छत्तीसगढ़ राज्य
उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग, पंडरी, रायपुर
अपील क्रमांकः FA/13/621
संस्थित दिनांक : 20.11.2013
रमेश कुमार सोनी पिता बद्री प्रसाद सोनी,
उम्र-47 वर्ष,
निवासी-वार्ड क्र.-15,
भर्रापारा, पेन्ड्रा,
जिला-बिलासपुर (छ.ग.) ..............अपीलार्थी/परिवादी.
विरूद्ध
बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0,
द्वारा-शाखा प्रबंधक,
गुरू कृपा काम्पलेक्स, सेकण्ड फ्लोर,
आई. सी. आई. सी. आई. बैंक के बाजू में,
व्यापार विहार, बिलासपुर (छ.ग.) ...........उत्तरवादी/अनावेदक.
समक्षः
माननीय न्यायमूर्ति श्री आर. एस.शर्मा, अध्यक्ष.
माननीया सुश्री हिना ठक्कर, सदस्या.
माननीय श्री डी. के. पोद्दार, सदस्य.
पक्षकारों के अधिवक्ता
अपीलार्थी की ओर से श्री राकेश शुक्ला, अधिवक्ता।
उत्तरवादी की ओर से श्री मनोज प्रसाद, अधिवक्ता।
मौखिक आदेश
दिनांकः 06/02/2015
द्वाराः-माननीय न्यायमूर्ति श्री आर. एस. शर्मा, अध्यक्ष
अपीलार्थी/परिवादी ने यह अपील धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986, के अंतर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, बिलासपुर (छ0ग0) (जिसे आगे संक्षिप्त में ‘‘जिला फोरम’’ संबोधित किया जाएगा) के प्रकरण क्रमांक-210/2010 में पारित आदेश दिनांक-22.10.2013 जिसके द्वारा अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद निरस्त किया गया है, से दुखित होकर प्रस्तुत किया है।
02. अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद जिला फोरम के समक्ष संक्षिप्त में इस प्रकार रहा है कि अपीलार्थी/परिवादी वाहन ट्रक क्रमांक-सी.जी. 10-सी/2861 का पंजीकृत स्वामी है और उक्त वाहन उत्तरवादी/ अनावेदक के पास दिनांक-01.08.2009 से दिनांक-31.07.2010 तक की अवधि के लिए बीमित था। दिनांक-30.10.2009 को ग्राम झरीग्राम उड़ीसा के पास वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसकी रिपोर्ट संबंधित पुलिस थाने में की गई थी और इसकी सूचना उत्तरवादी/अनावेदक इंश्योरेंस कंपनी को भी दी गई थी तथा उत्तरवादी/अनावेदक इंश्योरेंस कंपनी द्वारा श्री गगन को सर्वेयर नियुक्त किया गया था जिसने वाहन का निरीक्षण किया था और उसके पश्चात् अपीलार्थी/परिवादी ने अपने वाहन का मरम्मत कराया था जिसमें 3,25,000/-(तीन लाख पच्चीस हजार रूपये) का व्यय हुआ था। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दावा उत्तरवादी/अनावेदक इंश्योरेंस कंपनी के समक्ष प्रस्तुत किया गया परन्तु उत्तरवादी/अनावेदक इंश्योरेंस कंपनी द्वारा अपीलार्थी/परिवादी के दावे को 30,872/-(तीस हजार आठ सौ बहत्तर रूपये) की सीमा तक स्वीकृत किया गया परन्तु उक्त राशि का भुगतान नहीं किया गया जो कि सेवा की कमी की श्रेणी में आता है इसलिए अपीलार्थी/परिवादी को परिवाद लाने की आवश्यकता पड़ी है। अतः परिवाद-पत्र में वर्णित अनुसार अनुतोष दिलाई जावे।
03. उत्तरवादी/अनावेदक बीमा कंपनी ने लिखित कथन प्रस्तुत करते हुए यह अभिवचन किया है कि नियमानुसार दावे का निराकरण किया गया है और बीमा अधिनियम, 1938, की धारा-64 यूएम के तहत आई.आर.डी.ए. से लाईसेंस प्राप्त सर्वेयर से क्षति का आंकलन करवाया गया है और जिसके आधार पर क्षति का भुगतान किया है। उत्तरवादी/अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा किसी प्रकार से सेवा में कमी नहीं की गई है। अतः अपीलार्थी/ परिवादी की अपील निरस्त किया जावे।
04. प्रकरण में उभयपक्षों की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजी साक्ष्यों के परिशीलन पश्चात् जिला फोरम ने अपीलार्थी/परिवादी के परिवाद को निरस्त किया है जिसके विरूद्ध यह अपील है।
05. अपीलार्थी/परिवादी की ओर से उपसंजात होने वाले विद्वान अधिवक्ता श्री राकेश शुक्ला का यह तर्क है कि जिला फोरम ने दिनांक-05.06.2013 को उत्तरवादी/अनावेदक बीमा कंपनी को सर्वेयर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था परन्तु उत्तरवादी/अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा सर्वेयर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया गया और उसके बाद भी जिला फोरम ने उक्त दस्तावेज पेश कराए बिना आदेश पारित कर दिया है। श्री राकेश शुक्ला का यह भी तर्क है कि कथित डिस्चार्ज व्हाऊचर के संबंध में उत्तरवादी/अनावेदक बीमा कंपनी ने अपने लिखित कथन में कोई अभिकथन नहीं किया है और डिस्चार्ज व्हाऊचर भी प्रमाणित नहीं है और ना ही उसका मूल प्रस्तुत किया गया है परन्तु जिला फोरम ने ऐसे दस्तावेज जो विधिवत् प्रमाणित नहीं है, के आधार पर आलोच्य आदेश पारित कर दिया है। अतः जिला फोरम का आदेश निरस्त किया जावे और यह प्रकरण सर्वेयर रिपोर्ट एवं डिस्चार्ज व्हाऊचर पेश कराये जाने के संबंध में जिला फोरम को प्रतिप्रेषित किया जावे।
06. उत्तरवादी/अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से उपसंजात होने वाले विद्वान अधिवक्ता श्री मनोज प्रसाद का यह तर्क है कि सर्वेयर ने जो रिपोर्ट प्रस्तुत किया था उसी के आधार पर क्षति का आंकलन करते हुए 30,872/-(तीस हजार आठ सौ बहत्तर रूपये) की राशि अपीलार्थी/परिवादी को प्रेषित किया गया था जिसे स्वीकार कर अपीलार्थी/परिवादी ने पूर्ण तुष्टि में डिस्चार्ज व्हाऊचर निष्पादित कर उत्तरवादी/अनावेदक बीमा कंपनी को प्रेषित किया था और जिला फोरम का आदेश पूर्णतः उचित है। अतः अपीलार्थी/परिवादी की अपील निरस्त किया जावे।
07. हमने उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं का तर्क श्रवण किया तथा जिला फोरम के अभिलेख का भी परिशीलन किया।
08. जिला फोरम के आदेश पत्रावली दिनांक-05.06.2013 का परिशीलन किया गया। जिला फोरम ने दिनांक-05.06.2013 को यह आदेशित किया है कि ’’प्रकरण में अनावेदक पक्ष द्वारा सर्वेयर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं है जो कि प्रकरण के न्यायपूर्ण निराकरण के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है’’ और उत्तरवादी/अनावेदक बीमा कंपनी को सर्वेयर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दिनांक-21.06.2013, 27.07.2013, 06.09.2013, 05.10.2013, 07.10.2013 एवं 22.10.2013 की तिथि दी गई परन्तु उत्तरवादी/अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा सर्वेयर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया गया और दिनांक-07.10.2013 को यह आदेशित किया है कि ’’अनावेदक अधिवक्ता आदेश पूर्व सर्वेयर रिपोर्ट एवं लिखित तर्क पेश करें’’ और प्रकरण आदेश हेतु दिनांक-22.10.2013 को नियत किया गया और दिनांक-22.10.2013 को आदेश पारित कर दिया गया और उस तिथि तक उत्तरवादी/अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा सर्वेयर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया गया है।
09. जब जिला फोरम ने दिनांक-05.06.2013 को सर्वेयर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया था और लगातार तिथियां उत्तरवादी/अनावेदक बीमा कंपनी को प्रदान की गई थी और उसके बाद भी सर्वेयर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया गया तो ऐसी स्थिति में उत्तरवादी/अनावेदक के विरूद्ध प्रतिकूल उपधारणा की जानी थी या सर्वेयर रिपोर्ट पेश कराये जाने के लिए बाध्यपूर्ण कार्यवाही किया जाना था परन्तु जिला फोरम ने इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की, यहां तक जो डिस्चार्ज व्हाऊचर है वह उसकी छायाप्रति है और उस पर हस्ताक्षर रमेश सोनी लिखा हुआ है परन्तु वह वास्तव में रमेश सोनी का है या नहीं यह उल्लेख नहीं है, उस पर भी विचार किए बिना आदेश पारित किया है। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए जिला फोरम द्वारा पारित आलोच्य आदेश स्थिर रखे जाने योग्य नहीं है और यह प्रकरण पुनः विचारण हेतु जिला फोरम को प्रतिप्रेषित किया जाना उचित होगा।
10. अतः अपीलार्थी/परिवादी की अपील स्वीकार किया जाता है। जिला फोरम द्वारा पारित आलोच्य आदेश दिनांक-22.10.2013 निरस्त किया जाता है और यह प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि उत्तरवादी/अनावेदक बीमा कंपनी, जिला फोरम द्वारा दिए गए तिथि पर आवश्यक रूप से सर्वेयर रिपोर्ट और डिस्चार्ज व्हाऊचर का मूल प्रस्तुत करेगा और यदि उत्तरवादी/अनावेदक बीमा कंपनी उक्त दस्तावेजों को पेश करने में विफल रहता है तो इस संबंध में जिला फोरम नियमानुसार कार्यवाही करेगा और उसके बाद जिला फोरम उभयपक्ष को सुनवाई के पश्चात् प्रकरण का निराकरण पुनः गुण-दोष पर करेगा। पक्षकारों को निर्देशित किया गया कि वे दिनांक-27.02.2015 को जिला फोरम, बिलासपुर के समक्ष उपस्थित रहेंगे। जिला फोरम का मूल अभिलेख अविलंब जिला फोरम, बिलासपुर को भेजा जावे।
(न्यायमूर्ति आर.एस.शर्मा) (सुश्री हिना ठक्कर) (डी. के. पोद्दार)
अध्यक्ष सदस्या सदस्य
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