राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
पुनरीक्षण संख्या:-51/2023
(जिला उपभोक्ता आयोग (प्रथम), लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-987/2019 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 06-04-2023 के विरूद्ध)
1. एक्जक्यूटिव इंजीनियर, इलैक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीबूशन डिवीजन, सीतापुर रोड, जीएसआई, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0, लखनऊ।
2. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0, लेसा, लखनऊ।
........... पुनरीक्षणकर्तागण/विपक्षीगण।
बनाम
बबली सिंह पत्नी राम बहादुर सिंह निवासी मोहल्ला-गायत्री नगर, मडि़यॉव, जिला लखनऊ।
…….. प्रत्यर्थी/परिवादिनी।
समक्ष :-
1. मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
2. मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
3. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से उपस्थित:श्री सन्तोष कुमार मिश्रा विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक :- 31-05-2023.
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका, जिला उपभोक्ता आयोग (प्रथम), लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-987/2019 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 06-04-2023 के विरूद्ध योजित की गई है।
हमारे द्वारा पुनरीक्षणकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता को अंगीकरण के बिन्दु पर सुना तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं प्रश्नगत आदेश का सम्यक
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परिशीलन एवं परीक्षण किया।
उक्त आदेश में जिला आयोग द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया है :-
‘’ चूँकि परिवादिनी को प्रथम दृष्ट्या वाद बनता है एवं अपूर्णनीय क्षति भी हुई है। इस प्रकार सुविधा का संतुलन परिवादिनी के पक्ष में है। अत: दौरान मुकदमा विद्युत का कनेक्शन बिलों के मद को ध्यान में रखते हुए परिवादिनी द्वारा अगर एक माह के अन्दर 75,000/- रूपये के बिलों के बकाये के संबंध में जमा किया जाता है तो विद्युत कनेक्शन दो दिन के अन्दर लगाया जायेगा। 30 दिन के अन्दर कभी भी उपरोक्त धनराशि जमा जाती है तो उसके दो दिन के अन्दर कनेक्शन जोड़ दिया जायेगा। विद्युत विभाग वर्तमान रीडिंग को नोट कर परिवादिनी के हस्ताक्षर पर प्राप्त करायेगा और प्रतिलिपि अपने पास रखेगा। परिवादिनी को निर्देशित किया जाता है कि प्रत्येक माह का जो बिल आयेगा उसको अदा करेगी। यदि तीन माह तक विद्युत बिल बकाया रहता है अथवा 10000/- रूपये से ज्यादा बकाया रहेगा तो यह आदेश निष्प्रभावी समझा जायेगा और विद्युत विभाग पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहेगा कि विद्युत कनेक्शन काट सकता है। वास्ते साक्ष्य परिवादिनी दिनांक-04/05/2023 को पेश हो।‘’
प्रश्नगत आदेश के अनुसार यदि पारिवादिनी द्वारा जिला आयोग द्वारा उल्लिखित धनराशि जमा की जाती है तब विद्युत कनेक्शन जोड़ा जाना सुनिश्चित किया जावेगा। पुनरीक्षणकर्ता के अधिवक्ता द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख इस तथ्य को अवगत नहीं कराया गया कि उपरोक्त आदेश के अनुपालन में परिवादिनी द्वारा धनराशि जमा की गई अथवा नहीं।
हमारे विचार से चूँकि परिवाद गुणदोष के आधार पर जिला आयोग द्वारा निर्णीत किया जाना है अत्एव जिला आयोग द्वारा दिनांक 06-04-2023 को उक्त आदेश पारित किया गया है उसमें किसी प्रकार की न तो कोई विधिक त्रुटि उल्लिखित की गई है और न ही पाई गई है। चूँकि बिजली का कनेक्शन हर व्यक्ति के जीवन के आवश्यक रूप से उपयोगी है और विद्युत संयोजन न होने के कारण
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परिवादिनी के बच्चों की न सिर्फ शिक्षा वरन् स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है अत्एव उक्त आदेश का अनुपालन यदि परिवादिनी द्वारा सुनिश्चित किए जाने हेतु प्रार्थना पत्र पुनरीक्षणकर्ता के सम्मुख प्रस्तुत किया जाता है तब पुनरीक्षणकर्ता उक्त आदेश का शतप्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करे।
तदनुसासर प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका अंगीकरण के स्तर पर ही अन्तिम रूप से निस्तारित की जाती है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (राजेन्द्र सिंह) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1,
कोर्ट नं0-1.