जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
किषन लाल चैहान पुत्र श्री नाथू लाल जी चैहान, उम्र-51 वर्ष, जाति- रैगर, निवासी- 1323/13, हरिओम सदन, खानपुरा रोड, अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
बी.आर ज्वैलर्स जरिए प्रोपराईटर/ प्रभारी, नया बाजार, अजमेर ।
- अप्रार्थी
परिवाद संख्या 358/2012
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री राजेन्द्र सिंह राठौड, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री सूर्य प्रकाष गांधी, अधिवक्ता अप्रार्थी
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः-19.07.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि अप्रार्थी के द्वारा यह विष्वास दिलाए जाने पर कि सोने की ष्षुद्वाता व भाव उनके यहां षत-प्रतिषत खरे हैं, उसने दिनंाक 26.10.2011को अप्रार्थी से दो चैन व 6 अंगूठियां रू. 1,23,487/- जरिए रसीद संख्या 1201 में क्रय की । उक्त जेवरात क्रय किए जाने से पूर्व अप्रार्थी ने एक एस्टीमेट भी दिया जिसके अनुसार सोने का भाव 24800/- प्रति 10 ग्राम, मजदूरी के रू. 335/- प्रति नग तथा रू. 10/- हाॅलमार्क प्रतिनग के अनुसार राषि ली जानी थी । प्रार्थी ने क्रय किए गए जेवरात की लावट गोल्ड सिल्वर टेस्टिंग एव रिफायनरी, रामगंज बाजार, जयपुर से जांच भी करवाई । अप्रार्थी ने प्रार्थी से क्रय किए गए जेवरात के हाॅलमार्क का चार्ज लिया है, किन्तु षुद्वता 96 से 98 प्रतिषत भी नहीं है । इस प्रकार अप्रार्थी ने लापरवाही, व्यावसायिक नियमों का उल्ंलघन और सेवा मे ंकमी की है । प्रार्थी ने अप्रार्थी के उक्त कृत्य से व्यथित होकर एक नोटिस दिनंाक 7.1.2012 को भिजवाया । किन्तु अप्रार्थी ने बावजूद नोटिस प्राप्ति के वसूल किए गए अधिक लेबर चार्ज की राषि व ष्षुद्वता के फर्क की राषि भी नहीं लौटाई । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने अपना ष्षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी ने जवाब प्रस्तत करते हुए परिवाद की चरण संख्या 1 में वर्णित जेवरात क्रय किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि प्रार्थी ने दिनंाक 26.10.2011 को 22 कैरेट अर्थात 916 के जैवरात रू. 25,950/- प्रति 10 ग्राम की दर से क्रय किए थे । साथ ही मैकिंग चार्ज 325/-, हाॅलमार्क चार्ज रू.10/- प्रति 10 ग्राम प्राप्त किए गए थे । अप्रार्थी का कथन है कि सोने का भाव प्रतिदिन घटता बढता रहता है , कोई निष्चित भाव नहीं रहता । प्रार्थी को दिनंाक 26.10.2011 को प्रचलित बाजार दर पर ही सोने के जेवरात बेचे गए हैं । प्रार्थी को रू. 1300/- के अतिरिक्त चांदी की दो जोडी चुटकी व 3 जेन्टस अंगूठी भी दी गई थी जिसका कोई चार्ज नहीं लिया गया था । प्रार्थी को विक्रय किए गए हाॅलार्म की जेवरात की ष्षुद्वता 916 यानि 22 कैरेट थी । प्रार्थी ने जिस प्रयोगषाला से जेवरात की जांच करवाई गई है, उस जांच रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं किया गया है कि जेवरात की जांच मषीनों से की गई है अथवा पुरानी पद्वति से । माल की ष्षुद्वता के लिए हाॅलकार्म या ठप्ै द्वारा प्रमाणित प्रयोगषाला से जाचं करवाने पर ही परिणाम सही आता है । अप्रार्थी ने अपने स्तर पर कोई सेवा में कमी,लापरवाही अथवा अनुचित व्यापार व्यवहार नहीं किया है । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है । जवाब के समर्थन में श्री अषोक षर्मा, मालिक का षपथपत्र पेष किया है ।
3. प्रार्थी का प्रमुख रूप से तर्क रहा है कि अप्रार्थी ने हाॅल मार्क के अनुसार खरीदे गए आईटम का चार्जेज लिया गया है । ऐसे में सोने की षुद्व्ता 960 यानि 98 प्रतिषत आनी चाहिए । क्रय किए गए आईटमों की लावट गोल्ड सिल्वर टेस्टिंग एव रिफायनरी, रामगंज बाजार, जयपुर से करवाई गई । जिसकी टेस्टिंग रिपोर्ट के अनुसार भी क्रय किए गए माल की षुद्वता समान नहीं आई है । अप्रार्थी द्वारा गैर वाजिब लेबर भी ली गई है । इस प्रकार अप्रार्थी द्वारा लापरवाही व व्यावसायिक नियमों का उल्लंघन कर सेवा में कमी की गई है । फलस्वरूप वांछित अनुतोष दिलाया जाना चाहिए ।
4. अप्रार्थी ने खण्डन में प्रार्थी द्वारा बिल में अंकित अनुसार सोने का सामान खरीदना बताया व उसके द्वारा सोच समक्ष कर मोल भाव करते हुए पूर्ण सन्तुष्ट होकर और देखकर माल प्राप्त किया गया है, ऐसा बताया । बेचे गए माल की षुद्वता में कोई कमी नहीं थी तथा दिए गए माल की षुद्वता भी 916 अर्थात 22 कैरेट थी और उसी के अनुसार जेवरात की क्रय राषि ली गई है । प्रार्थी द्वारा जो सोने की जांच रिपोर्ट परिवाद के साथ संलग्न की है वह प्रमाणित नहीं है । वजन भी गलत लिखा गया है । उक्त प्रयोगषाला ने स्पष्ट नहीं किया है कि सोने की जांच मषीन द्वारा की गई है अथवा पुरानी पद्वति के द्वारा की गई है । अप्रार्थी द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही, सेवा में कमी अथवा नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है । परिवाद खारिज किया जाना चाहिए ।
5. हमने परस्पर तर्क सुने हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया हैं ।
6. यह स्वीकृत तथ्य सामने आया है कि प्रार्थी द्वारा दिनांक 26.10.2011 को अप्रार्थी द्वारा जारी बिल संख्या 1201 में अंकित सोने के जेवरात क्रय किए गए है । हालांकि प्रार्थी ने किन्हीं लावट गोल्ड सिल्वर टेस्टिंग एव रिफायनरी, रामगंज बाजार, जयपुर की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर अपने पक्ष को सिद्व करने का प्रयास किया है । यह मंच उक्त प्रयोगषाला की विष्वसनीयता के बिन्दु पर नहीं जाकर प्रकरण पर गुणावगुण पर विचार करना न्यायोचित पाता है । यहां यह उल्लेखनीय है कि इस बात की भी कोई गारण्टी नहीं है कि जो माल क्रय किया गया था वहीं माल हूबहू जांच के लिए उक्त लावट प्रयोगषाला में दिया गया हो। बहरहाल, जो रिपोर्ट उक्त प्रयोगषाला की प्राप्त हुई है, में अंगूठियेां की षुद्वता 91.45, 90.51, 90,91, 91.06, 91.02, 91.40 व दो सोने की चेन की षुद्वता 92.04., 92.17 बताई गई है । प्रार्थी द्वारा जो जेवरात क्रय किए गए में ष्षुद्वता 916 बताई गई है । भारत सरकार की प्राधिकृत स्कीम के अन्तर्गत 916 का मापदण्ड 22 कैरेट के समकक्ष माना गया है । जैसा कि भारतीय मानक ब्यूरों की ब्यूरों आफ स्टेण्डर्ड एक्ट के हाॅलमार्किग स्कीम के तहत निर्धारित षुद्वता से स्पष्ट है । इसके तहत 916 की ष्षुद्वता 22 कैरेट के समकक्ष मानी गई है जो रिपोर्ट प्रयोगषाला ने दी है, में उक्त जेवरात की ष्षुद्वता 90 से लेकर 92 या इससे थोड़ी अधिक बताई गई । इस रिपोर्ट के नोट के अनुसार जेवर में 1.00 टंच (़)(-) अर्थात कम या अधिक होना सम्भव बताया गया है । इस प्रकार जांच करवाए गए जेवरात में जो षुद्वता बताई गई है वह किसी भी प्रकार से निर्धारित षुद्वता से कम नहीं मानी जा सकती है ।
7. सार यह है कि इन परिस्थितियों में विक्रय किए गए जेवरात में सोने की ष्षुद्वता में किसी प्रकार की कोई कमी रखते हुए प्रार्थी को उक्त जेवरात बेच कर अप्रार्थी ने किसी भी प्रकार का कोई सेवा में दोष या अनुचित व्यापार व्यवहार का परिचय दिया हो, यह नहीं माना जा सकता । ऐसी स्थिति में प्रार्थी अप्रार्थी से कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है । मंच की राय में परिवाद खारिज होने योग्य है एवं आदेष है कि
-ःः आदेष:ः-
8. प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार किया जाकर खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
आदेष दिनांक 19.07.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष