Uttar Pradesh

Faizabad

CC/23/2005

S.R. MAURYA - Complainant(s)

Versus

B.D.O - Opp.Party(s)

16 Jun 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/23/2005
 
1. S.R. MAURYA
SAKIN VILL & PO. KATARI PARGANA PASCHIM RATH TEH BIKAPUR DIS FZD
...........Complainant(s)
Versus
1. B.D.O
BIKAPUR PO. BIKAPUR DIS FZD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

        जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।

 

उपस्थित -     (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
        (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य

परिवाद सं0-23/2005

               
सालिक राम मौर्य पुत्र श्री जय राम मौर्य साकिन ग्राम व पोस्ट - कटारी परगना पष्चिमराठ तहसील बीकापुर जिला फैजाबाद।                                   .............. प्रार्थी 
बनाम
बी0डी0ओ0 ब्लाक बीकापुर पोस्ट - बीकापुर - जिला फैजाबाद।        .............. विपक्षी
निर्णय दिनाॅंक 15.06.2015            
उद्घोषित द्वारा: श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य।
                        निर्णय
    परिवादी के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादी कृशक है। परिवादी का गंाव समग्र ग्राम विकास क्षेत्र में आता है और सिंचाई हेतु बोरिंग स्थापित करने के लिये राज्य सरकार की व्यवस्था है। समग्र क्षेत्र के किसानों की सिंचाई की बोरिंग कराने के लिये प्लास्टिक का पाइप निःषुल्क दिया जाता है। वर्श 2004-2005 में परिवादी को विपक्षी ने 100 फुट लम्बी प्लास्टिक की पाइप निःषुल्क दी, जिसे परिवादी ने अपने खेत में बोरिंग में इस्तेमाल किया और अपने नलकूप से जब बोरिंग का परीक्षण षुरु किया तो उक्त पाइप अन्दर से चिपक गयी और बोरिंग असफल हो गयी। उक्त घटना जनवरी फरवरी 2005 की है। परिवादी उक्त गड़बड़ी के सम्बन्ध में विपक्षी से मिला और बराबर कई बार षिकायत की मगर विपक्षी व उनके कर्मचारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। इसलिये परिवादी को अपना परिवाद दाखिल करना पड़ा। परिवादी को विपक्षी से सिंचाई का नुकसान रुपये 3,000/-, बोरिंग का खर्च रुपये 3,000/-, क्षतिपूर्ति रुपये 50,000/- कुल मिला कर परिवादी को विपक्षी से रुपये 56,000/- दिलाया जाय। 
    दिनांक 07.01.2009 को विपक्षी के विरुद्ध परिवाद की सुनवाई एक पक्षीय रुप से सुने जाने का आदेष किया जा चुका था। उसके बाद से विपक्षी ने न तो कोई रिकाल प्रार्थना पत्र दिया और न ही कोई विपक्षी की ओर से उपस्थित हुआ।
                 बहस के समय परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। परिवादी को बहस के लिये समय दिया गया। फिर भी परिवादी की ओर से किसी के उपस्थित न होने और बहस न करने पर पत्रावली का भली भंाति परिषीलन किया और परिवाद का निर्णय गुण दोश के आधार पर किया। परिवादी ने अपने पक्ष के समर्थन में अपना षपथ पत्र तथा साक्ष्य में अपना षपथ पत्र दाखिल किया है, जो षामिल पत्रावली है। परिवादी ने जो भी कथन किये हैं वह अकाट्य होने के कारण स्वीकार किये जाने योग्य हैं किन्तु परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है, जब सरकार किसी भी व्यक्ति को कोई सेवा या वस्तु निःषुल्क उपलब्ध कराती है तो वह सेवा परिवादी को उपभोक्ता की श्रेणी मंे खड़ी करती है बल्कि परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी से बाहर हो जाता है। इस प्रकार परिवादी का परिवाद उपभोक्ता की श्रेणी में न आने के कारण खारिज किये जाने योग्य है।   
आदेश
    परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है। 
          (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)              
              सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष      
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 15.06.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।

          (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)           
              सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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