Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/72/2016

SUNITA - Complainant(s)

Versus

B.S.A. - Opp.Party(s)

RAKESH SINGH

24 Dec 2022

ORDER

-1-

परिवाद संo             मामले का शीर्षक-         उद्घोषणा की तिथि

72 सन् 2016      परिवादिनी के जी.पी.एफ. धनराशि को       24.12.2022

                  विपक्षीगण द्वारा भुगतान न किए जाने

                     पर परिवादिनी को हुई क्षतिपूर्ति दिलाए

                         जाने सम्बन्धी वाद

 

 जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संस्थित करने की तिथि 13.04.2016

अंतिम सुनवाई की तिथि 17.12.2022

उद्घोषणा की तिथि 24.12.2022

परिवाद संख्या 72 सन् 2016

    सुनीता राय पत्नी शैलेन्द्र कुमार राय पता मुहल्ला आराजीबाग ओम सदन (निकट स्टेडियम) पोस्ट व तहसील- सदर, शहर व    जिला- आजमगढ़।

  • जरिएः परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता श्री राकेश सिंह)  
  • परिवादिनी।

बनाम

  1. उपशिक्षा निदेशक (माध्यमिक) आजमगढ़ मण्डल आजमगढ़ पता मुहल्ला मड़या, पोस्ट- सदर, शहर व जिला- आजमगढ़
  2. जिला विद्यालय निरीक्षक आजमगढ़ पता सिविल लाईन (निकट भारतीय स्टेट बैंक) पोस्ट- सदर, शहर व जिला- आजमगढ़।
  3. उत्तर प्रदेश सरकार बजरिए जिलाधिकारी आजमगढ़।
  4. जरिएः विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता

श्री कैलाश राम विश्वकर्मा)

  1. विपक्षीगण।

कोरमः-

    भगवती प्रसाद सक्सेनाअध्यक्ष”, गगन कुमार गुप्ता सदस्यतथा सुश्री प्रतिष्ठा वर्मासदस्या

सुनवाई की अंतिम तिथि पर उपस्थित- परिवादिनी की तरफ से परिवादिनी स्वयं तथा परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित।

    माo अध्यक्ष, श्री भगवती प्रसाद सक्सेना द्वारा उद्घोषित

     -2-

     निर्णय

  1. परिवादिनी की ओर से यह परिवाद विपक्षीगण क्रमशः उपशिक्षा निदेशक (माध्यमिक) आजमगढ़ मण्डल आजमगढ़ एवं जिला विद्यालय निरीक्षक आजमगढ़ और उत्तर प्रदेश सरकार बजरिए जिलाधिकारी आजमगढ़ के विरुद्ध योजित करते हुए याचिनी ने यह अनुरोध किया है कि परिवादिनी को ग्रेच्युटी प्रोविडेंट फंड खाता संख्या एफ.119/103 में जमा शुद्ध धनराशि 4,79,988/- (चार लाख उन्यासी हजार नौ सौ अट्ठासी रुपए) के सापेक्ष मात्र 3,45,076/- (तीन लाख पैंतालीस हजार छिहत्तर रुपए) का भुगतान करने के पश्चात् याचिनी के जी.पी.एफ. खाता संख्या एफ.119/103 को बन्द किया गया और अवशेष धनराशि 1,39,412/- (एक लाख उन्तालीस हजार चार सौ बारह रुपए) का भुगतान विपक्षीगण 01 व 02 ने नहीं किया। विपक्षीगण 01 व 02 अवशेष जी.पी.एफ. (सामान्य भविष्य निधि) की धनराशि 1,39,412/- (एक लाख उन्तालीस हजार चार सौ बारह रुपए) तथा वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 तक ब्याज की धनराशि 38,417/- (अड़तीस हजार चार सौ सत्तरह रुपए) और शिकायत आवेदन व अन्य व्यय हेतु 1,00,000/- (एक लाख रूपए) तथा परिवादिनी को मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति 1,00,000/- (एक लाख रुपए) कुल धनराशि 3,39,412/- (तीन लाख उन्तालीस हजार चार सौ बारह रुपए) का भुगतान ब्याज सहित कराए जाने हेतु यह परिवाद योजित किया गया है।
  2. परिवाद के अभिवचन निम्नवत है-

परिवादिनी उद्योग विद्यालय इण्टर कॉलेज, कोयलसा जनपद आजमगढ़ में अंग्रेजी प्रवक्ता के पद पर दिनांक 22.04.2002 से नियुक्त होकर अपनी सेवा अगली नियुक्ति कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान सुल्तानपुर में सेवा प्रारम्भ करने तक उद्योग विद्यालय इण्टर कॉलेज, कोयलसा जनपद आजमगढ़ में दौरान सेवा उसकी भविष्य निर्वाह निधि खाता अर्थात् जी.पी.एफ. खाता संख्या एफ.119/103 रहा है। दिनांक 03.01.2014 को उद्योग विद्यालय इण्टर कॉलेज, कोयलसा आजमगढ़ में अंग्रेजी प्रवक्ता पद से परिवादिनी ने त्याग-पत्र देकर लिखित निवेदन

-3-

किया कि वित्त वर्ष 2013-14 तक उसके जी.पी.एफ. खाता संख्या एफ.119/103 में जमा कुल धनराशि 4,41,571/- (चार लाख इकतालीस हजार पांच सौ इकहत्तर रुपए) का अन्तिम निष्कासन करके कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान, सुल्तानपुर में उसके नवीन सम्बन्धित जी.पी.एफ. खाता में स्थानान्तरित कर दिया जाए।

सूचना के अधिकार के अन्तर्गत प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवादिनी के आवेदन पर उद्योग विद्यालय इण्टर कॉलेज, कोयलसा आजमगढ़ के संस्थाधिकारियों के द्वारा जी.पी.एफ. खाता संख्या एफ.119/103 के भुगतान से सम्बन्धित सम्पूर्ण अभिलेख तैयार करके जिला विद्यालय निरीक्षक, आजमगढ़ के कार्यालय में दिनांक 21.01.2015 को विवरण प्राप्त करा दिया गया। जिला विद्यालय निरीक्षक, आजमगढ़ में सम्बन्धित जी.पी.एफ. के भुगतान किए जाने के निर्देश हेतु उद्योग विद्यालय इण्टर कॉलेज से प्राप्त सम्बन्धित सम्पूर्ण प्रपत्र/अभिलेख को अपने पत्रांक 7622 दिनांकित 04.02.2015 द्वारा उपशिक्षा निदेशक (माध्यमिक) आजमगढ़ मण्डल, आजमगढ़ को उक्त विवरण प्राप्त कराया। उपशिक्षा निदेशक (माध्यमिक) आजमगढ़ मण्डल, आजमगढ़ को जी.पी.एफ. खाता संख्या एफ.119/103 से मात्र 3,45,076/- (तीन लाख पैंतालीस हजार छिहत्तर रुपए) की धनराशि को बैंक ड्रॉफ्ट संख्या 097920 दिनांकित 07.05.2015 से विपक्षीगण ने परिवादिनी के नवीन जी.पी.एफ लेखीशीर्षक संख्या  KNI/145 में जमा किया। दिनांक 07 मई, 2015 तक परिवादिनी के जी.पी.एफ. खाता संख्या एफ.119/103 में वर्ष 2014-15 तक कुल जमा धनराशि 4,79,988/- (चार लाख उन्यासी हजार नौ सौ अट्ठासी रुपए) वित्तीय वर्ष 2013-14 तक की धनराशि 4,41,571/- (चार लाख इकतालीस हजार पांच सौ इकहत्तर रुपए) तथा वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2014-15 तक का ब्याज 38,417/- (अड़तीस हजार चार सौ सत्तरह रुपए), धनराशि 4,41,571/- (चार लाख इकतालीस हजार पांच सौ इकहत्तर रुपए) में ब्याज की धनराशि 38,417/- (अड़तीस हजार चार सौ सत्तरह रुपए) जोड़े जाने पर कुल धनराशि 4,79,988/- (चार लाख उन्यासी

-4-

हजार नौ सौ अट्ठासी रुपए) में से परिवादिनी को मात्र 3,45,076/- (तीन लाख पैंतालीस हजार छिहत्तर रुपए) का भुगतान उसके नवीन जी.पी.एफ. खाते में विपक्षीगण के द्वारा किया गया और शेष धनराशि 1,39,412/- (एक लाख उन्तालीस हजार चार सौ बारह रुपए) का भुगतान विपक्षीगण 01 व 02 के द्वारा बदनीयती से नहीं किया गया।

उपरोक्त वाद व्यवहार कारण के उत्पन्न होने पर यह परिवाद शेष धनराशि 1,39,412/- (एक लाख उन्तालीस हजार चार सौ बारह रुपए) रुपए अद्यतन ब्याज सहित एवं वाद व्यय और परिवादिनी के मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति का विवरण परिवाद के पृष्ठ 03, क्रमांक 07 में प्रदर्शित कुल धनराशि 3,39,412/- (तीन लाख उन्तालीस हजार चार सौ बारह रुपए) वसूलने हेतु यह परिवाद योजित किया गया है।

  1. विपक्षीगण 01 लगयात 03 की ओर से प्रतिवाद पत्र 10क प्रस्तुत करते हुए यह अभिवचन किया गया है कि परिवाद पत्र के पैरा 01 में वर्णित अभिवचन पर विपक्षीगण कोई टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं समझते हैं। परिवाद पत्र के पैरा 02 लगायत 07 को विपक्षीगण ने इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में विपक्षीगण के द्वारा यह अभिवचन प्रस्तुत किया गया है कि परिवादिनी को कोई वाद व्यवहार कारण वाद योजित करने का उत्पन्न नहीं हुआ है तथा परिवादी के सुनवाई का क्षेत्राधिकार माननीय मंच को नहीं है। परिवादिनी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं हैं और न ही परिवाद उपभोक्ता की श्रेणी में है। परिवाद विधिक रूप से पोषणीय नहीं है।
  2. अभिलेखों के आधार पर परिवादिनी उद्योग इण्टर कॉलेज, कोयलसा आजमगढ़ में दिनांक 22.04.2002 को नियुक्त होकर दिनांक 05.06.2010 तक कार्यरत रही हैं। तत्पश्चात् अवैतनिक अवकाश दिनांक 07.06.2010 से के.एन.आई.पी. कॉलेज सुल्तानपुर में कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त उद्योग विद्यालय इण्टर कॉलेज कोयलसा आजमगढ़ में अवैतनिक अवकाश पर रहने का कोई औचित्य नहीं रह गया है। क्योंकि किसी संस्था में अवैतनिक अवकाश लेकर कोई कर्मचारी अन्यत्र कार्यभार नहीं ग्रहण कर सकता है।

 

  1.  
  1. नियमावली पत्रांक पेंशन (2) 2451-7451-52-10ए (24) 86-87 दिनांकित 05.05.86 के प्रस्तर 21 के अनुसार अभिदाता की जमा धनराशि पर अन्तिम भुगतान हेतु आदेश के पूर्व तिथि, माह का ब्याज ही आगणित किया जाएगा। भविष्य निधि खाता की धनराशि अन्तिम रूप से देय होने के छः माह के अन्दर अन्तिम भुगतान का प्रार्थना पत्र देने पर पूरी अवधि का ब्याज देय होगा। छः माह के बाद प्रार्थना पत्र देने पर अधिकतम एक वर्ष का ब्याज देय होगा। परिवादिनी के अन्तिम भुगतान प्रार्थना पत्र जिला विद्यालय निरीक्षक आजमगढ़ के पत्रांक 7622 दिनांकित 04.02.2015 द्वारा अन्तिम भुगतान देय होने के लगभग 05 वर्ष उपरान्त अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया। जिस पर अधिकतम ब्याज देयता एक वर्ष तक ही बनती है। इस प्रकार अधिकतम एक वर्ष के साथ परिवादिनी के जमा धनराशि 3,45,067/- रुपए स्थानान्तरण की अनुमति इस कार्यालय के पत्रांक 8120-25-/2014-15 दिनांकित 25.03.2015 द्वारा प्रदान की गयी। परिवादिनी को 4,41,571/- (चार लाख इकतालीस हजार पांच सौ इकहत्तर रुपए) का भुगतान नियमानुसार देय नहीं है। परिवादिनी द्वारा योजित परिवाद धारा-80 सी.पी.सी. से बाधित है और परिवादिनी की ओर से यह परिवाद विधिक रूप से पोषणीय नहीं है। उपरोक्त अभिवचनों के आधार पर परिवाद खारिज किए जाने योग्य है।
  2. परिवादिनी की ओर से अतिरिक्त अभिवचन अभिलेख 12ग प्रस्तुत करते हुए प्रतिवाद पत्र में वर्णित अभिवचनों का विरोध किया गया है और पश्चात् वर्ती अभिवचन में परिवादिनी की ओर से यह अभिवचन किया गया है कि परिवादिनी अपने सम्पूर्ण धन को प्राप्त करने की अधिकारिणी है और उसके धन को विपक्षीगण किसी भी नियम के अन्तर्गत भुगतान करने से रोक नहीं सकते हैं। परिवादिनी के द्वारा उपभोग किए गए अवैतनिक अवकाश के दौरान कोई भी धनराशि भविष्य निधि से कटौती नहीं की गयी है। किन्तु उक्त कटौती जमा धन पर जो ब्याज भुगतान परिवादिनी को अर्जित हुआ है उसे परिवादिनी पाने के लिए अधिकृत है।
  3.  
  4. उपरोक्त अभिवचनों के आधार पर विवाद का मुख्य बिन्दु अथवा अवधार्य प्रश्न निम्नवत है-

क्या परिवादिनी भविष्य निधि खाता में उपलब्ध धनराशि 4,41,571/- (चार लाख इकतालीस हजार पांच सौ इकहत्तर रुपए) का भुगतान ब्याज सहित पाने की हकदार है?

  1. परिवादिनी की ओर से लिस्ट 17ग/1 से 17ग/2 जी.पी.एफ. खाता संख्या एफ./119 वित्तीय वर्ष 2013-14 का विवरण प्रधानाचार्य उद्योग विद्यालय इण्टर कॉलेज, कोयलसा आजमगढ़ एवं वित्त एवं लेखा विभाग माध्यमिक शिक्षा, आजमगढ़ द्वारा हस्ताक्षरित अभिलेख प्रस्तुत किया गया है। परिवादिनी की ओर से लिस्ट 5ग से अभिलेख प्रोफार्मा द्वितीय तथा भविष्य निधि लेखा का वार्षिक विवरण और प्रमाण पत्र एवं संस्तुति से सम्बन्धित अभिलेख तथा उपशिक्षा निदेशक (माध्यमिक) आजमगढ़ मण्डल, आजमगढ़ के द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक आजमगढ़ को प्रेषित पत्रांक 8120/2014-15 दिनांकित 25.03.2015 तथा पत्रांक 1289 वित्तीय वर्ष 2015-16 दिनांकित 14 मई, 2015 एवं मुख्य परीक्षण शपथ 11ग प्रस्तुत किया गया है।
  2. परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत वित्तीय वर्ष 2013-14 में धनराशि 4,41,571/- (चार लाख इकतालीस हजार पांच सौ इकहत्तर रुपए) जमा होने के सम्बन्ध में अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है। इस अभिलेखीय साक्ष्य को सम्बन्धित विद्यालय एवं वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक शिक्षा के द्वारा जारी किया गया है। इस अभिलेख में परिवादिनी की भविष्य निधि लेखा धनराशि 4,41,571/- (चार लाख इकतालीस हजार पांच सौ इकहत्तर रुपए) प्रदर्शित की गयी है। विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत लिखित कथन के पृष्ठ 02 के पैरा 07 में परिवादिनी को 4,41,571/- (चार लाख इकतालीस हजार पांच सौ इकहत्तर रुपए) का भुगतान नियमानुसार देय नहीं है इसका कोई विवरण एवं नियमावली व साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। जबकि परिवादिनी की ओर से विपक्षीगण के द्वारा निर्गत अभिलेखीय साक्ष्य परिवादिनी के भविष्य निधि खाता में जमा कुल धनराशि 4,41,571/- (चार लाख
  3.  

इकतालीस हजार पांच सौ इकहत्तर रुपए) रुपए के खण्डन में कोई अभिलेखीय साक्ष्य विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत नहीं किया गया है। तद्नुसार विपक्षीगण के द्वारा तैयार किए गए परिवादिनी के भविष्य निधि खाते के विवरण के आधार पर परिवादिनी 4,41,571/- (चार लाख इकतालीस हजार पांच सौ इकहत्तर रुपए) पाने की हकदार है। जबकि परिवादिनी को केवल 3,45,076/- (तीन लाख पैंतालीस हजार छिहत्तर रुपए) का भुगतानान्तरण उसके पूर्व भविष्य निधि खाते से वर्तमान भविष्य निधि खाते में किया गया। परिवाद के पृष्ठ 03 क्रमांक 04 में यह विवरण परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किया गया है और प्रतिवादीगण की ओर से प्रस्तुत प्रतिवाद पत्र 10क में इस अभिवचन को इन्कार किया गया है तथा अतिरिक्त कथन में कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत न किया जाना और विरोध में कोई साक्ष्य प्रस्तुत न किया जाना प्रतिवादीगण के द्वारा परिवादिनी के उक्त अभिवचन को स्वीकार किया जाना विधि के अन्तर्गत है। परिवादिनी ने इस सम्बन्ध में 11ग शपथ पत्र में मुख्य परीक्षण के पैरा 03 में भी 3,45,076/- (तीन लाख पैंतालीस हजार छिहत्तर रुपए) के स्थानान्तरित करने की स्वीकृति वर्णित की है और उक्त धनराशि को बैंक ड्रॉफ्ट संख्या 097920 दिनांकित 07.05.2015 से परिवादिनी के नवीन जी.पी.एफ. लेखा शीर्षक में धनराशि 3,45,076/- (तीन लाख पैंतालीस हजार छिहत्तर रुपए) अन्तरित किया जाना बताया गया है। इस प्रकार परिवादिनी के मुख्य परीक्षण के बयान तथा अभिलेखीय साक्ष्य से यह तथ्य साबित होता है कि परिवादिनी को उसके खाते में कुल जमा धनराशि 4,41,571/- (चार लाख इकतालीस हजार पांच सौ इकहत्तर रुपए) के सापेक्ष 3,45,076/- (तीन लाख पैंतालीस हजार छिहत्तर रुपए) का ही भुगतान किया गया है। शेष धनराशि 96,495/- रुपए का भुगतान विपक्षीगण की ओर से नहीं किया गया है। इसके सम्बन्ध में विपक्षीगण के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवाद पत्र में कोई अंकेन विवरण प्रस्तुत न किया जाना उनके विपरीत अन्तर्गत धारा- 114 के दृष्टान्त 1(जी.) भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के अनुसार ही परिकल्पना की जाएगी। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 2

  1.  

के उपबन्ध () एवं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2 के उपबन्ध 7 लगायत 9 एवं 11 तथा अन्तर्गत धारा 34 दि कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन ऐक्ट 2019 एवं अन्तर्गत धारा 11 दि कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन ऐक्ट 1986 में दिए गए प्रावधान के दृष्टिगत रखते हुए जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग को इस वाद के श्रवण हेतु विधिक अधिकार पूर्णरूपेण प्राप्त हैं। तद्नुसार विपक्षीगण के द्वारा क्षेत्राधिकार के बिन्दु पर की गयी आपत्ति बलहीन होने के कारण निरस्त की जाती है।

  1. उपरोक्त विवेचन से यह स्पष्ट रूप से पारदर्शित है कि परिवादिनी के द्वारा अपने परिवाद के अभिवचनों को विपक्षीगण के द्वारा निर्गत किए गए लोक अभिलेख भविष्य निधि के खाते के कथन के द्वारा परिवाद के अभिवचनों को साबित किया गया है। तद्नुसार यह परिवाद परिवादिनी के पक्ष में स्वीकार किए जाने योग्य है।
  2. याचिनी ने क्षतिपूर्ति के रूप में परिवाद एवं सम्बन्धित अन्य व्यय हेतु 1,00,000/- (एक लाख रुपए) और मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति हेतु 1,00,000/- (एक लाख रुपए) अर्थात् कुल 2,00,000/- (दो लाख रुपए) क्षतिपूर्ति के रूप में मांग किया है। परिवादिनी की ओर से सम्पूर्ण क्षतिपूर्ति का अलग-अलग विवरण आकलन से सम्बन्धित प्रदर्शित नहीं किया गया है। इन परिस्थितियों में परिवादिनी को कुल क्षतिपूर्ति क्रमशः वाद व्यय, आर्थिक, मानसिक, शारीरिक समस्त क्षतिपूर्ति की धनराशि 50,000/- (पचास हजार रुपए) दिलाया जाना न्यायोचित है।

       आदेश

परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादिनी को 96,495/- (छियानवे हजार चार सौ पन्चानवे रुपए) भविष्य निधि धनराशि का भुगतान पिछले वित्तीय वर्ष से भुगतान करने की तारीख तक 07% साधारण वार्षिक ब्याज के हिसाब से और 50,000/- (पचास हजार रुपए) क्षतिपूर्ति के रूप में एक माह में अदा करें। अन्यथा परिवादिनी जिला आयोग, आजमगढ़ के माध्यम से सम्पूर्ण धनराशि वसूलने की अधिकारिणी होंगी।

 

 

-9-

उभय पक्ष अपना-अपना हर्जा व खर्चा स्वयं वहन करेंगे।   

 

भगवती प्रसाद सक्सेना, “अध्यक्ष”

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग आजमगढ़।

गगन कुमार गुप्ता, “सदस्य”

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग आजमगढ़।

सुश्री प्रतिष्ठा वर्मा, “सदस्या”

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग आजमगढ़।

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