Rajasthan

Ajmer

CC/41/2014

DHANPAL SINGH - Complainant(s)

Versus

B.O.B - Opp.Party(s)

ADV S.P GANDHI

25 May 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/41/2014
 
1. DHANPAL SINGH
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. B.O.B
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 

 


 जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्री धनपाल सिंह पुत्र स्व. श्री कैलाषचन्द, निवासी- क्वाहर नम्बर 529/2, प्रगति नगर, यूआईटी काॅलोनी, कोटडा, अजमेर । 

                                                -         प्रार्थी
                            बनाम

1. बैंक आॅफ बडौदा जरिए ष्षाखा प्रबन्धक, ष्षाखा कार्यालय- हरिभाउ उपाध्याय नगर, अजमेर (राजस्थान)305001
2. इण्डिया फस्र्ट लाईफ इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, 301, ’’ 8’’  विंग, ’ द क्यूब’ इन फिनिट पार्क, दिनदोषी फिल्म सिटी रोड, मलाड(ई) मुम्बई -400097

                                                -      अप्रार्थीगण
                 परिवाद संख्या 41/2014  

                            समक्ष
                 1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
         3. नवीन कुमार               सदस्य
                           उपस्थिति
                  1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री राजीव मंत्री,  अधिवक्ता अप्रार्थी बंैक
                  3. श्री अनिल गौड, अधिवक्ता, अप्रार्थी बीमा कम्पनी   
                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 08.06.2016
 
 1.          प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसके पिता श्री कैलाषचन्द ने अप्रार्थी बैंक से  दिनंाक 8.5.2013 को रू. 5,48,000/- का गृह ऋण लिया था और उक्त गृह ऋण के पेटे अप्रार्थी बैंक के माध्यम से  उक्त राषि के बराबर अप्रार्थी बीमा कम्पनी से  जोंईन्ट बोरोवर तथा मासिक रिड्यूसिंग बीमा पाॅलिसी  प्राप्त की,  जिसकी एक मुष्त बीमा प्रीमियम रू. 31,153.62 पै. अदा की गई ।  उक्त बीमा पाॅलिसी के तहत  बीमाधारक की मृत्यु होने पर  बकाया ऋण राषि  अप्रार्थी बीमा कम्पनी अप्रार्थी बैंक को अदा करने का प्रावधान था।  उसके पिता की दिनंाक 14.8.2013 को मृत्यु हो जाने पर इसकी सूचना अप्रार्थी बैंक को देते हुए  बकाया राषि का क्लेम अप्रार्थी संख्या 2  के समक्ष पेष किया।  जिसे अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनांक 16.12.2013 के द्वारा इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसके पिता लो ब्लडप्रेषर व वरटिगो बीमारी से ग्रस्त थे और उन्हांेने बीमा प्रस्ताव भरते समय अपनी इस बीमारी के तथ्य को जानबूझकर छिपाया था ।  अप्रार्थीगण द्वारा क्लेम राषि अदा नहीं करना उनकी सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।  
2.    अप्रार्थी बैंक ने जवाब प्रस्तुत करते हुए प्रार्थी के पिता द्वारा उनसे गृहऋण प्राप्त करना तथा  गृहऋण पेटे अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ग्रुप के्रडिट लाइफ प्लान बीमा पाॅलिसी  लिए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए दर्षाया है कि उत्तरदाता अप्रार्थी उक्त पाॅलिसी का मास्टर पाॅलिसी होल्डर है  । बीमा पाॅलिसी की  एक मुष्त बीमा प्रीमियम प्राप्त करना भी स्वीकार किया है ।  प्रार्थी द्वारा उसके पिता की मृत्यु उपरान्त बकाया गृह ऋण के चुकारे हेतु बीमा क्लेम उनके यहां प्रस्तुत किए जाने पर उसके निपटारे हेतु अप्रार्थी बीमा कम्पनी को प्रेषित कर दिया गया था।   उत्तरदाता  केवल अपने ऋणी सदस्यों की सहायता के लिए बीमा पाॅलिसी करवाने में सहयोग करता है । अप्रार्थी बैंक ने बीमा पाॅलिसी पेटे कोई ष्षुल्क प्राप्त नहीं किया है ।  इसलिए प्रार्थी उनका उपभोक्ता नहीं है । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जोन की प्रार्थना की है । जवाब परिवाद के समर्थन में  जगदीष प्रसाद डांडिया, वरिष्ठ प्रबन्धक ने अपना षपथपत्र पेष किया है । 
3.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए प्रार्थी के पिता के पक्ष में मास्टर पाॅलिसी संख्या जी- 0000091 जारी किए जाने के तथ्य को  स्वीकार करते हुए कथन किया है कि बीमाधारक ने  बीमा पाॅलिसी लिए जाने के वक्त बीमा प्रस्ताव पत्र में अपने स्वास्थ्य से संबंधित प्रष्नों का उत्तर ना में देते हुए  तात्विक तथ्यों को छिपाया । इस  बात का खुलासा  बीमाधारक द्वारा अवकाष के दस्तावेजों से होता है। जिसमें सरकारी अस्पताल, अजमेर द्वारा जारी मेडिकल प्रमाण पत्र   व सरकारी  अस्पताल, अजमेर द्वारा जारी ओपीडी  उपचार रिकार्ड के अनुसार  बीमाधारक निम्न रक्तचाप एवं सिर चकराने (टमतजपहव) की बीमारी से ग्रस्त था और इसके लिए उसने दिनंाक 15.9.2011 से 23.9.2011 तक अस्पताल में भर्ती रह कर इलाज करवाया । उक्त तथ्य  को भी बीमाधारक ने बीमा प्रस्ताव पत्र में छिपाया ।  इसलिए बीमा पाॅलिसी की षर्तो का उल्लंघन किए जाने पर प्रार्थी का क्लेम खारिज कर पत्र दिनांक 16.12.2017 के सूचित कर दिया गया । उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए जवाब के समर्थन में श्री के.आर. विष्वनारायण,  हैड गवर्नेन्स एवं सी.एस का षपथपत्र पेष हुआ है । 
4.    उभय पक्षकारान ने अपनी अपनी बहस में  उन्हीं बिन्दुओं  को उठाया है  जो  उनके द्वारा परिवाद व इसके प्रतिउत्तर में प्रस्तुत किए गए हैं । प्रार्थी का प्रमुख तर्क रहा है कि उसके  पिता द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 से दिनांक 8.5.2013 को मकान निर्माण के लिए गृह ऋण स्वीकृत कराए जाने के बाद गृह ऋण  लेते समय दिनांक 10.5.2013 को अप्रार्थी संख्या 2 से पाॅलिसी ली गई थी तथा बीमाधारक की  मृत्यु दिनंाक 14.8.2013 को हुई थी, के बाद प्रार्थी का जो क्लेम दिनंाक 16.12.2013 के पत्र द्वारा खारिज किया गया वह अवैध एवं निराधार है । उसके द्वारा कोई मेटिरियल फैक्ट नहीं छिपाए गए थे । अपने तर्को के समर्थन में 2003;2द्धब्च्त् 425 डच् ैजंजम बवदेनउमत क्पेचनजमे त्मकतमेेंस ब्वउउपेेपवद ैउज छमतउंसं ैवदप टे स्पमि प्देनतंदबम ठपउं छपहंउ ेंजदं - व्जीमतेए प्प्;2004द्धब्च्श्र 582  न्जजंतंदबींस  ैजंजम बवदेनउमत क्पेचनजमे त्मकतमेेंस ब्वउउपेेपवद स्प्ब् टे स्ंगउप ज्ञंतदंजंांए प्प्प्;2005द्धब्च्श्र 544  न्जजंतंदबींस  ैजंजम बवदेनउमत क्पेचनजमे त्मकतमेेंस ब्वउउपेेपवद स्प्ब् टे क्ंलंूंजपए  प्प्;2003द्ध ब्च्श्र 285 डच् ैजंजम बवदेनउमत क्पेचनजमे त्मकतमेेंस ब्वउउपेेपवद ठींहूंद ैपदही टे स्प्ब्ए  प्प्;2012द्ध ब्च्श्र 41 त्ंरंेजींद   ैजंजम बवदेनउमत क्पेचनजमे त्मकतमेेंस ब्वउउपेेपवद स्प्ब् टे त्माीं च्ंतेिकेदपए प्;2012द्धब्च्श्र 490;छब्द्ध ैठप् स्पमि प्देनतंदबम ब्व स्ज िटक क्ण् स्ततसेइेलीप - ।दतण्ए 2014;3द्धब्च्त्1;छब्द्ध ।इकनस स्ंजीमम ि- व्ते टे स्प्ब्ए   प्;2015द्धब्च्श्र 7 ब्ीींजजपेहंती  ैजंजम बवदेनउमत क्पेचनजमे त्मकतमेेंस ब्वउउपेेपवद स्प्ब् टे  ज्ञंदबींद ज्ींूंपज विनिष्चय प्रस्तुत किए गए हंै ।  
5.    अप्रार्थी ने इन तर्को का खण्डन किया व बीमाधारक द्वारा पालिसी  का प्रपोजल फार्म भरते समय मैटिरियल फैक्ट को छिपाया गया, ऐसा  प्रार्थी द्वारा क्लेम प्रस्तुत किए जाने के बाद उनकी ओर से किए गए अनुसंधान के दौरान पाया गया । वास्तव में बीमाधारक निम्न रक्तचाप एवं सिर चकराने (टमतजपहव) की बीमारियों से ग्रसित था तथा यह तथ्य उसने पाॅलिसी लेते समय छिपाया । इसकी पुष्टि क्लेम की जांच के दौरान  राजकीय अस्पताल, अजमेर से प्राप्त रिकार्ड व बीमाधारक के संबंधित कार्यालय से  मेडिकल प्रमाण पत्रों से भली भांति सिद्व होती है ।  क्लेम सही रूप से खारिज किया गया है । 
6.    हमने परस्पर तर्को को सुन लिया हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का  एवं विनिष्चयों का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
7.      स्वीकृत रूप से प्रार्थी के पिता बीमाधारक द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 बैंक से दिनंाक 8.5.2013  को मकान निर्माण के लिए ऋण लिया  गया व अप्रार्थी बैंक द्वारा उक्त ऋण स्वीकृत किया गया । अप्रार्थी संख्या 1 बैंक ने गृह ऋण  देते समय दिनंाक 10.5.2013 को प्रार्थी के पिता का रू. 5,48,000/-  का इण्डिया फसर््ट ग्रुप के्रडिट लाईफ प्लान  बीमा किया व पाॅलिसी जारी की गई । उक्त पाॅलिसी का मास्टर पाॅलिसी होल्डर अप्रार्थी संख्या 1 बैंक था ।  उक्त बीमा पाॅलिसी  जोईन्ट बोरोवर तथा मासिक रिड्यूसिंग पाॅलिसी थी  और प्रार्थी के पिता ने अप्रार्थी संख्या 1 को  31,153.62 पै. एक मुष्त  प्रीमियम राषि भी अदा की । बीमाधारक  की मृत्यु दिनांक 14.8.2013  को होना भी स्वीकृत तथ्य है । अप्रार्थी संख्या 2 बीमा कम्पनी ने अपने पत्र दिनांक  16.12.2013 के जरिए बीमाधारक का क्लेम इस आधार पर खारिज किया है कि बीमा पाॅलिसी लिए जाने से पूर्व बीमाधारक  निम्न रक्तचाप एवं सिर चकराने (टमतजपहव) की  बीमारी से ग्रसित था । इन तथ्यों की पुष्टि उनके अनुसार क्लेम की जांच के दौरान कार्यालय -सहायक अभियंता,  जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग, नगर उपखण्ड- 5 से बीमाधारक के प्राप्त रिकार्ड व रोग प्रमाण पत्र जिसके अन्तर्गत उक्त बीमाधारक को दिनंाक 15.9.2011 से 23.9.2011 तक निम्न रक्तचाप एवं सिर चकराने (टमतजपहव)  के रोग से ग्रसित होना बतलाया है । इसकी पुष्टि उनकी ओर से उक्त बीमाधारक के आवेदन प्रपत्र से  भी होना बताया है । 
8.    अब प्रष्न यह है कि क्या बीमाधारक ने पाॅलिसी  का प्रपोजल फार्म भरते समय  उक्त तथ्यों को छिपाया है ? दूसरे षब्दों में क्या ये तथ्य मैटिरियल फैक्ट थें ? 
9.    अप्रार्थी संख्या 2 बीमा कम्पनी की ओर से इस संबंध में मंच का ध्यान बीमाधारक द्वारा भरे गए प्रपोजल फार्म की ओर दिलाया गया है जिसमें बीमाधारक से यह जानकारी चाही गई है कि क्या वह कभी  किसी प्रकार की बीमारी से ग्रसित हुआ है या  वह पूर्व में उच्च रक्तचाप,मधुमेह, हार्ट अटैक, चेस्ट पेन, किड़नी की बीमारी,एड्स, एचआईवी पोजिटिव, केन्सर, ट्यूमर, अस्थमा            बीमारियों से ग्रसित रहा है ।  इस पर उसका नकारात्मक जवाब सामने आया है । कहने का तात्पर्य यह है कि तत्समय वह निम्न रक्तचाप एवं सिर चकराने (टमतजपहव) की बीमारियों से ग्रसित था  तथा इस महत्वपूर्ण तथ्य को छिपाया । फलस्वरूप वह किसी प्रकार के क्लेम प्राप्ति का हकदार नहीं है, ऐसी उनकी बहस है । 
10.           जहां तक व्याधि निम्न रक्तचाप एवं सिर चकराने (टमतजपहव) की बीमारी का प्रष्न है, ये दोनांे ही ऐसे मेटिरियल फैक्ट की परिधि में नहीं आते है व प्रस्तुत विनिष्चय में भी  लगभग इसी प्रकार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए खारिज किए गए क्लेम को अनुचित बताया है । 2014;3द्धब्च्त्1;छब्द्ध ।इकनस स्ंजीमम ि- व्ते टे स्प्ब्  में भी माननीय राष्ट्रीय आयोग  ने  छवद.कपेबसवेनतम व िउपदवत ंपसउमदजे कवमे दवज ंउवनदज जव ेनचचतमेेपवद व िउंजमतपंस ंिबजे   पाया है ।  इसके अलावा भी बीमाधारक की मृत्यु  आकस्मिक  नहीं होकर किसी बीमारी के परिणाम स्वरूप हुई हो, ऐसा अप्रार्थी संख्या 2 बीमा कम्पनी सिद्व नहीं कर पाई है । बल्कि उनकी अनुसंधान जांच रिपोर्ट में  बीमाधारक की मृत्य प्राकृतिक होना बताया गया है । । इन हालात में यह नहीं माना जा सकता कि बीमाधारक ने जान बूझकर मैटिरियल फैक्ट छिपाते हुए स्वयं की पूर्व में निम्न रक्तचाप एवं सिर चकराने (टमतजपहव) की व्याधि को छिपाया हो । 
11.    फलतः जिस प्रकार उक्त आधारों  पर अप्रार्थी संख्या 2 बीमा कम्पनी ने   प्रार्थी का क्लेम खारिज किया है वह उचित नहीं है व उनकी  सेवा में कमी का परिचायक है ।  पारिणामस्वरूप प्रार्थी का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है । अतः आदेष है कि 
                            :ः- आदेष:ः-
12.        (1)  अप्रार्थी संख्या 2 बीमा कम्पनी का आदेष दिया जाता है कि वह बीमाधारक द्वारा  अप्रार्थी संख्या 1 बैंक से लिए गए गृह ऋण की राषि में से उसकी मृत्यु की दिनांक तक  जो भी बकाया गृह ऋण की राषि हो, का  मय ब्याज  के   अप्रार्थी संख्या 1 बैंक को  इस आदेष से दो माह की अवधि में भुगतान करें । 
        (2)    प्रार्थी अप्रार्थी  संख्या 2 बीमा कम्पनी से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू.5000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/- भी प्राप्त करने का  अधिकारी होगा । 
              (3)    क्रम संख्या  2 में वर्णित राषि अप्रार्थी संख्या 2 बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 08.06.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
 
 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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