SMT. REENA RANI filed a consumer case on 28 Aug 2017 against B.M. LIC in the Fatehpur Consumer Court. The case no is CC/10/2015 and the judgment uploaded on 28 Aug 2017.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, फतेहपुर। उप0 परिवाद सं0-10/2015
श्रीमती रीनारानी बनाम शाखा प्रबन्धक भारतीय जीवन बीमा नि0लि0 सिविल लाइन फतेहपुर।
28.08.2017
परिवाद पुकारा गया।
परिवादिनी श्रीमती रीनारानी अपने विद्वान विद्वान अधिवक्ता श्री बन्शी लाल के साथ उपस्थित है।
विपक्षी भारतीय जीवन बीमा निगम की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री रामजी सहॉय उपस्थित हैं।
उभय पक्ष की ओर से सुलहनामा प्रार्थना पत्र-24 प्रस्तुत किया गया जिसमें परिवादिनी श्रीमती रीनारानी के हस्ताक्षर की पहचान श्री बन्शी लाल एडवोकेट ने किया। विपक्षी की ओर से सुलहनामा प्रार्थना पत्र-24 विद्वान अधिवक्ता श्री रामजी सहॉय ने प्रस्तुत किया जिसमें उल्लिखित किया गया है कि उपरोक्त परिवाद में परिवादिनी, विपक्षी भारतीय जीवन बीमा निगम के मध्य दुर्घटना हित लाभ की धनराशि मु0 600000/- रू0 (रूपये छ: लाख) पर समझौता कर रही है। उक्त धनराशि परिवादिनी के खाते में चेक द्वारा विपक्षी भुगतान कर देगा, अत: परिवादिनी व विपक्षी भारतीय जीवन बीमा निगम से मु0 600000/- रूपया पर समझौता के आधार पर परिवाद निण्र्ाीत करने की कृपा की जाय। सुलहनामा प्रार्थना पत्र-24 के साथ परिवादिनी ने अपने स्वहस्ताक्षरित आधार कार्ड की फोटोप्रति कागज सं0-25 दाखिल की है।
चूॅकि परिवादिनी ने पूर्ण रूप से समझ कर स्वेच्छा से अपने परिवाद के सन्दर्भ में उक्त दुर्घटना हित लाभ की धनराशि मु0 600000/- रू0 पर अन्तिम रूप से स्वीकार किया है और विपक्षी भारतीय जीवन बीमा निगम धनराशि का भुगतान परिवादिनी के खाते में जरिये चेक अदा करेगा। पक्षकारगण वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
चूॅंकि उभय पक्ष के मध्य सुलह हो गयी है और उनके द्वारा सुलहनामा प्रार्थना पत्र सं0-24 बिना किसी जोर दबाव के प्रस्तुत किया गया है और सुलहनामा में वर्णित शर्तों के अनुसार परिवाद को निस्तारित करने की प्रार्थना की गयी है, अत: फोरम के मतानुसार न्यायहित में सुलहनामा प्रार्थना पत्र-24 स्वीकार किये जाने योग्य है एवं सुलहनामा प्रार्थना पत्र में वर्णित शर्तों के अनुसार परिवाद निस्तारित किये जाने योग्य है।
आदेश
सुलहनामा प्रार्थना पत्र सं0-24 स्वीकार किया जाता है। सुलहनामा प्रार्थना पत्र सं0-24 में वर्णित शर्तों के अनुसार परिवाद निस्तारित किया जाता है। सुलहनामा प्रार्थना पत्र सं0-24 परिवाद के निस्तारण/आदेश का अंग होगा।
उभय पक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
परिवाद पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
(शैलेंद्र नाथ) (रेनू केसरवानी)
सदस्य, पी0 सदस्य,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम,
फतेहपुर। फतेहपुर।
28.08.2017 28.08.2017
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