Rajasthan

Sawai Madhopur

063/2013

Lalita Devi - Complainant(s)

Versus

Bajaj Allaince General Insurance - Opp.Party(s)

12 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 063/2013
 
1. Lalita Devi
Bharoti Sawai Madhopur
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

                                                                 जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, सवाई माधोपुर
समक्ष:-    श्री कैलाश चन्द्र शर्मा, अध्यक्ष
             श्री सौभाग्यमल जैन, सदस्य
         
परिवाद सं0:-63/2013                                                                                               परिवाद प्रस्तुति दिनांकः- 24.01.2013
ललिता देवी पत्नि स्व. बत्तीलाल जाति मीणा उम्र- 38 वर्ष, निवासी- भाडौती, तहसील व जिला सवाई माधोपुर 
                                                                                                                           परिवादिया
विरुद्ध
1.     ब्रांच मैनेजर बजाज एलायन्स लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, डाॅ. नरेन्द्र सिंह चैहान के उपर, द्वितीय मंजिल, ज्योति नर्सिंग होम के पास बजरिया सवाई माधोपुर,
2.    निदेशक बजाज एलायन्स लाईफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, जी0ई0 प्लाजा एयरपोर्ट रोड परवदा पूर्णे-411006
                                                                                                                           विपक्षीगण
उपस्थिति:-
1.    श्री लेखराज सिंह अधिवक्ता परिवादी
2.    श्री राधामोहन शर्मा अधिवक्ता विपक्षीगण
द्वारा कैलाश चन्द्र शर्मा (अध्यक्ष)                                                                                                                      दिनांक:-12 फरवरी, 2015
                                                                                          नि  र्ण  य
    परिवादिया ने यह परिवाद संक्षेप में इन कथनों के साथ प्रस्तुत किया है कि उसके स्व. पति ने अपने जीवनकाल में विपक्षीगण से बजाज एलायन्स लाईफ इंश्योंरेंस कम्पनी लिमिटेड से एक पाॅलिसी संख्या 80141437 करायी थी एवं बत्तीलाल ने उक्त पाॅलिसी में परिवादिया को अपना नोमिनी अधिकृत किया था। परिवादिया के पति की मृत्यु उपरान्त परिवादिया ने विपक्षी बीमा कम्पनी के यहंा बीमित राशि का भुगतान प्राप्त करने के लिए आवश्यक सम्पूर्ण दस्तावेजात मूल पाॅलिसी रसीद,पहचान पत्र, राशनकार्ड, सरपंच का प्रमाण पत्र आदि दस्तावेजों के साथ आवेदन किया। परिवादिया ने विपक्षीगण को स्वयं के शपथ पत्र द्वारा यह तथ्य बता दिया था कि परिवादिया ने उसके पूर्व पति कैलाश की मृत्यु होने के बाद बत्तीलाल से विवाह किया था एवं बत्तीलाल ने विपक्षी के यहंा से पाॅलिसी कराते समय परिवादिया को बतौर पत्नि नोमिनी नियुक्त किया हुआ है। विपक्षीगण ने जरिये डाक से परिवादिया से डेथ क्लेम पाॅलिसी 80141437 बत्तीलाल के जीवन से सम्बन्धित एडमिटेड कर लिया गया एवं इस सम्बन्ध में मांगे गये आवश्यक दस्तावेजात पेश कर दिये गये थे फिर भी विप्क्षी गण परिवादिया से बत्तीलाल का उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र मांग रहे है जिसकी कतई आवश्यकता नहीं है क्योंकि बत्तीलाल द्वारा ली गई बीमा पाॅलिसी में परिवादिया को ही नोमिनी नियुक्त किया गया था। इस प्रकार परिवादिया का बीमा क्लेम खारिज कर विपक्षीगण ने भारी सेवा दोषा कारित किया है। अतः परिवादिया का परिवाद स्वीकार फरमाया जाकर अनुतोष ैदिलाये जाने की प्रार्थना की है।
    विपक्षीगण ने परिवाद का जवाब प्रस्तुत कर कथन किया है कि परिवादिया द्वारा मृतक बत्तीलाल की बीमा पाॅलिसी अन्तर्गत दावा प्रपत्र प्रस्तुत किया गया । परिवादिया द्वारा स्वयं का एक शपथ पत्र प्रस्तुत कियागया जिसकें अन्तर्गत उसके द्वारा स्वयं को ललिता देवी बेवा कैलाश चन्द मीना बताया गया अर्थात परिवादिया के पति का नाम कैलाश चन्द मीना था और वह कैलाश चंद मीना की विवाहिता पत्नि है। उसके द्वारा प्रस्तुत उक्त शपथ पत्र में यह कहीं भी अंकित नहीं किया गया है कि वह मृतक बत्तीलाल की पत्नि भी है। जबकि परिवाद पत्र के पैरा संख्या 3 में उसके द्वारा दावा राशि लेने के लिए उसके द्वारा मृतक बत्तीलाल की पत्नि होना बताया गया है। अतः प्रस्तुत विरोधाभासी तथ्यों के कारण परिवादिया से विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा मृतक बत्तीलाल के अन्य विधिक उत्तराधिकारी होने की अवस्था में नियमानुसार उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र चाहा गया है । इस बारे में परिवादिया को पत्र दिनांकित 12.9.12 भी जारी किया गया है। परिवादिया द्वारा मृतक बत्तीलाल के अन्य वैधानिक उत्तराधिकारियों बाबत तथ्यों को छुपाया गया है। परिवादिया द्वारा सही तथ्यों को छिपाकर असत्य तथ्यों पर आधारित यह परिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया है जो निरस्त होने योग्य है। इस प्रकार विपक्षी ने कोई सेवा दोष कारित नहीं किया है और परिवादिया का परिवाद मय हर्जा खर्चा के खारिज किये जाने का निवेदन किया है।
    परिवादिया ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में राशन कार्ड की फोटो प्रति एवं सरपंच द्वारा जारी प्रमाण पत्र दिनांकित 4.7.13 की फोटो प्रति, मृत्यु प्रमाण पत्र कैलाश मीणा दिनांकित 10.7.1997 एवं बत्तीलाल मीणा दिनांकित 15.5.12 की फोटो प्रति पेश की है। जबकि विपक्षीगण द्वारा अपने जवाब के समर्थन में चेतन गुप्ता का शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में क्लेम सूचना पत्र दिनांकित 12.9.12, शपथ पत्र ललिता देवी, पहचान पत्र ललिता देवी, एवं प्रपोजल फाॅर्म आदि की फोटो प्रतियां पेश की है। परिवादिया के द्वारा न्यायिक दृष्टान्त में ाा 2008 सीपीजे 168 पेश किया गया है जबकि विपक्षीगण द्वारा न्यायिक दृष्टान्त के रूप में एआइआर 1984 माननीय सर्वोच्च न्यायालय 346, और ाा 2009 सीपीजे 146 प्रस्तुत किया गया है। जिनका हमारे द्वारा ससम्मान अवलोकन किया गया।
    उभय पक्षकारान की बहस अंतिम सुनी गई। पत्रावली का अध्योपान अध्ययन किया गया।
    परिवादिया ने यह परिवाद जिला मंच के समक्ष दिनांक 28.12.2012 को स्वयं को ललिता देवी पत्नि स्व. बत्तीलाल जाति मीना उम्र 38 साल निवासी भाडोती तहसील व जिला सवाई माधोपुर बताकर पेश किया है। परिवाद में अभिवचन किया है कि परिवादिया के पति स्व. बत्तीलाल ने विपक्षीगण से एक पाॅलिसी संख्या 80141437 प्राप्त की थी जिसमें परिवादिया को अपना नाॅमिनी बनाया था। प्रार्थीया ने अपने पति की मृत्यु के बाद विपक्षीगण के यहंा नाॅमिनी होने की वजह से आवेदन किया व आवश्यक दस्तावेजात प्रस्तुत किये।  परिवादिया ने विपक्षीगण को शपथ पत्र प्रस्तुत कर यह तथ्य बता दिया था कि परिवादिया ने उसके पूर्व पति कैलाश की मृत्यु होने के पश्चात बत्तीलाल से विवाह किया था। परन्तु विपक्षीगण ने परिवादिया को परेशान करने व क्लेम को देरी करने की गरज से परिवादिया से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र सक्षम न्यायालय का मांगा है। जिसकी कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि डेथ क्लेम पाॅलिसी में परिवादिया एक मात्र नाॅमिनी है। 
    विपक्षीगण अपने जवाब के क्रम संख्या 1 में यह अंकन किया है कि बीमा पाॅलिसी में नाॅमिनी अंकित होना सही है लेकिन परिवादिया का बत्तीलाल की पत्नि होना स्वीकार नहीं है। पाॅलिसी में मात्र नाॅमिनी बतौर नाम अंकित होने से परिवादिया को दावा राशि प्राप्त करने का अधिकार नहीं है। मृतक के अन्य वैधानिक उत्तराधिकारी भी दावा राशि प्राप्त करने के अधिकारी है। परिवादिया द्वारा जो शपथ पत्र दिया था उसमें परिवादिया मृतक बत्तीलाल की विवाहित पत्नि है, यह तथ्य कहीं भी अंकित नहीं है। बल्कि उसके द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र में अपने आप को ललिता देवी पत्नि कैलाश मीणा बताया है। विपक्षीगण द्वारा पत्र दिनांक 12.9.12 के अन्तर्गत उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की नियमानुसार मांग की गई है। क्योंकि मृतक बत्तीलाल के अन्य विधिक उत्तराधिकारी होने की स्थिति में उनका भी पाॅलिसी की दावा राशि में वैधानिक अधिकार उत्पन्न हो सकता है। अतःऐसे में दावा राशि के सम्बन्ध में भविष्य में जटिलता या पेचिदगी उत्पन्न होने की पूर्ण सम्भावना बनी रहेगी। विपक्षीगण की सेवा में कोई दोष नहीं है। विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा जो पत्र दिनांक 12.9.12 को परिवादिया को प्रेषित किया गया है, उसमें सक्सेसन सर्टिफिकेट फ्रोम कोर्ट आॅफ लाॅ आॅफ कोम्पीटेन्ट जुरिडिक्शन मांगा गया है।
    पत्रावली के अवलोकन से परिवादिया द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र दिनांक 19.7.2012 का अध्ययन किया गया। उक्त शपथ पत्र में परिवादिया ने अपने आप को ललिता बेवा कैलाश जाति मीणा उम्र 38 साल दर्शाया है तथा उसमें बत्तीलाल पुत्र रामजी लाल मीणा निवासी भाडोती को रिश्तें में अपना जेठ बताया है।  हमारे समक्ष परिवादिया के अनुसार उसके पूर्व पति कैलाश मीणा का जो मृत्यु प्रमाण पत्र रजिस्ट््रार ग्राम पंचायत भाडौती पंचायत समिति बौंली (सवाई माधोपुर) की फोटो प्रति पेश हुई है, उसमें मृत्यु की दिनांक 10.7.1997 अंकित है। इससे यह प्रमाणित होता है कि कैलाश मीणा की मृत्यु दिनांक 10.7.1997 को हो चुकी थी। बत्तीलाल मीणा ने जो प्रपोजल फाॅर्म जीवन बीमा हेतू दिनांक 20.12.2007 को विपक्षीगण को प्रस्तुत किया है उसमें बत्तीलाल मीणा ने ललिता देवी को अपनी पत्नि बताया है तथा उसे बीमा पाॅलिसी में नाॅमिनी बनाया है। इसके विपरीत दिनांक 1.1.2001 का जो भारत निर्वाचान आयोग द्वारा पहचान पत्र परिवादिया का जारी किया गया है उसमें ललिता पति का नाम कैलाश अंकित है। विपक्षीगण द्वारा हमारे समक्ष परिवादिया के बडौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक भाडौती शाखा के खाता संख्या 7050 की फोटो प्रति पेश की गई है जिसमें दिनांक 29.8.09 अंकित है। इसमें भी ललिता देवी पति का नाम कैलाश चन्द मीणा दर्ज है। जबकि प्रस्तुत मृत्यु प्रमाण पत्र के अनुसार यह एक स्वीकारीय तथ्य है कि कैलाश चन्द मीणा की मृत्यु 10.07.1997 को हो चुकी थी। जबकि बत्तीलाल मीणा ने जो प्रपोजल फाॅर्म विपक्षीगण को प्रस्तुत किया है उसमें दिनांक 20.12.2007 को ललिता देवी को बतौर पत्नि नाॅमिनी दर्शाया है। प्रपोजल फाॅर्म दिनांक 20.12.2007 में ललिता देवी को बत्तीलाल द्वारा अपनी पत्नि दर्शाया जाना और बडौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक की पास बुक दिनांक 29.08.09 में ललिता देवी पति का नाम कैलाश चन्द मीणा दर्ज होना विरोधाभाषी एवं संशय उत्पन्न करने वाला है। बैंक की पास बुक में परिवादिया का पेन नम्बर 41180100004133 उल्लेखित है। लेकिन यह पेन कार्ड जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ है। इससे यह ज्ञात नहीं किया जा सकता कि परिवादिया की स्थिति क्या है। विद्वान अधिवक्ता परिवादिया की यह बहस  है कि परिवादिया मीणा जाति से है और उनमें नाता प्रथा से विवाह करने का रिवाज होता है। परिवादिया ने कैलाश मीणा की मृत्यु के पश्चात बत्ती लाल मीणा से विवाह किया है। परिवादिया ग्राम पंचायत भाडौती की रहने वाली है जहंा पर ग्राम पंचायत में नियमानुसार विवाह का पंजीकरण कराया जा सकता है। लेकिन पुर्नविवाह का कोई प्रमाण पत्र हमारे समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ है।
    विद्वान अधिवक्ता विपक्षीगण की यह बहस है कि परिवादिया वह ललिता देवी नहीं है जो बत्तीलाल मीणा की प्रपोजल फाॅर्म में बतौर पत्नि नाॅमिनी बनाई गई है। बल्कि वह मृतक कैलाश मीणा की पत्नि है जो गलत तरीके से बीमा राशि प्राप्त करना चाहती है।
    इस प्रकार उभय पक्षों की बहस सुने जाने एवं पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किये जाने के पश्चात हमारे विनम्र मत में जहंा तक नाॅमिनी को बीमा क्लेंम राशि प्राप्त करने का अधिकार है वह सही है। कोई भी नाॅमिनी किसी भी बीमा कम्पनी से या बैंक अथवा किसी वित्तीय संस्थान से जहंा उसे नॅामिनी बनाया गया हो वह बतौर नाॅमिनी राशि प्राप्त करने का अधिकारी है। लेकिन परिवादिया द्वारा प्रस्तुत प्रकरण में बत्तीलाल मीणा द्वारा विपक्षीगण को प्रस्तुत प्रपोजल फाॅर्म 20.12.2007 में ललिता देवी को अपनी पत्नि बताना एवं विपक्षीगण द्वारा प्रस्तुत बडौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक की पास बुक में दिनांक 29.08.09 को ललिता देवी पति का नाम कैलाश चन्द मीणा दर्ज होना विरोधाभाषी तथ्य है। अतः ऐसी सूरत में विपक्षीगण द्वारा परिवादिया से सक्षम न्यायालय द्वारा प्रदत्त किये जाने वाला उत्तराधिकार प्रमाण पत्र मांगा जाना न्यायोचित है। अतः प्रस्तुत प्रकरण में विपक्षीगण का कोई सेवा दोष प्रमाणित नहीं होता है। परिवादिया को निर्देश दिये जाते है कि वह सक्षम न्यायालय से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त करें और न्यायालय द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रदत्त किये जाने के एक माह की अवधि में पुनः बीमा क्लेम विपक्षीगण के यहंा प्रस्तुत करें। जिस पर नियमानुसार विपक्षीगण कार्यवाही करें। यदि परिवादिया विपक्षीगण के निर्णय से असहमत हो तो वह पुनः नये तथ्यों के आधार पर अपना परिवाद प्रस्तुत करने की अधिकारी रहेगी। परिवादिया चाहे तो वह सक्षम दिवानी न्यायालय में भी अपना परिवाद प्रस्तुत करने के लिए विधि अनुसार स्वतंत्र है। क्योंकि इस प्रकरण में विस्तृत एवं जटिल साक्ष्य की आवश्यकता है जिसमें परिवादिया एवं गवाहान के बयान लिये जाने एवं उनका प्रतिपरीक्षण किया जाना अपेक्षित है। परिवादिया का परिवाद  उपरोक्त निर्देशानुसार खारिज किया जाता हैं। 
आदेश
    अतः परिवादिया द्वारा प्रस्तुत उक्त परिवाद खारिज किया जाता है। परिवाद व्यय पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें। 

सौभाग्यमल जैन                                                                                                                                    कैलाश चन्द्र शर्मा
      सदस्य                                                                                                                                                 अध्यक्ष 

                                                               निर्णय आज दिनांक 12.02.2015 को खुले मंच में सुनाया गया।

सौभाग्यमल जैन                                                                                                                                    कैलाश चन्द्र शर्मा
    सदस्य                                                                                                                                                   अध्यक्ष
  

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.