NARENDRA PRATAP YADAV filed a consumer case on 05 Dec 2019 against B TRADE BAZAR in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/65/2019 and the judgment uploaded on 06 Jan 2020.
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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 65 सन् 2019
प्रस्तुति दिनांक 04.06.2019
निर्णय दिनांक 05.12.2019
नरेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र स्वo श्रीराम सिंह, डिफेन्स कालोनी केन्द्रीय विद्यालय मार्ग हीरापट्टी आजमगढ़।.........................................परिवादी।
बनाम
मेo बीo ट्रेन्डी बाजार द्वारा प्रबन्धक बी ट्रेन्डी बाजार आजमगढ़ शाखा दामोदर पैलेस पुरानी कोतवाली, आजमगढ़ शहर आजमगढ़।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”
राम चन्द्र यादव “सदस्य”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने दिनांक 07.05.2019 को 81/- रुपये भुगतान कर विपक्षी से फ्लेवर ड्रिंक खरीदा था। घर पहुंचने पर परिवादी ने जब बिल देखा तो पाया कि बिल बेनामी किसी एकलाख अहमद के नाम से कटा था तथा उस कैरीबैग के लिए जस पर कम्पनी का प्रचार प्रसार छपा था उसका दो रूपया चार्ज किया गया। परिवादी पुनः दिनांक 14.05.2019 को विपक्षी से कुछ सामान खरीदा और विपक्षी से बिल अपने नाम जारी करने का आग्रह किया। तो विपक्षी ने परिवादी के नाम से कैश मेरों जारी किया पर पुनः कैरी बैग के लिए रूपया 03/- चार्ज कर लिया। विरोध करने पर विपक्षी ने कहा कि यह कम्पनी का निर्देश है और कैरी बैग की कीमत देनी पड़ती है। परिवादी पुनः दिनांक 24.05.2019 को विपक्षी से कुछ सामान खरीदा तो इस बार कैरी बैग की कीमत न वसूल करने का परिवादी ने आग्रह किया। परिवादी द्वारा विरोध करने पर कैश मेमों में कैरी बैग की कीमत 03/- रुपया परिवादी से वसूल कर लिया। अतः परिवादी को मानसिक व आर्थिक क्षति के लिए विपक्षी से मुo 20,000/- रुपया हर्जाना दिलाया जाए तथा कुल खर्च मुकदमा भी विपक्षी से दिलवाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कागज संख्या 5 ट्रेन्डी बाजार से प्राप्त बिल की छायाप्रति तथा कागज संख्या 10/1 ता 10/3 कैरीबैग की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी द्वारा कागज संख्या 12क जवाबदावा प्रस्तुत कर प्राथमिक P.T.O.
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आपत्ति की गयी है। परिवाद पत्र के पैरा 01, 02, 03, 04, 05 तथा 06 में कथित तथ्यों से इन्कार करते हुए यह कहा गया है कि “The complaint shows that the complainant visited thrice to the store of TB. And was well informed of ban to plastic bags by government and was also aware of the disclaimer/notice displayed by TB in the store premises that the customers has to bring their own bags to carry the goods purchased from the store or will have to pay for the same. But, the Complainant despite the above and being a second/third time visitor for reasons best known to him did not bring his own carry bag and purchased the Logo printed carry bag, for a price, which is cheaper and stronger than the plain (without Logo) carry bags. As stated above and under the circumstances, the printed carry bag was sold and purchased for Rs. 3/00 and the invoice was issued accordingly. TB. Seeks leave and crave reference to the submissions, made in preliminary objection for elaboration of the submission, made herein. It is wrong and denied that the Complainant protested to pay the cost of Rs. 3/00 for the carry bag, rather he insisted for the same. It is denied that there was any negligence/unfair trade practice on the part of TB. It is submitted that the complainant had any grievance against TB with respect to the carry bag and misconduct on part of the employee of TB the should have given an opportunity to TB to resolve the same. For TB Customer is a king. TB. Is always humble and courteous towards its Customers and issues relating to them”.
Heard arguments of Complainant. Rs. 3.0+3.0 paid additionally for carry bag Deficiency in service unfair trade practice. Charging for carry bags is totally against consumerism Person who buys some articles/products from shop premises like complainant is expected to be provided with free carry bag to carry those articles. He/she should be allowed bring his/her own carry bag inside shop premises carry bags, which are sold by complainant bear its logo on both sides and customer who is buying same is in fact publicizing brand of Complainant and thereby becomes a brand ambassador. District Forum rightly directed refund value of carry bag. Complaint is allowed.
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी से लिया गया दो कैरीबैग का मूल्य 03/-, 03/- रुपया (तीन-तीन रूपया) परिवादी को वापस करें तथा विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाता है कि मानसिक व शारीरिक कष्ट हेतु 1,500/- रुपया (एक हजार पांच सौ रुपये) तथा वाद व्यय हेतु 500/- रुपया (पांच सौ रुपया) भी परिवादी को अन्दर तीस दिन अदा करे।
P.T.O.
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यदि समय सीमा के अन्दर उक्त डिक्री धनराशि का भुगतान विपक्षी द्वारा नहीं किया जाता है तो उक्त अवधि के बाद सम्पूर्ण धनराशि पर 09% वार्षिक साधारण ब्याज भी देय होगा।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 05.12.2019
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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