जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, फतेहपुर उ0प0 परिवाद सं0-08/2017
रामसजीवन बनाम शाखा प्रबंधक, चोलामण्डलम एम.एस. जनरल इंश्योरेंस कं0लि0 आदि
17.07.2017
परिवाद पुकारा गया।
परिवादी रामसजीवन अपने विद्वान अधिवक्ता सै0 नाजिश रजा के साथ उपस्थित है।
विपक्षीगण शाखा प्रबन्धक, चोला मण्डलम एम.एस. जनरल इंश्योरेंस कं0 लि0 ज्वालागंज, फतेहपुर आदि की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री सुशील कुमार साहू उपस्थित हैं।
उभय पक्ष की ओर से एक संयुक्त सुलहनामा प्रार्थना पत्र-10 इस आशय से प्रस्तुत किया गया कि उक्त परिवाद में विपक्षी सं0-1 व 2 याची राम सजीवन को याचिका के सन्दर्भ में मु0 1,85,000/- रू0 (एक लाख पच्चासी हजार रूपये) मात्र धनराशि प्रतिकर/अन्तिम भुगतान के रूप में पूर्ण सन्तुष्टि में अदा करेंगे। याचीगण ने पूर्ण रूप से समझकर स्वेच्छा से अपनी परिवाद के सन्दर्भ में उक्त प्रतिकर धनराशि अन्तिम रूप से प्राप्त करना स्वीकार किया है। विपक्षी सं0-1 व 2 धनराशि का भुगतान दो माह के अन्दर उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम जिला फतेहपुर में जमा करेंगे और यदि उपरोक्त धनराशि का भुगतान निश्चित अवधि में नहीं किया जाता है तो उक्त अवधि के पश्चात् की तिथि से याचीगण 9 (नौ) प्रतिशत की दर से साधारण वार्षिक ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी होगा। पक्षकारगण वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे। फोरम में किये गये सुलहनामा के आधार पर परिवाद को आज्ञप्ति करने का अनुरोध किया गया है।
विपक्षीगण की ओर से सुलहनामा प्रार्थना पत्र-10 श्री सुशील कुमार साहू एडवोकट ने प्रस्तुत किया, जिसमें परिवादी रामसजीवन पुत्र गयादीन के हस्ताक्षर की पहचान उनके विद्वान अधिवक्ता सै0 नाजिश रजा ने किया। उभय पक्ष की ओर से बताया गया कि हम पक्षकारों के मध्य सुलह हो गयी है। परिवादी को विपक्षीगण से किसी प्रकार की शिकायत नहीं है। परिवादी अब मुकदमा नहीं लड़ना चाहता है तथा विपक्षीगण पर कोई कार्यवाही नहीं चाहता है। वह अपने मुकदमे पर बल नहीं देना चाहता है तथा परिवाद वापस लेना चाहता है, अतः उपरोक्त परिवाद का निस्तारण सुलहनामा के आधार पर करने का आदेश पारित किया जावे। पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे, अतः परिवाद सुलहनामा में वर्णित शर्तों के आधार पर निस्तारित किये जाने की याचना की गयी है।
चूकि उभय पक्ष द्वारा सुलहनामा प्रार्थना पत्र-10 बिना किसी जोर दबाव के स्वस्थ मस्तिष्क से प्रस्तुत किया गया है, अतः न्यायहित मे सुलहनामा प्रार्थना पत्र-10 स्वीकार किये जाने योग्य है। सुलहनामा प्रार्थना पत्र-10 में वर्णित शर्तों के अनुसार परिवाद का निस्तारण किया जाना न्यायोचित है। अतः इन परिस्थितियों मे उभय पक्ष द्वारा अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करना न्यायोचित प्रतीत होता है, अतः उभय पक्ष की प्रार्थना पर परिवाद का निस्तारण सुलह-समझौते के आधार पर किया जा रहा है।
आदेश
सुलहनामा प्रार्थना पत्र-10 स्वीकार किया जाता है। उभय पक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे। सुलहनामा प्रार्थना पत्र-10 परिवाद के निस्तारण का अंग रहेगा।
परिवाद पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
(शैलेन्द्र नाथ) (रेनू केसरवानी)
सदस्य, पी0 सदस्य,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम,
फतेहपुर। फतेहपुर।
17.07.2017 17.07.2017