जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री सिद्वार्थ षैली पुत्र श्री चन्दू लाल षैली, निवासी- जांचको का मौहल्ला, माखुपुरा, जिला-अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. बजाज एलायंज जनरल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए षाखा प्रबन्धक, ष्षाखा कार्यालय, आनासागर लिंक रोड़, राज आॅटो के उपर, वैषालीनगर, अजमेर -305001
(अप्रार्थी संख्या 1 को आदेष दिनांक 09.08.2016 के हजफ किया गया )
2. बजाज एलायंज जनरल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, जी-ई प्लाजा एयरपोर्ट रोड़, येरवाड़ा, पुणे -411006
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 368/2017
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी एवं श्री अमित गांधी, अधिवक्तागण, प्रार्थी
2. अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 20.10.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसने अपने टोएटा इटिओज लीवा का अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां प्राईवेट कार पैकेज के अन्तर्गत जरिए बीमा पाॅलिसी संख्या व्ळ.16.1414.1801.00000131 के तहत दिनंाक 10.11.2015 से 09.11.2016 के आईडीवी राषि रू. 4,00,000/- का बीमा करवाया, जो दिनंाक 15.11.2015 को दुर्घटनाग्रस्त हो गई । जिसकी सूचना दिनंाक 16.11.2015 को अप्रार्थी बीमा कम्पनी को दी गई । तत्पष्चात् टोयोटो के अधिकृत सर्विस सेन्टर पर वाहन पर राषि रू. 1,01,075/- खर्च कर मरम्मत करवाई । जिसका क्लेम अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष पेष किए जाने पर उसने अपने पत्र दिनांक 30.1.2016 व 8.2.2016 के द्वारा इस आधार पर खारिज कर दिया कि बीमाधारक ने 20 प्रतिषत नो क्लेम बोनस का तथ्य छिपा कर बीमा पाॅलिसी प्राप्त की है । प्रार्थी का कथन है कि अप्रार्थी बीमा कम्पनी को मोटर टेरिफ की ळत् 27 के तहत प्रार्थी की पूर्व बीमा कम्पनी यूनाईटेड इण्डिया इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड से ’’ नो क्लेम बोनस ’’ के संबंध में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए थी । साथ ही अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने नो क्लेम बोनस के संबंध में न तो कोई घोषणा पत्र और न ही प्रपोजल फार्म भरवाया था । इस प्रकार अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने उसका वाजिब क्लेम खारिज कर सेवा में कमी कारित की है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना करते हुए परिवाद के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।
2. प्रार्थी की प्रार्थना पर अप्रार्थी संख्या एक को जरिए आदेष दिनांक 09.08.2016 के हजफ किया गया । अप्रार्थी संख्या 2 के विरूद्व उक्त दिनांक को ही एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. प्रार्थी ने अपनी बहस में परिवाद में उठाए गए तथ्यों को तर्को के रूप में प्रस्तुत किया है व प्रमुख रूप से तर्क प्रस्तुत किया है कि अप्रार्थी द्वारा खारिज किया गया क्लेम उचित नहीं है । परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए ।
4. हमने तर्क सुने हंै एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
5. स्वीकृत रूप से प्रार्थी ने प्रष्नगत वाहन का मालिक होते हुए अप्रार्थी बीमा कम्पनी से दिनंाक 10.11.2015 से 9.11.2016 तक बीमा करवाया है तथा दिनांक 15.11.2015 को वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर दिनांक 16.11.2015 को सूचना देते हुए टोयोटो वाहन के अधिकृत सेन्टर पर मरम्मत करवाई है । जिसमें रू. 1,01,075/- खर्च हुए हंै । बीमा कम्पनी के समक्ष क्लेम प्रस्तुत होने पर उनके द्वारा क्लेम मात्र इस आधार पर अपने पत्र दिनांक 30.1.2016 व
8.2.2016 के द्वारा खारिज किया गया है कि प्रार्थी ने पाॅलिसी लिए जाते समय ’’ नो क्लेम बोनस ’’ की सुविधा प्राप्त की जबकि प्रीवियस पाॅलिसी में वह क्लेम प्राप्त कर चुका था । इस प्रकार उसने बीमा संविदा की षर्तो का उल्लंघन किया है । यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रार्थी ने दिनांक 10.11.2015 से 9.11.2016 तक अपने वाहन का बीमा कराते हुए इस पर 20 प्रतिषत ’’ नो क्लेम बोनस’’ प्राप्त किया है । उसका वाहन इस बीमित अवधि में दिनांक 15.11.2015 को दुर्घटनाग्रस्त हुआ है । इस आषय की बीमा कम्पनी को सूचना भी दी गई है । इन तथ्यों का कोई खण्डन सामने नहीं आया है । यदि बीमित अवधि में उसके द्वारा प्रष्नगत वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर हुए खर्चे का क्लेम प्रस्तुत किया जाता है तो बीमा कम्पनी के लिए यह अपेक्षित है कि वह उसकी बीमा षर्तो के अनुरूप भरपाई करें । वह इस क्लेम को अपने इस प्रतिवाद के आधार पर रेपुडिएट नहीं कर सकता है कि बीमित द्वारा पूर्व में प्राप्त की गई पाॅलिसी में क्लेम प्राप्त कर लिया है । इस हेतु उसे यह सिद्व करना होगा कि पूर्व पाॅलिसी की निरन्तरता में बीमित द्वारा किसी प्रकार का कोई क्लेम प्राप्त कर लिया गया है । चूंकि ऐसा सिद्व नहीं किया गया है । अतः प्रार्थी का क्लेम बीमा पाॅलिसी की षर्तो के अनुरूप मानते हुए बीमा पाॅलिसी ऐसे क्लेम को नियमानुसार अदा करने के लिए बाध्य है । निष्चय ही बीमा कम्पनी ने ऐसा नहीं कर दोषपूर्ण सेवा का परिचय दिया है । मंच की राय में परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
6. (1) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमा क्लेम राषि रू. 1,01,075/- क्लेम खारिज करने की दिनांक 30.1.2016 से तदायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी प्राप्त करने के अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 20.10.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष