Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/200/2015

SHYAMAL KUMAR SINHA - Complainant(s)

Versus

B.S.N.L - Opp.Party(s)

30 May 2022

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/200/2015
( Date of Filing : 04 Jul 2015 )
 
1. SHYAMAL KUMAR SINHA
177 RAVINDRAPALI INDIRA NAGAR
LUCKNOW
UTTAR PRADESH
...........Complainant(s)
Versus
1. B.S.N.L
GANDHI BHAWAN KAISARBAG
LUCKNOW
UTTAR PRADESH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
 HON'BLE MS. sonia Singh MEMBER
  Ashok Kumar Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 30 May 2022
Final Order / Judgement

      जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

                 परिवाद संख्‍या-200/2015

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-04.07.2015

परिवाद के निर्णय की तारीख:-30.05.2022

श्‍यामल कुमार सिन्‍हा वयस्‍क 177, रविन्‍द्रपल्‍ली इन्दिरानगर, लखनऊ।

  ............परिवादी।                                                

                          बनाम

भारत संचार निगम लिमिटेड गॉंधी भवन, कैसरबाग, लखनऊ।

............विपक्षी।                                               

आदेश द्वारा-श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।

                          निर्णय

1.   परिवादी ने प्रस्‍तुत परिवाद धारा 12 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत विपक्षी से परिवादी का धन 528.00 रूपये अन्तिम भुगतान तक मय 24 प्रतिशत ब्‍याज के साथ, विपक्षी द्वारा अपनायी गयी अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया के कारण परिवादी को हुए मानसिक, आर्थिक व शारीरिक कष्‍ट के लिये कम से कम 2,00,000.00 रूपये, वाद व्‍यय व अन्‍य दौड़ भाग के लिये 55,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

2.   संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी के पास एक काफी पुराना विपक्षी कम्‍पनी का पोस्‍टपेड कनेक्‍शन था जिसका नम्‍बर 9450905269 है जिस पर काफी ज्‍यादा बिल आता था जिसके कारण परिवादी को बहुत ज्‍यादा बिल जमा करना पड़ता था, इसलिए परिवादी ने उपरोक्‍त नम्‍बर को पोस्‍टपेड से प्रीपेड में बदलवाने के लिये विपक्षी से सम्‍पर्क किया।

3.   विपक्षी ने परिवादी को दिनॉंक 17.02.2015 को बुलाया और सभी ड्यूज जमा कराकर परिवादी के नम्‍बर को पोस्‍टपेड से प्रीपेड में बदल दिया जिसके लिये विपक्षी ने परिवादी से ज्‍यादा जमा करायी गयी धनराशि में से 528.00 रूपये वापस करने का आश्‍वासन दिया और परिवादी से एक प्रार्थना पत्र भी लिखवाकर अपने पास रख लिया।

4.   विपक्षी द्वारा उक्‍त धनराशि को एक माह में वापस करने का आश्‍वासन दिया गया था किन्‍तु एक माह से अधिक का समय व्‍यतीत होने के बाद भी विपक्षी ने परिवादी को धनराशि वापस नहीं किया, तो परिवादी ने दिनॉंक 19.05.2015 को विपक्षी से संपर्क किया और धनराशि वापस करने की मॉंग की तो विपक्षी ने परिवादी को टालने के लिये एक रिसिप्‍ट परिवादी को देकर 10 दिन बाद बुलाया। परिवादी ने पुन: 10 दिन बाद विपक्षी से सम्‍पर्क किया और धनराशि वापस करने की मॉंग की किन्‍तु विपक्षी ने पुन: परिवादी को टालने के लिये एक माह बाद सम्‍पर्क करने को कहा।

5.   विपक्षी के कृत्‍यों से तंग आगकर परिवादी ने दिनॉंक 06.06.2015 को आर0टी0आई0 के माध्‍यम से धनराशि वापसी के संबंध में जानकारी मॉंगी किन्‍तु विपक्षी ने परिवादी द्वारा मॉगी गयी जानकारी को आज तक नहीं दिया ओर न ही परिवादी की धनराशि वापस किये जिसके कारण वाद का कारण उत्‍पन्‍न हुआ।

6.   वाद की कार्यवाही विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय चल रही है।

7.   परिवादी ने साक्ष्‍य में शपथ पत्र, भारत संचार निगम लिमिटेड का बिल, परिवादी का प्रपत्र, रसीद, परिवादी का प्रार्थना पत्र आदि दाखिल किया है।

8.   हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना, तथा पत्रावली का परिशीलन किया। परिवादी का कथानक है कि परिवादी के पास विपक्षी कम्‍पनी का पोस्‍टपेड कनेक्‍शन था जिसका नम्‍बर 9450905269 है। परिवादी ने उक्‍त कनेक्‍शन पर ज्‍यादा बिल आने के कारण उसे प्रीपेड में बदलवा दिया। परिवादी ने उक्‍त कनेक्‍शन में ज्‍यादा धनराशि जमा कर दिया, जिसमें 528.00 रूपये ज्‍यादा जमा कर दिया जिसे विपक्षी ने वापस करने का आश्‍वासन भी दिया, परन्‍तु परिवादी द्वारा विपक्षी के पास जाने पर भी उक्‍त धनराशि वापस नहीं की गयी।

9.   परिवादी द्वारा दिनॉंक 06.06.2015 को अपनी धनराशि की वापस हेतु विपक्षी से आर0टी0आई0 के तहत जानकारी भी मॉंगी गयी। परन्‍तु विपक्षी ने परिवादी को जानकारी भी नहीं दी। विपक्षी द्वारा आर0टी0आई0 के तहत जानकारी न देना तथा परिवादी की अतिरिक्‍त जमा धनराशि को वापस न करना विपक्षी की सेवा में त्रुटि को दर्शाता है। परिवादी ने अपने कथनों का समर्थन शपथ पत्र द्वारा भी किया है। विपक्षी की ओर से कोई साक्ष्‍य भी प्रस्‍तुत नहीं की गयी है। अत: परिवादी द्वारा दाखिल प्रपत्रों से विदित है कि विपक्षी ने अनुचित व्‍यापार प्रकिया को अपनाया है। अत: उपरोक्‍त तथ्‍यों एवं साक्ष्‍यों के परिशीलन से परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

                           आदेश

10.  परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी द्वारा जमा की गयी ज्‍यादा धनराशि मुबलिग 528.00 (पॉच सौ अट्ठाइस रूपया मात्र) मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से परिवाद दायर की करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक निर्णय के 45 दिन के अन्‍दर अदा करें। मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक कष्‍ट तथा वाद व्‍यय के लिये मुबलिग 3000.00 (तीन हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतेय होगा।

 

   (सोनिया सिंह)     (अशोक कुमार सिंह )            (नीलकंठ सहाय)

          सदस्‍य              सदस्‍य                  अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                             लखनऊ।   

आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।

                                   

   (सोनिया सिंह)     (अशोक कुमार सिंह)               (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य              सदस्‍य                   अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                              लखनऊ।

दिनॉंक:-30.05.2022

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MS. sonia Singh]
MEMBER
 
 
[ Ashok Kumar Singh]
MEMBER
 

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