राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1121/2022
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग, मथुरा द्वारा परिवाद संख्या 34/2017 में पारित आदेश दिनांक 31.08.2022 के विरूद्ध)
बल्देव कोल्ड स्टोरेज एण्ड आइस फैक्ट्री प्रा0लि0, नीम गॉंव रोड, राया, मथुरा-281204 द्वारा डायरेक्टर राजू अग्रवाल
........................अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
बहादुर सिंह, पुत्र डोरीलाल, निवासी- पवेशरा, तहसील-महावन, जिला-मथुरा
...................प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री नवीन कुमार तिवारी,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 20.12.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, मथुरा द्वारा परिवाद संख्या-34/2017 बहादुर सिंह बनाम बल्देव कोल्ड स्टोरेज एण्ड आइस फैक्ट्री प्रा0लि0 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 31.08.2022 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
प्रश्नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने उपरोक्त परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
''परिवाद सं0-34/2017 विरूद्ध प्रतिवादी निम्न निर्देशों के साथ आंशिक रूप से आज्ञप्त किया जाता है।
1- विपक्षी परिवादी को मुवलिग 50,138/-रूपये परिवाद संस्थित किये जाने की दिनांक 07.02.2017 से निर्णय की तिथि 31.08.2022 तक 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की दर से अन्दर 30 दिन अदा करेगा। अन्दर 30 दिन भुगतान न करने पर इस धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर वास्तविक भुगतान तक देय होगा।
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2- अधिवक्ता की फीस व वाद व्यय के लिए अंकन 20,000/- विपक्षी परिवादी को देगा।
2- विपक्षी ऊपर निर्णय में विवेचित विशेष हर्जा क्षतिपूर्ति के रूप में अंकन मूल्य 25,000/- परिवादी को निर्णय की तिथि से अन्दर 30 दिन भुगतान करेगा।
निर्देश संख्या-1 में वर्णित समस्त धनराशि निर्णय की तिथि से अन्दर 30 दिन भुगतान न करने पर वास्तविक भुगतान की तिथि तक शेष अवधि के लिए 12 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज अध्यारोपित होगा।
उभय पक्षो को निर्णय की प्रति नियमानुसार नि:शुल्क प्रदान की जाये। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।''
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री नवीन कुमार तिवारी उपस्थित हैं। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय साक्ष्य एवं विधि के विरूद्ध है, अत: अपील स्वीकार करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग के निर्णय एवं आदेश को अपास्त किया जावे।
मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुनने तथा समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त मैं इस मत का हूँ कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा समस्त तथ्यों का सम्यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया, जिसमें हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं हैं, परन्तु मेरे विचार से जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो अधिवक्ता फीस व वाद व्यय के लिए 20,000/-रू0 हेतु आदेशित किया गया है, उसे न्यायहित में कम कर 5,000/-रू0 किया जाना उचित है तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो विशेष हर्जा क्षतिपूर्ति के रूप में 25,000/-रू0 हेतु आदेशित किया गया है, उसे न्यायहित में कम कर 10,000/-रू0 किया जाना उचित है। इसके साथ ही जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा आदेशित धनराशि पर जो 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की देयता
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निर्धारित की गयी है, उसे न्यायहित में कम कर 06 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज किया जाना उचित है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता आयोग, मथुरा द्वारा परिवाद संख्या-34/2017 बहादुर सिंह बनाम बल्देव कोल्ड स्टोरेज एण्ड आइस फैक्ट्री प्रा0लि0 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 31.08.2022 को संशोधित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा अधिवक्ता फीस व वाद व्यय के लिए 5,000/-रू0 एवं विशेष हर्जा क्षतिपूर्ति के रूप में 10,000/-रू0 की देयता निर्धारित की जाती है तथा अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा आदेशित धनराशि पर ब्याज की देयता 06 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज निर्धारित की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग का शेष आदेश यथावत् रहेगा।
अपीलार्थी द्वारा निर्णय का अनुपालन आज की तिथि दिनांक 20.12.2022 से दो माह की अवधि में सुनिश्चित किया जावे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित जिला उपभोक्ता आयोग को 01 माह में विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1