Uttar Pradesh

StateCommission

A/584/2022

Ramdular - Complainant(s)

Versus

B.M. Axis Bank - Opp.Party(s)

Satya Prakash Pandey

12 Jul 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/584/2022
( Date of Filing : 28 Jun 2022 )
(Arisen out of Order Dated 31/05/2022 in Case No. C/2017/204 of District Jaunpur)
 
1. Ramdular
Dist. Jaunpur
...........Appellant(s)
Versus
1. B.M. Axis Bank
Civil Line Jaunpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 12 Jul 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-584/2022

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, जौनपुर द्वारा परिवाद संख्‍या 204/2017 में पारित आदेश दिनांक 31.05.2022 के विरूद्ध)

रामदुलार उम्र लगभग 66 वर्ष पुत्र स्‍व0 सीताराम यादव निवासी ग्राम मुस्‍तफाबाद, पो0 जैगहा, थाना-खेतासराय, तहसील-शाहगंज, जिला-जौनपुर, पिन कोड-222139                  

                                ........................अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

1. शाखा प्रबन्‍धक एक्सिस बैंक सरायकाजी कादन मियांपुर, कचहरी रोड, सिविल लाईन, जौनपुर-222002

2. निदेशक एक्सिस बैंक हाउस सी-2वाडिया इण्‍टरनेशनल सेन्‍टर पाण्‍डुरंग बुद्धकर मार्ग वरलि, मुम्‍बई-400025

                                 ...................प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य। 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री सत्‍य प्रकाश पाण्‍डेय,  

                            विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 12.07.2022

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील अपीलार्थी रामदुलार द्वारा इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, जौनपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-204/2017 रामदुलार बनाम शाखा प्रबन्‍धक एक्सिस बैंक व एक अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 31.05.2022 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी।

प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश के द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग ने उपरोक्‍त परिवाद खारिज कि฻या है।

हमारे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता                  श्री सत्‍य प्रकाश पाण्‍डेय को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

 

 

-2-

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादी प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-1 बैंक का खाताधारक है तथा अपीलार्थी/परिवादी का खाता संख्‍या 916010065746636 प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-1 बैंक की शाखा में संचालित है तथा उक्‍त खाते का ए0टी0एम0 कार्ड बैंक द्वारा निर्गत किया गया है, जिसका ए0टी0एम0 कार्ड नं0 534680002253941 है तथा आर0एफ0सी0 कोड यू0टी0आई0 वी0 000638 है, जिसका कोड नम्‍बर अपीलार्थी/परिवादी के अतिरिक्‍त अन्‍य कोई धारक प्रयोग नहीं करता है न ही किसी को बताया गया है तथा अपीलार्थी/परिवादी एवं बैंक के अलावा किसी अन्‍य को जानकारी नहीं है।

अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि जब उसे पैसे की आवश्‍यकता हुई तब उसके द्वारा दिनांक 18.08.2017 को एक्सिस बैंक के ए0टी0एम0 पर गया तो उसे पता चला कि उसके खाते में मात्र 959/-रू0 था तथा उस दिन बैंक बन्‍द होने के कारण अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 21.08.2017 को बैंक खुलते ही विपक्षी बैंक के प्रबन्‍धक को लिखित एवं मौखिक सूचना दिया तथा अपनी पासबुक प्रिन्‍ट करायी तो पता चला कि उसके खाते से          दिनांक 07.07.2017 से दिनांक 17.08.2017 तक कुल 50 बार में 1,43,299/-रू0 भिन्‍न–भिन्‍न तिथियों में निकल गया है। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 22.08.2017 को शिकायत करने पर कम्‍प्‍लेन्‍ट डिटेल विपक्षी बैंक के उप शाखा प्रबन्‍धक कुमार वैभव द्वारा कम्‍प्‍यूटर से निकाल कर दिया गया, जिसमें केवल दिनांक 17.08.2017 के ट्रांजेक्‍शन का डिटेल दिया गया। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा पासबुक दिखायी गयी तथा सभी तिथियों में निकाले गये रूपयों के बारे में जानकारी चाही गयी, परन्‍तु कोई उत्‍तर नहीं दिया गया। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा विपक्षी बैंक के उप शाखा प्रबन्‍धक से कहा गया कि अपीलार्थी/परिवादी के मोबाइल नम्‍बर पर ओ0टी0पी0 क्‍यों नहीं आया तो उन्‍होंने गैर जिम्‍मेदाराना जवाब देते हुए उत्‍तर दिया कि अपीलार्थी/परिवादी के खाते का ट्रांजेक्‍शन 5000/-रू0 से कम हो रहा था, इसलिए ओ0टी0पी0 मैसेज नहीं आया। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 07.07.2017 से दिनांक 17.08.2017 तक के सी0सी0 फुटे‍ज दिखाने की मांग की गयी, परन्‍तु विपक्षी बैंक द्वारा  सी0सी0  फुटेज  नहीं

 

 

-3-

दिखाया गया।

अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा            दिनांक 21.08.2017 को विपक्षी बैंक के शाखा प्रबन्‍धक को प्रार्थना पत्र दिया, परन्‍तु कोई कार्यवाही नहीं की गयी तथा न ही अपीलार्थी/परिवादी के खाते में उक्‍त धनराशि वापस की गयी। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा              दिनांक 21.08.2017 को रजिस्‍टर्ड डाक द्वारा प्रार्थना पत्र एक्सिस बैंक लि‍0 एक्सिस हाउस सी-2 वाडिया इण्‍टरनेशनल सेन्‍टर, पांडुरग, बुद्धकर मार्ग वरालि मुम्‍बई एवं बैंकिंग सचिव वित्‍त मंत्रालय आर्थिक फार्म विभाग बैंकिंग प्रभाग खोली क्रमांक 2वीं जीवन दीप बिल्डिंग संसद मार्ग नई दिल्‍ली तथा बैंकिंग लोकपाल भारतीय रिजर्व बैंक आफ इण्डिया माल रोड कानपुर को दिया गया, परन्‍तु कोई कार्यवाही नहीं की गयी तथा न ही कोई जवाब दिया गया, जिससे क्षुब्‍ध होकर अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण बैंक के विरूद्ध जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।

प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण की ओर से जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख लिखित कथन प्रस्‍तुत कर यह कथन किया गया कि अपीलार्थी/परिवादी का उक्‍त बचत खाता विपक्षी बैंक की शाखा जौनपुर में संचालित है तथा अपीलार्थी/परिवादी के निवेदन पर अपीलार्थी/परिवादी को ए0टी0एम0 की सुविधा प्रदान की गयी है। प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण द्वारा अपीलार्थी/परिवादी के शेष कथनों को अस्‍वीकार किया गया। प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण का अतिरिक्‍त कथन यह है कि अपीलार्थी/परिवादी को खाता संचालन हेतु उसके निवेदन पर ए0टी0एम0 सुविधा इस हिदायत एवं निर्देश के साथ प्रदान की गयी थी कि वह न तो ए0टी0एम0 किसी अन्‍य के हाथ देगा न ही किसी अन्‍य से संचालित करायेगा न ही अपना ए0टी0एम0 कोड ही किसी को बतायेगा। अपीलार्थी/परिवादी को यह भी स्‍पष्‍ट रूप से बताया गया कि ए0टी0एम0 से कोई भी जिसके पास ए0टी0एम0 कार्ड व ए0टी0एम0 कोड नम्‍बर होगा उसके खाते से धनराशि निकाल सकता है, जिसकी कोई जिम्‍मेदारी बैंक की नहीं होगी। ए0टी0एम0 मशीन स्‍वचालित मशीन होती है। ए0टी0एम0 कार्ड व ए0टी0एम0 कोड के अभाव में किसी व्‍यक्ति,  यहॉं

 

 

-4-

तक कि खातेदार द्वारा भी ए0टी0एम0 से पैसा नहीं निकाला जा सकता है। यदि ए0टी0एम0 कोड न मालूम रहे तो ए0टी0एम0 कार्ड से भी पैसा नहीं निकाला जा सकता है। यद्यपि हर निकासी जमा की पूरी सूचना खातेदार द्वारा रजिस्‍टर्ड कराये गये मोबाइल नम्‍बर पर ट्रांजेक्‍शन के पश्‍चात् दी जाती है। यह स्‍वमेंव आटोमैटिक मशीन द्वारा खातेदार को अपने आप ट्रांजेक्‍शन हो जाता है न कि किसी बैंक कर्मचारी/अधिकारी द्वारा। खातेदार को उसके द्वारा मांगे जाने पर स्‍टेटमेन्‍ट आफ एकाउण्‍ट प्रदान किया गया है तथा उसके द्वारा पासबुक प्रस्‍तुत किये जाने पर जमा निकासी ट्रांजेक्‍शन पासबुक में अंकित कर दिया जाता है। किसी भी ग्राहक के ए0टी0एम0 कोड वगैरह की जानकारी बैंक के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को नहीं होती है। ए0टी0एम0 कोड अत्‍यन्‍त गोपनीय होता है तथा वह ए0टी0एम0 धारक के अतिरिक्‍त किसी को भी उसकी जानकारी नहीं होती है। अपीलार्थी/परिवादी के खाते से जो पैसा निकला है उसे या तो अपीलार्थी/परिवादी ने स्‍वयं निकाला है या उसने किसी को ए0टी0एम0 का विवरण, कोड वगैरह बता दिया है, जिसका उपयोग करके अन्‍य व्‍यक्ति ने निकासी कर ली है। इस पूरी घटना का जिम्‍मेदार अपीलार्थी/परिवादी स्‍वयं है। अपीलार्थी/परिवादी के खाते से हुई निकासी में विपक्षी बैंक का कोई भी दोष नहीं है। उक्‍त घटना अपीलार्थी/परिवादी की स्‍वयं की गलती या लापरवाही से हुई है, जिसका अपीलार्थी/परिवादी स्‍वयं जिम्‍मेदार है।

प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण का कथन है कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा बैंकिंग ओमबड्समैन के यहॉं पहले ही इस घटना का परिवाद दर्ज कराया था, जिसके परिप्रेक्ष्‍य में विपक्षी ने अपीलार्थी/परिवादी रामदुलार को एक पत्र लिखकर उसे सम्‍पूर्ण तथ्‍यों की सम्‍यक जानकारी दे दी थी। अपीलार्थी/परिवादी के खाते से निकासियॉं दिनांक 07.07.2017 से दिनांक 17.08.017 के बीच हुई है तथा हर निकासी का सन्‍देश                     अपीलार्थी/परिवादी द्वारा बैंक में रजिस्‍टर्ड कराये गये मोबाइल नम्‍बर पर जाता रहा, फिर भी अपीलार्थी/परिवादी द्वारा घटना की सूचना बैंक को दिनांक 19.08.2017 को दी गयी, जो कि  अपीलार्थी/परिवादी  के  सम्‍पूर्ण

 

 

 

-5-

परिवाद को संदेहास्‍पद बनाता है। परिवाद असत्‍य, निराधार एवं झूठे कथनों के आधार पर दाखिल किया गया, जो निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त अपने निर्णय में विवेचना की गयी कि पेटीएम ऐप (एप्‍लीकेशन) है, जिसका बैंक से कोई सम्‍बन्‍ध नहीं होता है तथा जो व्‍यक्ति पेटीएम प्रयोग करता है उसे सर्वप्रथम अपने मोबाईल में पेटीएम एप्‍लीकेशन को डाउन लोड करना होता है तथा पेटीएम एप्‍लीकेशन डाउन लोड करते समय मोबाईल के अन्‍य विवरण के साथ-साथ व्‍यक्ति को अपना सीक्रेट पासवर्ड भी डालना होता है तथा पेटीएम एप्‍लीकेशन मोबाईल में डाउन लोड हो जाने पर पेटीएम के माध्‍यम से किसी भी प्रकार का आर्थिक लेन-देन सीक्रेट पासवर्ड डालने पर ही होता है। सीक्रेट पासवर्ड मोबाईल का प्रयोग करने वाले व्‍यक्ति की जानकारी में होता है या मालूम होता है। पेटीएम एप्‍लीकेशन को डाउन लोड करने से लेकर पेटीएम द्वारा आर्थिक लेन-देन के बीच बैंक का कोई सम्‍बन्‍ध नहीं होता है या बैंक की कोई भूमिका नहीं होती है।

तद्नुसार विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा विपक्षीगण बैंक की सेवा में कोई कमी न पाते हुए अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद खारिज किया गया।

अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा अपने कथन के समर्थन में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा सिविल अपील नं0 9352/2019 डी0ए0वी0 पब्लिक स्‍कूल बनाम दि सीनियर मैनेजर, इण्डियन बैंक में पारित निर्णय दिनांक 18.12.2019 एवं माननीय राष्‍ट्रीय आयोग द्वारा पुनरीक्षण याचिका नं0 3333/2013 एच0डी0एफ0सी0 बैंक लि0 व अन्‍य बनाम जेसना जोस में पारित निर्णय दिनांक 21.12.2020 की प्रति प्रस्‍तुत की गयी।

हमारे द्वारा उपरोक्‍त न्‍या‍य निर्णयों का अवलोकन किया गया तथा यह पाया गया कि उपरोक्‍त न्‍याय निर्णयों के तथ्‍य प्रस्‍तुत मामले के तथ्‍यों से भिन्‍न हैं, अत: इसका लाभ अपीलार्थी/परिवादी को नहीं दिया जा सकता है।

 

 

-6-

सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त हम इस मत के हैं कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों का सम्‍यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया, जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं हैं।

अतएव, प्रस्‍तुत अपील अंगीकरण के स्‍तर पर निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

        (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)               (सुशील कुमार)    

                अध्‍यक्ष                        सदस्‍य

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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