षी बीमा कम्‍पनी के विरूद्ध इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि वह मेसर्स दुर्गा टायल्‍स प्रीफेब्‍स स्थित सूरजपुर ग्रेटर नोएडा का स्‍वामी है और उसकी यह फर्म वाहन संख्‍या- 16 पी- 9504 की पंजीकृत स्‍वामी है। उसका यह वाहन विपक्षी बीमा कम्‍पनी से दिनांक      18-04-2010 से दिनांक 17-04-2011 तक की अवधि के लिए बीमित था और बीमा अवधि में ही दिनांक 22-12-2010 को रात में जय दुर्गा दादरी, रोड बरौला नोएडा, जिला गौतमबुद्ध नगर से अज्ञात चोरों द्वारा उसके वाहन की चोरी कारित की गयी जिसके सम्‍बन्‍ध में सूचना पुलिस में दर्ज करायी गयी और बीमा कम्‍पनी को भी तुरन्‍त सूचना दी गयी। पुलिस ने विवेचना किया  परन्‍तु पुलिस वाहन बरामद नहीं कर सकी और अंतिम रिपोर्ट न्‍यायालय प्रेषित किया जिसे मजिस्‍ट्रेट द्वारा स्‍वीकार कर लिया गया तब परिवादी ने वाहन के क्‍लेम हेतु आवश्‍यक अभिलेख विपक्षी बीमा कम्‍पनी के यहॉं प्रस्‍तुत किये। बाद में विपक्षी बीमा कम्‍पनी के कर्मचारियों द्वारा कहा गया कि उसके द्वारा प्रस्‍तुत अभिलेख कार्यालय में खो गये हैं, उसे दोबारा कागजात देने होंगे। इस सम्‍बन्‍ध में पत्र भी उसे जारी किया गया। तब परिवादी ने पुन: कागजात बीमा

5

 

कम्‍पनी को भेजा फिर भी बीमा क्‍लेम का भुगतान उसे नहीं किया गया। अत: क्षुब्‍ध होकर उसने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया।

     जिला फोरम के समक्ष विपक्षी बीमा कम्‍पनी की ओर से लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया है और कहा गया है कि परिवाद गलत कथन के आधार पर प्रस्‍तुत किया गया है। लिखित कथन में विपक्षी बीमा कम्‍पनी की ओर से कहा गया है कि पालिसी की शर्त के अनुसार परिवादी को चोरी की लिखित सूचना बीमा कम्‍पनी को देना चाहिए था। परन्‍तु तुरन्‍त लिखित सूचना बीमा कम्‍पनी को नहीं दी गयी है और परिवादी ने वाहन की सुरक्षा के लिए पर्याप्‍त उपाय नहीं किये हैं। अत: उसने बीमा पालिसी की शर्त संख्‍या- 1 व 4 का उल्‍लंघन किया है। लिखित कथन में विपक्षी बीमा कम्‍पनी की ओर से कहा गया है कि बीमा कम्‍पनी की सेवा में कोई कमी नहीं है। परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला फोरम को नहीं है।

      जिला फोरम ने उभय-पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त यह माना है कि परिवादी ने वाहन की चोरी के सम्‍बन्‍ध में विपक्षी बीमा कम्‍पनी को तुरन्‍त सूचना दी है। जिला फोरम ने माना है कि यह नहीं कहा जा सकता है कि परिवादी ने वाहन की चोरी के सम्‍बन्‍ध में विपक्षी बीमा कम्‍पनी को सूचना विलम्‍ब से दी है। अत: विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने परिवादी का बीमा क्‍लेम अस्‍वीकार कर सेवा में कमी की है। अत: जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए आक्षेपित आदेश पारित किया है जो ऊपर अंकित है।

 

 

6

 

 अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि प्रत्‍यर्थी/ परिवादी ने वाहन चोरी के सम्‍बन्‍ध में तुरन्‍त सूचना बीमा कम्‍पनी को नहीं दिया है और वाहन की सुरक्षा हेतु पर्याप्‍त उपाय नहीं किया है। इस प्रकार उसने बीमा पालिसी की शर्त संख्‍या- 1 व 4 का उल्‍लंघन किया है। अत: बीमा कम्‍पनी द्वारा परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकार किये जाने हेतु उचित आधार है। बीमा कम्‍पनी की सेवा में कोई कमी नहीं है।

     अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश विधि और बीमा पालिसी की शर्त के विरूद्ध है। अत: अपास्‍त किये जाने योग्‍य है।

     प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने वाहन चोरी की तुरन्‍त सूचना पुलिस और बीमा कम्‍पनी को दी है। परिवादी का बीमा क्‍लेम विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा स्‍वीकार न किया जाना विपक्षी बीमा कम्‍पनी की सेवा में कमी है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार कर कोई गलती नहीं की है।

     प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम के निर्णय व आदेश को संशोधित करते हुए मानसिक कष्‍ट हेतु क्षतिपूर्ति 5,00,000/-रू० परिवादी को दिलाया जाना आवश्‍यक है। साथ ही ब्‍याज और अपील व्‍यय भी दिलाया जाना आवश्‍यक है।

    मैंने उभय-पक्ष के तर्क पर विचार किया है।

    बीमा कम्‍पनी की ओर से प्रस्‍तुत अपील संख्‍या– 2642/2016 में ऑल इण्डिया क्‍लेम्‍स रिकवरी कंसल्‍टेंट्स की इन्‍वेस्‍टीगेटर रिपोर्ट संलग्‍न की गयी है जिसमें इन्‍वेस्‍टीगेटर ने यह निष्‍कर्ष निकाला है कि परिवादी द्वारा कथित वाहन

7

 

की चोरी की घटना वास्‍तविक है। परन्‍तु ढ़ाई साल (912 दिन) का विलम्‍ब है। इन्‍वेस्‍टीगेटर आख्‍या में कहा गया है कि घटना की तिथि दिनांक 22/23.12.2010 की दरमियानी रात की है जबकि घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना में सेक्‍टर-49 ग्रेटर नोएडा में दिनांक 23-12-2010 को दर्ज करायी गयी है। इन्‍वेस्‍टीगेटर आख्‍या में बीमा कम्‍पनी को चोरी की सूचना देने की तिथि दिनांक 22-06-2013 अंकित है। परिवादी ने परिवाद-पत्र में कहा है कि उसने वाहन चोरी की सूचना तुरन्‍त बीमा कम्‍पनी को दिया था। बाद में विपक्षी बीमा कम्‍पनी के कर्मचारियों ने बताया कि उसने जो कागजात जमा किये थे कार्यालय में कहीं खो गये हैं, दोबारा विधिक रूप से सभी कागजात जमा करने होंगे। उसके बाद बीमा कम्‍पनी ने परिवादी को पत्र दिनांक 25-06-2013 जारी किया और इस पत्र के आधार पर उसने कागजात संलग्‍न कर क्‍लेम हेतु प्रार्थना-पत्र नियमानुसार दिया। जिला फोरम ने अपने निर्णय में उल्‍लेख किया है कि परिवादी ने अपने शपथ-पत्र दिनांक 07-04-2016 के साथ दिनांक       10-02-2011 को विपक्षी को दिये गये प्रार्थना-पत्र की प्रति प्रस्‍तुत किया है जिस पर विपक्षी की मुहर लगी है। जिला फोरम ने उल्‍लेख किया है कि विपक्षी ने कहा है कि यह पत्र फर्जी है परन्‍तु इस सम्‍बन्‍ध में कोई शपथ-पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया है। अत: जिला फोरम ने परिवादी के पत्र दिनांक 10-02-2011 पर विश्‍वास किया है जिसमें लिखा है कि प्रश्‍नगत वाहन की चोरी दिनांक       22-12-2010 को रात में हुई है। सूचना पूर्व में ही बीमा कम्‍पनी को दी गयी है परन्‍तु बीमा कम्‍पनी ने क्‍लेम नहीं दिया है। इस पत्र की दिनांक 10-02-2011 की प्रति विपक्षी की अपील का संलग्‍नक-5 पृष्‍ठ 37 है। जिला फोरम ने इस

 

8

 

पत्र दिनांक 10-02-2011 के आधार पर जो बीमा कम्‍पनी को चोरी की सूचना परिवादी द्वारा दिया जाना माना है वह आधारयुक्‍त और विधि सम्‍मत है।

     उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर विपक्षी का यह कथन स्‍वीकार किये जाने योग्‍य नहीं है कि बीमा कम्‍पनी को वाहन चोरी की सूचना परिवादी ने चोरी की घटना के 912 दिन बाद दिया है। परिवादी ने वाहन चोरी की रिपोर्ट थाना में दूसरे दिन दर्ज करायी है और पुलिस ने वाद विवेचना वाहन चोरी की घटना फर्जी नहीं बताया है। बीमा कम्‍पनी के इन्‍वेस्‍टीगेटर ने परिवादी द्वारा कथित वाहन चोरी की घटना वास्‍तविक माना है। अत: सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त यह स्‍पष्‍ट होता है कि परिवादी का क्‍लेम जेनयून है। आई.आर.डी.ए. के सकुर्लर दिनांक 20 सितम्‍बर 2011 और माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा सिविल अपील नं० 15611/2017 S.L.P.(C) N.742 वर्ष 2015 ओम प्रकाश बनाम रिलायंस जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी व एक अन्‍य में दिये गये निर्णय दिनांक 04-10-2017 और सिविल अपील नं० 653 वर्ष 2020  S.L.P.(C) N.24370 वर्ष 2015 गुरशेन्‍दर सिंह बनाम श्री राम जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 व एक अन्‍य में दिये गये निर्णय दिनांक 24-01-2020 के अनुसार जेनयून क्‍लेम को मात्र विलम्‍ब से सूचना के आधार पर अस्‍वीकार नहीं किया जा सकता है। रेप्‍युडिएशन लेटर दिनांक 29 जुलाई 2013 जो विपक्षी की अपील का संलग्‍नक-5 पृष्‍ठ 41 है के द्वारा परिवादी का क्‍लेम मात्र विलम्‍ब से सूचना के आधार पर विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने रेप्‍युडिएट किया है जो उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर उचित नहीं है।

     

   

9

 

     रेप्‍युडिएशन लेटर में अंकित क्‍लेम रेप्‍युडिएट करने के आधार से भिन्‍न आधार बीमा कम्‍पनी परिवाद में परिवादी के क्‍लेम के विरोध हेतु नहीं ले सकती है।

    उपरोक्‍त विवेचना से स्‍पष्‍ट है कि विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकार कर सेवा में कमी की है। अत: जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार कर जो वाहन की बीमित धनराशि परिवादी को दिलाया है वह उचित है। जिला फोरम ने जो ब्‍याज 07 प्रतिशत वार्षिक की दर से दिया है वह भी उचित है।

     जिला फोरम ने बीमित धनराशि पर परिवादी को ब्‍याज दिया है। अत: जिला फोरम ने जो मानसिक कष्‍ट हेतु क्षतिपूर्ति 10,000/-रू० दिया है उसे अपास्‍त किया जाना उचित है।

     जिला फोरम ने जो वाद व्‍यय 5000/-रू०  दिया है वह उचित है।

     जिला     फोरम द्वारा प्रदान की गयी अनुतोष में कोई वृद्धि उचित नहीं है।

     उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा प्रस्‍तुत अपील संख्‍या- 2642 वर्ष 2016 बजाज एलायंज जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 बनाम राकेश कुमार त्‍यागी आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा परिवादी को मानसिक संताप हेतु दी गयी क्षतिपूर्ति 10,000/-रू० अपास्‍त की जाती है। जिला फोरम के निर्णय का शेष अंश यथावत कायम रहेगा।

     उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत अपील संख्‍या- 1931 वर्ष 2018 राकेश कुमार त्‍यागी बनाम बजाज एलायंज जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 अस्‍वीकार की जाती है।

10

 

     दोनों अपीलों में उभय-पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

     उपरोक्‍त अपील संख्‍या- 2642 वर्ष 2016 बजाज एलायंज जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 बनाम राकेश कुमार त्‍यागी में धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला फोरम को निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

     अपील में पारित अन्‍तरिम आदेश के अनुपालन में जिला फोरम में जमा धनराशि व उस पर अर्जित ब्‍याज का निस्‍तारण भी इस निर्णय के अनुसार किया जाएगा।

 

 

(न्‍यामूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)

                                                                                                      अध्‍यक्ष                                                             

         

कृष्‍णा, आशु0

कोर्ट नं01

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 

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