न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 50 सन् 2014ई0
विजय मौर्या उम्र 16 वर्ष नाबालिक पुत्र श्री सुरेश मौर्या निवासी झांसी पो0 लौंदा जिला चन्दौली। बजरिये संरक्षक सुरेश मौर्या
...........परिवादी बनाम
1-बी0आर. पब्लिक स्कूल भिखारीपुर (झांसी) जनपद चन्दौली, जरिये प्रधानाचार्या,शशिकलां
2-जय बजरंग इण्टर मिडिएट कालेज, तारापुर जनपद चन्दौली जरिये प्रधानाचार्य धरभरन राम।
3-क्षेत्रीय सचिव,माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश वाराणसी।
4-अजय वर्मा लिपिक,जय बजरंग इण्टर मिडिएट कालेज तारापुर जिला चन्दौली।
.............................विपक्षी
उपस्थितिः-
माननीय श्री जगदीश्वर सिंह, अध्यक्ष
माननीया श्रीमती मुन्नी देवी मौर्या सदस्या
माननीय श्री मारकण्डेय सिंह, सदस्य
निर्णय
द्वारा श्री जगदीश्वर सिंह,अध्यक्ष
1- परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण से अंकपत्र संशोधित कराकर कम्प्यूटराइज्ड दिलाने एवं आर्थिक,मानसिक,शारीरिक क्षति के रूप में मु0 50,000/- एवं अधिवक्ता फीस के रूप में मु0 5000/- दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
2- परिवादी की ओर से परिवाद संस्थित करते हुए संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादी का पुत्र विपक्षी संख्या 1 के स्कूल का कक्षा 10 का नियमित छात्र है। परिवादी के पुत्र ने विपक्षी संख्या 1 के यहाॅं से बोर्ड की परीक्षा का फार्म वर्ष 2013-14 भरते समय बोर्ड की परीक्षा के फीस के नाम पर मु0 2500/-जमा करके अपने विषय हिन्दी,अंग्रेजी,गणित,विज्ञान,सामाजिक विज्ञान एवं संस्कृत का चयन किया। विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी के पुत्र से बोर्ड की परीक्षा का फार्म भरवाकर विपक्षी संख्या 2 के पास जमा किया। जिसके बाद परिवादी के पुत्र को कक्षा 10 के परीक्षा का प्रवेश पत्र विपक्षी संख्या 1 के स्कूल से प्राप्त हुआ, जिस पर अनुक्रमांक 3701813 एवं परीक्षा केन्द्र का कोड 25753 व परीक्षा केन्द्र का नाम राधा कृष्ण इण्टर कालेज अलीनगर एवं विद्यालय का नाम जय बजरंग इण्टर कालेज तारापुर चन्दौली एवं परिवादी के पुत्र द्वारा लिये गये विषयों का अंकन था। परिवादी का पुत्र परीक्षा के बाद अंकपत्र लेने विपक्षी संख्या 1 के यहाॅं गया तो परिवादी के पुत्र के अंकपत्र पर संस्कृत के स्थान पर कला विषय दर्शाकर फेल करार दिया गया था। परिवादी ने अपने पुत्र के अंकपत्र को सुधरवाने के लिए विपक्षी संख्या 1 के पास गया तो विपक्षी संख्या 1 ने मु0 1500/- परिवादी से लेकर एक सप्ताह बाद आने को कहा। परिवादी जब कुछ दिन के बाद अंकपत्र लेने विपक्षी संख्या 1 के यहाॅं गया तो विपक्षी संख्या 1 ने हाथ से बना हुआ अंकपत्र परिवादी को दिया जिस पर कलां के स्थान पर संस्कृत विषय अंकित था। परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 से
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कम्प्यूटराइज्ड अंकपत्र की मांग किया तो विपक्षी संख्या 1 ने मु0 3000/-की और मांग किया। परिवादी ने अपने पुत्र के अंकपत्र को जब नेट पर जांच किया तो अंकपत्र में कोई संशोधन विपक्षी संख्या 1 द्वारा नहीं कराया गया था। परिवादी एवं उसका पुत्र अंकपत्र के सम्बन्ध में विपक्षी संख्या 1 के यहाॅं गये तो उन्होंने परिवादी को विपक्षी संख्या 4 के पास भेजते हुए कहा कि अंकपत्र विपक्षी संख्या 4 के यहाॅं से ठीक होगा। परिवादी जब विपक्षी संख्या 4 के यहाॅं गया तो विपक्षी संख्या 4 ने कम्प्यूटराइज्ड एवं संशोधित अंकपत्र देने के नाम पर 4000/-ले लिये। किन्तु परिवादी के पुत्र का कम्प्यूटराइज्ड एवं संशोधित अंकपत्र नहीं दिये। इस प्रार्थना के साथ उक्त कम्प्यूटराइज्ड एवं संशोधित अंकपत्र एवं क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु परिवादी द्वारा यह परिवाद प्रस्तुत किया गया है।
3- विपक्षी संख्या 1 द्वारा जबाबदावा प्रस्तुत करते हुए संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद विपक्षी को तंग करने की बदनीयत से दाखिल किया गया है जो निरस्त किये जाने योग्य है। परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 के विद्यालय के माध्यम से हाईस्कूल की परीक्षा 2013-14 में चयनित विषय हिन्दी अंग्रेजी,गणित,विज्ञान,सामाजिक विज्ञान एवं सस्कृत से फार्म भरा जिसका वैधानिक शुल्क परिवादी ने जमा किया। परिवादी द्वारा कथित विषय के पंजीयन के अनुसार विपक्षी द्वारा परीक्षा का फार्म बोर्ड को भेजा और उसी के अनुसार प्रवेश पत्र परिवादी को दिया गया। बोर्ड द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद विपक्षी संख्या 2 व 4 के विद्यालय में परिवादी का प्रमाण पत्र सह अंकपत्र मूल अंक सूची के साथ आने के बाद विद्यालय से परिवादी को सह अंक पत्र मूल अंकसूची के मिलान कराकर हस्ताक्षरित एवं मुद्रित करके प्राप्त कराया गया। परिवादी के प्रमाण पत्र सह अंकपत्र में चयनित एवं पंजीकृत विषय संस्कृत के स्थान पर कला विपक्षी संख्या 2 के स्टाफ द्वारा मानवीय भूल से अंकित हो गया है, किन्तु परिवादी को उत्तीर्ण घोषित किया गया है। परिवादी द्वारा अपने अंकपत्र को चयनित विषय के मुताबिक संशोधन कराने हेतु कोई प्रार्थना पत्र या कोई धनराशि हम विपक्षी को नहीं दिया है बल्कि मौखिक रूप से अंक पत्र संशोधित कराने की बात परिवादी द्वारा कही गयी है। फिर भी प्रयास करके परिवादी के अंक पत्र को विपक्षी संख्या 4 के द्वारा संशोधन प्रार्थना पत्र दिनांक 24-7-2014 द्वारा विपक्षी संख्या 3 के विभाग को दिया गया जिसके आधार पर कार्यवाही करके परिवादी के गलत प्रमाण पत्र को दिनांक 3-9-2014 को संशोधित करके विपक्षी संख्या 2 व 4 के विद्यालय को भेज दिया गया है। उक्त संशोधित अंकपत्र विपक्षी संख्या 3 द्वारा हस्त लिखित हस्ताक्षरित एवं मुद्रित है जो कि सही है। परिवादी को संशोधित एवं सही अंकपत्र दिया जा चुका है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उक्त अंकपत्र के डाऊन लोड की कार्यवाही बाद में करती है। उक्त आधार पर परिवादी के परिवाद को खारिज किये जाने की प्रार्थना की गयी है।
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4- विपक्षी संख्या 2 व 4 द्वारा जबाबदावा प्रस्तुत करके विपक्षी संख्या 1 के द्वारा प्रस्तुत जबाबदावा का समर्थन करते हुए परिवादी के परिवाद को खारिज किये जाने की प्रार्थना किया गया है।
5- विपक्षी संख्या 3 की ओर से पत्र के माध्यम से जबाबदावा प्रस्तुत करते हुए कथन किया गया है कि परिवादी के पुत्र के हाईस्कूल परीक्षा वर्ष 2014 अनु0 3701813 जनपद चन्दौली की संस्था जय बजरंग इ0का0 तारापुर से सम्मिलित हुआ तथा परीक्षा उत्तीर्ण किया। परिवादी परीक्षार्थी द्वारा संलग्न प्रवेश पत्र तथा अन्य परिषदीय अभिलेखों के अनुसार अन्य विषयों के साथ संस्कृत विषय लिया गया था किन्तु कम्प्यूटर त्रुटिवश अंक/सह प्रमाण पत्र में परिवादी द्वारा चयनित विषय संस्कृत के स्थान पर कला मुद्रित हो गया है, तथा प्रकरण संज्ञान में आने पर यथोचित संशोधन करते हुए संशोधित अंक/सह प्रमाण पत्र विपक्षी संख्या 2 के पते पर पत्रांक संख्या मा0शि0प0/क्षे0का0वा/हा0प्र0पत्र/वी-921दिनांक 18-10-2014 द्वारा पंजीकृत डाक से प्रेषित कर दिया गया है। अतः वर्णित तथ्यों के आलोक में तथ्य वाद उदेश्य सिद्ध होने के कारण परिवादी के परिवाद को निक्षेपित किये जाने की प्रार्थना की गयी है।
6- परिवादी की ओर से फेहरिस्त के साथ साक्ष्य के रूप में प्रवेश पत्र की मूल प्रति कागज संख्या 3/1,हाईस्कूल का ड्राइंग विषय का मूल अंक पत्र 3/2,अनुपस्थित तथा स्थानान्तरित परीक्षार्थियों का विवरण के रिर्पोट की छायाप्रति 3/3,उपस्थिति लिस्ट की छायाप्रति 3/4, हाईस्कूल का हाथ से बना अंकपत्र 3/5,इण्टरनेट द्वारा निकाला गया परीक्षा फल की छायाप्रति 3/6, संस्कृत विषय का मूल पर्चा 3/7 प्रस्तुत किया गया है। विपक्षी संख्या 2 व 4 की ओर से साक्ष्य के रूप में सारणीयन पंजिका कागज संख्या 15/1, हाईस्कूल अंक पत्र की हस्तलिखित द्वितीय प्रति की छायाप्रति 15/2 एवं क्षेत्रीय सचिव मा0शि0 परि0 वाराणसी द्वारा पत्र के साथ प्रेषित संशोधित हाईस्कूल का अंकपत्र/सहप्रमाण पत्र कागज संख्या 22/2 ता 22/3 दाखिल किया गया है।
7- हम लोगों ने परिवादी एवं विपक्षी संख्या 1,2 एवं 4 के विद्वान अधिवक्तागण के बहस को सुना है तथा पत्रावली का गम्भीरतापूर्वक परिशीलन किया गया है। विपक्षी संख्या 3 की ओर से बहस करने हेतु कोई उपस्थित नहीं हुए।
8- परिवाद पत्र एवं विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत जबाबदावा के कथनों से यह तथ्य स्पष्ट है कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 के विद्यालय से हाईस्कूल वर्ष 2013-14 की परीक्षा हिन्दी,अंग्रेजी,गणित विज्ञान,सामाजिक विज्ञान एवं संस्कृत से दिया था। बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित हुआ। परिवादी को बोर्ड से जो प्रमाण पत्र/सह अंकपत्र प्रदान किया गया उसमे संस्कृत विषय के स्थान पर कला विषय अंकित था तथा इसमे उसे अनुपस्थित दर्शाया गया है लेकिन उसे उत्तीर्ण घोषित किया गया है। विपक्षी संख्या 1की ओर से प्रस्तुत जबाबदावा में यह कथन किया गया है कि मानवीय भूल वश संस्कृत के स्थान पर प्रमाण पत्र/सह अंकपत्र में
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कला अंकित हो गया है। जिसकी मौखिक सूचना परिवादी से प्राप्त होने पर प्रयास करके परिवादी के अंकपत्र में सुधार कराया गया है तथा बोर्ड द्वारा परिवादी को संशोधित कम्प्यूटराइज्ड प्रमाण पत्र/सह अंकपत्र जारी कर दिया गया है। विपक्षी संख्या 3 की ओर से प्रस्तुत जबाबदावा में यह स्वीकार किया गया है कि कम्प्यूटर से तैयार किया गया अंक पत्र/सह प्रमाण पत्र में त्रुटिवश चयनित विषय संस्कृत के स्थान पर कला मुद्रित हो गया है तथा प्रकरण संज्ञान में आने पर यथोचित संशोधन करते हुए संशोधित अंक पत्र/सह प्रमाण पत्र विपक्षी संख्या 2 के पते पर बोर्ड द्वारा प्रेषित कर दिया गया है। उपरोक्त संशोधित अंक/सह प्रमाण पत्र विपक्षी संख्या 1 ने इस मुकदमे की पत्रावली में दाखिल किया है जो पत्रावली में उपलब्ध है। इस संशोधित प्रमाण पत्र/सह अंकपत्र से परिवादी के समस्यां का निवारण हो गया है। पहले जो अंक पत्र/सह प्रमाण पत्र जारी किया गया है वह विपक्षीगण के कथनानुसार मानवीय भूलवश होने तथा यह तथ्य संज्ञान में आने पर बोर्ड द्वारा सही संशोधित प्रमाण पत्र/सह अंक पत्र निर्गत कर दिया गया है। उपरोक्त स्थिति में हम लोगों के विचार से परिवादी के समस्या का निदान हो गया है। अतः संशोधित अंकपत्र परिवादी को प्रदान करते हुए यह परिवाद समाप्त किया जाना न्यायोचित है, क्योंकि उभय पक्ष अब सहमत है कि परिवाद की कार्यवाही समाप्त कर दिया जाय।
आदेश
प्रस्तुत परिवाद समाप्त किया जाता है। परिवादी का संशोधित प्रमाण पत्र/सह अंक पत्र जो पत्रावली में विपक्षीगण की ओर से दाखिल किया गया है उसे दे दिया जाय। पूर्व में जारी प्रमाण पत्र/सह अंक पत्र एवं हस्त लिखित अंक पत्र जो बोर्ड से जारी हुआ है तथा पत्रावली में उपलब्ध है उसे विपक्षी संख्या 2 को प्रदान कर दिया जाय। ताकि वह उसे नियमानुसार कार्यवाही हेतु बोर्ड में प्रेषित कर सके।
(मारकण्डेय सिंह) (मुन्नी देबी मौर्या) (जगदीश्वर सिंह)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
दिनांक 08-4-2014