न्यायालय - जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, रायपुर, छ.ग.
समक्ष:-
सदस्य - श्रीमती अंजू अग्रवाल
सदस्य - श्रीमती प्रिया अग्रवाल
प्रकरण क्रमांक:-33/2012
संस्थित दिनांक:-02.02.2012
राजेश बजाज, उम्र 45 वर्ष,
वल्द री आर.एन.बजाज,
निवासी-4-सी, मरोदा सेक्टर,
भिलाई, जिला-दुर्ग (छ.ग.)
हाल मुकाम-नहरपारा,
रायपुर जिला-रायपुर (छ.ग.) परिवादी
विरूद्ध
बजाज एलियांज जनरल इंश्यो.कं.लि.,
द्वारा-शाखा प्रबंधक,
शिव मोहन काम्पलेक्स, पंडरी,
रायपुर जिला-रायपुर (छ.ग.) अनावेदक
परिवादी की ओर से श्री विकास अग्रवाल अधिवक्ता।
अनावेदक की ओर से श्री एन.के.ठाकुर अधिवक्ता ।
आदेश
आज दिनांक:- 31 मार्च 2015 को पारित
श्रीमती अंजू अग्रवाल - सदस्य
1. परिवादी, अनावेदक से वाहन मरम्मत की राशि 391323/-रू0, 12 प्रतिशत ब्याज सहित दिलाने, सेवा में निम्नता व मानसिक परेशानी के एवज में कुल 50000/-रू0, वादव्यय व अन्य अनुतोष दिलाने हेतु यह परिवाद धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत प्रस्तुत किया है ।
2. प्रकरण मंे निर्विवादित तथ्य यह है कि परिवादी ने अनावेदक की भुनेश्वर शाखा से अपनी वाहन टाटा टेंकर क्रमांक-ओ.आर. 15 एन 0825 का बीमा, बीमा पाॅलिसी क्रमांक-ओजी-11-1303-1803-00000615 के अंतर्गत दि0 19.07.2010 से 18.07.2011 तक की मध्य रात्रि तक के लिये वाहन का बीमित मूल्य 437113/-रू0 के लिये करवाया था ।
परिवाद:-
3. परिवादी का परिवाद संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी का उक्त वाहन जब दि0 21.12.2009 को आई.ओ.सी.एल.सम्बलपुर डिपो से प्रकाश एंड कंपनी, खरियार रोड, जिला-नुवापारा ले जाया जा रहा था तब दुर्घटनाग्रस्त होकर क्षतिग्रस्त हो गया। परिवादी द्वारा इसकी तत्काल सूचना अनावेदक के संबलपुर कार्यालय को दी गई जिनके द्वारा सर्वेयर भेजकर वाहन की क्षति का आंकलन करवाया गया तथा उनके अनुमति से वाहन की मरम्मत बराईपाली, सम्बलपुर में करवाई गई जिसमें 391323/-रू0 खर्च आया । परिवादी ने वाहन से संबंधित समस्त दस्तावेज तथा मरम्मत के बिल आदि अनावेदक को प्रदान कर दावे का निराकरण करने का अनुरोध किया परंतु अनावेदक द्वारा पत्र दि. 10.02.2010 के माध्यम से पुनः वाहन के परमिट, आॅथराईजेशन लेटर, लोड चालान, प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति तथा ड्राईवर का ड्राइविंग लाइसेंस की मांग की गई । परिवादी ने अपने पत्र दि0 02.03.2010 के माध्यम से उपरोक्त समस्त दसतावेज अनावेदक को पुनः प्रदान कर दिया गया । इसके अतिरिक्त परिवादी द्वारा दि0 01.06.2010 को उक्त वाहन के चालक मुन्ना यादव के खतरनाक एवं संकटयुक्त माल परिवहन से संबंधित प्रशिक्षण बाबत् प्रमाण पत्र की प्रति भी अनावेदक को प्रेषित कर दिया, जिसकी प्राप्ति पश्चात् अनावेदक द्वारा परिवादी को आश्वस्त किया गया कि परिवादी का दावा शीघ्र ही निराकृत कर बीमा पाॅलिसी के अंतर्गत देय रकम का भुगतान परिवादी को कर दिया जायेगा। उपरोक्त आश्वासन के पश्चात् परिवादी ने अनेकों बार दूरभाष से तथा लिखित रूप में अपने दावे के निराकरण के संबंध में निवेदन किया । इस संबंध में परिवादी ने पंजीकृत डाक द्वारा स्मरण पत्र दि0 24.08.2011 एवं 03.10.2011 भी प्रेषित किया परंतु उक्त पत्रों की प्राप्ति के पश्चात् भी अनावेदक द्वारा दावे का न तो निराकरण किया गया और न ही इस संबंध में पत्राचार किया गया । अनावेदक द्वारा परिवादी के दावे का निराकरण आज दिनांक तक नहीं कर सेवा में निम्नता की गई है । अतः परिवादी ने यह परिवाद पेश कर अनावेदक से वाहन मरम्मत की राशि 391323/-रू0, 12 प्रतिशत ब्याज सहित दिलाने, सेवा में निम्नता व मानसिक परेशानी के एवज में कुल 50000/-रू0 दिलाये जाने की याचना कर परिवादी ने परिवाद पत्र में किये अभिकथन के समर्थन में स्वयं का शपथपत्र तथा सूची अनुसार दस्तावेजों की फोटोप्रति पेश किया है ।
जवाबदावा:-
4. अनावेदक का जवाबदावा इस आशय का प्रस्तुत है कि परिवादी को वैध लाइसेंस और परमिट के अभाव में मांगा गया अनुतोष नहीं दिलाया जा सकता तथा घटना दिनांक को ड्राईवर के पास खतरनाक एवं संकटयुक्त माल के परिवहन का लाइसेंस नहीं था जो कि बीमा पाॅलिसी का उल्लंघन है । इसी प्रकार फोरम को इस परिवाद के सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं हैं। परिवादी, अनावेदक का उपभोक्ता नहीं हैं। इस प्रकार बीमा शर्तों का उल्लंघन होने के कारण बीमा कंपनी किसी भी प्रकार से क्षतिपूर्ति हेतु उत्तरदायी नहीं हैं । परिवादी के द्वारा सही तथ्यों को छुपाया गया है एवं स्वच्छ हाथों से परिवाद प्रस्तुत नहीं किया गया है। परिवादी उपभोक्ता की परिभाषा के अंतर्गत उपभोक्ता नहीं हैं तथा परिवाद में लिखे विवाद, उपभोक्ता विवाद की श्रेणी में नहीं आता है। अतः पेश परिवाद निरस्त किये जाने की प्रार्थना कर पवन कुमार सिंग-अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता ने जवाब के समर्थन में स्वयं का शपथपत्र तथा सूची अनुसार दस्तावेजों की फोटोप्रति पेश किया है ।
5. उभयपक्ष के अभिकथनों के आधार पर प्रकरण में निम्न विचारणीय प्रश्न उत्पन्न होते हैं कि:-
(1) क्या परिवादी, अनावेदक से वाहन मरम्मत की सर्वेयर द्वारा आंकलित क्षतिपूर्ति राशि
राशि 391323/- मय ब्याज प्राप्त करने का 145000/-प्राप्त करने का अधिकारी
अधिकारी है ? है ।
(2) क्या परिवादी, अनावेदक से सेवा में निम्नता व 20000/-रू0 प्राप्त करने का अधिकारी
मानसिक परेशानी के एवज में कुल 50000/- है ।
प्राप्त करने का अधिकारी है ?
(3) अन्य सहायता एवं वादव्यय ? परिवाद अंशतः स्वीकृत।
विचारणीय बिन्दुओं के निष्कर्ष के आधार:
6. प्रकरण का अवलोकन कर सभी विचारणीय प्रश्नों का निराकरण एक साथ किया जा रहा है ।
फोरम का निष्कर्ष:-
7. परिवादी का तर्क है कि अनावेदक से बीमित वाहन टाटा टेंकर का दिनांक-21.12.2009 को आई.ओ.सी.एल.सम्बलपुर डिपो से प्रकाश एंड कंपनी, खरियार रोड, जिला-नुवापारा ले जा रहा था, तो उक्त वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर क्षतिग्रस्त हो गया जिसकी परिवादी द्वारा तत्काल सूचना अनावेदक के संबलपुर कार्यालय को दी गई जिनके द्वारा अपने सर्वेयर को भेजकर वाहन की क्षति का आंकलन करवाया गया तथा उनके अनुमति से परिवादी द्वारा उक्त वाहन की बराईपाली सम्बलपुर में मरम्मत करवाई गई जिसमें की परिवादी को कुल 391323/-रू0 खर्च करने पड़े । परिवादी द्वारा समस्त दस्तावेज तथा मरम्मत के बिल इत्यादि अनावेदक को प्रदान कर दिया गया किन्तु अनावेदक ने दावा का निराकरण नहीं कर सेवा में निम्नता की है । अतः क्षतिपूर्ति दिलाये जाने की प्रार्थना परिवादी द्वारा की गई ।
8. अनावेदक का तर्क है कि वैध लाइसेंस और परमिट के अभाव में मांगा गया अनुतोष नहीं दिलाया जा सकता तथा घटना दिनांक को ड्राईवर के पास खतरनाक एवं संकटयुक्त माल के परिवहन का लाइसेंस नहीं था जो कि बीमा पाॅलिसी का उल्लंघन है । इसी प्रकार फोरम को इस परिवाद का सुनवाई क्षेत्राधिकार नहीं हैं। परिवादी, अनावेदक का उपभोक्ता नहीं हैं ।
9. प्रकरण का अवलोकन किया गया । परिवादी द्वारा दस्तावेज क्र.1 मुन्ना यादव ड्राईवर का सर्टिफिकेट जिसके अनुसार ड्राईवर ने 2005 में ही खतरनाक एवं संकटयुक्त वाहन चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया । अतः ड्राईवर के पास वैध लाइसेंस एवं प्रशिक्षण प्रमाण पत्र है, ऐसा फोरम का मत है । इसके साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट के नियम 91 तथा नियम 137 के टेबल क्रमांक-1, 2, 3 का अवलोकन करने पर पाया गया कि मिट्टी के तेल को संकटापन्न माल में शामिल नहीं किया गया है । यदि केरोसिन खतरनाक एवं संकटयुक्त माल नहीं हैं तब लाइसेंस के सबंध में ली गई आपत्ति निराधार प्रतीत होती है । अतः फोरम अनावेदक द्वारा ली गई आपत्ति को (उपभोक्ता न होने एवं क्षेत्राधिकार के संबंध में) खारिज करते हुए अनावेदक को सेवा में निम्नता का दोषी पाती है । इस प्रकार अनावेदक ने परिवादी के दावे को रेपुडियेट कर सेवा में कमी की है । अतः परिवादी सर्वेयर द्वारा आंकलित क्षतिपूर्ति राशि 145000/-रू0 प्राप्त करने का अधिकारी है । इसके साथ ही फोरम परिवादी को क्षतिपूर्ति स्वरूप 20000/-रू0 एवं वादव्यय 5000/-रू0 दिलाया जाना भी उचित पाती है।
10. अतः उपरोक्त संपूर्ण विवेचना के आधार पर धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद अंशतः स्वीकार किया जाकर आदेशित किया जाता है कि आदेश दिनांक से एक माह के अवधि के भीतर:-
(अ) अनावेदक, परिवादी को ृ 145000/- (एक लाख पैतालिस हजार रूपये) परिवाद दिनांक-02.02.2012 से अदायगी दिनांक तक 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित अदा करेगा ।
(ब) अनावेदक, परिवादी को उपरोक्त कृत्य के कारण हुई आर्थिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 20000/-रू0 (बीस हजार रूपये) अदा करेगा।
(स) अनावेदक, परिवादी को अधिवक्ता शुल्क तथा वादव्यय के रूप में 5000/-रू0 (पांच हजार रूपये) भी अदा करेगा।
(श्रीमती अंजू अग्रवाल) (श्रीमती प्रिया अग्रवाल)
सदस्य सदस्य
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