Ajay Singh filed a consumer case on 19 Dec 2016 against baba float glass in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is cc/345/2012 and the judgment uploaded on 01 Apr 2017.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूषोत्तम सिंह...............................................सदस्य
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-345/2012
अजय कुमार पुत्र स्व0 वासूदेव सिंह निवासी मकान नं0-585 सफीपुर प्रथम कानपुर नगर-208007
................परिवादी
बनाम
मेसर्स बाबा फ्लोट ग्लास लि0 84/54 जरीब चौकी क्रासिंग जी0टी0 रोड कानपुर नगर-208003
...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 05.06.2012
निर्णय तिथिः 30.03.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी के संपूर्ण षताब्दी प्लाई बोर्ड को बदला जाये, लेबर चार्ज रू0 50,000.00 विपक्षी से दिलाया जाये अथवा प्लाई बोर्ड की कीमत रू0 19450.00 क्रय तिथि से भुगतान की तिथि तक मय 18 प्रतिषत ब्याज दिलाया जाये, विपक्षी को आदेषित किया जाये कि जिस तरह कैषमेमो में लिखा है कि नो एक्सचेंज, नो गारन्टी, नो रिफण्ड यह विज्ञापनों पर भी तत्काल लिखा जाये ताकि उपभोक्ताओं को षोशण से निजात मिल सके। वाद व्यय रू0 11000.00 दिलाया जाये, तथा मानसिक संताप, षारीरिक उत्पीड़न हेतु जो मा0 फोरम उचित समझे दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा अपने घर पर लकड़ी के कार्य के लिए विपक्षी की दुकान से षताब्दी प्लाई बोर्ड परिवादी द्वारा दिनांक 29.06.10 को रू0 11,930.00, दिनांक 08.07.10 को रू0 770.0 तथा दिनांक 24.07.10 को रू0 6750.00 क्रय किया गया। विपक्षी ने बताया था कि षताब्दी प्लाई बोर्ड 100 फीसदी
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वाटरप्रूफ है यह न तो खराब होता है और न सड़ता है और न ही दीमक लगती है। विपक्षी द्वारा क्रय की गयी प्लाई बोर्ड का कच्चा बिल देना चाहा तो परिवादी द्वारा पक्का बिल देने पर जोर दिया गया। तब विपक्षी ने पक्का बिल दिया। परिवादी द्वारा अपने घर पर लकड़ी का कार्य अनुभवी कारीगरों से रू0 50,000.00 में कराया। कारीगरों ने परिवादी को बताया था कि प्लाई बोर्ड सही नहीं लग रहा है। परिवादी ने इस बात को विपक्षी को अवगत कराया, तो विपक्षीने कहा कि अगर सामान खराब होगा तो बदल देंगे। कुछ समय बाद प्लाई बोर्ड से बुरादा गिरने लगा। विपक्षी को टेलीफोन पर संपर्क करने पर विपक्षी ने कहा कि वह आदमी भेजकर चेक करा लेगा। परिवादी स्वयं विपक्षी की दुकान पर गया, तब विपक्षी द्वारा यह कहा गया कि वह परिवादी के यहां आदमी भेज देगा। परिवादी ने विपक्षी से कहा कि आदमी हमारे साथ भेज दीजिए, ताकि बुरादा गिरने की सही जानकारी हो सके। इस बात पर विपक्षी गरम हो गया और कहने लगा आपने अपना कैषमेमो नहीं देखा, जिस पर लिखा है कि नो गारंटी, नो एक्सचेंज, नो रिफण्ड, नो कम्पलेंट की मोहर लगी है। विपक्षी द्वारा यह भी कहा गया कि उसने कोई लिखित गारंटी परिवादी को नहीं दी। विपक्षी द्वारा कानपुर में अपने प्रचार से सम्बन्धित होल्डिंग लगवाई है, उनमें कहीं भी नो गारंटी, नो एक्सचेंज, नो रिफण्ड, नो कम्पलेंट अंकित नहीं किया गया है। उक्त चेतावनी की सिर्फ कैषमेमो में मोहर लगा देना विपक्षी अपने उत्तरदायित्व से नहीं बच सकता है। विपक्षी द्वारा बावजूद विधिक नोटिस प्रष्नगत प्लाई बोर्ड बदलने से मना कर दिया गया। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षीगण की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र का खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी ने दिनांक 29.06.10 व 08.07.10 को प्लाई बोर्ड खरीदे थे, परन्तु लकड़ी के सामान पर कोई गारंटी व वारंटी नहीं होती है और कैषमेमों पर लिखा होता है कि गारंटी व वारंटी नहीं है। अतः परिवादी के किसी भी नुकसान का जिम्मेदार विपक्षी नहीं है।
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परिवादी द्वारा अपनी नोटिस दिनांक 29.07.11 को रू0 675.00 का सामान व दिनांक 27.06.10 को रू0 9676.00 का सामान खरीदना बताया था। जबकि दिनांक 29.07.10 को कोई कैषमेमो जारी नहीं हुआ और दिनांक 27.06.10 को रविवार होने के कारण षोरूम बंद था। अब परिवाद में दिनांक 24.07.10 को रू0 6750.00 का सामान खरीदना बताया जा रहा है तथा दिनांक 27.06.10 के विशय में संपूर्ण परिवाद में कुछ नहीं कहा गया है। इससे जाहिर है कि परिवादी को स्वयं नहीं पता कि वह क्या कहना चाहता है। परिवादी द्वारा गलत नोटिस दी गयी है। परिवादी स्वयं अपने लकड़ी के सामान को दीमक लगी लकड़ी के साथ रखेगा तो स्वयमेव दीमक लग जायेगी। परिवादी द्वारा उक्त बोर्डो के साथ काम कराने के सम्बन्ध में नहीं लिखा और उसमें हुए खर्चे का कोई सबूत दाखिल नहीं किया गया है। विपक्षी, परिवदी के आरोपों को अस्वीकार करता है। परिवादी ने षिकायत की कोई तिथि नहीं बतायी गयी है। होल्डिंग में गारंटी या वारंटी की बात लिखना आवष्यक है और न ही गुणवत्ता लिखना। परिवाद कालबाधित है। परिवादी दो वर्शों तक सोता रहा और अब षिकायत कर रहा है। उपरोक्त कारणों से परिवादी कोई भी उपषम प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 20.05.13 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगायत् 1/5 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में सीता षरण श्रीवास्तव, अधिकृत अधिकारी का षपथपत्र दिनांकित 18.07.12 एवं 02.05.14 दाखिल किया है।
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निष्कर्श
6. बहस के समय विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। अतः फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं परिवादी द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्ता को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में प्रमुख विचारणीय बिन्दु यह है कि क्या परिवादी बिना वारंटी के प्रष्नगत मामले में प्रष्नगत प्लाई बोर्ड की कीमत प्राप्त करने का अधिकारी है, यदि हां तो प्रभाव?
7. उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा विभिन्न तिथियों में (जिनका उल्लेख ऊपर किया जा चुका है) विपक्षी से अपने घर के निर्माण हेतु लकड़ी के क्रय हेतु षताब्दी प्लाई बोर्ड क्रय किया गया। परिवादी का कथन यह है कि विपक्षी द्वारा उक्त प्लाईबोर्ड के सम्बन्ध में परिवादी को यह बताया गया था कि उक्त प्लाईबोर्ड वाटरप्रूफ है, न तो खराब होता है, न सड़ता है और न ही दीमक लगती है। परिवादी का कथन है कि ग्रह निर्माण के कुछ समय बाद ही प्लाईबोर्ड से बुरादा गिरने लगा। षिकायत करने पर विपक्षी के द्वारा पहले यह कहा गया कि वह आदमी भेजकर चेक करा लेगा। जब परिवादी स्वयं विपक्षी की दुकान पर गया तो विपक्षी ने कहा कि वह परिवादी के यहां आदमी भेज देगा और जब परिवादी ने यह अपेक्षा की कि विपक्षी अपना आदमी अभी उसके साथ भेजे तो विपक्षी नाराज हो गया और विपक्षी ने यह कहा कि कैषमेमो में नो गारंटी, नो वारंटी, नो एक्सचेंज, नो रिफण्ड एवं नो कम्प्लेंट की मोहर लगी है। इसलिए विपक्षी अब उक्त प्लाईबोर्ड खराब होने का जिम्मेदार नहीं है। उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में विपक्षी का प्रमुख कथन यह है कि लकड़ी के सामान पर कोई गारंटी या वारंटी नहीं होती है। कैषमेमो पर लिखा होता है कि गारंटी या वारंटी नहीं होती है। अतः विपक्षी प्रष्नगत विक्रीत प्लाईबोर्ड से बुरादा गिरने या खराब होने का उत्तरदायी नहीं है।
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उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रष्नगत प्लाईबोर्ड दिनांक 29.06.10, 08.07.10 एवं 24.07.10 को विपक्षी से क्रय किया गया है। प्रस्तुत परिवाद दिनांक 05.06.12 को लगभग दो वर्श के अंदर योजित किया गया है। परिवादी द्वारा यह नहीं स्पश्ट किया गया है कि प्लाईबोर्ड लगने के कितने दिन पष्चात प्लाईबोर्ड से बुरादा गिरने लगा था। परिवादी द्वारा इस आषय का कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है कि प्लाई बोर्ड से बुरादा गिरने का कारण क्या था। परिवादी की ओर से इस सम्बन्ध में कोई सारवान साक्ष्य अथवा सारवान तथ्य प्रस्तुत नहीं किया गया है कि प्रष्नगत प्लाईबोर्ड यदि दो वर्शों के अंदर खराब भी हो गया हो तो परिवादी विपक्षी से किस नियम के अंतर्गत यथा वांछित अनुतोश प्राप्त करने का अधिकारी है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस निर्णय पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
8. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध खारिज किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
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