जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अस्थाई अतिरिक्त पीठ
उपस्थितः- श्री उमेष चन्द्र अध्यक्ष,
श्री मुषीर अहमद खान सदस्य
श्रीमती सुधा यादव सदस्या
परिवाद संख्या-79/2002.
1. देवेन्द्र कुमार गुप्ता पुत्र स्व0 हरप्रसाद गुप्ता, निवासी-2/9 पी.डब्लू.डी. कालोनी मकरावटगंज, कानपुर नगर।
2. विद्या गुप्ता पत्नी देवेन्द्र कुमार गुप्ता निवासी-2/9 पी.डब्लू.डी. कालोनी मकरावटगंज, कानपुर नगर।
.......परिवादीगण
बनाम
1. मे0 वेन्चुरा सीक्योरिटीज लिमिटेड, धानूर 15 सर पी.एम.रोड फोर्ड मुम्बई।
2. मे0 सुनील गुप्ता एण्ड कम्पनी निवासी-58/65 नीलवाली गली बिरहाना रोड, कानपुर नगर। द्वारा सुनील गुप्ता
3. मे0 कर्वी कन्सलटेन्टस लिमिटेड पांचवा तल पदम टावर सिविल लाइंस, कानपुर नगर।
4. महाप्रबंधक, इनवेस्टर्स सर्विस मुम्बई स्टाॅक एक्सचेंज प्रथम मंजिल रेटूडा बिल्डिंग दलाल स्ट्रीट मुम्बई।
........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने का दिंनाकः 05.02.2002
निर्णय का दिंनाकः ........09.2015
श्री उमेष चन्द्र, अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
आदेश
1. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-12 के अंतर्गत यह परिवाद, परिवादीगण ने विपक्षीगण द्वारा बेचे गये परिवादी के षेयर्स का मूल्य परिवादी के खाता में क्रेडिट न होने के कारण क्षतिपूर्ति हेतु विपक्षीगण के विरूद्व प्रस्तुत किया है।
( 2 )
2. परिवाद पत्र के अनुसार विपक्षी सं0-1 षेयर व स्टाॅक ब्रोकर कम्पनी है तथा इस कार्य के लिये वह सेवी से पंजीकृत है। विपक्षी सं0-2, विपक्षी सं0-1 का प्रतिनिधि एंव अधिकृत एजेन्ट है। विपक्षी सं0-3 षेयर डिपाजिट करने की संस्था है तथा उसके माध्यम से ही षेयर डीमैट व अन्य खातों में स्थानान्तरित होते हैं। विपक्षी सं0-4 मुम्बई स्टाॅक एक्सचेंज है जिसका सदस्य विपक्षी सं0-1 है।
3. दिंनाक 01.02.2000 को विपक्षी सं0-2 ने परिवादीगण से सम्पर्क किया तथा स्वॅय को विपक्षी सं0-1 का प्रतिनिधि तथा अधिकृत एजेन्ट बताया। उसने यह भी कहा कि उसके माध्यम से षेयर्स क्रय-विक्रय करने पर बहुत कम सेवा षुल्क लिया जायेगा। विपक्षी सं0-2 की बातों में आकर परिवादी ने विक्रय हेतु स्टारलाइट इण्डस्ट्रीज के 100 षेयर मूल्य रू0 56088.00, रिलायन्स पेट्रो लिमिटेड के 600 षेयर्स मूल्य रू0 39,522.00, एच.डी.एफ.सी.बैंक का 200 षेयर्स मूल्य रू0 49,877.00, जिन्दल विजयनगर स्टील के 1000 षेयर्स मूल्य रू0 7000.00 विक्रय करने के लिये विपक्षी सं0-2 को सौंप दिये तथा उन्हें बेच डालने का निर्देष दिया। विपक्षी सं0-2 ने परिवादी से उक्त षेयर्स ग्रहण करके उन्हें बेच दिया, परन्तु उसकी धनराषि परिवादी के खाता में क्रेडिट नहीं किया। इस प्रकार विपक्षी सं0-1 व 2 ने सेवा में घोर कमी की है तथा परिवादी के उपभोक्ता अधिकारों का हनन किया है। अतः परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्व यह परिवाद प्रस्तुत करके जिला उपभोक्ता फोरम से मांग किया है कि फोरम विपक्षीगण से परिवादी को उपरोक्त षेयर्स का विक्रय मूल्य, वाद व्यय, मानसिक क्लेष की क्षतिपूर्ति तथा आर्थिक क्षति की प्रतिपूर्ति दिलवाये।
4. विपक्षीगण-1 व 2 ने परिवाद का विरोध किया है। विपक्षी सं0-3 व 4 ने परिवाद के विरूद्व लिखित आपत्ति नहीं दाखिल किया है।
5. विपक्षी सं0-1 ने अपने प्रतिवाद पत्र में इस बात से इंकार किया है कि विपक्षी सं0-2 उसका प्रतिनिधि अथवा एजेन्ट है। विपक्षी सं0-1 के लिखित उत्तर के अनुसार विपक्षी सं0-2, विपक्षी सं0-1 के लिये सर्वथा अपरिचित व्यक्ति/संस्था है। विपक्षी सं0-1 के लिखित उत्तर के अनुसार परिवाद पत्र में उल्लिखित ट्राँजेक्षन वाणिज्यिक प्रकृति के ट्राँजेक्षन हैं जो उपभोक्ता फोरम के क्षेत्राधिकार के बाहर हैं। विपक्षी सं0-1 ने परिवाद खारिज करने का अनुरोध इस फोरम से किया है।
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6. विपक्षी सं0-2 ने अपने प्रतिवाद पत्र में कहा है कि वह विपक्षी सं0-1 का प्रतिनिधि अथवा एजेण्ट नहीं है। विपक्षी सं0-1 के लिये वह अपरिचित है तथा उसका कोई सम्बन्ध विपक्षी सं0-1 से नहीं है। विपक्षी सं0-1 के प्रतिवाद पत्र के अनुसार विपक्षी सं0-1 ने परिवादी के निर्देषानुसार परिवादी के 100 षेयर्स जो कि स्टारलाइट इण्डस्ट्रीज के थे, बेच डाले तथा उसका मूल्य रू0 56088.00 परिवादी के खाता में दिंनाक 24.01.2000 को क्रेडिट कर दिया। इसी प्रकार दिंनाक 24.02.2000 को विपक्षी सं0-2 ने परिवादी के निर्देषानुसार परिवादी के 600 षेयर्स जो कि रिलायन्स पेट्रो0 लि0 के थे, बेच डाले तथा प्राप्त मूल्य रू0 39,522.00 परिवादी के खाता में क्रेडिट कर दिया। परिवादी के निर्देषानुसार उसके एच.डी.एफ.सी. बैंक के 200 षेयर्स भी विपक्षी सं0-2 ने दिंनाक 19.06.2000 को बेच डाले तथा प्राप्त मूल्य रू0 49,870.00 परिवादी के खाता में क्रेडिट कर दिये। इसी प्रकार विपक्षी सं0-2 ने परिवादी के निर्देषानुसार परिवादी क 1000 षेयर्स जो कि जिन्दल विजय नगर स्टील के थे, बेच डाले तथा प्राप्त मूल्य रू0 7000.00 परिवादी के खाता में क्रेडिट कर दिया।
7. विपक्षी सं0-2 के प्रतिवाद पत्र के अनुसार परिवादी विपक्षी सं0-2 के माध्यम से षेयर्स की रेग्यूलर ट्रेडिंग करता है तथा उपरोक्त बेचे गये षेयर्स में कुछ धनराषियां परिवादी के पूर्व बकाया के विरूद्व समायोजित भी की गई है। विपक्षी सं0-2 के प्रतिवाद पत्र के अनुसार परिवादी षेयर्स का रेग्यूलर ट्रेडिंग करने वाला ट्रेडर है तथा प्रष्नगत विवाद वाणिज्यिक प्रकृति का विवाद है तथा इसे उपभोक्ता विवाद नहीं माना जा सकता। विपक्षी सं0-2 ने परिवाद खारिज करने का अनुरोध इस फोरम से किया है।
साक्ष्य
8. परिवादी ने साक्ष्य में अपना स्वंय का षपथपत्र दिंनाकित 17.03.2011 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के प्रष्नगत षेयर्स से सम्बन्धित प्रपत्र/दस्तावेजों की छायाप्रति, दाखिल की गई।
9. विपक्षी सं0-1 की ओर पंकज अरोड़ा अधिकृत अधिकारी का प्रति षपथपत्र दिंनाकित 15.12.2012, विपक्षी सं0-2 की ओर से सुनील गुप्ता का षपथपत्र दिंनाकित 28.12.2012 व अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में विवादित षेयर्स से सम्बन्धित प्रपत्रों की षपथपत्र से सत्यापित प्रतियां दाखिल की गई।
( 4 )
ख्
10. फोरम द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गई तथा पत्रावली में दाखिल साक्ष्यों का अवलोकन किया गया।
निश्कर्श
11. पत्रावली में प्रचुर साक्ष्य इस आषय का उपलब्ध है कि परिवादी षेयर्स की रेग्यूलर ट्रेडिंग करने वाला ट्रेडर है। परिवाद पत्र में उल्लिखित प्रष्नगत ट्राँजेक्षन भी इसी प्रकार के ट्रांजेक्षन हैं, जो षुद्व रूप से वाणिज्यिक प्रकृति के हैं। इस प्रकार के ट्रांजेक्षन से सम्बन्धित विवाद को उपभोक्ता विवाद नहीं माना जा सकता है और न ही इस ट्रांजेक्षन के सम्बन्ध में परिवादी, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-2 (1) (डी.) के अंतर्गत ’’उपभोक्ता’’ माना जा सकता है।
12. इस सम्बन्ध में मान0 राश्ट्रीय उपभोक्ता आयोग नई दिल्ली का मार्गदर्षक निर्णय मे0 स्टील सिटी सिक्योरिटीज लि0 बनाम श्री जी.पी.रमेष एंव अन्य, 2014 (1) सी.पी.आर.494 (एन.सी.) उपलब्ध है। उक्त मार्गदर्षक निर्णय में मान0 राश्ट्रीय आयोग ने कहा है कि जहाॅ पर पक्षकार षेयर व्यापार में नियमित रूप से ट्रेडिंग कर रहे हों, वहाॅ उक्त पक्षकार का उक्त कार्य वाणिज्यिक गतिविधि की कोटि में आता है तथा उक्त पक्षकार उपभोक्ता की परिभाशा में नहीं आते हैं।
13. परिवाद उपभोक्ता फोरम के अधिकार क्षेत्र के बाहर है तथा इसी कारण खारिज होने योग्य है।
आदेष का प्रवर्तनीय अंष
14. परिवाद खारिज किया जाता है। पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वंय वहन
करें।
( श्रीमती सुधा यादव ) ( मुषीर अहमद खान ) ( उमेष चन्द्र )
सदस्या सदस्य अध्यक्ष
अस्थाई अतिरिक्त पीठ अस्थाई अतिरिक्त पीठ अस्थाई अतिरिक्त पीठ
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( श्रीमती सुधा यादव ) ( मुषीर अहमद खान ) ( उमेष चन्द्र )
सदस्या सदस्य अध्यक्ष
अस्थाई अतिरिक्त पीठ अस्थाई अतिरिक्त पीठ अस्थाई अतिरिक्त पीठ
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर। कानपुर नगर।